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  • 13 hours ago

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00:00और एक और बात बोलता हूँ, जो पीछे छूटते हैं उसमें से 90 प्रतिशत, भली भात ही जानते हैं क्यों पीछे इसलिए छूटे क्योंकि उन्होंने चुना पीछे छूटना, छे साल पहले मेरे पास गीता आई थी, भगवत गीता पढ़ने का बिल्कुल भी समझनी आता थ
00:30सबसे बड़ा कारणी यह है कि लोगों ने खुद पढ़ा ही नहीं है कभी, किसी ने गीता को विदानत को इतना सम्मान, इतना प्रेम दिया नहीं है कि समय लगा करके बैठ के पढ़े,
00:40मैं गीता सेशन सुन रही हूँ इतने दो साल से करीब-करीब, कुछ लोग हसी भी उड़ाते हैं सर, तो फिर वो ना, मुझे तो विश्वा से खुद पे तो, पर फिर भी थोड़ा से कैसा लग रहा है कि कही सच में मैं…
01:10आप कहीं देखने को नहीं मिलते, आप आज आते हो और बहुत जोर्शोर से आते हो, ऐसे आते हो कि बिल्कुल आप फैल गए, बिखर गए, और उसके चार महीने बाद सन्नाटा, यहां जो रिष्टा होता है, बोध के स्रोत से, वो पल भर में भी तूट सकता है, लेकिन अ�
01:40और मैं आपको पिछले दो साल से सुन रही हूँ, परिवर्ट तरह यह आया है, कि मैं अके लिए यहां आ गई आज, और मैं आ गई, दूसरी बात मैंने घर पे किसी को बताया नहीं, सिफ मेरी बेटी को पता है, और किसी को नहीं बताया,
02:10कि अब तक आओगे, मैंने बोला, मैं डेली जा रही हूँ, आजरी जी उसके बात से, बम, बम, बम, ऐसी हावा जाती रही दर्वाजे पटक नहीं, और कोई आवस नहीं है, मैं हलो हलो बोल रही थी, लेकिन उधर से कोई रिप्लाइ नहीं आ रहा था, बहु मुझे कोई फ
02:40कि ली आई हूँ, वो काम मेरे लिए बहुत जादा जरूरी था, मेरा एक प्रश्न जो था, वो प्रश्न का जवाब अपने आधि से जादा सेशन में हो गया है, प्रश्न का जवाब मुझे मिल गया है, तो प्रश्न तो कुछ रहा ने, बस लास्ट का उसमें ये था मेरा, क
03:10दूसरे भी बना लेता है, एक जगे चीपकता है फिर दूसरी जगे चले जाता है, अभी मेरा लास्ट का ये था कि अभी जैसे मैं गीता सेशन सुन रही हूं इतने दो साल से करीब करीब और आपको दिन भरी अल्मॉस्ट सुनती हूं, ओफिस तो बहुत एक सेकंडरी रह गय
03:40किसी को सुनती थे तो लोग ये बलते थे, अब आप इसको सुनते हूं आपको कुछ लोग हसी भी उडाते हैं सर, तो फिर वो एना, एक मुझे तो विश्वा से खुट पे तो, पर फिर भी थोड़ा से एक ऐसा लग रहा है कि कहीं सच में मैं माया क्या वाइक माया की सब छ
04:10कोई गारंटी नहीं है कि नहीं छूटेगा, कोई गारंटी आपसे मंगने है यू मैं, ऐसे तो कोई गारंटी है नहीं, इसकी सच मुझ कोई गारंटी नहीं होती है कि कोई चीज जैसी आज चल रही है, वैसी कल भी चलेगी, सर ये तो बदलता नहीं ना पर, आपने बूला
04:40अई हम इतना बीतर से परिमारजित हुए नहीं होते हैं कि कह सकें कि मामला सत्य के तल पर आगे अगया है।
04:50उसमें और बाते रहती हैं अब कह रही है दूसरे हसी उडाते हैं, उस्वार्ण से फर्क प्ड़ जाता है,
04:54सब्सक्राइब हो जाता है सथ्टे को थोड़े ही आत्मसंशय हो जाता है पर अभी हो रहा है ना नहीं हरकिस नहीं होगा सर पहले जब शुरुवाद थी तो लोग बोलते थे
05:07और शुरुवाद मतला पास छे साल पहले जब मेरे पास गीता आई मेरा सफर आप से ऐसे हुआ है आचरे जी यह बात बोलना सौरी में समय ले रहे हूं पर छे साल पहले मेरे पास गीता आई थी और बगवत गीता पढ़ने का बिलकुल भी समझ नहीं आता था एक शब्द भी
05:37एक श्लोक पर बार बार आती थी लेकिन कुछ भी समझ नहीं आता था उसके बाद फिर सदनली एक दिन आप मैं मतलग उसकी पहले तो में रामकृष्न परमान समय शी रहमान और नारद गीता और रिभू गीता और चैतन्य महाप्रभू ना जाने में कहां कहां पहुँच ग
06:07वाली देखिये ना छूटे तो अच्छा ही है लिकिन जूटा आत्मविश्वास ज्यादा घात क होता है इसे अच्छा होता है कि यह सतरकता बनी रहे
06:25कि माया तो आखरी सांस तक है तो वो कभी भी भंजी मार सकती है याद रहे तो बہतर रहता है क्योंकि ऐसा है
06:36साब का है कि
06:45जब आप
06:48माया को सूचते हो कि मरी पड़ी है
06:51आप उस वक्त भी अगर जा करके देखोगे
06:58तो उसका जो पिंजर होगा
07:00स्केलेटन
07:01वो भी धीरे-धीरे सांस ले रहा होता है
07:04आशे यह है कि जब तक आपका पिंजर सांस ले रहा है
07:08तば तक माया का पिंजर भी सांस ले रहा है
07:10वो कभी नहीं मरती
07:11तो
07:13भूलने भटकने की संभावना तो देखिये हमेशा रहेगी
07:18और
07:19वाप उस तरफ ले आते हैं जहां मैं आम तोर पर जाना नहीं चाहता लेकिन
07:27बोध का स्रोत जब ग्रंथ की जगह कोई व्यक्ति होता है
07:35तो उसका थोड़ा सा अतरिक्त लाभवस यही हो जाता है
07:39उसकी जो सशरीर उपस्थिति है
07:45वो आपको यह जताने के काम आती है कि तुम भटक सकते हो
07:51और जब भटकते हो तो वो फिर शरीर रूप में अनुपस्थित हो जाता है तुम्हारे लिए
