Song : Ravan Ka Uday Album : Ravan Ka Uday Singer : Parshuram Yadav Lyricist : Sri Narayan Yadav Producer : Sandeep Nishad Digital : Amarnath Prajapati Digital Partner : 7Sargam Digital Trade Inquiry : 7007149143 , 9696961705
00:19देखो करमरेख को कहे मुनि हरसाया एक बार विशेस्वा मुनि जंगल में टहलत रहलन अब वह समय भावी से मुलाकात हो गई है यार माया से मुलाकात भई
00:44इनकर सुना तो माया से मुलाकात भई विशेस्वा मुनि हाथ देखो लगाना है तैनी देखाता है हमरे करम में काली खलबा माया हाथ देखके विशेस्वा मुनि से बताव लिए नहीं का
00:59अब शादी होगी अब शादी होगी धोगिन से तब माया कहीं पुका नाम के कसी है उसका अब यहीं रहा ही जहारा
01:23माया बतावलिन है कि आपके कर्म में ही है वा कि आपके शादी होई लेकिन शादी होई ता आपके विराजरी में नहीं ब्रामर कुल में नहीं धोगिन के लड़की से शादी होई नाम केक्सियों है पूरा पर्चे उन लड़की कभी माया बता दे लिए अब तोलीन है ओ समय
01:53दोबिन के लड़के से शादी होई तब माया से कह सुरू के लना दाट के कहा लना आया एक लाइन तरजबा फिल्म के नाम ही तरजए में शामिल वा तरजबा
02:18लेकिन विसे स्वामनी माया सकालन का कि बोल पड़े मुनिराई दपटके
02:41अब बोलने पड़े मुनिराई दपटके बात कहूं मैं करी कहा धोगन की सुंदरी
02:49अवर में संक जोहरी तहां हो दिए नदेभव इंशादी होईवे नकरी माया करिंग की देखां इन लिखल बातवाएं हो के रही चाहे तु केतनों टरबा उनहारी होईए के रही
03:17हाह कालों की जात रही हम अब्ब न रही बास न बजी वह सुनि लप देप को बब लिएज भी खा भाँ An
03:25वोह दों की कुमारी है तर्सेशादी होंगी घराना मेरा
03:36गराना मेरा मारी है, गला को काट के ठेपे नगी के धारा में, बातिला से लग जई है जाथी नारा में, सुबह में पामुनी से बाला को जिलाए दिये, उसी दुशे करा को शाजी को रचाए दिये,
04:06पुरप के जनवा, बिशेष नवा में पहुंचलन, आर रात के समझ जनवा, धोबिन के लड़की जईने से शाधी होएकर हलुनकर, पैक्सी के गरदन काटके, नदी में फिक देलन, उन्तर नदी में फिक देलन, रात भितल लास जनवा, थोड़ी सी चमरी लेके गरदन, धढ
04:36छमा करेंगे जब जोग शकति के दोरा हैं जोग शक्ति के दौ़ारा साधु
04:51ऑ दोविन के लड़की के खिलायलो अपनी कुटियाम लेलन वेलन वेल्डकी के रख लेलन
04:57आ कुछ दिना के बाद जमबा ओ लड़की के शाथी के लिदेलं के करें से वही विशेस्वामुनि से बाद
05:04इनके जार्वार कारी नाब भाद कि जोने के दर्बनिया कट्ल रहनी वही से हमार सबिया हो गें
05:09एक दिन फिर भी सेस्रवा मुनी जंगल में जात रहां तहरे बदे अम माया से होई जेल मुलाकात माया कलिन का हो कहले न रहली कि धोविन के लड़की से तवार शादी होई भी सेस्रवा मुनी कला कि तवार बतिये जूठा हो ओकर ताम गर्दन काटके फेक देली मुआय के कला
05:39ओकर गर्दन पर दाग हो आईलन विशेस्रवा मुनी घरे आदुनेहिं के गर्दन पर जब देखले न दाग ओ इस तमे घृणा हो गई कि तम्मय धरम हमार जोनबा भ्रश्ट होई गई गईलन का विशेस्रवा मुनी कि छोड़ चले मुनी राई वित्म में नारी लता बच
