शब्दयोग सत्संग ३१ अगस्त, २०१८ अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नोएडा
प्रसंग: श्री कृष्ण अपने ही वंश का नाश क्यों नहीं रोक पाए? क्या अवतार की भी मृत्यु होती है? क्या अवतार भी जन्म-मरण के चक्र में फँसे होते हैं? परमात्मा कब अवतार लेते हैं? क्या हमारे ईश्वर भी हमारे द्वारा निर्मित होते हैं? क्या श्रीकृष्ण जैसे अवतार भी सीमित होते हैं?