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'पंच ही परमेश्वर है', आजतक के मंच पर एक्टर पर‍ितोष त्र‍िपाठी ने ब‍िखेरा हास्य और व्यंग्य

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00:00हमारा सेशन है जो खास मेहमान उसमें है हमारे जब वो अदाकारी करते हैं दूब कर करते हैं लिखते हैं तो कमाल लिखते हैं यानि कि हरकार्य को वो डूब कर करते हैं इस सेशन का नाम है हमारा चाईसी मुहबत लेकिन घंगोर इश्क इसमें आपको हो जाएगा खास मेहमान
00:30करिंटिंग
01:00पर देखा पहला फंबल रसी जल गई पल नहीं गया
01:12आज इंग आए और अज़ाओं की लाश पे शेर मंदुगा
01:21तोरदार तालिवों से स्वागत कीजिए पीबी किशान एक्टर एंकर फोयाट स्टेंड़ अप कोमेडियन
01:29और आपके सामने मौजून इस कराकार का पारितोष तिरुपाँ ठीकार
01:32पारितोष का जोड़ा तालियों के साथ वेलकम करिये
01:37अब इंट्रोड़क्शन दोने खुदी दे दिया है मैं क्या ही बोलूँग इसके आगे
01:41और इस audio-visual clip से भी आपको समझ में आएगा कि कितनी बहु मुखी प्रतिभा के ये धनी है
01:48किसी भी परिचे के मोहताज नहीं है और ने मैं नहीं दोगी
01:54क्योंकि मैं जितना जादा बोलूगी ओडियन्स मुझे उतनी काली देगी
01:57पारितोष को ही आज बोलना है
01:59ये स्टेज आपको ही रूल करना है पारितोष
02:02थैंक्यू सो मच्च आज तक इतना सम्मान नहीं मिला जितना आज मिल रहा है तो सबसे पहले
02:09आज तक के साहित उत्सों के लिए जोरदार तालियां होनी चाहिए ये उत्सों में तबदील हो चुका है
02:15बहुत बढ़ियां भाई हमने जल्दी शुरू कर दिया या आप लो आने में भी टाइम लगा रहे है
02:19ये शुरू हो चुका है वोड़ा सा डिले हो गया बल्की पारितोष लेकिन जो आपका मल्टी फेसिटेट पर्सोना है ये क्लिप से भी दिखा और लोग जानते भी आपको तो उसमें पहले एक कॉमीडियन आया या पहले एक लेखा काया अब ये वही सवाल हो गया या मुर
02:49और राइटिंग जो है मेरा एक्स्ट्रा मैटल अफेर है एक को मैं नहीं छोड़ सकता एक मुझसे छूटने वाली नहीं है जादा एक्स्ट्रा मैट बोलिए अब आप शादी शुदा है एक्स्ट्रा में फिर क्या जादा और क्या कम अब जितना भी आप लिखते हैं ना स�
03:19वो लिख नहीं रहे हैं उनको करने से फुरसत नहीं है यार कितने लोग हैं जिनका दो बार दिल टूटा है बताना जरा दिल से एक दम पूरा इमांदारी से बताओ कितने लोग है जिनका दो बार दिल टूटा है दो से जादा का भी option दीजे ना अचा हो अरे आपको शामिल
03:49कितने जैंजी हैं बाकी जोलो हाथ उठा रहे हैं मैं बता दूं सींग कटवाने से कोई बच्छडा नहीं हो जाता है तुम लोग पुरा नहीं हो तो क्या करें बताओ जोक सुनाएं कि पोईट्री सुनाएं पहले
04:04दोनों भी होंगे लेकिन शुरुवात किससे करें वो पूछ रहे हैं पोईट्री जिसमें जोक हो तो सुनो कि प्यार में ओटीपी बना रखा है उसने हमें ओटीपी पता है ना वन टाइम प्रेमी
04:22प्यार में ओटीपी बना रखा है उसने हमें प्यार में ओटीपी बना रखा है उसने हमें उससे कह दो एक बार से ज़्यादा मैं भी इस्तेमाल नहीं होता
04:34और कल देखा उसे तकिया खरीदते हुए लॉंडो
04:39कल देखा उसे तकिया खरीदते हुए
04:42जी मैं आया पूछ लूँ
04:44मेरे हाथ में क्या परिशानी थी
04:46तब तक दो पचाओ फिर बात करेंगे
04:49आप कितनों का कंधा बने हैं?