06:09तर पर ही है गोई नारद बोले लता जबाओ अरे नारद बोले लता जबाओ अरे तन पे राख लगाओ वेगा तर अच्छा फिर से जो आप जहेगा तरी कहा जो
06:39कि अब जब दिल में बिशेस्रवा मुनी चल देहलं और अवरत के छोड़ के जंगल में चला बब तपस्या करें पाप के छुड़ावे बदे पाप से शुटकारा पावे बदे वह इसमें नारजी से मुलाकात हो गई लेकिन हर इतपस्या करत हुएं आवर जोंबा इनके प्य
07:09अगल में जर्बा कोड़ी इनकर पन होए लगा लगा नारजी से मुलकात भी नारजी का लगा कि ऐसे लिकोर तो आठीक में होई अब वोसे चल जागा घरे जब दुनहीं के छोड़ के आयल हुआ ओई दुनहीं के मासिक धरमाला लता जर्बा जलाए के ओई राक के जब शर
07:39के लिन शरीर में तो भैलो काम बरके के पुमा है शरीया मेरे मेरे का आधरी का कसी से माज़ना लगा अधीरे दीरे दीरे दीरे बीके
08:09जब दो लोग उचा धिना तो कैका फीके हम लजाना लगा और रात के लेपन कहिए से पोर इनकर अच्छा भाई और फिर जो में और अवरत से इग्रिणा के लिए लगा वही और अवरत से विसे स्रवामनी प्यार करे शुरू के लगा पती पत्नी के बोहार कुछ दिना तक
08:39प्यक्सी के रह गई हमल गर्भ रह गई अब जर्वा यहां के बाती हमें छोड़ दिया जाए ओहर जब बाबा भोले ना थे लंका नगरी बसा लन तब लक्षुमी जी भगवान भी सुनू से कह लिए तो देखा हो एक बात बाद हो भूत परेद के साथे रहे वाला सीव ज
09:09तो लक्षुमी जी कहलिंका भगवान भी सुनू से टेरी के बाद हो
09:15कि अभी भोले की सोमे वाली लंका अभी भोले की सोमे वाली लंका ता अगर खोल रहा अरे सागर खोल रहा पूरी भी जगमत
09:37कि अभी जी कहलिंगा भगवान भी सुनु से काम कि क्योत हार सल्या सरपन की
10:04भोले की लंका सोने की, कम तहार शक्ति का उड़ते, भोले की लंका सोने की, निजग्यो धंका सोने की, कभी ये नहीं बरदात करूं, भोला के बौरी चारी के,
10:56अगर सोना का महल ना बनवाए ना सकेला तो भोले नात का सोना वाली लंका पूरी के समुद्र में डुबाए क्या हुआ
11:14बा, दुने में से कोने एक यठी काम करा, बिसुद्र जी कारा कि देखा हुँ, हम सोना का महल तक तो बनवाए ना सकित, लेकिन इक काम जरू कर सकी ला, कि लंका नगरी के समुद्र में जरू बा, दुबाए के आ जात, बा, भग्याद बिसुद्र चल देहलन, अज जब चल द
11:44अरे अपनी गंगाते
11:47मनाई बह्ति नावारादी हो यापनी गंगाते
12:03बिसुजी कला लक्षिमी से
12:06चिंता मत करा अब बह्ति अधिला
12:09कहले है काम
12:10कि याद लूं कावाते
12:13छोड़ी है भोलादानी हो याद लूं कावाते
12:27तो खल खल खल खल खल खल खल ले
12:33जगार लूं के पानी हो याद लूं कावाते
12:43चल लूं हुआ भूलादा म agora झायरोण का छुले लूं कावाते और गरीवाते याद लूं
13:01घर याल करूओ बनावलना
13:11आपके इने हमका को कि उट्रे दिसा उपने के ताने ले ताने भी सुड़ू दानी हो याज लंका
13:20मतीजा भैल घर यार करूँ बना के और लंका नगरी के उत्तर दिशा में जाएके आपन पीठ टेकाएके लगले भटाने उपर की और