08:00ऐसे समझे है कि आपके पास ग्रंथ है ग्रंथ आप अपने साथ रखती है अपने परस में मान लीजिए
08:10आप भटक भी गई है तो वो आपके परस में पड़ा रहेगा आप भटक भी गई है आपके परस में पड़ा हुआ है
08:18आप उसे लेके जाएए कहीं भी तो ग्रंथ इस मामले में लाचार होता है कि वो आपको ये खुद एहसास नहीं दिला पाएगा
08:26कि तुम भटक गए, कोई प्रमान नहीं दे पाएगा
08:28क्या प्रमान देगा, पहले भी आपके परस में
08:32वो गरंत था, छोटी सी, ऐसे एक
08:35और अभी भी है, तो कुछ नहीं बदला
08:38लेकिन जब कोई व्यक्ते होता है ऐसा शरीर
08:41आप जब भटकते हो
08:43तो फिर वो शरीर रूप में आपको दिखाई देना
08:47बंदो जाता है, इस हर्थ में समझ लीजे कि अभी आप यहाँ
08:50आप करके बैठी है, आप भटक जाईए, आप गीता से दूर हो जाईए
08:54तो फिर आप यहाँ के थुड़ी बैठो गये, तो एक खुला प्रमान
08:58खड़ा हो जाएगा सामने, एक जोर से चिलाता हुआ सबूत
09:02कि आपके लिए कुछ है बदल गया है, आप भटक गये हो
09:07वो सबूत एक छपा हुआ कागज का गरंथ नहीं दे सकता
09:12भटकना हो सकता है, कभी भी हो सकता है
09:18हमको यह याद रखना चाहिए, आप पूछ रहे न कि कैसे नहों भटकना
09:23तो यह याद रखना ही विधी है, अगर जितना आप यह याद रखोगे
09:27कि कभी भी हाँ थाई चीज छूट सकती है
09:31भटकाव कभी भी संभाव है, जितना यह आपको याद रहेगा
09:36भटकने की संभावना उतनी ही कम हो जाएगी
09:39इसकी जगह अगर हमने एक आत्मविश्वास पकड़ लिया
09:45कि मुझको तो मिल गया
09:46तो वो लगभग
09:50इंलाइटेन्मेंट जैसी चीज होगी ना फिर कोई
09:54कि मुझे तो मिल गया, वो बड़ी माया होती है
09:58जिनको लगता है कि मुझे तो आप कोई आखरी चीज मिल गई
10:02उनसे हाँथाई चीज भी छूट जाती है
10:06यह ऐसी चीज़ है जो आपको लगातार मिल रही है
10:11और आपको लगातार जो इसका दाम है वो चुकाना बड़ेगा
10:15लगातार, यह ऐसी चीज़ नहीं है
10:17लगब बिजली की तरह है
10:18आप बिजली पैक करके घर में नहीं रख सकते
10:20रख सकते हो क्या
10:22ठीक है कोई बड़ा कैपेसिटर हो सकता है
10:25पर कितना बड़ा होगा
10:26कितना बड़ा हो सकता है
10:29यह ऐसी चीज है जो हर महीने आपके घर आती है
10:32और आप हर महीने इसका
10:34बिल देते हो
10:35एंडॉल्मेंट
10:37तो यह ऐसी चीज नहीं कि एक बार
10:40ले ली और पैक करके रख ली
10:41यह एक सतत प्रावा, एक जीवन्त चीज है
10:44जिसका connection कभी भी
10:45कट सकता है
10:47तो यह बहुत अच्छी बात है
10:49यह आपको लगातार
10:51सतर्ग रखेगी
10:53कि अरे अंधिरा हो गया
10:55इसका क्या मतलब है
10:56इसका मतलब यह है कि मैंने इसी कदर नहीं करी
10:58यह बैटरी नहीं है
11:00यह inverter नहीं है
11:01यह capacitor नहीं है, यह कोई charged चीज नहीं है
11:05यह एक जीवित प्रावा है
11:08electrons का
11:09जो कभी भी
11:11रुक सकता है
11:13सांस की तरह है
11:15जो चल रही है, चल रही है पर कभी भी रुक सकती है
11:18तो सतर्क रहना होता है
11:19और उस सतर्कता ही तो चाहिए
11:21आश्वस्ति मत मांगिए
11:22सतर्कता मांगिए
11:24यह मत पूछिए कि मुझे guarantee दे दीजिए
11:27कि आप कभी दूर नहीं होंगे
11:29यह कहिए कि
11:31इतना हो जाए कि मैं सदा सतर करहूं
11:35ताकि दूर नहोने पाऊं
11:36guarantee मिल गई, guarantee मिलते ही
11:39आदमी क्या करता है, सोने चला जाता है
11:40लापरवाही आ जाती है
11:42guarantee का तो मतलब भी है
11:44कि अब तो हमारे हो गए, अब तो कुछ नहीं हो सकता
11:46वो तो फिर जैसे हमारे
11:48आपचारिक रिष्टे होते हैं वैसी बात हो जाएगी
11:50ना, कि अब तो
11:52यह भाई है मेरा, तो अब पूरे
11:54जनम भाई है, यह कभी भाई आपका
11:56बोल सकता है कि अब मैं तेरा भाई नहीं हूँ
11:58तो यह तो वैसी बात हो जाएगी
12:00फिर तो फिर उसमें कोई दम नहीं रहता
12:02मा नहीं बोल सकती तेरी मा नहीं हूँ
12:04बाप नहीं बोल सकता
12:05तो फिर होगे आप तो चिल
12:07यह चीज ऐसी है
12:11जिसमें कुछ भी कभी जम नहीं जाता
12:14जिसमें कुछ भी कभी स्थाई नहीं हो जाता
12:16जिसमें कभी भी कुछ भी पत्थर की लकीर नहीं हो जाता
12:20हो सकता है आपका 50 बरस का नाता हो
12:24एक पल में आप तोड़ सकते हो
12:27क्योंकि हम जिस चुनाव को वेदानत का मूल कहते हैं
12:32वो चुनाव तो पत्थिपल है न
12:34to 50 साल का रिष्टा भी एक पल में
12:37तूट सकता है
12:39कोई ये न सोचेगी 50 साल का हो गया
12:40वो घर में होता है
12:42कि हमारी 50 साल की शादी है थोड़ी तूट जाएगी
12:44अध्यात में वैसा नहीं होता है
12:46यहां जो रिष्टा होता है
12:48बोध के स्रोथ से
12:51वो पल भर में भी तूट सकता है लेकिन अपनी ओर से नहीं तोड़ेंगे वो
12:55वो तोड़ने का काम हमेशा
12:58च्छातर होता उसकी ओर से होता है
13:03कभी लापरवाही में, कभी आत्नविश्वास में
