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  • 1 week ago
Song : Rani Saranga Ki Dastaan
Album : Rani Saranga Ki Dastaan
Singer : Kashinath Yadav
Lyricist : Kashinath Yadav
Producer : Sandeep Nishad
Digital : Amarnath Prajapati
Digital Partner : 7Sargam Digital
Trade Inquiry : 7007149143 , 9696961705

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Music
Transcript
00:00सूख जाए नस्याही तुमारी करण
00:09अरे अब हम लिखे गया ये खूनी कहानी
00:15तो इसलाम का इन कलावी कदम था
00:21दमग उट रहा था हुई धर महानी
00:25लुटा के रहे अपनी नजवानी
00:33तो पौर उसमें कलम भरिके भोला
00:37ये कहते की होती सुरू यभी यहां से कहानी
00:55अरे गरे तू आरे गरे तू न रहोगे तो अभाखोन करेगा
01:08गवर करेंगे इस लाइन पर कभी जी भाव दिये
01:22कि साहिल की अरे साहिल की जब तलास थी गहराई मिल गई
01:29अरे साहिल की जब तलास थी गहराई मिल गई
01:46तो साहिल की जब तलास थी गहराई मिल गई
01:50अरे साहिल की जब तलास थी गहराई मिल गई
02:00वह फाकिया वह फाकिया अरे वह फाकिया को यारे वह फाई मिल गई
02:08अरे साहिल की जब तलास थी गहराई मिल गई
02:26अरे साहिल की जब तलास थी गहराई मिल गई
02:40तो वह फाकिया अरे वह फाकिया तो यारे वह फाई मिल गई
02:48अरे साहिल की जब तलास थी गहराई मिल गई
03:02वह फाकिया तो यारे वह फाई मिल गई
03:05कहानी को सुरुआत बाद संगत्य मास्टर
03:08अरे मुगलों ने धारा बोला बुंदेल खंडी पे चड़ी करे
03:18जो जंग मचाए जो हरी पीछे को कदम हताए
03:30सितलारानी हरसाई जब भाग भवन पे आए
03:37बात हैं मुसल्मान संग्राट बुंदेल खंड पे धावा बोल दिये
03:46किले पर धावा बोल देते हैं कभजा करने के लिए
03:51बुंदेल खंड के किले पे वहां का राजा थे अनिरूद है
03:54अनिरूद है उस मुसल्मान के साथ
04:02लेकिन जएन गेलंद की अब महार जाई ही बुझा गेल यह अगर बन कटा
04:06जाई तलयम सलाम सरकार, सल्म आक अलिकून mane
04:24पुचलस पहते हैं सितवं मुझदा धुरए अारे मुज़ख निकिर्दाव क्जव में होभी द kicking चानी कमोच
04:33करनाई ऐसेाल पीज़ शुक्ति सबया हं किंम्तर भूसे था आपत्धित बचलाई
04:39अन्यच मोज़ध करनाई थी आइसे आपत्भ साफ है।
04:44अरे मुगला ने धाला बोला
04:51बुंदल खर्ण के चाहे करे
04:56जाजंग मचाए जाहरे
05:00अनिरुप जाता पहिके
05:04परपास्त ही है हिम्मत
05:10पीछे को तब भातावे
05:14सितला नी हरसाई जब भात भावन के आए
05:20हा करके आते हैं
05:23सितला पुष्टी है राजादीन
05:25बड़ा नीत के लब भाग के आगे ले तो भला सुना
05:29तु जाज में रजाई के काम करे ला
05:31पुर्वा में मलाई के काम करे ला
05:34नास्ता में मिछाई के काम करे ला
05:36मरा गए रहता है तो हम केके देखके जियती तो अरे इसन मरद रहे भाग के आई रहल
05:42ऐ भीया ठाल में आर्ती सजावलस आर्ती उताले लगल
05:47हाथ जो तनी भीया तो चूप रहा
05:50बात है ज्यान से सुनाए बात के
05:54आर्ती सजा करके अब बड़ा नीक से अपनी भगेडा सैया के
06:01आर्ती उतारत बाव सितला आग कहरल बावराग मस्टर
06:05एक ही ज़र बावराग एक आपी ले करके
06:13कि आरती उतारी बोली सितला दूलानी आहो
06:19आरती उतारी बोली सितला दूलानी आहो
06:24आरती उतारी बोली सितला दूलानी आहो
