"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!
🔹 वीडियो की खास बातें: ✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी ✅ हर उम्र के लिए अनुकूल ✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता
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00:00इतना बोल कर अनीता फोन रख देती है और निशा पुरानी यादे सोच कर खुद से कहती है
00:30निशा अपनी दोस्त को चड़ाने के लिए उसी रात जब सब सो रहे होते हैं तो फोन लेकर कमरे से बाहर रसुई में आती है और अपनी लक्शिरी रसुई देख कर काफी खुश होती है
00:40मेरी रसुई तो मेरी दोस्त की रसुई से काफी सुन्दर है अब तो मैं फ्रिज के पास दीवार के साइट चूले के पास हर जगा खड़े होकर फोटो कीच कर दूंगी उसे
01:10इतना बोलकर निशा सब जगा चूला देखती है, यहां तक की कबड़ तक खोल कर देखती है, पर उसे पूरी रसोय में कहीं भी गैस चूला नजर नहीं आ था
01:28निशा सारी फोटो अपनी दोस्त को वाटसेप कर सोने के लिए चली जाती है, और अगली सुबा जब उसकी पहली रसोय होती है, तो उसकी कमरे में उसकी सास, आशा और नंद करिश्मा आती है
01:45अरी वा भावी, आप तो बड़ी जल्दी तयार हो गई, वैसे मैं यहाँ आपका ओर्डर लेने आई थी, तो बता ही आपको क्या खाना है, क्या, मेरे खाने का ओर्डर, पर आज तो मेरी पहली रसोय है, खाना तो मैं बनाऊंगी, हमारे घर में तो चूला ही नहीं है, पिर
02:15कई सालों से हमारे घरों में चूला नहीं चला, इसलिए हम लोग बाहर से खाना मंगवा कर खाते हैं, क्योंकि घर में एक ही चूला था, मा का वो भी अब सही से नहीं जलता, और अब हमें बिना चूले के खाने की आधद पड़ गई है, तो हमें ज्यादा फर्क भी नहीं प
02:45उपर म्योनी लगी एक ब्रेड रखती है और उनको काट लेती है, इसके बाद कुछ केले लेकर उसमें ड्राइ फ्रूट्स डालकर मिटसर में बनाना शेक बनाती है, साथ ही फिर से कुछ फ्रूट निकालकर उने छीलती है, और उनके छोटे छोटे छोटे टुकडे करके उ
03:15बाहर का खाना
03:45कि चीजे बन जाती है, पर डिनर में क्या बनाओ? आज हम बाहर से कुछ नहीं मंगवारे, पूरा दिन हैवी हो गया आज तो, आज कुछ हलका खाने का मन कर रहा है, सबका एक काम कीजे, बीन्स की फली का सलात बना लीजे, यूट्यूब पर देखना मिल जाएगा, और जो �
04:15चूरा पानी में भिगो देती है, और उनके उपर मुंग फली, धनिया, नमक, लाल मिर्च पाउडर और नमकीन डाल कर पोहा बनाती है, फिर बीन्स की फली को लंबा लंबा काट कर उसमें नीचे हरी मिर्च, प्याज, डाल कर मिक्स कर देती है, और सब को देती है, नौट �
04:45गर वालों का तो पेट भर जाता है। सब चले जाते हैं अपने कमरे में पर बिचारी निशा का नहीं।
05:15पूरा परिवार बाहर से खाना मंगवा कर खाता है जिस वज़ा से निशाव परेशान होने लगती है
05:20बहुत हो गया रोज रोज बाहर का खाना अब मेरा मन नहीं करता बाहर का खाना खाने का
05:25और घर में बिना चूले के आखिर में कब तक के तरह तरह के सलाज, शेक, पोहे, जालमूरी, फ्रूट चाट से पेट भरू, जो घर का खाना है
05:32भाबी हमारे घर में बस एक ही चूला है जो मा अपने माई के से लाई थी पर वो खराब हो चुका है
05:38और जब से वो खराब हुआ है तब से हमारे घर में कोई दूसरा चूला नहीं आया, मा ने लाने ही नहीं दिया
05:43बस यही वज़ा है कि हम लोग बाहर से मंगवा कर खाते हैं और अब हमें बाहर के खाने की आदत हो गई है, दीर दीर आपको भी आदत हो जाएगी हमारी तरह
05:51मुझे नहीं डालनी बाहर के खाने की आदत और इस कच्चे पके खाने की भी, मा जी आप अपना वो खराब चूला मुझे दे दो, मैं खुद ही उसे ठीक करके खाना बना लूँगी
06:00आशा अपने माईके के चूले को छोड़ना नहीं चाहती थी, और नहीं घर में कोई नया चूला चाहती थी, पर ये सब जानने के बाद भी निशा जबर्दस्ती अपनी सास से उसका पुराना चूला निकलवा लेती है, और उसको साफ करके खाना बनाने की तयारी करती है