13:08वो गयता है कि मेरा तो मिल गया, मुझे हो गया
13:12या कि मैं तो वहाँ पहुँच गया हूँ, जहां से मैं नीचे गिरी नहीं सकता
13:15जैसे इस तरह की भावनाती वैसी गड़बर हो जाती है
13:19मैं आपको जो भी बता रहा हूँ, ये वो चीज है
13:24जो संबंध तूटने से बचा देगी
13:26उसका नाम है सजगता, सतरकता, वही बचा सकती है सिर्फ
13:31बागी कोई गारंटी नहीं है, एकदम गारंटी नहीं है
13:44मैं तो आप लोगों का देखता रहता हूँ, आप कम्मिनिटी भी कितनी
13:47दो साल पुरानी तो होई रहोगी कम से कम
13:49दीव जी कितने साल हो गए जब से ये पीड के कितने, दो साल से उपर हो गए अब
13:56दो साल हो गए करीब
14:00दो साल पहले जो लोग सबसे मुखर खिलाडी हुआ करते थे
14:05हर तीन घंटे में कितना लंबा-लंबा आ रहा है
14:09वो अब कहीं देखने को नहीं मिलते हैं
14:12और ये क्रिया प्रक्रिया हर छे महीने चलती रहती है
14:17आप आज आते हो और बहुत जोरशोर से आते हो ऐसे आते हो कि बिलकुल आके वहाँ फैल गए बिखर गए
14:24अपने से उपर वाली छे पोस्ट और नीचे वाली छे पोस्ट पर भी छा गए
14:30ऐसे जैसे पैल गए
14:32और उसके चार महीने बाद
14:35सन्नाटा
14:37कहां गया उसे खोजो
14:40बहती पवनसा था वो
14:44और फिर खोजने भी जाओ तो फोन भी नहीं उठाते
14:49तो ये सब तो
14:53आवत जावत
14:55जीवन प्रपंचे रोज देखते हैं
14:58बहुत होता है
14:59ऐसले नहीं बता रहरे हैं कि आप गाँर दर जाओ भी आट हो
15:03इसलिए बता रहे हैं तो यह आप सतर को जाओ
15:08आहिए हमां घहर मिल गए हम गहर मिल गाया या यह कम्जुनिटी रहे हमारा घर है
15:13अधुब घर से भाग क हां गए
15:15नजर नहीं ढूसे हां
15:19कि घर से भाग के यह यह आएंगे आप जो कर रहे हो अच्छा हो सकता है निसंदे बस मैं यह कह रहा हूं खत्रे बहुत है तो खत्रों से सावधान रहिएगा लाभ यू आचार जी
15:36तो मैं बोल रहे थे कि इसमें एक चीज यह होती है कि जब हम कुछ बड़ा काम नहीं चुनते हैं जैसे ही इन्होंने बोला कि मैं सुन रही हूं अगर इससे कुछ बड़ा काम नहीं उठाएंगे वह सुनना होता चलेगा तो तब बड़ा खत्रा हो जाता है यह मेरे साथ हु�
16:06फिर जब कुछ थोड़ा काम उठाया है उसके आगे तो अब भी लग रहा है कि आपकी किती जरुत पड़ती है तो जो थोड़ा काम है वह उठाना पड़ेगा क्योंकि वह इस्थितियां या वह मांग मैं खुद पैदा कर दूँगा ना कोई बच्चा छठी में है वह बार
16:36है कि फिर भारी पड़ने लगे पर हो सकता है कि आत्म विश्वास अभी भी बना रहे और हम कहें कि सात्मी वाला काम भी हो गया हो गया हो तो मैं क्या करूँगा तो आप जितना ज्यादा बोलोगे कि आप यहां जम गए हो उतना ज्यादा मैं आपको कुछ ऐसा दूँगा �
17:06जम गए हो तो अब आपको काम भी तो भारी मिलेगा ना और मैं न भी दूँँ काम तो इस्थितियां दे देंगी मैं न भी दूँँ तो इस्थितियां दे देंगी फिर याद रखिए एक जीवन प्रवाहा है इसमें लगातार विस्तार होता रहता है जानते हो
17:30मैं जिस काम पे हूँ
17:34उस काम को करते हैं अब लगभग 20 साल हो रहे है
17:37बहुत बहुत
17:39कम लोग टिके हैं मेरे साथ
17:40मैं उनकी बात नहीं कर रहा है जो
17:45सिर्फ
17:46मेरे काम के अलाभारती है
17:49जो मेरे छात्र रहे है
17:51मैं उनकी बात कर रहा हूँ जो
17:54मेरे साथ
17:56चलते थे कंदे से कंदह
17:59मिलाके
17:59जो मेरी संस्थाओं का ही
18:02हिस्सा हुआ करते थे
18:04वैसे शायद अगर मैं गिरूंगा
18:07तो पाथ सो, साथ सो, आठ सो लोग होंगे
18:09जो कभी
18:10फॉर्मल रूप से यहां काम करते थे
18:12और अब नहीं करते
18:14उसकी क्या मूल वज़े है
18:18उसकी मूल वज़े यह है कि
18:22मैं जो काम कर रहा हूँ वो कोई एक काम नहीं है
18:24कि
18:25मैंने ये गीता का श्लोख है आपको
18:28आज बता दिया, ये पाँच बाइस जो है
18:30आज का, ये शायद मैं आज से
18:32दस पार पहले भी आप लोगों
18:34के साथ, आपके साथ नहीं तो
18:36किनी और लोगों के साथ
18:37चर्चा कर चुका हूँ
18:40मारा जो काम है वो लगातार
18:44आगे बढ़ते रहने का है
18:45आज जो मैंने
18:48अर्थ कहा पाँच बाइस का
18:50अगली बार जब भी मौका
18:52मिलेगा और बात होगी तो शायद
18:54मैं इससे कुछ अलग बात बोलूँगा
18:56आगे की बात बोलूँगा
18:57आज हम जिस तल की
19:00एक संस्था के
19:02तोर पर चुनौतियां उठा रहे हैं
19:04आज से एक साल बाद हम उससे
19:06बड़ी चुनौतियां उठा रहे होंगे
19:07इतना ही नहीं
19:10विक्तिगत रूप से मेरे लिए भी बहुत ज़रूरी रहा है
19:13कि मैं सिर्फ
19:14आगे ही नहीं बढ़ूँ
19:16मैं और ज्यादा गते से
19:19आगे बढ़ूँ
19:19तो इतना ही काफी नहीं है कि आगे बढ़ रहे हो
19:23आगे तो आप
19:25एक
19:26एक कॉंस्टेंट गती से भी बढ़ सकते हो
19:28हमारा काम क्या है
19:31कि हाँ आगे बढ़ने की गती भी बढ़ती रहे
19:35संस्था से लोग इसलिए छूट गए क्योंकि
19:41उन्हें मैं तो शाहिद पसंद हूँ