06:30अरे आरती उतारी बोली सितला दूलानी आबल की ऐला राजा
06:37अरे बल की ऐला राजा भागिया पन्या नावा बचाई जलकी एन्या राजा
06:44में बड़ा च्छा किये रॉप
06:55की लड़ाई का मैदान छोड़ करके चले आए
06:58घला मर गही गही था
07:00तमाटी में मीली ज़ेती सोना जावानी आहो
07:05आइ मेली के सी कोना जावानी आहो
07:09अरे माती में मिली जयती सोना जावनिया बलकि ऐला राजा भागिया पंज्या नावाबत्या बलकि ऐला राजा
07:26बला अच्छा किये आप नाच नाच करके आर्थी उतार रही है
07:39ठोड़ी दूर परे, पाँच मरस की उसकी ननग बेठी थी नाम था शारंधा
07:44देख रही हैं, कहती है ठवर्दर भाउजी अगर आर्थी उतारी भाईया की तो
07:50अरे भाईया गद्डारी का काम किये हैं, भाईयों के असद्रो ही हैं
07:55भईया की आरती नहीं बलकि गर्दन काट करके स्वागत करना चाहिए
08:00पांच मेरस की लड़की सारंधा कर रही है
08:03यहां तरजबा
08:05तुहेबा की अंगने में आईल बहार भवजी
08:15कर रही है कि बोली सारंधा
08:19जो लहुरी न न दिया आमारी गई मतिया को हाँ भवी
08:27आई गई मतिया को हाँ भवी
08:31आरे हम ते हरे साजना भाग रहना वासए ले
08:41तो हरे साजना भाग रहना वासए ले
08:50आरे तो अरे साजना भाग रहना वोक्त आईले
08:54आहां रसबा दिल में आपार भवजी
08:59तुझे चुलू भर पानी में डूब जाना चाहिए
09:02कि तेरा पतिदेव लगाई का मैदान छोड़ दर के भवी आये हैं
09:06और नहीं तो नाच नाच करके आर्थी उतार रही हो
09:10अगर हमार मरग भाग के आई रही तह हम कहा करती हैं
09:13बता रहलबा कि हमरे साजना भाग रन से जो यही थे
09:18हमरे साजना भाग रन से जो यही थे
09:32मरी महलिए में आवे माविट
09:37मरी महलिए में आवे माविट
09:44कर elephants कि उन दूरं से माविट
09:48कर रmarketructures कर दो यही थे
09:50का रहल खर के रहा सबस्व whenever वाग रहब रके
09:53कर रहलबा का रही थे
09:55कर दूर्का रहल जो embargo पतिवना भाग रहब लग esos दूर ख़ाह
09:57अगर हमार मरत भाग के आई रही अगर मेरा पद्वे जब्दारी किया होता हुथा लेती हाथ में तलवार और काथ देती पति देते गरगन को मांक से नुर्ध हो डलती
10:16तो हुआय तो अरे इसन रजाई के काम करेला तो मलाई के काम करेला तो मिचहाई के काम करेला इना कहती है
10:23जब इतनी आवाज सारंधा देती हैं, भाई इसा हैं, बोला लेलस भाउजी, कला से बुची, अब अहीं तो हर उमर पांच बर इसका नहा, अब अहीं तुम मरद नहीं खुजानत का कालन सा, अरे मरद आख में का पुतरी होलन सा हो, कैसे कला सतर्जिया हुएवा सारदा सिन्ह
10:53और आख में मरद आख में मरद आख में जिसने सानदılar जिन्हां तुम्हे आख में सारे महना जिन्हान आख में
11:19मुआ नादी हमारी जीरा
11:22कि बाबा दिऊना तीकेक आवा
11:27वा हुक्ने हमा ते जाभे
11:30बला मुआ कैसे
11:35ते जाभी एमीड
11:43नाऌ नादी बला मुआ कैसे
11:47बहुत दिन पहले गादले हैं
12:02जब लडिकन के साधी हो जले ककना छुटे लगेला
12:06दीवबा तर काली माई तर पहुंच जही हैं
12:08लडिकन वाजमाई के ठेल के भी तरकन हैं वीच्या में का हो
12:11तो अरिलाईगा के भिया होता तुन अचबू ना ही
12:14बीचा में का रहें तो का गई हैं
12:17कि जई सहीने भी पर के पर कही आए ना ना ना दी
12:37जई सहीने ज़ी आए ना ना ना दी
