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  • 1 day ago

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00:00जब पहले बहुत गल्पियां की तो जब मुझे रियलाइज हुआ कि मैं बहुत गलत करी शुद्रताओं का और दर्टी हुआ
00:06पिर आप के लिए आपकी बाते शुद्टी और जैसे अपने पर उतारा लाई हुआ
00:11वैसा नहीं रहा मतलब अपने कार सा आ गया है
00:14आप एक रास्ते पर जा रहे हुआ आपको इधर उधर से बुलावे आ जाएं तो इसमें कोई खास बात क्या है
00:19जैसे कोई पीछे लगा अपना माल बेचने के लिए ऐसे ही घटिया माल बेचने है वाले मिल जाते है न कई बार
00:24अब आपके पीछा ही लग गगया है ये ले लो ये ले लो अपना वो पणंध एनी रहे है आपके भी बोल रहा है नहीं चेह क्या करोगा तो वह प έχला दिखा क्या दिखा तो भा… berminat नहीं में दिखा रहा था ना समझा तो ये दिखा रहे था ना heißt ।ो ये दिखा रहे था
00:54चरनेस परशाचार जी
00:56जी कहें
00:57अवाद आ रही है
00:59आ रही है बुलिये
01:01जी अजार जी मेरा सवाल ये था
01:05जैसे जब पहले
01:06मैंने मतलब बहुत गल्पियां की
01:09तो जब मुझे रियलाइज हुआ
01:11कि मैं बहुत गलत हूँ
01:12करी शुद्रताओं का और गल्पियों का
01:14तो फिर उस टाइम मैंने
01:16काफी जादा कोशिश की
01:17मैं सही हूँ अच्छा हूँ ठीक है
01:19पिर आप मिले आपकी बाते सुनी
01:21और पिर जैसे पुंजीदों को अपने उपर उतारा
01:24लाइक में वो समझ मैं है कि जो चीजे
01:25पहले वेंदिंग की थी तो सब टाक रहते एक ठीक है
01:28तो वो गल्पियां जैसे अब इतनी बड़ी गल्पियां
01:31और लखील भी नहीं होती है
01:32और उनका जो गिल्ट था और जो उससे उठा
01:34जो समर्बन था आपके ब्रती
01:36और जो समझ रहे हैं ऐसा था
01:38तो वो अब वैसा नहीं रहा
01:41मतलब अब अब नया एहंकार सा आ गया या कुछ
01:43तो ये हमेशा कैसे सही कर रहे
01:46और वैसा ही रहे जैसा पहले हुआ था उस पाइम
01:51भविश्य के लिए कोई आश्वासन मत मांगो
01:57जो अभी चल रहा है ना इस पर पूरा ध्यान देते रहो
02:00ये ठीक रहेगा तो भविश्य औगरा की चिंता की जरूरत नहीं पड़ेगी
02:05मतलब जो शुद्य समर्पन होता है नहीं जो
02:11तो बस इसी बात पर ध्यान दो कि ध्यान नहीं दे रहे हो इस बात को देखो गौर से कि क्या चल रहा है
02:27उस बात को गौर से देखे बिना भविश्य में कोई इलाज मांगोगी कि गड़बड ना हो जाए आगे तो गड़बड तो हो जाएगी
02:35जो कि गड़बड हो गई है अभी ही हो गई है तो अभी जो चल रहा है उसको ध्यान से देख लो
02:43अगर अभी इधर उधर मन भटक रहा है
02:46और चीज़ें हैं जो खीच रही है
02:49तो फीक है जो चीज़ें खीच रही है
02:51उन पे जिग्यासा कर लो
02:52हाँ बहुत विशेश बात नहीं है
03:06और कोई बहुत अनुहूनी बात भी नहीं है
03:08ये सबके साथ होता है
03:10आप एक रास्ते पे जा रहे हुए आपको इधर उधर से बुलावे आ जाएं तो इसमें कोई खास बात क्या है
03:17जो बुलावे आते हैं उनसे बात कर लेनी चाहिए ना हाँ जी आपने बुलाया फरमाईए क्या दे रहे हैं आप
03:26कितने बुलावे आते हैं इतना टाइम पास हो जाता है पर तो जिग्यासा में नहीं समय लग रहा है फिर तो तुम वो जो दावाते उसको स्विकार कर लेते हो तो उसमें टाइम लग जाता है
