00:00इस देश के वारे में हमेशा कहा जाता है, कि भारत कभी जुपता नहीं, हमें कोई रोप नहीं पाया है, हरा नहीं पाया है, हमारे अमन को हमसे जीन नहीं पाया है, क्योंकि जब तक इस देश के सुपह वीरो, the men in uniform, are guarding us, तब तक हमारे मुल्च से अमन और शांती को दूर करन
00:30है, इसे को पाणे की गोशिष में लगी रिखे है, शांती ही है, जो दुनिया को, जो सारे बड़े बड़े लोग जिसको पोचते हैं, उसे पाना चाहते हैं, शांती से होखश नहीं
00:45जुकि शांती से भी एक चार जाते हैं
00:51मेतर सूर जाते हैं
00:53मेतर रास्ता दिखाई देता हैं
00:55नए आइडिया थ पर्षाय जाते हैं
00:58शांती ही सामाइनों में खांठी है
01:00एक मेतर दुनिया के लिए
01:02तो चलिए हम सब मिलकर
01:03शांती के और कदम रुणा हो
01:05अपने आस पास, जाग पाओ, जाग पाओ, भेग पाओ, तेरा मेरा भूल कर इंसाने ते रास्पे पर चले, ताकि देश की शामती के लिए, हमारे बीरों की शहादत डर्फ ना जानेगा.
01:17If we have peace amongst us, nothing can shake in India, nothing can defeat in India, then nothing can break the spirit of us in India.
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