12:44अब बेचारी को जो नहीं हो ना चेयाई, कपार पर करियाई पर हाँ भगे भुचकी मारे लगी हैं, बतावे लगल सारंधास से कि तु पांच बरिस्तन हो, अमें तो हर भिया नेखे न भई, जब भिया होई कब जन मुझे मरद का कालन सा, अरे मरद प्यार करे के हो अंसा, ग
13:14चो ती ना दी, अरे चो टी ना ना दी, ओए जही आप ती आसे बीडार जो टी,
13:23अई जही आ चिला आसे बीडार हो गडाब जोटी ना डी, अरे होई जही आप ती आदे कि कि लिडार हो इधार परे मारे जोति cage this is out,
13:33एक दू आदमी आइसन होला ना शुरुवे में उनके पुझा के लगाना निखे जमत
13:41जहिया गवना जहिबू तहिया न पता चली कि आखी के पुतरिया तो हरो
13:50अरे बनी है तो जानावा छोटी ना ना दी
13:58अरे छोटी ना ना दी देखता ही आसानावा तो हाँ छोटी
14:05जिस दिन तेरी शादी होगी उस दिन मैं तेरा शान देखूँगी कि तेरा पचदे भाग के आएगा तो गर्धन काट लोगी
14:27पहती है देख लेना भावबा
14:30अरे निभाई क्वारे पनकी बतिया
14:34अरे निभाई क्वारे पनकी बतिया
14:38आसे नुर समर मा जनी दिक रो ते ली आमिताई
14:46निभाई कुआरे पन्ति
14:52तेसे नुर समर मा जनी दिकर से ली आमिताई
14:58धेरे धीरे ग्यारा वर्य सुदाट को भईले हो गई
15:07सोला वर्ज की सारंदा हो गई
15:10ओकर शादी का दिन पड़ गई
15:12कहाँआ सादी भैंड
15:14तर्जबा
15:15बड़ा मवजदार आपके थे तर्जबा
15:17इबलिया अच्छपरा की सिवान पर कबा
15:20ये तर्जबा
15:23कि उधार रजाजी हो
15:27अर उधार स्वैया जी
15:32अरे का है
15:35लेला न थोनी आवो
15:39खार राजाजी का है
15:42अरे तिकुली
15:58तीता बर से लई हो
16:00आरा से मंगई हो
16:03अरे जूमका
16:07अरे जूमका
16:10अरे जूमका
16:12अरे जूमका
16:18अरे जूमका
16:20अरे जूमका
16:24अब जूमका मंगई हो
16:27जो प्रदार राजाजी का है
16:30अरे लाला थोनी आवो
16:33अरे जूमका
16:34अरे जूमका
16:47उलाज काल, है भजावा क्लम दोवागत हो वा नबैंड भजावा वहागा
16:52कि लालि कैलेबाक、 कि अरे ठीया लाली कैलेबाक
16:59आरे गाजा शाल पीके बलम आया किया
17:04वुआत अरे इस कविए अरे ओस्थ जाखिएरवा
17:07जी बन मुआ एक लाई जगने का, जा जा जी बन मुआ एक लाई जगने का
17:16ख़ोक से घया, भईया, भईया, कि साथीय के दी न हो,
17:23अर धार अगई लें दवारे, दिली में से जाना वा
17:29कहा साधी हुई कि वर्चा के चंपत राजा लेके आए डोली बाजा
17:51वर्चा राजधानी के चंपत राजा के साथ सारंधा की साधी हुई
17:57जर साधी हो गई शारंधा जाने लगती है भाउजी जब पहुचावे गई तब भाउजी ना नदी से बोली द्वारे लागल को हरो दोली
18:07भाउजी ना नदी से बोली द्वारे लागल को हरो दोली
18:16मानाजेग तो मानाजेग दुला
18:27तोली ने को जाना वाए
18:31ये पांच बेगा प्रिश्टार पुदु सायर ने लिखा है
19:00खिजाओं में गुलिस्ता का कोई हमदम नहीं होता
19:05खिजाओं में गुलिस्ता का कोई हमदम नहीं होता
19:10कली के मौत का भी बागवां को गम नहीं होता
19:13कास वो भी ये हकीकत जानते होते
19:17कि दिल के जखम भरने का कोई मरहम नहीं होता
19:20गोली मार दे बाद, दवा खाना में दवाई हो जाई, बात मार दे बाद, वो बात का दवाई दुनिया में कोनों ना मिल सके ले, अब देखा, केतना मूड पानी बना के गावल जला,
19:34कोई हम दम नहीं होता, कली के मौत का भी बागवां को गम नहीं होता, कास, कास वो भी, ये हकीकत जानते होते, भईया भईया बाद, की दिल के जखु भरने का कोई मर हम नहीं होता,
