02:53पंडित बराह जो महान जो तिसकार रहे बिक्रमादित्य के दरबार के स्रिंगदार रहे
03:06राजा बिक्रमादित्य का नाम आप लोग सुने होंगे
03:08बिक्रमादित्य राजा का नाम आप लोग सुने होंगे
03:13बिक्रमादित्य के दरबारी पंडित और मंत्री थे
03:17बराह बराह पंडित जो हिंदुस्तान के माने ज्योटसाचारी थे
03:23जयोटसी थे तो कहना है क्या
03:26पंडित बराह जो महान जोतिस्तार रहे
03:31बिक्रमा जित्य दरवार के सिंगार रहे
03:35ग्राम छोथे पन में थी एक भी संताब नहीं
03:39यही एक ख्वाब है पूरा करो भगवान यही, चौथा पनाई रहल बरापंडित के, एक ख्वा लरी का नाही रहलन, भगवान से हमेशा यह प्राथना करें कि भगवान यह हमार इख्षा पूरा कर देता है, अंत में भगवान सुन लहलन, आस सुन लहलन का भैल का, हुआ ग�
04:09मतलब, जन्म एक लाल ने पाया मिली अर्मान की गठरी, एक थे लरी का पैदा भई चे उथा पन्नूरे, आज यह लरी का पैदा भई तो भेलता, जन्म एक लाल ने पाया मिली अर्मान की गठरी, मगर कभी कभी ऐसन हो जाला, कभी यतिरे कमे सुख्र के,
04:36कभी अतिरेक में सुख के किसी से पाप होता है
04:59देखा हूँ है बाप जवन की एक खेल लडिका बदे भगवान से प्रार्थना कर प्रहलन आउए अब खुशी में जवनबा एतना खुशी में आगी लन एतना खुशी में आगी लन कि अब पाप करे बदे जारह बटन उखाम जब लडिका पैदा भाई बड़ा पंडित पो�
05:29लडिका के जण कुंडली बना रहा सुरू कि इलन अगर जण कुंडली बना रहा सुरू कि इलन वही समय बात गर बड़ाए गई गई गही वाँग कि जई से दोले पीपा राके
05:44बात बिगर गई
06:12जर्म कुंडली बनावे में
06:14का बात बिगर अल
06:16कि कापी गई लिग हरा
06:20खुलाले जब पत्रा
06:31पीटे बाबा रोही रोही इकपार
06:32पर देला, जनम खुंडली बनावे के समय का है बड़े, बरापंडित रोगे लगे लगे लगे लगे लगे लगे लगे, अरे दसर बरिसावा के, होई है होरी लावा, होई है होरी लवाने ना बरतेला,
07:00तकर के जई है दुनिया मोरा यदार में नावर से लाए
07:30कि न रहे बस न बजए? बस रहे लड़ेश लंठेए, नो ही लड़ेश बस बरस के होई के मरी अन हमें ख़श्ट होई, इस वोड़की के लगे लगे, आण मन्जू सा बन वालन के वही में वह लड़िका के रख देलन,
07:45आर रख ये कहिलन का एक लाइन है गीत वा इह बोरहरी का गीत हो आए गीत के इह अरजन भाई लोग के जो स्वामी स्री नरायन भी कह जालन स्री नरायन स्वामी जब जेल में बंद रहलन ओ समय गीत के गुले रहलन जोने में निर्गुड़ी और सगुड़ दूनों भाव मिल
08:15जोड़ी जाता वाहो तीन अकात अरवा में है अब लादर जोड़ी जाता वाहो है कियर सक्या कियर सक्या
09:07कैसेट रिकार्डिंग सेंटर सिधारी चोक आजमगर आपकी तरफ से आप याग सोसवाद प्रणाम हो उपस्थित आप जनता जिनारुन को इच्छास पर सो इतरहाल गीत के नमूना लेकिन भ्यान दें अब पाप हो जारालवा हो ही बाप से जोन बेटोवा पैदा के लिए हल
09:37डाय जातिया बना बना बना वाला पैदा में नुधू का शातिया बना बना वाला पैदा में दुनारा
09:52यहो रामा कि यहो रामा लेजा के सगरावा में बाहार लेजा के सगराव में बाहार लेजा के सगराव में बाहार लेजा के सगराव में बाहार लेजा के सगराव में बाहार लेजा के सगराव में बाहार लेजा के सगराव में बाहार लेजा के सगराव में बाहार लेजा के स�
10:22लड़िया कि आज़ ठेकमाई गाने तो भेलकाम
10:29कि आए लनकां की नरमा हो लागल
10:42लामा किया हो रामा