04:52किसी का नहीं
04:53किसी का कंदा मांगा होगा फिर
04:55जूएं बहुत ही, मैंने फिर हटा लिया
04:57ये परफ्यूम लगाती जो नहाती नहीं है, उस दिन पता चला
05:04नई, फ्रेंच भी बहुत पर्फ्यूम लगाते है
05:06ये बात भी है, आपको कैसे पता?
05:08क्योंकि ये बात बहुत फेमस है, वर्ल्ड फेमस
05:11अच्छा, हम
05:13नहीं, मेरा फ्रेंच से ऐसा कोई नहाता नहीं है, सिर्फ एमली इन पैरिस देखिए
05:17फ्रेंच में भी दो ही चीज़े आती है
05:19क्या?
05:22दूसरी दाढ़ी पहली लोग को पता है
05:24ये आप जो बोल बोल के रुख जाते हैं ना बीच में
05:28आगे का इनको पता है?
05:30ना पता हो, तो बताईए
05:31बताओ
05:32क्या? बोलो तुमारी ममी को
05:35आज तक मैं आप ऐसी बाते कर रही हो
05:38अरे OTT पे इतना कुछ हो रहा है, आप किस बोलने में शर्मा रहा है
05:41क्योंकि मैं देख रहा हूँ
06:09हासे वही हैं जो बने हुए है
06:11कि आज इससे मुकमल होग उसी से शादी हुई ये क्या है कि लड़की जो है वह बताएगी उस से मेरी शादी हुई ने कुमार भाईया ने फोन किया कुमार उर्ष्वास विश्वास बहीं क्या ने कि अरे ने बालग सट्टे हों भूरी बोट अच्छी लड़की से शादी ह�
06:41सब नहीं जानती है
06:42मिर मेरे आवे
06:44सब जानते हैं कि आऽ चछे actor हैं
06:46komedian हैं
06:47लेक्क हैं
06:48कौन सब पह्य पैलू है
06:49इशो लोग होइशा है
06:50मै यूपी आप हुरी
06:52यह जानते हैं आपढ़ो hay
06:53जानते हैं
06:54सram pouvoir
06:55कभले लोगजा कहा वहणे
06:56कौन कौन UP से हैं?
06:59काफी लोग UP से हैं
07:00मुझे लगा था कि यहां पर बिहार का ही चल रहा है
07:04UP बिहार ही चल रहा है
07:05Pankaj Bia कहते है न
07:06UP बिहार जसको मान देगा न
07:08वो के अंदर में सरकार बना लेगा
07:10UP में पहले अभी देखो मेडम क्या है
07:14अभी तो मामला चेंज हो गया है, वरना पहले सुनना कुछ बारीक बाते करूँगा, ध्यान से सुनना मैं कभी भी अच्छी बात कर देता हूँ, बुलाया गया था मुझे शिलपा जी पर आशिकी करने के लिए उदर मैं बाब की कविता सुनाने लगा, तो मैं कभी भी भी प
07:44कवफराय मैंने नहीं किया, क्योंकि बात यह नहीं है कि आपको फिल्मे करनी है, बात यह कि उसके बाद पॉलिटिक्स में भी जाना पड़ता है, और पॉलिटिक्स का पता ही है, जिंदगी जांदवा, फिर भी गांदवा, मनोजी है न मनोजी को मने पुछा, मनोजी आज �
08:14तो बोले, कर लो, मैंने का रहा है, ऐसा थोड़ी है कि खाना खाना है, कुला करना है कि वहां कर लो, कुछ बताई है पॉलिटिक्स के बारे में, तो उन्होंने बोला,
08:23पॉलिटिक्स में न, राजनीती बहुत है,
