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Genetic Eye Problems in Babies: कुछ बच्चों को पैदा होते ही चश्मा क्यों लग जाता है? वजहें जानिए जेनेटिक्स, जन्मजात आंखों की समस्याएं, प्रीमैच्योर बर्थ और शुरुआती रिफ्रेक्टिव एरर्स। समय पर आंखों की जांच बेहद जरूरी है।

Genetic Eye Problems in Babies: Why do some babies need glasses right after birth? Learn about genetics, congenital eye issues, premature birth risks and early refractive errors. Early eye screening is essential.

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~ED.120~ED.118~

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Transcript
00:00क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ बच्चों के जन्म के कुछ ही महीनों में चश्मा क्यूं लग जाता है?
00:07आखिर इतनी कम उम्र में आखों की कमजोरी कैसे शुरू हो जाती है?
00:11क्या ये सिर्फ जेनिटिक कारण होते हैं?
00:13या मा की प्रेग्नेंसी के दुरान हुए कुछ हेल्थ कंडिशन्स भी इसकी वज़ाय बन सकते हैं?
00:18चलिए जल्दी से आज की इस वीडियो में हम समझते हैं
00:21देखे समानने तोर पर यह हैं माना जाता है कि चश्मा उम्र बढ़ने के साथ लगता है
00:25लेकिन कई बच्चों में जन्म के कुछ समय बाद ही आँखों की कमजोरी दिखाई देने लगती है
00:30इसके पीछे कई विज्ञानिक और मेडिकल रीजन्स होते हैं
00:33जिनके बारे में मात अपिता को जानकारी होना बहुत जरूरी है
00:37सबसे पहला कारण है जन्जात यानि कॉगनाइटल आई कंडिशन्स
00:42कुछ बच्चे ऐसी परिस्तितियों के साथ जन्म लेते हैं
00:45जिन में उनकी आँखों का विकास पूरी तरह नहीं हुआ होता
00:48जैसे कॉगनाइटल मायोपिया या हाइपर मेट्रोपिया
00:52ये समस्य हैं बच्चों की आँख की लंबाई या लेंस के अकार में असमान्यता के कारण पैदा होती है
00:58दूसरा कारण है जैन्टिक्स
01:01जी हाँ अगर माता पिता में से किसी एक को भी कम उम्र में चश्मा लगा था
01:06तो बच्चों में भी रिफ्लेक्टिव एरर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है
01:11कई केसिस में तो यह भी देखा गया है कि बिल्कुल जन्व से ही बच्चे को दिखाई नहीं देता
01:17तीसरा महत्वपूर्ण कारण है प्रीमचौर डिलिवरी
01:20जी हाँ समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों में रिचनोपैथी ओफ प्रीमचौर्टि यानि आरूपी का खत्रा स्यादा होता है
01:28इसमें आँख की रेटीना का विकास ठीक से नहीं हो पाता
01:32जिससे आगे चलकर चश्मा लग सकता है या और भी नेतर संबंदी समस्याएं हो सकती है
01:38कुछ मामलों में मा की गरवास था के दौरान कोई कुछ मेडिकल समस्याएं जैसे डाइबिटीज, हाई बीपी
01:44ये दवाओं का प्रभाव बच्चों की आँख के विकास को प्रभावित कर सकते हैं
01:49इससे भी रिफ्लेक्टिव एरर होने के चांसिस बढ़ जाते हैं
01:53इसके अलावा जन के समय ऑक्सीजन की कमी, लंबे समय तक NICU में रहना या बच्चे का शरीर कमजोर होना भी आँखों पर असर जाता है
02:01बच्चा दो से तीम महीने का होने पर भी चीजों को घूर कर नहीं देख पाता
02:06आँखे बार बार हिलाता रहता है
02:08रोशनी में आँखे चुपती है या बच्चा मूँ फेल लेता है
02:12पुतली सफेद या धुंदी दिखती है
02:15आँखे बहुत बड़ी लगती है या उनमें पानी रहता है
02:19देखिए जन के 15 से 30 दिन के अंदर बच्चे की पहली आँखों की जांच जरूर करवाईए
02:25अगर कोई समस्या दिखे तो 6 महीने तक का समय बहुत कीमती होता है
02:29जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा बच्चे की नजर उतनी ही बचाई जा सकती है
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