10:48लंका के किनारे बक्सा लगल बाएं एक मल्लाव पाएगी लो बक्सा के जब खुलन उकरे में लड़िका पोलर
11:14सोच गई मल्लाव कि हमरे पाख बहुत बढ़न परिवार बाएगी लड़िका के लड़िका पालन पोसर के बवाल बढ़ी हमरे बगले के पंडी जी हुआन बगले के पंडी जी बातन एक को लड़िका नाही बाएगी ले चला वही पंडी जी के दे दे दे लड़िका पंडी �
11:44का रख देहन निहीर बाप मिहर पंडित बाप जब लड़का जवान भई लड़का के नाम बहुत बड़ जोटसी बनल जवानी में जबाईल पर लिख के बहुत बड़ जोटसी बनल लड़का के शादी हुआई
12:12अज़ शादी भई गर में दुलही नाइल तब लड़का के यह बो चिंता सताव है चिंता कोने बाप के सताव है लंका में जवने गली से लड़का गुजरे ओही गली में लोग ताना बात के ताना मारे
12:26का भी याद भोषपूरी गीत, पारंपरी गीत हो, स्वारचित गीत भाई गोड़व और पखाउंस दूनों के मिच्छर कहके आ नई गीत तयार केल गीत भाई, थोड़ा दिमागी जोलबाद परिश्रम केल गीत भाई, आ गीतिया भाई
12:43जि कहें बोड़े भाई झी काहें बोड़े भाई जी, कहें बोड़े भाई जिदा जा इन रचाम गीत परिश्रम केल पनी गीत हो
13:11दोची
13:21दोची
13:30ऑना ना
13:34यह दोड़ते का पुरुषकार समा रिकार्डिंग कैसेट समा कैसेट रिकार्डिंग सेंटर सिधारी चोग आजंगर से धियक ससुबार प्रेडाम बाम उपस्तित आज जनता जनारदिन को शेहस पर सुख तर लरीका के कौने बात के चिंता बाएं लोग ताना कामारे लरीका क
14:04बूद के कंडाल में एक मूद निब्बू का रस पढ़ जाला असारा बूद फढ़ जाला उहे दसा ओ लरीका के बाएं मैं जोट्सी बनल मैं ग्यान प्राप्त कई भी ओ लरीका के अब दुशुवार जनात्मा उह का है बनल
14:48हुँ कहें बदे लोग का कहें मिहर पंडित के कि पावलालाला वह सुनी सुनी बतिया
15:04भावलाला वह सुनी बतिया भावलाला वह सुनी बतिया भावलाला वह सुनी बतिया
15:09भावलाला वह सुनी बतिया भावलाला वह सुनी बतिया
15:13भावलाला वह सुनी बतिया भावलाला वह सुनी बतिया
15:16यह लेका पावल है
15:45सोच गईलन महिर क्या रहे
15:47जवने गली सिजा थी लोग कहत हुआन की लड़िका पावल है
15:50चली पूछ लें जा के पने मतारी बाप से पुछलन
15:53माई बाबु यह बतावा लोगन हम तुनों के असली बेता है की पावल है
15:57लोग कहलन की नहीं बेता तुन हमाने के असली बेता ना हुआ पावल बेता हुआ
16:02तुरते जोड़ा पोथी पत्रा लेकर नहीर पंडित बेच गिलन जो तिस गरणा कर लगलन तई पता चल गिलन है कि हमरे पिता जी का नाम बराफ पंडित हो
16:11गिलन हिंदुस्तान में असमय लेके पत्र के दर्बार में मंत्री बातन थूरत के अपनी पत्ति के साथ है लेके नहीर पंडित चल जे लन
16:18अजब चल दे लन तो भाव अ तद्य și में अरे पहचा में लग पारस के जो हरी
16:29लेकर चल दिया पत्नी को साथ में
16:41तो कहना है कि पत्नी को साथ लेकर जब चला है
16:45तो पंडित मिहर किये क्या हिंदुस्तार में आजए
16:47हिंदुस्तार में जब आए तो हुआ क्या
16:50कि विक्रम के दरबार मध्य
16:52वा विक्रम के दरबार मध्य
16:54पत्नी के संग में आया है
16:56शील शिष्टा का गुड़ी आगर
16:59उनको शिष्ष धुकाया है
17:00अहे भूप है नाम महिर
17:03अपना परिचे दिया विक्रमादीति को और कहा
17:05अहे भूप है नाम महिर
17:07मैं जो तिसका सनातक हूँ
17:10स्वाती के आता की प्यास बुझाने को
17:14स्वाती की बूद का चातक हूँ
17:16मान परिच्षक बराह को