08:31मैंने का ये क्या बात हुई, श्वेता जी आप मिस्स कर गें, पंच, आपके लिए लग से सुनाता हूँ, श्वेता जी इंद हाउस गाईज, आपके घर में स्वागत है, तो पहले क्या था, यूपी में, मैं इस्टन यूपी का हूँ, दिवरिया का, इधर आईए, कहीं भ
09:01तो मैं दिवरिया का हूँ, मेरे पिता जी गोपाल गिन से थे, मेरी मा यूपी से तो मैं दिवरिया बीच में रहे गया, तो यूपी में क्या है, पहले भोजपुरी फिल्म और गोली कभी भी चल जाती थी, हाला कि गोली चलने का फिर भी मतलब होता था, तो मुझे एक द�
09:31ऐसा सीख जाओ, फिर ज्वाइन कर लो, बिहार इलक्षन के समय मैंने दो लाइने लिखी थी, किसी पार्टी विशेज के लिए नहीं है, पर मैं इसलिए सुना रहा हूँ, कि इन्होंने इलजाम लगा कि मैं सिर्फ आशिकी लिखता हूँ, पलिटिक्स पे दो लाइने सुन
10:01है, क्या-क्या ये चुनाव लेके आता है, ये सब मैं, मनो जी आज रैप की और बढ़ गय थे, एक पैर पे डांस कर रहे थे, मनो जी अगर मुझे देख ले तो रैप टा के तरह भी बढ़ सकते हैं, एक जोक है, पता निया कट जाएगा कि रहेगा पर पता नहीं, पर सौर
10:31मैं मार खाऊंगा, आप आएंगी बचाने, चाची, ऐसा लग रहा है, चलता घरभा छोड़के आई हैं आप, खड़ी हो येगा, या किसी के मटकोर परचाउन से आ रही है, लग रहा है, भतीजे की शादी मैं मांग करके आई हैं, जस्ट, पतीदेव आएं हैं आपके, त�
11:01की बाद इसले की, जारता लोग इसे रिलेट कर पाते हैं, आप खुद ग्रीन फ्लैग हैं, ग्रीन तो हैं, कम से कम रेड तो नहीं है, मुझे लगा क्रोमा पहन क्या हैं, बाद में एडिट पे चेंज करेंगे, क्रोमा यहां हाई नहीं, आपको सब पता है टीवी के बारे म
11:31मेरे खाल से सबको पता होगा, आज तक कि जो भी विग्यापन आते थी, उनकी जो केंपेंग आती थी, केंपेंग जो चल रही थी उनकी, श्वेता जी एक में उन्होंने अक्टिंग की थी, और बहुत-बहुत नेचरल किया था अपने, बहुत कम निउस के लोग हैं, जो न
12:01तो ये बात मैं आज तक के मंद से इसलिए कह रहाँ, क्योंकि उस लाइन को लिखने में मुझे वक्त नहीं लगा, क्योंकि अगर आप आज तक चैनल की बात करें, तो सबसे सिंपल और सबसे सटीक वही बात है, उसमें एक चंक है कि आज तक की गाड़ी आ रही है, और कु�
12:31कि चलो फिर बेचने ही कुशिश करते हैं, वो बेचते हैं नहीं बिखता है, इनकी लास्ट में लाइन आती है, कि आचार नहीं, समाचार से बनता है आज तक, तालिया तो बनती है, जिन जिन लोगा नहीं नहीं देखा है, उनके लिए थोड़ा से रिमाइंडर हो गया है, �
13:01नहीं कहते हैं, तुमको क्या मालूम क्या होता था, जीता था जिसके लिए गाना सुना है, हम लोग का एंथम था वो, वो गाना नहीं जहर है, जो रगों में भी तोड़ रहा है, वो गाना बजता था और जिन्दिगी में सब कुछ अच्छा चले तो भी उदास होने का मन कर
13:31अगर जीता था जिसके लिए भांग है, तो तेरे नम धतूरा है, सब बीच में से दरवाजा खोल के, आधा गाओं ऐसे, अबे टपडो ले लूटा, घरवालों ने भी लूटा, बोले ये शिर नहीं है, मैं अपड़ी बता रहा हूँ,