03:50मैं कह रहा हूं स्विकारने से पहले क्या करना होता है तो में कोई आमंतरन आएगा ये तो देखोगे कि कौन बुला रहा है कहां बुला रहा है और क्या खिला रहा है ये दो तीन चीज़ें पूछी जाती है ना किसी का आमंतरन स्विकारने से पहले किसने बुलाया क्यों ब
04:20कोई है जो प्रक्रति की और भागता रहता है किसी चीज़ को देखा उसकी और भागा ठीक है उसका मन है उसको लग रहा है उदर कुछ है विशेश उदर को जाना चाहता है हम क्यों उसको पहले से ही मना कर दें पर हम जिग्यासा दो कर सकते हैं न कि जी सहाब बताईए क्या न
04:50तो ठेंडा हो जाता है
04:52जो अभी दिखा है वो
04:54दस बार पहले दिख चुका है
04:56और दस यहां
04:58निशान बने हुए है
04:59मतलब साफ है
05:02जितनी बार
05:05कुछ दिखता है उतनी बार एक निशान
05:06यहां छोड़के गया है कि हाँ
05:07गया रहुआ भी चाहिए क्या
05:11अपने आप से ही सब बाते करनी होती है
05:15बात करें बिना अगर आमंत्रन अस्वीकार कर दोगे तो भीतर कसक रह जाती है
05:30लगता है जैसे दमन करा, सप्रेशन हो गया
05:35सप्रेशन की कोई बात ही नहीं
05:37आप साफ साफ पूछो हाँ बताओ क्या है
05:41कैसे कोई पीछे लगाओ अपना माल बेचने के लिए
05:51ऐसे ही घटिया माल बेचने वाले मिल जाते हैं न कई बार
05:54अब आपके पीछे ही लग गया है ये ले लो ये ले लो अपना वो
05:57बोरा लेकर आपके पीछे लग गया ये ले लो ये ले लो ये ले लो
06:01खटी है नहीं रहा है आप कुछ भी बोल रहा है नहीं चाहिए बाबा उसने भी तैकर लिया है कि यह मुरगा मोटा है
06:08इसको तो फासना है तो क्या करो को वे नहीं दिखा क्या दिखा रहा है
06:13अच्छा बता है क्या होगा इससे कैसे होगा
06:17समझा हैं क्या चीज़ है नहीं डूसरा झातंगल नहीं देखा नहीं हैha तो यह दिखा रहा था ना समझा
06:28था कर थीक है मत लीज़य बाद में लोगा समझा अच्छा जाने तो तीज़ने झाने नी दूऊ समझा
06:34उसको बस यही बोलते रहो
06:37कि हट जा हट जा हट जा तो हटते ही नहीं है
06:39वो चिपक जाते हैं यही करते न
06:40वो चिपक रहा है जब चिपक रहा हो तो फिर
06:43बात ही कर लो
06:44नहीं बता न वो बोल रहा है माला ले लो
06:47कहे की माला है यह
06:48क्या होता है माला से
06:51पहली बात तो जिस चीज की बोल रहा उसकी है नहीं
06:55हम भी जानते हैं इसको परक्ये देख लिया
06:57इस माला से हजारों लोगों को लाब हुआ है
07:10अच्छ हजारों को लाब हुआ चूँ ठीड़ है
07:14तो किसने दिंसे एक खाम कर रहा है बेचने का
07:16जी दो साल से कर रहा हूँ
07:17दिन में कितनी बेच लेता है
07:20जी कहां दिन में बेच पाता हूँ
07:21जूर आप जैसे कदरदान तो
07:22मतलब मोटे मुरगे तो
07:24तीन-चार दिन में एक मिलते हैं
07:25तो तीन-चार दिन में एक बेच पाता हूँ
07:27अच्छा तू दो साल से बेच रहा है, दो साल में दिन कितने हुए, 730, चार दिन में तू एक बेच पाता है, इसका मतलब तू 200 भी आज तक नहीं बेच पाया है, और तू अब भी मुझे क्या बोला, कि आज तक 1000 माला ही बेच तू काओ, कैसे बोल दिया तूने, पुरा सवा
07:57कितने है, और को में घड़ा थाफ, टू शील को
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