00:01उससस आप से धर में तालमेल नहीं बैठ रहा है उनका ऐसा केना है
00:04कि तुम पहले जीते ते उसमें बहुत अंतर आ गेते हूं
00:06पुरे टाइम तुम गीता सात्रों में कभी वीडियू ही सुनते रहते हूं
00:09तो सर मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं जीवन जी रहा हूं कि मैं खाप रहा हूं को समझ में नहीं आ रहा है
00:39और यह कहानी हर घर की है और यहीं बात है इसकी वजह से शायद मेरा काम बहुत आगे तक नहीं बढ़ पाएगा बहुत डर्पोख लोग हो याराब
00:48स्वयम क्रिष्न खड़े थे पांडवों की ओर और युद्ध शुरू होने से पहले ही पांडव हार गए थे अर्जुनी भग गए थे सच की कोई जीत होने वाली थी सच नहीं जीतता संकल्ब जीतता है
00:57अचर जी प्रेडम सर मैं हमदाबस से आया हूं सर पहली बार सर आपसे प्रस्न कर रहा हूं सर आपको में लगों चार साल पहले से सुन रहा था और उसके बाद सर अभी गीता सत्रों से एक साल दो महीने से आपसे जुड़ा हूं
01:16सर जीवन में बहुत बतलाव आया हैं सर जैसे कि मुझे दिखने लगा सर कि ये पसु की जो हत्याएं वगरा हो रही है उसका सीधा सीधा संबंद हमारे दूद दही इन सब से है जो हम खा रहे हैं पी तो अभी तीन महिने से वो भी छोड़ दिया है घर में बहुत फॉर्स क
01:46है अंदर और जब उन मानेताओं के सबसे नहीं जीता हूं जैसे कि आप बताते हैं कि हमारे ज़्यादातर कर्म अतीत से ही हो रहे हैं क्योंकि हम अतीत में कुछ सोचते हैं कि हम ऐसे जीते थे और उससे आप से फिर पेटरन हमारा चलने लगता है तो वो दिखता है सर लेकि
02:16तालमेल नहीं बेठ रहा है सर, ना पत्नी के साथ, हाला कि पत्नी भी गीता सत्रों से जुड़ी है, उनको अभी दो-तिन महीने ही हुए है, पर उनका ऐसा कहना है कि तुम पहले जीते थे उसमें बहुत अंतर आ गया है, तुम पहले जैसी बाते नहीं करते, तुम दूर-दू
02:46और सर, ये बहुत अंदर से पीडा से होती है सर, तो मैं अपने आपको सर, खुश नसीब मानता हूँ कि आज ये क्वेश्चन करने का मुखा मिला आपसे
02:57ये आपके घरवाले और पत्नी बधाई के पात रहें, जूट के प्रति ही सही उनमें इतनी निश्ठा तो है कि वो अड़े हुए हैं, आप तो तूटने को तयार खड़े हो, मैं तो उनको बधाई दूँगा कि वो उनकी जो भी हालत है, जो भी उनकी माननेताएं है, हिसा�
03:27देखिये थाब, दम देखिये, हम जूट पर हैं, और जूट पर ही बैठे रहेंगे, हिलेंगे नहीं, आप पूरी तरह से काप रहे हो, हिल रहे हो, वहीं जीतेंगे.
03:40सर, कही बार ऐसा होता है, कि उनका ऐसा बुलने के बाद, फिर मैं यहां सब चीज नहीं बूल सकता, मतलब कही बार ऐसा होता है, सर, कि मैं फिर वापिस उसी जगे पे चला जाता हूँ.
03:53वो ज़्यादा मजबूत हैं, वो आपको खीच लेते हैं.
03:56और यह दिखता भी है, सर, कि मैं गलत जगे यह अपना समय लगा रहा हूँ.
04:01अपने अपनी निष्ठा, अपने अपने प्रेम की बात होती है, वो अपने केंदर पर इतने अडिग हैं, कि आपको आपकी जगे से उठा की उधर खीच लेते हैं.
04:10और आपका अपने केंदर के प्रते, ना संकल्प है, ना सम्मान है, आप उन्हें अपनी और नहीं खीच पाते हैं?
04:18नहीं, सर, मैंने उनको गीता सत्रों में भी जुड़ा हैं, सर.
04:22तो ऐसे ही होता है, बहुत लोग करते हैं, किसी का नाम रखके उसका दो-चार सर रुपे रख दिया, इससे जुड़ थोड़ी जाता है, इससे कोई.