17:20मान परिच्षक बराह को
17:22देने को परिच्षायाया हूँ
17:24मैं शिष्य समर्पित हूँ
17:26उनका अर्मा का ख्वाब सजाया हूँ
17:28आईलन हभी क्रमादीति के दर्मार में
17:31आग कहलन है
17:32हमाल है कि सरकार हम जॉद्धί हैं जॉति से असना तक है आयल हिए गुरुमान के बराह पंडित के Hम उनकर
17:42बेटवा ही काल Okay बराह पंडित के बना चर्चा सुनली है एक ना ते बराह पंडित के आपन गुरुमान के फ़े वणे उनके
17:49कि परिक्षा में जदी पांस हो जाग तब जब भाइव परिक्षा में फिल हो जाग तब अभी हमार जौर्बाप बिद्द्या सही ना मान जाई कुछ तुरत के बराः पंडित सामने बुलाव गिलन, आमने सामने बराह और मिहिर बाप और बेटवा बेच किलन, के हूँ के ह�
18:20आग दिमाड नरे हैंicate
18:22कि तिना क�wać सवाल के हैं
18:25I ayat line means
18:26गीतिया हिगा
18:28कि पात्रेडोरियום है
18:32पात्रेडोरिय।
18:34पात्रीयड४ि नवा जाये रिहमारधनौवा
18:37रिहमारधनौवा
18:39रतनार्वनय़नव मारधनौवा
18:42रतनार्वनय़नवा
18:44हमार्धनौवा
18:46बराव पंडित मीर से कहलन का कहलन कि के तना में की न ली उखर गई यार ये सुना हो लालना ना ही आद पहले बाती ये सुना हो लालना
19:13परफे गाय खरदली बतादा आब आब आप यहां थे लिए आप यतना नक्षर दली वह गाय के गाय के खरीद का कीमत हम में बालू नावा यतना हम जरू जान थे ही कि यतना रूपया में गया थी नाय ले
19:35कि यह जरूर जाने से कि जेतना रुपया में गाए खरदली वो तने प्रतिशत ना भले कि गाए के बेची देहरी है
19:50लेकिन तब हो हमके ही कीमत ना मालूमा की गाए कितना में कीमली
19:55पहलन का यह चली कितना में उदाम बतोलन की अर बेची कदाम मिलन
20:02बेची कदा मिले, चल्वी सुरुपया में गाय बेस पहली है, तब तावाम, खरिब के कीमत कितना भेल है।
20:25बीस रुपया में गाय खरीदा, बीस रुपया में गाय खरीदा, बीस प्रतिशत लाँ भुले करें, चल्वी सुरुपया में बेचाम, अब यही तेरा प्रश्नो करें।
20:51बीस रुपया में किन लाँ अब यही प्रतिशत लाँ लेकर, ओ गाय के बेस तेरा चल्वी सुरुपया में।
20:58यह उत्तर देवन मिहर पंडित, लेकिन सोचे वाली बात मा, यह कवने सुत्र से निकल लन।
21:05इक वने सुत्र से निकल लन, मिहर पंडित, सवाल के जवाब, कईलर का है, सुत्र ही है रहा है।
21:14कि बेची का सो गुनातिया है, बर्ग पचास सदिया है, अवता ही का बर्ग मूल लिया, दिया पचास सदिया।
21:33अद्धिक्रमा दित्या है, बहुत खूश हुए मिहर के जवाब से, दर्बार में मंत्री बना करके रख लिये, लेकिन बर्ग पंडित इतना जलने रगे कि हुआ क्या।
21:43तो है बाभाव।
21:45ये बुनका गह किया है, सारा के न परवा।
21:51रख ले मिहर के रगादी तरबर वा।
21:59रख ले मिहर के रगादी तरबर वा।
22:03अजा है तरबर वाम जार हुना।
22:07अजा हुना।
22:19तो कहना बन कि हम से वाके मिली गयले हम से के कतरवा है।
22:33और ये हर पंडिता पराहजी के जार लादी आरवा।
22:42अरा है बदे दिला वाए भूता ही मकनिया।
22:49तो ये दोनो प्रानिया बताये के भजनिया।
22:57तूत लेना वाम जार हुना।
23:02तूत लेना वाम जार हुना।
23:08तो ये दोनो प्रानिया वाम जार हुना।
23:13भूतही मकान जिल्वाद हैं बराव पंडित और दूनों प्रामी के रहे के
23:17कि भूतही मकान में दूनों सुधियन भूत सब चाप के मुवाय में हैं
23:21नहीं तहीं दर्बार में रही तो हमसे ज्याजा प्रतिष्ठाय बेके मिली
