प्राचीन कहानी के अनुसार महात्मा बुद्ध ध्यान में बैठे थे। उसी समय कोई व्यक्ति आता है और बार-बार बुद्ध पर थूकता है और बुद्ध पोंछते जाते हैं बिना उस व्यक्ति से रुष्ठ हुए। इस कहानी का क्या अर्थ है?
प्रसंग: ध्यान का क्या अर्थ होता हैं? महात्मा बुद्ध ने अपने ऊपर थूके जाने पर क्रोध क्यों नहीं किया? महात्मा बुद्ध में इतना सहनसीलता कैसे था? महात्मा बुद्ध के तरह ध्यान कैसे लगाए?
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