04:30सर, उनके उपर बच्चों का भार है, सर, वो पूरे टाइम बच्चों को लेने जाना, छोड़ने, फिर बात में, एक बच्चा गिर्केट शेलता है, और लड़की मार्सलाट्स में, फिर ट्यूसन वगेरा जाना, लेने आना, वो सारे कांब हो गया, 24 घंटे होते हैं दिन म
05:00जो आपको तोड़ने को आतुरे क्या हो, बताएंगे कि आप श्रीमान जी हैं, पतिदेव जी हैं, आप दिन में 12 घंटे काम करते हो, वो ये नहीं गिनाएंगे, पर आप गिना रहे हो, क्रिकेट मार्शलाट जाना होता है, घंटा यहां लग जाता है, डिल घंटा वहां ल
05:30मतलब मैं यहां तक दिख रहा है, सर आप जो बोलते ना सर की एक इस्तिती ऐसी आजटी की जहां पर आप आप आगे बढ़ते हो, उसके बाद में फिर पीछे हटने का मन करते हैं, कि मतलब यहां तो सब…
06:00किसी और के प्रभाव में आ गए हो मन कुई और है आप ही मनों बोलो फैसला ले रहा हूं
06:13तो सर इसमें मैं अडिक तेसे रह सकता हूं मैं तो चाहता हूं कि आपके घर वालों की जीत हो और जीत के तोफ़े के रूप में आपको भेट दी जाए ये लिजिए ये रही भेट
06:30आपको तोफ़े में अर्पित कर दिया जा जीतने वालों को
06:36जो संकल्पित होगा वो जीतेगा जिसकी निष्ठा होगी वो जीतेगा आपकी तो नहीं दिख रही
06:42जिसकी है उसको ही जीतना चाहिए और आपको जीत की टरॉफी के रूप में
06:48में हमें भेट कर देना चाहिए मधाई हो घरवालों आप लोग जीत गए ये लिजे ट्रॉफी
06:54सर अभी एक चीज़ और खहना चाथा था आपसे कि जैसे मैं चौप करता हूं सर डाइग्नोसिस लेब में में ताम करता हूं वहाँ डॉक्टरों को मिलना होस्पिटल में जाना तो मेरे जो सहपाटी वगरा होते हैं उनसे भी मैं गीता सत्रों की बाते करता हूं उनको कोसिस क
07:24तो वो सब क्या है सर कि उत्तरप्रदेश मतलब बाहर साइट के मतलब गुजराती नहीं है सर क्योंकि गुजराती लोग इंट्रेस्टी नहीं ले रहे हैं सर गुजराती लोगों को यह लगता है कि गुजराती में नहीं बोलते आचारी जी मुझे समझ में नहीं आती किताबे
07:54मैं क्या सेवा कर सकता हूँ
07:58नहीं नहीं सर
08:00मैं क्या सेवा कर सकता हूँ
08:01प्रियास कर रहा हूँ सर लेकिन
08:03मैं उसमें सफल नहीं हो पा रहा हूँ
08:04यह कह रहा हूँ
08:05मैं यहीं सेवा कर सकता हूँ
08:08आपको दो टूक बता दू
08:09आपके उपर आपके चेहरे पर पुता हुआ है
08:13सौ तरह की विवश्टाइं आपने पाली हुई है
08:15पचास तरह के स्वार्थ पकड़े हुए है
08:17कमजोरी को आप दिन रात दाना पानी डालते हो
08:21ऐसे से नहीं होता
08:23ऐसे नहीं होता
08:31कल रात को हमें पता चला
08:36हमारा ही संस्था का एक विभाग था
08:40हुआ चला वहाँ पर
08:43कुछ अनियमित चल रहा था
08:46जो नहीं होना चाहिए वो हो रहा था
08:49उसमें यह भी पता चला कि
08:51नुकसान बहुत हो गया संस्था का
08:53क्या करा हमने
08:57मैं सुबह साथ ब़ह तक जगा हुआ था
08:59चार लोगों के साथ एक के बाद एक साथ ही बलकि
09:05वहाँ बैठक चलती रही हमें दिखाई दिया
09:09कुछ गलत हो गया है कुछ गलत हो गया हमने हाथ के हाथ
09:13कदम उठाए नीती बदल दी और आज आज में हम उसका परिणाम भी ले आए
09:17ये रोने का अड़ा थोड़े ही है