19:55जब डोली में बिदा भाई, डोली में जाय लगल तो भउजी बात का बान मार दोलस, का मरलस, की चली जब सारंधा सतुरा बुलहन बन डोली में,
20:19भउजी बोली धैया कवा दुलहन बन डोली में, भउजी बोली धैया कवा दुलहन बन डोली में,
20:29अरे सारंधा से भउजी बोली खुल की लाद बचाना, वादा किया जब बच्पन में करके नंदी दिखलाना दुलहन बन डोली में,
20:48आरे भाव जी दी हली का ना मार दुलान बंगोली
20:57दोली में बढ़ जोद गही है बात कबान मार देल से सुना
21:05काले रहलू काले रहलू आप लोग सुनत रहां
21:11काले रहलू है भीया किरे से
21:14कि अमार मरत भाग के आई नहीं भूलूंगी वर्चाराजदानी में गई बड़े चैन के साथ जिंदगी बीतने लगी लेकिन
21:31एक बार हुआ क्या तरजबा वे चटका नाला वाली
21:36कि पान खाला मुन्मी अरे पान खाला मुन्मी खायरा नहीं भाई बनी बोलबाती आला वहरा नहीं भाई सारे तीन बज़े अरे सारे तीन बज़े मुन्मी जरूर मिलेना सारे तीन बज़े
21:59हाँ बड़ा चैन के साथ भीया बड़ा चैन के साथ जिन्दगी भी तरहलू लेकिन एक बार जब कई ने चलाई मुगलर गरी आह राजा सोचे लूताई हमार नगरी
22:13खीति आह चले और चैनलाई कामार करने खीति आह चले आह चिसन Бुदर टे सम्रात वर्षा राज्था ने पार जного दिये जहां सारंधा रही थी ऊँवा क्या
22:37की बोलीस ता रंदा हमार सा जना
22:43मत जाओ लगन को भी मार सा जना
22:50गुर गुर भुर चले आजा समर चले
22:55गुर गुर चले आजा समर चले
23:07आए भीया उस समय चंपत राजा की तवियत खराब थी लड़ाई के मैदान में जाने के लिए करवार हाथ में उठा लेते हैं
23:17सारंदा केती हैं आप मत जाएं लजने के लिए आपकी तवियत खराब है कहते हैं चाहे कुछ भी हो वतन के लिए लड़ूँगा जरूर
23:25आप शारंदा कहती है तो पग पीछे मत खटाईएगा अनर्थ हो जाएगा पहर पीछे मत खटाईएगा मैं भी आपके साथ चल रही हैं लजने के लिए जंगे मैदान में हुआ क्या
23:37अरे सरंदा करमे तोवा उठाली बनी के राचंडी तो लगी भोजने बेर इंसंग भुजाली बनी के राचंडी
23:51यंग मैं जाके चंपत राव्यार योहर खूम मचाये हो
24:05पोस्त हुई राजा की हिम्मत पीठे कदम हताये हो
24:10सारंदा वुपर घास है जाली बनी के राचंडी
24:14तो उस्तमर भूमी में बन गई दुरुगाब काली बनी के राचंडी
24:19लडाई के दर्म्यान चंपत राजा खूम लडाई की है
24:24लेकिन बीमार थें मोत के गर से पीछे हट गए
24:28गटे में गिर्गें शारंदा उपर से धास डाल देती है कि अब मेरा पत्व मेरा शिकार है
24:34भाले लडाई करनी तो हुआ क्या
24:37अरे जैसे आदी सकती एक दिल दुरुगार उपधाई के
24:45ति मही सासुरा पापिया के दि हली मिटाया
24:52अब मही सासुरा पापिया के दि हली मिटाया
24:56आए वाई से परंदा हो समारिया के दि चला
25:00अपनी बीरता के जरिये, पहाँ दुरी के जरिये,
25:27वे शारंधा विजये स्री का जंडा जंगे मैदान में फहराती है,
25:32हिंदुस्तान की जे, भरत्माता की जे,
25:36का नारारान छेत्र में बुलंद करती है,
25:39मुगल समराथ हार करके पीछे लट गया,
25:42सोचती है, कि मेरी विजये तो है,
25:44लेकिन मुझे पसपन का वादा पूरा करना है,
25:47आती है पती देव के पास विजये का जंडा,
25:51फाड़ा करके कहती है, खड़े हो जाएए,
25:53खड़े हो जाएए, जो!