13:41दक्षिन वाला छोड दूबय लगल तब इच्छोड के उत्तर दिशा वला पहुंच गी लगले अब नतीजा भल की लगलन हिलावई डूलावई लंका नगरी के आजब हिलावई डूलावई लगलन सब पर्शान हो गेल भोले नाथ पार्बती जी समय पर्शान हो गेल आखि
14:11त्यान थुवन, हिलावट डुलावट थुवन, दूसरी ओर ब्रामण का रुप बना के बाबा भोले नाथ के पास पहुचे लाना साब ने भगवान के शुरू, अब ब्रामण के रुप में जा के कहले नकान, यहाँ एक लाइन गीत बाएं, वह गीत बाएं, जो ने गीत के �
14:41नुप यहाँ, जो आप की में गीतिया के नमुलाबाएं,
14:45की जब हम नी, जब हम लगव आईनी, पांचे बरिस के ओओ, यहाँ मेरा माऌ लगाज, का मदाबा चो़ंटिना लगी,
15:06आगे ली लाइन हो का कि जब हमें भाई बारह बरिस के हो पिया मेरा भाई ले परदेश या मोट ना ना दी
15:33बारह बरिस जाएके परदेश में रह लां इस परदेश में जाके रह लां आब बारह बरिस के परदेश लाच करूज ऑना दो
15:56मरा बढ़ यार उपहार देह लगा
15:59एक ठेक कही दूछे
16:01रुमाल
16:02कदुलह निया पुछलत
16:03का कि कहे बदे दिहे लो कही आ
16:07अरे वई कही आ हो
16:10कहे बदे दूई थे रुमाल छोटी नारी
16:18कदुलह यह वाद देना भी सुना
16:20कही कही रुमाल कहें खते देंगे
16:22कहलं खते दूई कि कैसी आजर निक के दिहाली
16:27का कमतती अरे
16:31नियुए कत दूद सुना आप अता हम इंजा सब्साग्यार
16:40के दूद स्दानित यह और तरह आए
16:44कहलं क tänker दूद सब्सका भी यह पूघ्षर
16:47जब भगवान भी शुरूप पहुंशलन है भोले नाथ के सामने और समय कालना का
17:03अरे लंकवा बचरी बयापनी यह कही जुगुतिया हो
17:18एक काम करा इन लंका नगरी तुहार तबह बसी इन लंका नगरी का तबह हिलना डुलना बंद होई
17:47जब की काम उ बरामहर का तुदान दे दे बा तब मा लेकिन एक बीवी आउपयवा इन लंका नगरी बरामहर के दान कैसे करे यह उपयवा कांगे करणा, की जएकर आचावार
18:17पंडित के दान देदा बस तो हर लंका नगरी बच जाईए
18:29करना कि ठीक भाई लंका नगरी कई सो बचे के
18:36हम दान दे दे तुरत्य जग्यर चोलन भोले ना तीनों त्रिलोग चोलो भुवन में
18:42जतने अब रामरबाटन सबही के निमंतर भेंजल गई आओ ही में निमंतर के कि में जल गई
18:51वही विस्यसरवाम निखे कि आप अपने परिवार के साथ जग्यशाला में आवाम एक कह साथ एक कह पाप पर बैटके भोजन करे के हाओ
19:01तब दुनों प्राणी के निमंत्रा अड़ाल रहता हुख कि दुनों प्राणी आजया खाना खाय बदे मगर बता हुख ली न कि विशेष्रवामुनी का पत्नी गर्मिणी हो चुक लाँनिक निक एक्षि नतिगा का वयल
19:15कि अरे दिहले
19:20बिशे स्रवाम ने सोचे लगे लिए मन में
19:22कहा
19:23कि दिहले
19:24निमन के लाए
19:27के दुई के पारनी आए
19:34अरे है कि मैं
19:37मेरा बरह परी आए
19:41दुई परारी के निमन न भेजले लिए भाग
19:48आ हम अने बारह मुड़ी हो थे जोड़ले से
19:52तक कईसे जाये जाई
19:53कि अब जहन बाद जब दुई मुड़ी के निमन तर दुई मुड़ी चली
20:01गरह में आपनी जोक्षक्टी से देखालड दस मुडिया वाला लडिक्आ वाई चाहल को दस मुड्य वाला लडिक्षमें लडिका खोक्षे Left
20:25जिन्वा गर्व से बाहर के नरावण के ?
20:44पुड़ी खाया ऑद जरब शाला हमें..