09:20हम जिन समस्याओं का सामना करते हैं उसके बाद कोई ग्रहस था कर बोले
09:31उसकी जिन्दगी में समस्या है तो चुटकले ऐसी लगती है
09:34क्या समस्या है वो बच्चे को मार्शाल आर्ट लेके जाना है
09:38यहां लाखों जिन्दगीयां हम पर आश्रित हैं आप अपने बच्चे की बात कर रहे हो
09:43और आपको वही बहुत बड़ी बात लग रही है आपके चेहरे पर मजबूरी पुती हुई है
09:47यह तो कुछ भी नहीं है
09:50सीधी सी बात यह है फिर बोल रहा हूँ शुरू महीं उत्तर दे दिया
09:56घरवाले जैसे भी है उनका अपने केंद्र के प्रति बड़ा समर्पण है
10:03जो भी उनका केंद्र है
10:06और आपके पास होगा उँचा केंदर लेगन उँचे केंदर के लिए आपके पास समरपड नहीं है
10:12गीता में कृष्ण अर्जुन को बहुत उलाहना देते हैं एक जगए
10:17वो कहते हैं कि जितनी ताकत और जितनी निष्ठा और जितने संकल्प के साथ
10:25सब अधर्मी लोग अधर्म का पालन करते हैं
10:28तुम उतनी ताकत के साथ धर्म का पालन करते हैं नहीं दिखाई देते
10:32अधर्मी के पास अधर्म के लिए बहुत तगड़ा संकल्प है
10:37वो कहा रहा है जान दे दूँगा यहां से नहीं हिलूँगा
10:40कृष्ण को उधार देना पड़ता है अर्जुन को बोलते हैं अर्जुन उनको देखो वो अधारम के साथ है फिर भी क्या अड़े हुए है और तुम खुद को देखो गिरे जा रहे हो मैं नहीं लड़ूंगा मैं अब स्वजनों पर आगहात कैसे कर दूँ मेरा गांडीव ग
11:10अधर्म की रक्षा के लिए आप हार हो गए आपका कुछ नहीं हो सकता आप डटे हुए नहीं हो जीता वो नहीं है जो धर्म के साथ होता है धर्मों रक्षती रक्षता यह सब बाद की बाते हैं जीता वो है जिसके पास संकल्प होता है अधर्म के पास संकल्प होगा तो अ
11:40संकल्प जीतता है, संकल्प अगर जूट के पास होगा तो जूट भी जीत जाएगा
11:44और दुनिया में यही चल रहा है, जितने जुटे हैं, और बेइमान हैं, और अधर्मी हैं, वो सब तकड़े संकल्पित हैं, और वेवस्थित हैं
11:56जान लगा रखिये उन्होंने अधर्म के पक्षमे और जो ड्रम के पक्षमे उइसे ही आपको
12:05नहीं बोल रहा हूं। आपको भी बोल रहा हूं।
12:20नहीं बोलती है, तुम जैसे था वैसी टójाऊंज हो गुसे, रहते हो यहां घुसो
12:26आप क्यों नहीं कुछ बोल पाते हैं या गीता माने होट सिल जाते हैं आप क्यों नहीं कुछ बोल पाते हैं और मैं फिर कह रहा हूं मैं मुरीद हो रहा हूं उनका मैं बधाई दोंगा उनको उनका संकल्ब देख रहा हूं वो यहां होती है तो उनको पधाई देता है कि आप
12:56करना चाहा रही है कम से कम उसकी रक्षा में प्रतिबद्ध है वो नहीं फर्क पढ़ता हो किस चीज की रक्षा कर रही है हम क्या सकते हो गलत चीज की रक्षा कर रही है और प्रतिबद्धता के साथ कर रही है और आप जिस भी चीज के साथ हो भले ही वो चीज भगवत गीता ह
13:26बुरा लग रहा ना लगना चाहिए और ज्यादा लगना चाहिए
13:33वो कह रहे हैं तुम मेरे जैसे हो जाओ आप क्यों नहीं कह पा रहें तुम मेरे जैसी हो जाओ
13:42और दो मेंसे एक को तो चीतने ही पड़ेगा है तो यह युद्धी
13:46या तो आप उनके जैसे हो जाओगे या वो आपके जैसी हो जाएंगी
13:50आप कहरो मुझे भारी दुख लगता रहता है कि मुझसे कुछ छूट रहा है
