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Shivraj Patil Chakurkar Family: 12 दिसंबर 2025 को 90 वर्ष की उम्र में लातूर स्थित अपने आवास पर शिवराज पाटिल का निधन हो गया। लंबे समय से तबीयत ठीक नहीं चल रही थी और परिवार के बीच उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पीछे उनका बेटा शैलेश पाटिल, बहू अर्चना पाटिल और दो पोतियां हैं। आइए जानें शिवराज पाटिल किस जाति से आते थे, उनका परिवार कैसा था और किस तरह उन्होंने एक साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर भारतीय राजनीति में अपनी जगह बनाई।Shivraj Patil Chakurkar Family: Shivraj Patil Ka Nidhan Kaise Hua,Net Worth,Kids & Wife..

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~PR.111~CA.146~

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00:00भारत के राजनीती में पाँच दशक से जादा समय तक एक मजबूत और संतुलित आवाज बना रखने वाले
00:09पूर्व केंद्रिय और ग्रिह मंत्री शिवराज पार्टिय अब इस दुनिया में नहीं रहे
00:13लेकिन उनके जीवन का सफर उनकी राशनीतिक यात्रा और उनका पारिवारिक बैग्राउंड आज भी लोगों की दिल्चस्पी का बड़ा वश्य बना हुआ है
00:2112 गिसंबर दोहजार पच्चस कुन नब्बे साल की उम्र में लादो रस्तित अपने आवाज पर शिवराज पार्टिय का निधन हो गया
00:29लंबे वक्स से तब्या ठीक नहीं चल रही थी और परिवार के बीच उन्होंने अंतिम सास ली
00:34उनके पेचे उनका बेटा शैलेश पाटिल बहु अर्चना और दो पोतिया है
00:38आईए जानते हैं कि शिवराज पाटिल किस जाती से थे उनका परिवार कैसा था और किस तरह उन्होंने एक साधारन प्रश्ट भूमी से निकल कर
00:45महारती राजनीती में अपनी जगा बनाई शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को महाराश्ट के लातूर में हुआ था
00:53उनके पिता का नाम दश्वनात पाटिल और मा का नाम शार्दा पाटिल था
00:57पिता किसान थे और परिवार पूरी तरह से मध्यम वर्गिय प्रश्ट भूमी से आता था
01:02इसके बावजो श्वराज ने पढ़ाई और कर्म के बल पर अपनी राजनीतिक पहचान बनाई
01:07श्वराज पाटिल पंचम साली लिंगायत समदाय से संबंध रखते थे
01:11जो महराष्ट और करनाटक में प्रभावशाली सामाजिक समू माना गया है
01:15यही समदाय उने के सामाजिक आधार का मुख्य हिस्सा भी रहा
01:19उनका विवाँ 1963 में विजया पाटिल से हुए दमपति के दो बच्चे हुए एक बेटा सैलेश और दूसरी संतान बेटी स्वपना
01:27उनकी बहु डॉक्टर अर्चना भी राजनीती में सक्रिया है उनकी दो पोतियां भी है
01:32परिवार के बाहर भी पाटिल को आध्यात्मिक जुकाब के लिए जान जाता था और वो सत्तसाई बाबा के बेहत करीबी अनुयाई रहे है
01:38वही उनके बेटे बिजनसमेन है उनकी नीजी जन्दगी बेहत साथगी भरी और परिवार से उनका रष्टा गहरा था
01:44पढ़ाई में शुरू से रूची रखने वाले शुवराज ने हैदरबाद के उस्मानिया वश्वध्याले से विज्ञान में सनातक किया और उसके बाद मुंबई वश्वध्याले से कानून की डिक्री ली
01:53लगबग दो वर्ष वो लातूर नगरपालिका में अपनी पहली जमेदारियों का निर्वहन भी कर रहे थे
01:59स्थान ये पहचान मजबूत होते ही उन्होंने बड़ी राजनिती की तरफ बढ़ने का मौका मिला
02:03लातूर के प्रभावशाली नेता के शवराओ, सोनवडे और मानिक राओ, सोनवडे ने पाठिल को पहली बार वधानसभाद चुनाव लड़ने का आवसर दिया
02:12और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड कर नहीं देखा
02:15शवराज पाठिल का राजनिती कद इतना बड़ा था कि उन्होंने कॉंग्रेस की लगबग हर बड़ी सरकार में महतपूर्ण भूमिका निभाई है
02:45फिलहारस वीडियो में इतना ही
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