20:55औरतिया जों कैक्सी रहल अरे भाई ताजा ताजा बात रहल शरीर में दर्दबान आई कातुवन कि देरी मत करा जल्दी बाजी करा सब इंतिजार करत होई काहे कि एक कर पाथ पर समई पंडित के पंडितानी के बईज के भोजन करे के रहल आई यहे दूनों प्रामिया वहीं
21:25कहलन का कहलन का कि पाव जल्दी बाई हाव नहीं जेरी में लगा वदी嘐 दिले जेरी आए
21:40मेरी मत करा, मैं दो छोड़े देर में हमार हुए वाला बा, और सबहें इंतजार करत हुई, इदर बाए, और अतिया कहलस, कहलस कैसे चली, कैसे चली,
22:09फुषी से से समय नी, बार बार अउजावत होँ, का,
22:13के दिय हूरे हैं वाला बारी, देरी तो होई जाहिए, और हम भी सुने के पड़ि, और हमें इना सुने, पड़ी, हमारोकर कुछ मुछान हो जाई, का कहल लिए,
22:28अब रतिया करशते कहीं पाए बाँ अब हमसे चल निखे जाते है
22:58एक है उपाए बाँ हमसे चल निखे जातना बाँ ते एक काम करा का कहलत आई है कलाई गीत बाँ उह गीत बाँ
23:28कि सरकार जेरी मत कराँ पेका उपाए बाँ
23:38कि कभिया तू और कभिया तू उठावा ने बाँ आई है
23:48अच्ट वाला, भी या आग।
24:01कानी पर उठावा, बैठावा लेके चला, हमसे चलना ही जात भाँ
24:07बंत में दुरहिन का बाद मान के मुष्यसरभा मुनी कानी पर उठावा लेके भागर चल ज़ात थो
24:12और साथ महीना वाला जोनबाए लड़िका बंदबा घर में जब गईलन जगे शाला में तो भोले नाथ लगलन हडाटे का हो इतना देरी कहें कर देहला तो हरे चलते जोनबा हमार पूरी तैयारी बेकार होगा जार होगा एक दम जोनबा हमार पूरी तरकारी अरुआ गए ग�
24:42जोनबा हमार पूरी तरकार का बताईं बारह मुड़ी रहनें यहीं से दस मुड़ी वाला के पेट से बाहरे काई के घर में बंद काई क्या वफें यापकरने होता ना छूते पावे भोले नाथ कि लाग जेखत हैं तो लड़िका मर जाला जब मर जाई लड़िका तो ब्रम
25:44कि डाटवयर जबिया अरे डाटवल जबिया अरे कई के कल्वी बचनिया हAI
26:02बुले ना दाटा थोंदूनों प्राणी के
26:22इमेल मुच्सान जम्भेल पुडी तरकारी सब कर देन बाद तो है दंब देवा के होई
26:27रावर सुनत सुनत होई जग शाला में बैठलबा
26:31आज देख़ता हैंकि संकर जी हमने बादू माई के डाटत हुआ
26:33कुछ देर के दाट जब रही ना जीमें के लित रावर कलस भोले होए
26:42माई बाब के डाटत हुआ
26:44ये हमनों मुच्सां जुन्हान भी कतना तुबनन लेहुआ हमें किखिवा
26:46के बेई रावन कालस की कितना तुबन मौले हुआ लेवा हमेही के खियाब हमेही खाई कहा हाई ला अब है जर्मत वा लड़ी का कई यहाल मां कह लेवा लेवा हम खाई नतीजा का भाया है कि परात तसले तसली भर के दूत लगे समलाने
27:04है जर्मत को खाई कहा कमें लाओ लड़ाए है क involved आमधे, कितना भाय को झाला मां अबाद कमें परोय खाई के लिखाई कहा लेवा लड़ा है
27:27कालस की आउर लियावा संकर जहां जोड़े कहला कि अब तनाबा समय तो यह तने पर जोनबा तुझ सब संकर में उता देले रहा भोले ना सोच गिलें कि भाप ये बाप ये जनमत वा लड़ीका एकर मतलब ये तना वहीं खात वा जब जब जवान हो तब कितना खाई जब ध्
27:57कि कौन में गाल कौन में गाल एक आदम है तो ये रहे श्मरादी अरे दाल दियो कब से स्वाग्वा जोड़े लंका रहा नहाँ तो उपर उत्तर किसी वल्यादर के लड़े
28:27अब ये बढ़िया ब्रामण एसे विद्वान ब्रामण के मिले तो सुचरह कि अब नहीं लड़ीका वाएकरे बाबू के दान दे दें विशे स्रुवा मुनी के लंका नगरी के दान दें आज भी प्रमान मिलेला कि लंका पुरी के जोन विश्मु जी घरियाल करू बनाएक
28:57जाए बखाड गूर्जद दूराम लालताम दें आज विश्मु जी भाव हैं आज भाले की सोले वाली मोगाएं
Be the first to comment