13:57आपसे जूट छूट रहा है तो भी आपको दुख है उनसे सच जूट रहा है तो भी उनको दुख नहीं है
14:03मैं तो बधा ही दूँगा उनको
14:21मुझे भी सुनाने चले आए
14:23यह सर
14:24आप जो बाते बोलते हो यदि आप बोल पाते हो तो आप जो बाते बोलते हो वो कहीं जा करके सुनाती है किसी को क्यों कि कहती है कचरा बात है इसकी क्यों सुनाओं किसी को और आप उनकी बात ले कि मुझे सुनाने चले आए मैंने उनको बोला कि गीता सतरों में जोड़ो लो
14:54उन्होंने जो बोला उस बात में इतना दम था कि उसको महावाक्य की तरह आप ले आए और मुझे भी सुना दिया
15:05और आप उनको गीता तक नहीं सुना पाए
15:09या आपने सुनाई भी तुरोंने का दूर हटाओ कच्रा
15:12घजब का दम है सचमुझ दम है
15:17और यह कहानी हर घर की है
15:24और यही बात है जिसकी वजह से शायद मेरा काम बहुत आगे तक नहीं बढ़ पाएगा
15:32बहुत डर्पोख लोग हो या रहा आप
15:35जुनजला जाता हूं मैं बहुत बार
15:47काश की आपकी पत्नी जैसे हैं वैसे आप होते दमदार संकल्पित
16:07क्या गजब का दम है क्या समर्पन क्या प्रतिपधता है उनकी
16:17कि अपनी लाइव लोकेशन भेज रही हूं अचार जी लपक लेना
16:32कि इससे अच्छा तो मैं ही अपने काज बच्चे प्यादा कर लेता हूं
16:47फिर बोल रहा हूं जीत सच की नहीं जीत संकल्प की होती है
16:54जिसके पास संकल्प होगा वो जीतेगा
16:59स्वयम क्रिश्न खड़े थे पांडवों की ओर और युद्ध शुरू होने से पहले ही पांडव हार गए थे अर्जुनी भग गए थे
17:12सच की कोई जीत होने वाली थी सच तो सीधे सीधे हारने को तयार खड़ा था
17:18सच नहीं जीतता संकल्प जीतता है संकल्पित तो दुर्योधन था
17:25नालायक हूँ बेइमान हूँ पर जैसा भी हूँ अड़ा रहूंगा
17:32जीतता तो वही है जो अड़ा रहता है
17:38रावण का जीवट देखिए ना राम सामने खड़े हो
17:44इसलिए जीतता है रावण
17:53अंत में भी उसने करीब करीब हाथ मारी दिया था
17:59लक्षमन को तो लगी गई थी शक्ति
18:02आधा रास्ता तो तैही कर दिया था
18:05राम और लखन में से लक्षमन को तो अपने रास्ते से हटाई दिया था लगभग
18:10ठसक संकल्प नहीं जुकिते
18:18नहीं जुकते
18:21और क्या
18:23बात है कुदरत की
18:26कि
18:26जो सीधे सीधे जूट के साथ
18:29खड़े हैं वो कह रहे हैं
18:31नहीं जुकते और जुकते भी नहीं है
18:33और जो मेरे साथ हैं गीता के साथ हैं
18:35उनको यहां पर रॉट लगानी पड़ती है
18:39कि किसी तरह सीधा हो जाए मामला
18:41अरे भाई
18:43यह जो दोस्त हैं आपके जने
18:53हिंदी नहीं समझ में आती
18:55तो उन्होंने फिर मिताब बच्चनी तो कोई फिल्म देखी है नहीं होगी
18:58सलमान खान की कोई फिल्म नहीं देखी होगी
19:01जिकनी चमेली पर नाचे भी नहीं होगा यह शादी में
19:05हिंदी तो आती ही नहीं उनको
19:06जो पूछ रहा हूँ बताईए ना
19:14फिल्म नहीं देखते न वो
19:15कैसे
19:16अम हिताब गुजू हो गया
19:20कैसे देख ली
19:24और मैं जो हिंदी बोलता हूँ आपसे
19:26वो बिलकुल वैसी रहती है
19:28संस्क्रिट पधान
19:29बोलो जल्दी बोलो नहीं समझ में आएगी
19:34बात गुजराती भाषा की है
19:38पर आप उनके प्रतिनिधी बनकर
19:46माउटपीस बनकर मेरे सामने उनकी बात रखने आ गए