19:45मेरे गती नहीं पसंद है
19:47मेरे साथ होना
19:51आनंद की बात
19:53बाद में है चुनोती की बात पहले है
19:55मेरे साथ कदम से कदम बढ़ा कर चलना आसान नहीं है
19:59प्योंकि मेरा काम है तो एक्सिलरेट करते रहना
20:03उतना एक्सिलरेशन ज्यादा लोग पसंद नहीं करते
20:08हाँ मैं बैठ जाओ महफिल जमा करके किसी एक जगह पर
20:14और कहूं चलो अब दोहे और चौपाईया होंगी रसा स्वादन करते हैं
20:19और रोज रात में आठ घंटे यही हुआ करे
20:21तो कोई न छोड़के जाए
20:23कोई न छोड़के जाए
20:26सेलरी वारा क्यों तनी नहीं बात होती
20:30आधी सेलरी पर भी लोग रुक जाएंगे
20:33कहेंगे यह बढ़िया है
20:34रोज साथ बजे से लेकर आधी रात के हाँ पर ठंडाई घोटी जाती है
20:41और सब बैट बैट करके ऐसे
20:44आध्यात्मिक मुशायरा चलता है
20:47कोई न भागे
20:49पर दिक्कत यह है कि संस्था में भी जो लोग है
20:54वो भी कोई आध्यात्मिक बात
20:56मुझसे तभी सुन पाते हैं
20:58जब आप लोग सुनते हो गीता प्रत्वागी
21:00नहीं तो इनसे मजाल है कि
21:02मेरे मुझसे यह ब्रहम सुन ले
21:04पहले बात तो इनका मुझसे वास्ताई नहीं पड़ेगा
21:08और कभी पड़ भी गया तो मैं तो इनसे सीधे
21:10एक प्रोफेशनल की तरह
21:12नंबर्स, मेट्रिक्स और टार्गेट्स पर बात करूँगा
21:14और परफॉर्मेंस पर बात करूँगा
21:15वो मुश्किल होता है
21:20मुश्किल होता है
21:25हमने अध्यात्म का ये स्वरूप इतिहास में बहुत कम देखा है
21:28जहां केंद्र पर मामला विशुद्ध अध्यात्मिक है
21:37लेकिन जो बॉड़ी है
21:40वो पूरे तरीके से एक प्रोफेशनल कॉर्पॉरेट बॉड़ी है
21:46जैसे कोई भी कॉर्पॉरेशन लगा रहता है
21:54कि हमें अपनी रीच बढ़ानी है
21:58वो कहते हैं हमें अपनी सेल बढ़ानी है
21:59हमें मार्केट शेयर कैप्चर करना है
22:01उनके पास ये मेट्रिक्स होती है
22:03हमारे पास दूसरी मेट्रिक्स हैं
22:05पर हमारे पास भी हमारी हैं
22:07और हमारे पास जो हैं हमारी हम उन्हें और ज़्यादा
22:09गंभीरता से लेते हैं क्योंकि हमें पता है कि
22:11वो क्यों जरूरी है
22:18दुनिया ने धर्म का वो रूप देखा है
22:20जहां केंदर पर भले ही
22:22corporate greed हो
22:23पर बाहर बाहर कुछ नहीं करना है
22:26बाहर बाहर क्या करना है
22:28बाहर बाहर बाहर है
22:32राम नाम जपना और केंदर पर क्या है
22:33पराया माल अपना
22:34जनता ने वो रूप देखा और वो रूप सुईकार है
22:38कि बढ़िया मस्त बैठे हुए हैं
22:40और ऐसे आहा सब लोग
22:42बैठो बच्चा भजन करो आँखा आननंद वरसरा रस वरसरा है है भलजी पीछे वहां पर सारा जितना भी गल्ला था वो गल्ला गिना जा रहा हो दो जेले बटके गल्ला इसा लगे कि मामला भिलकुल धार्मिक है बीतर केंदर में भले ही उतनी ही ग्रीड हो जितनी कि किसी क
23:12लेकिन जो exterior है वो धार्मिक दिख रहा है बिलकुल किसी खास रंग का दिख रहा है और एक तरीके के काम हो रहे हैं
23:19हमारे यहां उल्टा है इसलिए लोगों से जहला नहीं जाता है
23:22हमारे यहां केंदर विशुद्ध अध्यात्मिक है
23:25लेकिन केंदर तो केंदर होता है ना केंदर तो एक बिंद होता है केंदर तो निर्गुण होता है केंदर नहीं पता चलेगा
23:32और जो केंडर के चारों तरफ है वो बिलकुल प्रोफेशनल है वो दिखाई देगा और उसको आप देखोगे तो कहोगे अच्छा ये तो फिर एक profit making corporation है भाई हम इस दुनिया से संघर्ष में है तो हमें उतने ही प्रोफेशनल तरीके से काम करना पड़ेगा ना जितने तरीक
24:02billion dollar valuation रखने वाली एक company fully professional तरीके से काम कर रही है तो क्या हम professional और strategic तरीके से काम ना करें और नहीं करेंगे तो क्या उनका मुकाबला कर लेंगे
24:16अगर वो अपनी efficiency और productivity मेजर करते हैं तो हम करें कि ना करें और हमारी उनसे ज्यादा होने चाहिए है कम
24:25ज्यादा होनी चाहिए तो मेरा काम ये रहा है कि और ज्यादा ज्यादा ज्यादा आगे बढ़ना कैसे आगे बढ़ना केंद्र को और स्थिर करना अध्यात्म में और जो body है उसको और गती से घुमाना
24:42लोगों से दोनुई चीज़े बरदाश्ट नहीं होती केंद्र पर इतनी गहराई और इतनी स्थिर्था भी नहीं बरदाश्ट होती और परिधी पर इतनी गती भी नहीं बरदाश्ट होती इतनी गती होती लोग ये बाब ये बाब ये खासकर जो लोग कम्यूनिटी से में �
25:12नहीं सकता अचारी जी को दिल जिगर जान किड़नी लिवर सब दे दिया है वही नहीं सकता हम आ गए हैं सब घर दौर चोड़ के लिए आ गए हैं आ गए हम यहीं रहेंगे कई तो कहते धंकी देते कहते आमरण अंशन कर लेंगे
25:25कहते हैं आचारी जी आपके दौर पर कुटा बनकर बैठ जाएंगे यहां से कहीं नहीं जाएंगे हमें यहीं रख लो ऐसे कर लो वो कर लो
25:32सचमुत में यह हुआ पड़ा है एक बार बाहर था मैं मुझे वापस नहीं लोटने दिवाले आप लोटिये कर नहीं यहां बाहर दो-चार फिर रहे हैं वो घुसने नहीं देंगे आपको अंदर