25:55कि आपने कदम क्यों पीछे अटाया मैंने आपको मना किया था कि आप जंदे मैदान में मच जाएए
26:08चम-चमाती हुई तरवार आपकी गर्दन की प्यासी है मुझे हिंदुस्तान में आज भी खलाना है
26:14कि आउर्थों के लिए अपने पती से ज़्यादा प्रियपना वतन होता है
26:18अज़ती है गया प्रेमियों
26:21अरे पिया उपर से घवाब
26:24तो पिया उपर से घवाब
26:27अब चमाती हुई शिंहनी
26:30अरे अपनी
26:31कर वाने कर दो आफ मन्या कर दो आफ आफ आफ मन्या कर दो आफ आफ आफ
26:57तमार तलवार दिया के गर्दन पो उड़ाई
27:02वही तलवार निधी गर्दन पे चलाई
27:06त लवार से मार खरके अपने पग्जय के गर्दन को अलग कर देती है
27:11तोस भी हो हिंदुस्ताअन
27:14का बादा पुरा हुआ गदार सैयाँ मुझे नहीं चाहिए
27:18लेकिन बगएर पती के मैं रह नहीं सकती
27:20इसलिए अपनी वी गर्दन ला देती है
27:48अथी वी गर्दन ला देती है
27:51अथी वी गर्दन लाज़ी का इसलिए
27:55वी वी रांगना सारणन्धा आखरी लाइन है
28:03तो सुन पराग देुराम पसारे ज़्यदू के पड़ाम हो
28:10निभाई क्वारे पनकी पतिया
28:14लेखनी गंजा राम की काशी के मन भाई भी भाई क्मारे काशी के मन भाई
28:44अरे चित्रों का भंडार लखिया वलोकती फिर चित्र पट्री
28:53दो भाई पूछाईू तस्वीर वाले
29:02पूछाईू तस्वीर वाले
29:11अरे चाहिए कौन सी तस्वीर
29:17अरे जो नवी बोली कि छब महीं चाहिए अवल आखिर
29:23भाई साहिए अरे चाहिए अरे चाहिए अरे चाहिए तस्वीर की जरूरत है
29:45कहता है ब्रम्हा की तस्वीर दे दूँ कहती है नहीं विष्णू भी तस्वीर दे दूँ नहीं
29:53भगवान भोले की तस्वीर दे दूँ कहती है नहीं
29:57नहीं पुस्ता है क्या चाहिए तो बता रही है यहां तर्जिवा यह मान की जिला वाली तर्जिवा वलिया छपरा की सिवान प्रगतर जिवा लेकिन बड़ा मार के भूला इंगा
30:10लोगवा कहे खा तुरी ड्राकू अरे ब्या इमान बनलबा इसरीरिया रहुर इसरीरिया रहुर माती के मतान बनलबा
30:36यह तर्जिवा शांती से वो पुछता है कौन तस्वीर चाहिए तो वो बतावे लगया
30:58कि एक जननी के दुई ठे एक जननी के दुई ठे अरे कुमार बबुआ
31:08एक खेपी करे दुई ठे खवार बुआ
31:18बतला रही है कि एक ठे जवान एक ठे किसान जो की आरा वाचला रहे है
31:30बतला रही है कि एक ठे जवान एक ठे किसान जो की आरा वाचला रहे
31:42एक ठे किसान जो की आरा वाचला रहे है
31:56एक ठे किसान जो की आरा वाचला रहे है
32:02एक ठे किसान जो की आरा वाचला रहे है
32:16एक ठे किसान जो की आरा वाचला रहे है
32:22ओ रबू सरग महोरे रत्तधार वाचला रहे है
32:32एक ठे किसान जो की आरा वाचला रहे है
32:36एक ठे किसान जो की आरा वाचला रहे है
32:40एक ठे किसान जो की आरा वाचला रहे है
32:46एक ठे किसान जो की आरा वाचला रहे है
32:50तो पुछलस कवन तस्वीर चाही तो बतावे लगल ये खेपी करे दूजारा खवार बगुआ तुनों गताले में नगवाद