19:50कि वो तो देखिये किताबें
19:54कैसे पढ़ेंगे आपका सेशन कैसे सुनेंगे
19:58सैकड़ों में नहीं हजारों में लोग हैं गुजरात से हमारे पास
20:03इसी गीता कम्यूनिटी में
20:06गुजरात से हैं बेइमान नहीं है
20:11बात गुजराती होने की नहीं है
20:14बात इमान की है
20:22यहाँ भी कोई हो सकता है और गुजरात से
20:24वो लो वो देखिए
20:25हेलो
20:28क्या भाई हिंदी नहीं आती है उनको आप में संकल्प नहीं दिख रहा है उनको आप में कमजोरी लाचारगी और स्वार्थ दिख रहा है
20:52और आप मेरे प्रतिनधी बन कर खड़े हो तो आपके माध्यम से मेरी छवी भी धूसर हो रही है
21:01मैं आग रखता हूँ कि नहीं ये आपकी रोश्नी से पता चलता है आप यहां आए हो ना आपने मुझे स्पर्श करा है
21:16तो आप प्रदीप्थ हुए कि नहीं इस से लोग अनुमान लगाते हैं कि आपकी जिंदगी में कितनी रोश्नी है ताकत कितनी है
21:25ताकत की जगए आप लुचर पुचर रेंगोगे तो कौन मेरे पास आएगा
21:29मेरा तो पूरा संदेश ही बलका है
21:32और बहाने सब बना देगे कोई बोल देगा भाशा का बहाना है कोई समय का बहाना बोल देगा
21:40कोई कुछ और मेरा विरोध करने के लिए कारणों की कमी है क्या
21:45एक हजार एक कारण निकल आएंगे मैं क्या रख अभी एक का और आया
21:58गजब है बोले ये कोई शिष्टचार की बात है कामने सौ लोग बैठे हो हजार लोग बैठे हो चाय अकेले पी रहे हैं
22:11हमारी भारतिय संस्कृति में चाय अकेले नहीं पी जाती अगर आप पी रहे हो तो सब के हाथें प्याला होना चाहिए
22:24और इससे हमें पता चल गया कि तुम फर्जी हो
22:29मुझे फर्जी घोशित करने के लिए आप एक कारण ढूड़ों 500 मिलेंगे
22:41आप उन कारणों को आके आगे ना दो मैं क्या कर सकता हूं फिर
22:48थंडी है यार वहां रखी है वो गरम गरम वहां रखी हुई है
23:08सब बैठ गए वहां से इधर आई भी नहीं
23:18मैं क्या कर सकता हूं मैं क्या कर सकता हूं मैं क्या करूं
23:25वहां पर रात में मेरा जिम ट्रेनर है वो आते हैं
23:34मेरा काम है जो बोल दिया वो करना है हो गया अब मुझे तो यही तरीका पता है बस
23:46कि अगर दिख रहा है कि कोई चीज सही है तो जो चीज सही है चुप चाप करो
23:53अब इस बात से क्या लेना देना कि दिन भर के बाद ठके हो कि क्या है कि यहां दर्द हो रहा है जो भी है क्या हो गया चड़ा दिया ट्रेडमेल पर दोड़ो ऐसा हो सकता है कि पांची मिनट में आपकी सांस फूलने लग जाए उन्होंने अगर सेट कर दिया है टाइम तो �
24:23प्रविधियां तरीके चालाकियां मुझे आती नहीं है जो बात सीधी है वो सीधी बात यहां लिखी हुई है उसीधी बात बता दी अब आप कहते हो मुझे दुख होता है कि मेरा पुराना जीवन चूट रहा है तो इसमें क्या बता सकता हूं आपको यह ऐसी सी बात है मैं
24:53क्या बोले बचारा भख यही तो जिसको देखो उसको अपनी नाकामियों कि कथा ले करके खड़ा हुआ है
25:13आज मेरी माने मेरे उपर खलता हुआ पानी फेक कर मारा
25:17और जो कमजोर से कमजोर लोग भी होते हैं न ये बहुत रोचक बात है कमजोर से कमजोर आदमी भी होगा
25:33लेकिन जब उसी कमजोरी पे प्रहार हो रहा होगा तो वो अपनी कमजोरी को बचाने के लिए बहुत मजबूत हो जाता है