25:41और अगर अंदर ले लो तो जो दिखाई देता है वो कलपनाओं से बिलकुल अलग होता है
25:50कलपना आप किये होती है कि जैसा मैं आपके सामने स्क्रीन पर आता हूँ
25:55ऐसा ही मैं दिन भर रहता हूँगा
25:58कि यहां बोजसल के गलियारों से गुजर रहा हूँ
26:01और ऐसे करके दोहा भजन कुछ गा रहा हूँ
26:04और मैं ऐसे नहीं गोजर रहा गलियारों से दोहा भजन गाते हुए
26:08क्योंकि संसाधन कम है और काम ज्यादा करना है
26:15और वो यहां आते मेरा कुछ और ही रूप देखते हैं
26:20फिर मुझे तो नहीं देखने पाते
26:21पर जो नियम कानून प्रक्रियाएं प्रोसेसस देख रहे हैं
26:24वो तो मेरे ही है तो उनको लगता है धोखा हो गया
26:28स्क्रीन पर तो यह अध्यात्म की बात करते थे
26:31पर अंदर आया तो क्या दिखाई पड़ रहा है
26:34यहां तो सब कुछ वही है
26:36इतने से इतने बज़े आप आठ बज़े के आठ तीस तक सो रहे थे
26:41और यह हमारे प्रोसेस ने पकड़ लिया है
26:44उन्हें तो घजब हो गया
26:45अरे थोड़ा सो लिये राम खुमारी थी
26:48तो क्या गलत कर दिया
26:50पहले भी तो स्क्रीन के पीछे सोते ही थे जब आप
26:54सेशन लेते थे
26:56बिटा तब चल जाता था अब अंदर आगे तो नहीं चलेगा
27:00पकड़े जाओगे
27:01शमज मैं आ रही है बात
27:06जिसी जूटे भरोसे मत रहिएगा
27:10मेरा साथ छूटना
27:11इस दुनिया की सबसे आसान बात है
27:14और मेरे साथ चलना
27:16बहुत बहुत कठिन बात है
27:17मैं कैसे आपको गारंटी दे दूँ कि
27:19आप मेरे साथ चल लोगे
27:20नहीं चल पाया कोई मैंने तो प्रमान देखा है
27:2320 साल में कौन मेरे साथ चल पाया
27:24और मेरे लिए एक जीवन का
27:27बड़ा अपने विक्तिकत तोर पर दुख रहा है
27:29कि नहीं चल पाये लोग मेरे साथ
27:31मेरी पूरी कोशेश के बाद भी सब कुछ
27:38बस एक चीज थी मैं जिसको नहीं
27:40कॉंप्रमाइज नहीं कर सकते
27:44उस पर समझाता नहीं कर सकते
27:45वो यह है कि काम और मिशन को ही थोड़ा कम कर दो
27:49तो आपके साथ चल लेंगे
27:52तो अगर मेरे साथ इस शर्त पर चलोगे
27:55कि मैं काम में कुछ समझाता कर लूँ
27:57तो फिर मैं तयार हूँ कि तुम छूट जाओ पीछे
28:01इतने लोग छूटे हैं पीछे
28:06मैं आपको कैसे गारंटी दे दूँ
28:07कि आप नहीं छूटोगे पीछे
28:08और एक और बात बोलता हूँ
28:15जो पीछे छूटते हैं उसमें से 90 प्रतिशत
28:17भली भात ही जानते हैं कि उपीछे इसलिए छूटे
28:20क्योंकि उन्होंने चुना पीछे छूटना
28:22तो फिर उस फिर पीछे छूटते नहीं है
28:24वो व्लुप्त हो जाते
28:26वह फिर कभी नजर भी नहीं आते
28:31क्योंकि यहाँ जो होता है न वह एक तरह का प्रेम संबंद है
28:35और पीछे छूटना एक तरह का break up होता है
28:39break up होने के बाएद आप अपने X से क्या high hello भी करना पसंद करते हैं
28:43मुश्किल है नहीं होता
28:44फिर आप यह चाहते हो इसको permanently delete कर दूँ यह होता है ना तो यहाँ ऐसा ही होता है जिस दिन आप मुझे छोड़ते हो उस दिन के बाद यह नहीं कि अब यदा कदा हम इनके सत्र सुन लेंगे या कुछ होगा जिस दिन आप मुझे छोड़ोगे उस दिन आप मुझे पूरी तर
29:14बहुत संभगेगे आप जिस दिन छोड़ो उस दिन गाली दे के छोड़ो क्यों क्यों दोगे गाली उभी पता देता हूं आपको पता होगा
29:21कि वो जो छूटा है वो आपकी असमर्थता का प्रमाण है
29:28मुझको छोड़ना आपको दिखाई देगा कि आपकी नाकाबिलियत का प्रमाण है
29:37मैं इसलिए नहीं छूटा हूँ
29:39कि मैं आपको छोड़ना चाहता था मैं इसलिए छूटा हूँ
29:43क्योंकि आप मेरे साथ चल नहीं पाए
29:44मैं तो कह रहा था कि
29:46कहीं मत जाओ मेरे साथ रहो
29:47बस मैं अपनी गते कम नहीं कर सकता
29:51आपको मुझे इसलिए छोड़ना पड़ा
29:53क्योंकि आप मेरी गते के साथ नहीं चल पाए
29:55और ये बात आपको बहुत चुभेगी
29:57बहुत चुभेगी
29:57आप जितनी बार याद करोगे कि आपने मुझे क्यों छोड़ा
30:01आपको याद आएगा कि आपने इसलिए छोड़ा
30:03क्योंकि आप काम नहीं करना चाहते थे
30:04आप मेहनत नहीं करना चाहते थे
30:06आप कीमत नहीं अदा करना चाहते थे
30:08और इतनी इमानदारी होगी नहीं कि आप सुईकार कर पाओ कि आपने चुनाओ गरगे छोड़ा है
30:13तो फिर आप सारा दोश किस पर डालोगे मेरे उपर डालोगे और दोश जादा यही डालोगे
30:21कि यहां तो जो था कॉर्पोरेट चीज थी ये थी वो थी ये तो
30:26कुछ भूलना है तो कुछ तो बोलने के लिए होने ही चाहिए ना कुछ भी बोलो फिर तो
30:30मैं आपको कहीं नहीं ले जा रहा हूँ
30:36मैं आपको जहां ले जा रहा हूँ वो जगह वो है जहां बचोगे ही नहीं
30:45मेरे साथ चलने का मतलब है कि जैसे
30:47जैसे कोई glacier आगे बढ़ता है
30:51वो कहां पहुँचता है
30:54कहां पहुँचता है
30:57हाँ
30:58मेरे साथ चलने का यह मतलब है
31:01आप कहीं नहीं पहुँचने आले
31:02आप बस मिटने वाले हो
31:03कौन चलेगा मेरे साथ