33:03कवन तस्वीर चाही तो हमारे आपकी घर की आउरत बता रही है
33:10कि ये कठे किशान जोगी आरावाद जलावे
33:16कि ये कठे किशान जोगी आरावाद जलावे
33:22कि ये कठे किशान जोगी आरावाद जलावे
33:37अहीरा मोती सोना भर तीजे उपजारे
33:43वीरा मोती सोना भर तीजे उपजारे
33:48वीरा मोती सोना भर तीजे उपजारे
33:54ओले दूसरे महाले तो दूसरे महाले
34:01रत्तधार बबुआ
34:04एक खेपी करे एक खेपी करे तुया राखवार बबुआ
34:12इकाता मसा उठवा जैदन तस्वीर चाहिए
34:28कहेजे भर ती कदूठे कुमार बबुआ
34:31खेपी करे राखवार बबुआ कहता है
34:33समझ में नहीं आ रही है बात
34:34उस अवरत से कह रहा दुकांदार कॉन तस्वीर चाहिए
34:38मुझे समझ में नहीं आ रही है
34:40अब भूतर में जाकी जोती जल रही
34:53हमें तस्वीर चाहिए
35:00आए तुकांदार
35:28कान का पर्दा खोल अगे सुलाग मुझे वह तस्वीर चाहिए जो ब्रह्मा की कदर करता हो विष्णू की कदर करता हो शंकर की कदर करता हो शारे देवताओं की कदर करने वाले की तस्वीर मुझे चाहिए फिर भी तुकांदार के समझ में नहीं तब अवे लगल यहां तरज
35:58अब ले जाएंगे ले जाएंगे दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे
36:28अब ले जाएंगे ले जाएंगे
36:58अब ले जाएंगे जाएंगे
37:28अब ले जाएंगे
37:30बता रही है
37:32बता रही है
37:34बता रही है कि क्या चाहिए
37:38अब ले जाएंगे
37:42अब ले जाएंगे
37:46अब ले जाएंगे
37:48अब ले जाएंगे
37:56अब ले जाएंगे
37:58अब ले जाएंगे
38:08अब ले जाएंगे
38:10अब ले जाएंगे
38:12अब ले जाएंगे
38:14अब ले जाएंगे
38:16अब ले जाएंगे
38:18अब ले जाएंगे
38:20अब ले जाएंगे
38:22अब ले जाएंगे
38:24अब ले जाएंगे
38:26अब ले जाएंगे
38:28कि आज़ लुकांदार बीरे समया, बैछने बीजने आला होगा बाबू, बड़ जोता किशान चाहिए, बसे ही चाहिए, तो बतला रही है
38:54कि जवान यो किशान के बद तावेले की मतिया
39:01कि जवान यो किशान के बद तावेले की मतिया
39:20अगरवा में चित्रा चानी लेके आवराती आ
39:27तोहरवा की संग में और अगरवार पपुआ
39:46एक खेती करे दूजरा सवार पपुआ
39:54जलान और किसान इतलाम किसानी एक छेत्रवा
40:13किसान मा पैदा करी तो जवान तो है दुनिया खाई का
40:16ये धरती का बेटा जवान किसान होन
40:19ले जाकर के जवान और किसान की तस्वीर अपने घर में क्तांगती है तो भाव है
40:25कि गुर्वर्दे उराम सें जद्दू भै जन्नक के बासी
40:34पाला सी उदर सन गन्ना सन जूमके गावें काती हो
40:41भूतल में जाकी जो तीजर रही
40:48करते कभी भोलागी खेती का बेखला की
40:52भूतल में जाकी जो तीजर रही
40:58करते कि अपने जो तीजर जदे को जो में जो तीजर भावें की
41:11बनाल
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