सचमुच इतने मजबूर हो कि सुधर नहीं सकते? || आचार्य प्रशांत (2018)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग, हार्दिक उल्लास शिविर
१२ अक्टूबर, २०१८
कैंचीधाम, उत्तराखंड

प्रसंग:
हम इतने मजबूर क्यों हैं?
हम इतने मजबूर क्यों हैं कि सुधर नहीं सकते?
क्या दूसरों में खोंट निकालने से हमें फायेदा भी है?
तपस्या का उद्देश्य क्या है?

संगीत: मिलिंद दाते