31:05ना आप चल सकते हो
31:08ना मैं आपसे उमीद रखता हूँ
31:09कि आप अंत तक मेरे साथ चल सकते हो
31:11क्योंकि वो अंत यात्रा का अंत नहीं होगा
31:14वो अंत आपका अंत होगा
31:15कौन ऐसा पागल है जो अपना अंत कराने के लिए
31:18मेरे साथ चले
31:18कभी ने कभी तो आप टपकोगे ही
31:25और जो जितने ज्यादा अवधी तक
31:30मेरे साथ रहकर टपकता है
31:31वो उतना ज्यादा जहरीला होकर
31:34फिर डसता है
31:35अब मैं यह साथ बोल रहा हूँ
31:42मैं चाहा रहा हूँ अब चलो मेरे साथ
31:44मैं चाहा रहा हूँ अंत तक चलो
31:46मेरे साथ पर विभारिक रूप से
31:48मुझे ये भी पता है कि बड़ा मुश्किल
31:49अब मैं
31:52फूल्स परडाइस में थोड़ी रहूँगा कि मैं उमीद करूँगे
31:54आप सब यहां आ गए हो
31:55अब हम बस एक ठे ललललल लोरी करेंगे
31:57और अब ऐसे थोड़ी होने वाला है
31:59नहुआ है बीस साल से देख रहा हूँ
32:01और मैं कुछ बदल नहीं सकता है
32:05इसमें क्या बदलूं बताओ
32:06मैं अपनी गती रोक दूँ
32:09गती पहले रोक दी होती तो आप लोग आज यहां नहीं होते
32:13होते क्या
32:19यह जो मेरे सामने आज मुश्किल है
32:27यह सवाल है यह तो दस साल पहले भी था
32:29दस साल पहले ही मैंने कह दिया होता कि अगर मैं इतनी गती ते चलूँगा
32:34तो कोई मेरे साथ नहीं चल पाएगा तो अपनी गती कम कर दो
32:36मैंने गती कम कर दी होती तो क्या आप लोग आज बैठे होते हैं यहां पर
32:39तो गति तो मैं कम करने वाला हूँ नहीं
32:42मारत है कि
32:48accelerating towards extinction
32:50just like the earth
32:53तो हम तो
32:57अब आप में
32:59उतना पागलपन अगर होगा किसी में
33:03तो वो साथ बना रहेगा बागी सब तो कभी न कभी दर उदर
33:06जी थोड़ा सा अभी हम
33:08भाया बस रोकना
33:10क्या करना ने कुछ नहीं थोड़ा अधर ट्वाइलेट है
33:16अब बस रोकी नहीं कि वो उतर करके फिर सीधे
33:20खेतों की तरफ भगे
33:21हम आपसे
33:25किसी तरह
33:27का इसमें explanation भी नहीं मागेंगे
33:30मत बताईए कि भाया बस क्यों रोकवानी है
33:32बस इतना कहां धीजे बस रोकना
33:34बस रुक जाएगी उतर जाएगी
33:36हर महीने आपको मौका मिलता है बस से उतरने का
33:39हर महीने
33:40मौका मिल रहा है
33:41कुछ लोगों को खुद को थोड़ा भरोसा देना होता है
33:46तो कहते हर महीने हम अपने आपको ये मौका देंगे ही नहीं
33:49वो फिर दो महीने चार महीने करें अपने आपको बांध देते हैं
33:53तो उन्हें चार महीने बाद मौका मिल जाता है
33:54पर मौका तो सभी को मिल जाता है
33:57देखिए ये जो हम लिख रहे हैं न
34:02वो कोई रोमेंटिक उपर नियास नहीं है
34:05वो कोई ऐसी चीज नहीं है जिसका कोई बहुत
34:09इसको हम लोक भाशा में सुखत अंद कहते हों
34:14वो चीज होने वाली हो
34:15सच की कहानी
34:18हमारी छवियों, हमारी कलपनाओं के पार की होती है
34:23सुखद अंत लोक कथाओं के होते हैं
34:28हम लोक कथा तो लिख नहीं रहें
34:30तो मुझे खुद को लेके भी कोई बहुत उम्मीद नहीं है
34:34कि मेरा कोई बहुत सुखद अंत होगा जीवन यात्रा का
34:37ठीक है?
34:39हाँ जिनको अभी जो अभी बरदाश्ट कर पा रहे मुझे वो साथ चलते रहें
34:47जब तक आप बरदाश्ट कर रहे हो चलते रहो
34:50एक दिन ऐसा आएगा जब आप मुझे नहीं जहल पाओगे बस रुख जाएगी
34:54उतर जाना, जल देना, जहां जाना है
34:57नमस्ते आचारे जी, जैसे आपने अभी बच्चे को समझाया कि इसकी मौझ मस्ती वाली चीज की खुल कर रहो
35:07तो मुझे भी ऐसा जवानी में फील होता है कि यार कैसे मतलब खुल के रहना है
35:11तो आपके पास आये तो वह मौझ वाला टच मिल गया है लेकिन या तो हमारे संग ये समय का कहलो या कुछ भी जो आपके साथ पहले जुड़े थे ना मेंबर्स उनको आपके साथ थोड़ा पर्सनल टाइम शिविर वगेरा का वह वाला मिल गया हमें क्या कमरे बंद में या
35:41आपने मौझ वाली ही रिकॉर्डिंग देखी है बस मौझ मतलब काम वाली नहीं मौझ जो बाकी भी सब देखा है अब हर चीज थोड़ी रिकॉर्ड हुई पड़ी है
36:02क्या हagu casual को सकता है एक टच हो सकता है विएल वन आबजेक्ट अप्रोच स्थ अधर विदर सपीड ऑफ लेट से वन मीटर पर सेकंड
36:12और टच हैक ये भी हो सकता है विएल वन वपप Works अप्प्जेट अप्रोच विए जादर विए जन्डेइड मीटरा पर सेकंड
36:19कि संस्था में कोई नहीं है जिसके टच आफ दा काइंड टू टीटू ना मिला हो टीटू कांगे तो वो
36:30कि Quindi बहुत मुश्किल काम है मेरे आस पास रहना बहुत मुश्किल काम है अस-पास रहना उतना वह नहीं है कि आछारी जी तो बस
36:42डिटेड़ी की तरह सब को हसाते हैं और फिर ग संदेश पिलाइब यह सब नहीं होता ना राख
36:56शिविर का मौका आप करिए न अब शिविर और औरों को कराईए दूसरों में बाटिए बहु गया मैं जितना दे सकता हूँ दे रहा हूं उतनी और से
37:08तो शिविर का मौका बिलकुल मिलेगा पर शिविर आप आयोजित करोगे आप आयोजित करिए दूसरों में बाटिए