06:25आज कितने दिनों बाद मैं अपने हाथ के पुलाव खाऊंगी
06:29निशा पुलाव बनाने के लिए कुकर में रख देती है, पर चूला इतना धीरे जलता है कि तीन घंटे में दो सीटी आती है
06:35फाइनली दो सीटी तो आई, वरना मैंने तो सुचा था कि आज मेरे पुलाव बन ही नहीं पाएंगे
06:41बड़ी मुश्किल से निशा पुलाव बना कर बाहर आती है और पुलाव की खुश्बू सभी के नाक में चड़ जाती है
06:47पुलाव की खुश्बू आमित और विनोत को इतनी भाती है कि वो दोनों भी काफी दिनों बाद घर का बना हुआ खाना खाते है
07:05खाना खाने के बाद जब निशा बरतन धोने जाती है तो वो देखती है कि सारे बरतन काले हो गए है
07:10और बरतन धोते हुए उसके हाथ भी काले हो गए है
07:13मेरा हाथ देख रहे हो वो चूला इतना धीरे जलता और इतना काला पेक रहा है कि सारे बरतन काले हो गए
07:19और उन्हें साफ करते हुए मेरे हाथ भी
07:22हाँ तो किसने बोला था मा का खराब चूला इस्तेमाल करने को
07:25मैं सारी जिन्दगी बाहर का खाना नहीं खा सकते
07:28और हम नया चूला घर में ला नहीं सकते
07:30इसलिए बनाना पड़ा
07:31हम मा जी के चूले को ठीक तो करवा सकते हैं ना
07:34मा के सामने मत कह दे ना ये बात
07:37मा के हिसाब से अगर हम कुछ भी चीज ठीक करवाते हैं
07:40तो ठीक करने वाला ओरिजिनल समान निकाल लेता है
07:42और मा अपने माई के के चूले से बहुत प्यार करती है
07:45उसके साथ कोई कॉंप्रोमाईज नहीं करती
07:47इतना बोलकर अमिद वहां से चला जाता है
07:49और इसी तरह निशा आई दिन कभी दाल चावल तो कभी दही तड़के के साथ
07:53चावल बना कर खाती है
07:55और धीरे धीरे घरवालों को भी घर के खाने की आदत हो जाती है
07:58और ऐसे ही एक दिन पूरा दिन लगाकर घरवालों की डिमांड पर निशा बिर्यानी बनाती है
08:03और पूरा किचिन गैस के धुएं की वज़ा से काला हो जाता है
08:06बाबी बिर्यानी तो आपने बहुत टेस्टी बनाई है
08:10टेस्टी तो बनेगी ही ना
08:12आखिर इतना टाइम जो लगा है पूरे आठ घंटे में बन कर बिर्यानी तयार हुई है
08:17पूरी रसोई गंदी होगी इतना धुआ पेक राय वो चूला और उपर से बरतन भी काले होते हैं
08:22माजी घर में एक नया चूला ले आओना या उसे ही ठीक करवा दो
08:26बाहु हमें तो बाहर के खाने की आदत है तुझे ही परिशानी है
08:30खाना है तो बाहर का खा वरना इसी चूले के साथ एड़्जेस्ट कर
08:34आशा की बात सुनकर निशा का भी मुई बन जाता है और वो उस दिन खाना ना खाकर कमरे में चली जाती है
08:40इसी तरह दो दिन बीच जाते हैं पर ना तो निशा खाना बनाती है और ना ही कुछ खाती है और रसोई भी साफ नहीं करती
08:47अब तो घरवालों को भी घर के खाने की आदत हो चली थी इसलिए वो सब उस चूले पर खाना बनाने का ट्राइ करते हैं
08:53और उसके धुएं और आराम से चलने से वो सभी परेशान हो जाते हैं और वो लोग आशा से कहते हैं
08:59मा पिछले साथ सालों से घर में खाना नहीं बना आप तो एक चूला आने दो और किच्चिन भी गंदा पड़ा है मुझसे नहीं होता साफ
09:06हाँ भागेबार इतनी लंबी उमर तो इनसानों की भी नहीं होती जितना तुमने उस चूले को जला लिया अब समय आ गया है नया चूला आने का
09:14सही कह रहे हैं आप कुछ भी चीज एक समय तक ही चलती है अब तो मुझे भी बहु के हाथों के खाने की आदत हो रही है
09:20आज यह अंबहु के लिए गिफ्ट के तौर पर नया चूला लेकर आते हैं और उसकी नाराज़की खत्म करते हैं
09:26इतना बोल कर पूरा परिवार मार्केट से एक नया चूला लेकर आता है और किचिन की सफाई करके निशा की आँखों पर पट्टी बान कर उसे रसोई में ले जाकर उसे गिफ्ट के तौर पर चूला देते हैं
09:37जिसे देख निशा काफी खोश होती है और उस दिन वो सब के लिए नए चूले पर कढ़ी चावल पराठे बिर्यानी लस्टी जैसे पकवान बनाती है