25:39नहीं तो देखा जाये तो हम कहते हैं कि भारतिय मध्यम वर्ग में तो महिला बिचारी दुर्बल होती है
25:46यही तो कहते हैं खूब रोना इसी बात का रहता है
25:50सेक्स रेशियो गुजरात में भी बहुत बुरा है
25:56और गुजरात को कोई खास प्रोग्रसिव स्टेट भी नहीं माना जाता
26:00तो गुजरात में हैं एक ग्रहनी हैं कमाने वाले आप हैं
26:09तो लगेगा तो यह कि सारी ताकत आपके पास होगी पर नहीं देखो
26:13अपनी कमजोरी को बचाने के लिए हम बहुत मजबूत हो जाते हैं
26:19जो मजबूती हम किसी के खिलाफ ना दिखा पाएं
26:26वो मजबूती हम उसके खिलाफ दिखा देते हैं जो हमारी कमजोरी तोड़ने आता है
26:38कमजोरी में अहंकार के प्राण बसते हैं
26:41अंकार से उसकी कमजोरी छीनोगे
26:43तो बहुत मजबूत हो करके
26:45तुम पर वार करेगा
26:46क्योंकि उसे अपनी कमजोरी बचानी है
26:48जिस पर प्रयास नहीं करना
26:54मत करिये
26:55मैं आपकी बात से सहमत हूँ
26:56कि हर आदमी हर समय
26:58गीता के लिए तयार नहीं होता
27:00तो ठीक है
27:00पर आप अपने प्रयास की दिशा मूड करके
27:05आपने कहा और है इधर उदर
27:06उनसे आप बात करिये
27:07हार का रोना मत रोईए
27:10प्रयास निरंतर रहे बस
27:13जिसने नहीं सुनी बात
27:18अरे नहीं सुनी हम आगे बढ़ जाएंगे
27:21इतनी बड़ी दुनिया इतनी आबादी है
27:22तो मैं नहीं सुनी
27:24इसमें तेरा घाटा
27:26मेरा कुछ नहीं जाता
27:30मेरी हार नहीं हो गई
27:32दिल छोटा मत करिये
27:34मत कहिए कि बड़ा दुख लग जाता है
27:35हमें आब एठे होए हैं
27:38आज 31 तारीक है
27:40चार घंटे में ये महीना
27:42पूरा हो जाएगा
27:43कुछ नहीं तो 15,000 लोग हैं
27:45जिन्होंने अभी भी रेजिस्ट्रेशन नहीं करा है
27:47मैं उनका मातम बनाऊं या आप से बात करूं
27:49बोलो
27:51हम आगे बढ़ गए
27:52जिनको गाड़ी से उतरना है
27:56उतर जाएं
27:56हमने प्रयास करा पूरा के न उतरें
27:58नहीं मानना उन्हें वो उतर रहें गाड़ी से उतरो भाईया
28:01हम आगे बढ़ेंगे
28:04हर महीने हमारी गाड़ी
28:06पर और नए लोग चड़ जाते हैं
28:26महनत तो
28:38किसी को मजबूर करा के भी कराई जा सकती है
28:41मुझे आजाद महनत चाहिए
28:45सिर्फ महनत काफी नहीं है
28:47महनत तो मजबूरी की चीज़ भी हो सकती है
28:49गधा मजबूर होता है महनत करता है
28:51मुझे आजादी वाली महनत चाहिए
28:54आपकी बात में एक आजाद गर्जना होनी चाहिए
29:00कमजोरी की पिलपिलाहट नहीं
29:04तो यह भुजदंड ऐसे ही थोड़ी बनाए है
29:20इस्तिमाल भी करिए काद्दो को
29:23बहुत बुरी गंदी हार भी हो जाये
29:31उस समय भी खड़े ऐसे रहे जैसे कुछ नहीं बगडाया
29:38बहुत बुरी नहीं आनी चाहिए चेहरे पर
29:39किसी हाल में नहीं आनी चाहिए
29:41कौन हमारी नहीं सुन रहा ये बहुत हत्तक सयोग पर भी निर्भा करता है
29:46उससे हमारा तेज कम नहीं हो जाना चाहिए
29:55हम सही काम कर रहे हैं
30:01सच बाप है हमारा
30:02उस जैसे होते नहीं है ये आवारा लड़के तो ये पता है न मेरा बाप कौन है
30:07उन्हें जब ट्राफिक पर रोका जाता है तो ये पता है न मेरा बाप कौन है
Be the first to comment