37:16मुझसे अब यह उम्मीद रखेंगे कि मैं ही करूं आयो जे तो पता है नहीं मेरा भी एक समय था कर लिया था
37:23हूं है ना अब आपका समय है आप करो अपने परियारवालों के साथ ही शुरू करो
37:32जिस तल पर सोच रहे हो मुश्किल है उससे किसी अलग तल पर
37:46मुश्किल रख रख जितना सोच रहे हो मुश्किल उससे ज्यादा
37:49मुझे अभी इतना नहीं आप पर भरोशा है कि आप तूटोगे नहीं मैं क्या
37:55बोलू कि कैसे आप पर भरोशा कर लूँं बता एक च्शायक बात बता हो चलो आप इता
38:02आप इतनी खुली खुली बात करना चाहते हो तो
38:08मैं टीचर हूँ
38:11ठीक है मैं बायोक आया जोलोजी का टीचर हूँ बायोक बायोक
38:17मैं यहां पर आपको पीछे एक एक स्लाइड पर एक स्क्रीन पर दिखाऊं कि
38:27कार्निवोर्स
38:30वाइलेंट एनिमल्स कौन से होते है
38:33जो आपको नुकसान पहुचा सकते हैं
38:35जीसने तरीके से मैं आपको तेन दुद्वा दिखा रहा हूं
38:51सब सीख लिया सब सीख लिया
38:54मैं परीक्षा भी लों तो उस परीक्षा में भी आपके नमबर आ जायाएं
38:57परीक्षा में विकल पागे A, B, C D, E
39:00और उसमें पूछा इसमें से कौन-कौन से हिंसक पशू है
39:04और आपने बिल्कुल टिक कर दिया
39:08ये सब हैं और आप बहुत खोश हो गए
39:11और आप कहरें आप जो सिखा रहे हो तो सब हमने सीखी लिया है
39:14अब हम पूरे तरह से समझ गए हैं
39:16अब हम आपके साथ चल सकते हैं जंगल में
39:18अब तो हमने जंगल में जितने खत्रे होते हैं
39:22आपके साथ सीखी लिये हैं
39:24तो हम जंगल में जा सकते हैं बिल्कुल बे खटके निरापद कोई समस्या नहीं आएगी
39:28और मैं आपका मू तकता हूँ
39:30क्यों मू तकता हूँ
39:31क्योंकि मैंने देखा है
39:33क्या आप यहाँ से बाहर निकलते हो
39:34और भेडिया घूम रहा है
39:39भस भेडिये ने
39:41या तो कॉर्पुरेटे कपड़े पहन रखे
39:43या धार में कपड़े पहन रखे
39:44तो आप जागर के उसको इज़त दे रहे हो
39:48और धार में कपड़े पहन रखें तो आप जा करके उसका चर्ण सफर्ष कर रहे हो
39:53अगर जो मैंने सिधानत आपको यहां सिखाए आपने सीखे होते तो बाहर के आप यह वेवार कर रहे होते
40:01यहां आप कहते हो कि आप सब सीख गए कि माया क्या होती है और कैसे कैसे नुकसान पहुंचा सकती है
40:09और मैं आपकी जिन्दगियों को देखता हूँ तो उसी माया को आपने अभी भी गले लगा रखा है तो मैं आप पर भरोसा करूँ फिर
40:16बीच बीच में कम्यूनिटी में ही कोई आ करके लोकधर्म का कोई मुद्धा कम्यूनिटी पर डाल देता है
40:28कभी यो फिल्म से संबंदित हो सकता है कि कोई फिल्म आईए उसके बारे में कुछ लिख दिया
40:32कभी किसी बाबा संबंदेत, कभी किसी राजनेता से संबंदेत, कभी किसी political party संबंदेत, कभी कोई नया product launch हुआ है, market में उसे संबंदेत
40:41माने ऐसी चीज़ जो दुनिया में चल रही है, ये दुनियादारी की कोई बात ला करके community पे कोई डाल देता है
40:46और वहां आपके जो जवाब आते हैं उनका गीता या मुझसे कोई लेना ही देना नहीं होता
40:52वहां आपके जवाब आते हैं आपकी ही पुरानी माननेताओं से
40:56आचारी जी ने भली सिखाया होगा कि भेडिया घातक होता है
41:00पर भेडिया तो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है और बहुत पुराना दोस्त है और मुझे परमपरा में सिखाया गया है कि भेडिया अच्छा होता है
41:07तो मैं तो भेडिये को अच्छा ही मानूँगी
41:08भले आचारी जी ने बता दिया होगी भेडिया कितना गड़बड है
41:11मैंने बता दिया भेडिया गड़बड है
41:13एक्जाम में भी भेडिया गड़बड है लिखके आपने नंबर ले लिए
41:16पर जिंदगी से तो भेडिया आप नहीं निकाल पा रहे हो
41:18ना अपने धर्म से भेडिया निकाल पा रहे हो
41:22ना अपनी पॉलिटिक्स से भेडिया निकाल पा रहे हो
41:24ना अपने कंजम्शन से भेडिया निकाल पा रहे हो
41:28तो मैं क्या भरोसा गरूँ आप पर
41:32जब भी कोई विवादास्पत पोस्ट डल जाती है कम्यूनिटी पर
41:48क्योंकि उस post के नीचे लोग आ आके अपने जो जातिगत पूर्वागरह होते हैं धर्मगत पूर्वागरह होते हैं संसकारगत पूर्वागरह होते हैं राजनीतिगत पूर्वागरह होते हैं वो सब वहां आके उड़ेलना शुरू कर देते हैं और उसमें ऐसे ऐसे लोग भी
42:18और इतिहास का तुहारा जो फेवरिट केरेक्टर है उसके बारे में वेदान्त ने कुछ और बता दिया तो तुम भड़क गए कि नहीं इससे तो जो मेरा जातिगत और समुदायगत और शेत्रगत अहंकार है वो चोट खाता है तो मैं अब यहाँ पर आकर के नारी लगाऊं�
42:48मुझे तो अभी यह भरोजा नहीं है कि कल को मेरे उपर कोई आक्षेप लगता है तो आप मेरे साथ खड़े भी रह पाओगे
42:54तो आक्षेप ऐसे ही लगए गि आप keeping पुराने संसकार बिलकुल तिल्मिला के खड़े हो जाएं
43:09आप सब भूल जाओगी कीता विधान तोंगे सब भूल जाओगे आपको बस आपके पुराना इतिहास और संसकार यही याद रह जाएंगे
43:17आपको आपका पूरा लोगधर्म यही याद रह जाएगा
