00:00आपके हमारे जीवन में समय तनाव बहुत जादा है, इस तनाव को हम कम कैसे कर सकते हैं, हम किस तरह मोक्ष प्राप्ती की ओर या जीवन में शान्ती की ओर आगे बढ़ सकते हैं, हिंदी साहित्य के इस महामंच पर इस समय मेरे साथ साध्वी भगवती सरिस्वती हैं, आप अ
00:30जो मैने देखा और जो मैने सीका बारत में आने के बार,
00:36भी अगर शांती प्राप्प खारना चाहेंगे,
00:39तो हमको अपनी दृष्टी, अपनी शेल्फ से लेकर अपनी सेल्फ तक लेयाना है,
00:46अदिकेर हम सब भी लोग अपनी शेल्फ के बार में फसे वे हैं,
00:50क्या क्या दालते हैं, सारे पॉसेशिंस हो, टाइटल्स हो, दिप्लोमा हो, सर्टिफिकेट्स हो, इतनी माटेरियल चीज हो
01:00लेकिन हम अपनी सेल्फ को दियान देना चाहें, क्योंकि सेल्फ तो पहले से ही पॉर्ड है
01:07तो क्यों सेल्फ की अर दियान दो। इक इसवार हो श्रॉल की बजाए, इतनी दियान देते हैं, कि we become stressed, we become tense, जो हम परते हैं
01:24angry हो जाते हैं या jealous हो जाते हैं या judgmental हो जाते हैं उसके बजाए अपने soul को दियान देना चाहिए
01:32scroll के बजाए or last हम लोग अदिखतर्द एकी प्रश्न पूछते हैं मेरे लिए क्या what for me
01:41उसी what for me में हमारे सारे जिंदगी कतम हो जाते हैं what for me के बजाए
01:50हमें what through me पूछना चाहिए क्योंकि जब what for me पूछते हैं तो चीजों को वे कते तो होता हैं लेकिन
01:58everything is set, लेकिन हम स्वेम अपसेट हैं और जब हम यह पूछने लगेंगे not what for me
02:06but what through me मेरे लिए नहीं मेरी द्वारा क्या तो फिर्ड सब कुछ जो रियल सूप शांती वो आने लगते हैं हमारे पास
02:18यह बहुत सुंदर बात है कि अब आप स्क्रोल नहीं सोल की दिशा में आगे बढ़िये और क्या क्या चीज़े हैं हिंदी साहित्ते के इस महामंच पर जुड़िये मेरे साथ और साद्वी सरस्वती के साथ भगवती सरस्वती के साथ हिंदी साहित्ते के इस महामंच पर आ�
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