23:24अब बहुत ही आगे बह जाई
23:26राज के दूलों प्राणी मिहिर और उनकी दूलहीं जब आगे में सुधियन है ओस तो में गढ़ाओ भैल का
23:32अरे के तनों अब के तनों दिगालो कोई के करबादू लियामे
23:40अरे बिगरी ना कुछाओ हरी गई है जो सहाए
23:55रतिया में सोए दोनों करिके भोगरिया
24:08असु पले या नवाम्े ख़तिया बिखाआए
24:13उपरा पैया लोयावाज पेही छ्षणवाए
24:19उपरा पैया लोयावाज पेही छानवाए
24:24अगेले दूलों पैनी सुनी सख्चाए
24:29वह कर आजाई यही रतियामे
24:34आह तो हरे जाई यहीं राकीयाने
24:37अब ड़्रन करलत मिहरम तुकाए
24:45एस्शन के तवाल कारत जोनित वर्दी और यह ला Jorge
24:48रात के जब दुनों प्रानी सुछ तुलन ऊपर आनन में आवाज आई
24:53उपर से ०ूनों प्रानी सुर�лथवन भुत ही मकार काई
24:57कहता आए जाई जाई जुसम आज़ाओं दे किण बो हम बर्का
25:10कहता आज़ाओं गर्शी को कल ओ
25:25प्रोम ये करें प्र भूंकर षेज्टू मरूसे इंट कालने हिर की जगे
25:50यही आवाज दहलं की आईबू तयावना लाजात का हूँ तो ने थे हीरा मोती पन्ना जवाहराद से भहरल गगरा जिरगेलू पर से
26:09अब वही समय लक्षमी जी वहाँ प्रकट भेल का हूँ
26:12के चुमेल चुमी चरनवाँ चुमेल चुमी चरनवाँ अब बिछा के यह चराएं
26:24तो देखाम तो देखाम बरितों वे सुमा लवागा देनिस्टे बढ़ाद
26:30तो ही राज कि यहीरा मोती ले करके चल भाईले हो
26:37अले जाकर के बराह पंडित के चरनव पर धाईले हो
26:43तो हमाँ बोलन मर्भी रनवाँ चलहाई गज़ाँ
26:50सहियो परितों में सुमा नवाद रिखे बढ़ाद
26:56के बेतों कहाँ वालन इना बताव थुवन कि हमें तो हर बेटा हैं
27:00काला की बतावाई आपके बेतों कहाँ वालन हमार भाई कहाँ हम उनसे मिले चाहतें
27:05तब रो रो के बराह पंडित कहलन का
27:08कि रोई रोई कहले बराह जी बया नवाई
27:14आपके उठेपन में भाई ने बेता एक अथे फुदान का
27:20सोया हज़र सही बरिसलों उमर के जतराव
27:27चो उठापन में उठे लरीका भाई बेता जब गड़ना के लिए जो तिस गड़ना के लिए
27:32लिए तब पवनी की ओ लरीका की उमर बसे साल मा तहम ओके कहली का कि एठे बख्सा में बंद के कि
27:39यहाँ जबाग कहा परियं तुरत्य मीहिर पंडित ना बाबुजी आप बहुत बढ़ियार भूल कहला भाः फिर से तनी गड़ना कराता
27:48कहीं जल्दी बादी में गड़ना तनाम के लिए रहला गड़ना के लन्त करन कि हाँ जल्दी बादी में होड़े आपन भूल महसूस के लन्त उकां के
27:57अरे सुन के मराह पंडित गड़ना मिलावे हो अस्वा परस की उम्र बेतामा के पावे हो तो में जल्दी का को उमर कितना रहल सो बरी तुरत्य मेहिर पंडित पाए पकल लन्बरा के आ कहलं का
28:17आ कि अधिन आप बैतों को मिलन भाई लेकिन आज तक आज तक वह बाप बैतों के लोग को ने नहीं चुझाने लग असल में जूई नाम हो बहुत बाद जोत्ति हिंदूस्तान के जिए उनकी दुनिया में इनके जेशन के उजच्छा चारे नहरा है
28:46तो जोटिनार है। आई दूनों जोटिन के एक ही साथे दुनिया के लोग जाने लग पुकारे लग पाहा।
28:53जाए दखाए बुर्जद्दू लेकर लारता स्वर्ग में दोले।
28:58अज़ पिता पुत्र को एक ही नाम से जगवाले अभ बोले हो।
29:05पितावी के नाम बराह। और बतवा नाम एक ही साथे एक ही नाम से दुनिया के लोग एकारे लग बराह gerçek।
29:13वार किताव सखाने लिए पैग एल एक हुआ हुआ हुआ है।
Be the first to comment