43:20इसका समाधान क्या है मुझे नहीं पता
43:27कितने हो के टेस्ट लूँ, कैसे टेस्ट लूँ
43:32ऐसा टेस्ट तो सब्जेक्टिव होगा
43:34मैं 20, 40, 50,000 लोगों का सब्जेक्टिव टेस्ट लूँ
43:39सब्जेक्टिव समझते हो न, फिर ओनलाइन नहीं हो सकता
43:42फिर किसी व्यक्तिक को बैठके परखना पड़ेगा एक एक को
43:45एक समय था जब मेरे पास समय था मैं एक एक को बैठके परख सकता था
43:49आज मैं एक एक को बैठके कैसे परखूँ
43:51और परखने की कीमत भी होती है
43:53परखा और जिसको व्यक्तिगत रूप से परखा वो ठीक नहीं निकला
43:56तो फिर वो आपके प्रति व्यक्तिगत दोएश ले करके जाता है
43:59वो कहता है इन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से परखा
44:03इन्होंने मुझे विक्तिगत रूप से खारिज किया
44:05तो अब ये विक्तिगत रूप से मेरे दुश्मन हो गए
44:07जहां मैं विक्तिगत रूप से कुछ नहीं भी कर रहा
44:11लोग मुझसे वहां भी विक्तिगत दुश्मन ही रख रहे हैं
44:13अब मैं विक्तिकत रूप से यह आपको पर्खूँ और आपको रिजेक्ट कर दूँ तो आप क्या करोगे फिर
44:18और रिजेक्ट तो बहुत होंगे और जितने रिजेक्ट होंगे यह बाहर जाके अपनी अलग संस्था बना लेंगे
44:23पता नहीं वहाँ से क्या करें चड़ाई कर दें
44:27जिस दिन मुझे आप पर भरोसा आ जाएगा उस दिन जो होना है वो मैं खुद ही करूँगा आपको मांग नहीं करनी पड़ेगी
44:38बिलकुल ऐसा हो सकता है मुझे आप पर भरोसा आ जाए तो मैं आपके घर टिकेट भेज़ दूँ आजओ
44:45बिलकुल हो सकता है टिकेट छोड़ दो ये भी हो सकता है जो जानते हैं जिनकी आप बात कर रहे हो मैंने जाकि उनके घरों से उठाये हुए है उनको
44:53मुझे जिस पर भरोसा आ जाता है जिसको मैं अपना लेता हूँ
44:57वहाँ फिर मैं कोई सीमा नहीं रखता
44:59लोगों गरों में घुसके चलो
45:01बैठो फिर पीछे से कोई फोन करता रहे
45:03पुलिस करता रहे कोई फरक नहीं पड़ता हम देख लेंगे
45:05देकिन जब नहीं भरोसा है तो मैं कैसे कह दूँ कि
45:09नहीं ऐसा है वैसा है कुछ नहीं
45:11आप अभी क्या सधार्ण प्रक्रियाई भी समझते हो
45:17आप मेरे पास इसलिए आपाए क्योंकि आप मेरी बात सुन पाए
45:21सुन पाए लिसनिंग थी तब ही आपाए
45:27जिसको ऐसा कर दो गया आपकी वो मेरी बात अब सुन ही न पाए
45:34दुश प्रचार करकर के अगर किसी को ऐसा कर दिया आगया वो मेरी बात सुनी नहीं सकता हो
45:40कभी आएगा मेरे पास
45:41आएगा क्या
45:45पर उस दुश्प्रचार का अगर कोई उत्तर भी जेने जा रहा था तो संस्था में सैकड़ों लोग थे जिने वड़ी समस्या हो गई थी
45:52नैतिक समस्या
45:54हम क्यों है ना हमसे बात करिया चारे जी और कोई अब क्यों आया आपके पास
45:59हम आ गए ना हमने बस की सारी सीटे हमने घेर ली है और कोई क्यों चड़े अब
46:04जब अभी आप पूरी प्रक्रिया ही नहीं समझ रहे हो कि हम क्या कर रहे हैं और किस तरह से कर रहे हैं
46:11तो आपको बहुत भीतर लाने में गड़बड हो जाएगी आप समझोगे ही नहीं कि हम क्या काम कर रहे हैं और आप पर न जाने क्या प्रभाव पड़ जाए
46:19आप तो ये तक नहीं समझते कि ज्यादा तर लोग एक तो ये कि मिशन के पहलने के लिए ज़रूरी है कि पहले कोई बात सुने दूसरी बात लोग बात नहीं सुन पा रहे हैं उसका कारणी यही है कि बहुत ज्यादा दुश्प्रचार हुआ है और उसके आईएगी एक और
46:49ज्यादा तर लोग ये वही हैं जिनके घर का कोई न कोई सदस्य मुझे सुन रहा है उन्हें यही समस्या और इसलिए उन्होंने अब कसम खाई है कि
46:58अब ऐसे ही सोचो
47:02एक आदमी है साधारण जैसा चलता है लोगधार्मिक परिवार वो अपनी पत्नी से साधारण तरेकाई संबंद रखता है जिसमें शोशन भी है जिसमें भून हत्या भी है जिसमें दहेज भी है जिसमें सब कुछ है
47:16पत्नी मुझे सुनने लगती हो खड़ी हो जाती हो कहती है कि यह सब अब नहीं चलेगा
47:22यह जो पत्ती है यह मेरा कटर दुश्मन अब बनेगा कि नहीं बनेगा
47:28तो मुझे कोई गाली भी दे रहा है तो इसलिए नहीं दे रहा है कि उससे मुझसे कोई विक्तिकत समझते हैं, मुझे गाली भी इसलिए दे रहा है क्योंकि मैंने आपको बचाया है
47:35बहुतों को तो अभी यह तक नहीं समझ में आता
47:39मैं उन्हें अपने कितने निकटाने दूँ
47:41आप लोग आधा तो मुझे भी बाबा ही मानते हो
47:46अभी आप पहले समझते लो मैं हूँ कौन
47:50नोट्स बना लिए उसने सारे देखिए
47:55हम बताईगे
48:06कविता रहन दूटा पोस्ट कर देना बहुत अच्छा है
48:16कोई दिक्कत नहीं है अभी
48:19कभी तो मैं खुद ही था जिंदगी कविता बना लो
48:24जिंदगी को कविता बना लो
48:26एक समय था जब मैं सोचता था कि
48:32कविता को ही जिंदगी बना लूँगा
48:34मुझे कभी ही बनना था
48:37फिर जिंदगी कविता बन गई
48:40बस बढ़ी है अच्छा है
48:45जिंदगी को कविता बना लो जो लिखा है न उसको जीओ
48:48येई जाक्तो
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