13:49क्या गाइकी आपका एक नया आयाम है, जीता था जिसके लिए आपने बोला ना कि, एक दो ब्रेक अप तो गाने की वैसे हुए, मैंने का मैं साइट संग सुना चाहता हूँ, पागल बाग, हमें सिरियसली लिया नहीं गया, हमें जिसने सिरियसली लिया वो लड़ी सामने ब
14:19होगी छोड़ना नहीं बाबू, मैं सिर्फ उसका फॉलो कर रहा हूँ, मैं अपने प्यागे होता तो सुचो, नहीं वो जो कहते हैं, ये जो है उत्राखंड की है, कहां से ये मेल मिलाप हो गया, कहां यूपी, कहां उत्राखंड, अम्मा को फोटो दिखाई, मैंने का ये ल
14:49और मू तो तुम्हारा बता रहा, ये फस्टियर की फोटो है, तुम तो दिवरिया से यूपी सी करने गए थे, ये कौन सा डिपलोमा है, तो मैंने का ये लड़की पहाड की है, बुले हाँ, एई से कल यूपी बिहार के सब लेकी तो के जान गिल बड़ी सन, आप कहां की है
15:19परिश के बारे में लिखेंगे या नहीं लिखेंगे परिटोश? लिख तो सकते हैं ना? निकि आज फूल स्टॉप लग गया शादी के बाद. प्यूश भाई बोलते हैं, अब लिख सकते हो तो लिख लो, आप कर सकते हो तो कर लो, तो सुनिए आपके लिए चार लाइन, �
15:49एक उससे पहले लाइन सुनें, श्वेता इदिग गें तो याद आ गया, मुहबबत हमारी कैसी थी? मुहबबत हमारी कैसी थी? बिहारी के लिए UPSC थी. श्वेता की तारी मामा जी के अंदास में करते हैं, आप सुचे वही शिलपा शेट थी. अरे शिलपा जी मर जाएंग
16:19कोई दूसरा का भी नाम मामा होगा, पकड़ ले जाहिए. मुझे अच्छा नहीं लगता है कोई हम नाम तेरा, कोई तुस्सा हो, फिर नाम तुस्सा रखे. सुनिए आपकी बड़िया लाइन है, सुना रहा हूँ. कि परिशान वो देख नहीं पाती किसी को, खराब हमने भ
16:49परिशान वो देख नहीं पाती किसी को, खराब हमने आप जाहिए, मैं बंद करके आजाओंगा. मैं टाइम देखा ही मैं ने उस लड़की की तरफ देखा जिसको आपने OTP का फुल फॉर्म बताया था. उसको अब पता चलिया ना में आपका? अब बताओ OTP का फुल फॉर्
17:19क्या नाम है आपका? स्मृत्री याद रहेगा. स्मृत्री? स्मृत्री. तुम्हार नाम है बाबू. सुनिए, लाइन ही नहीं पूरी होने दे रहे हैं आप लो? वो कौन है?
17:39परिशान वो देख नहीं पाती किसी को खराब हमने भी अपना हाल रखा है. खर्च करता हूँ पर कम नहीं होता. उसकी यादों का पूरा टकसाल रखा है. और बद्दुआ मैं उसे दे नहीं सकता. उसने खुदा के नाम पे अपना नाम रखा है.
18:00मैं बद्दुआ उसे दे नहीं सकता. उसने खुदा के नाम पे अपना नाम रखा है. और न फेको प्यार के जाल यहां. उसने खुदा के नाम पे अपना नाम रखा है. उसने खुदा के नाम पे अपना नाम रखा है. उसको अगरीम जमानत कहते हैं. इसके बाद मैं कुछ �
18:30उसको पता है L1, L5 के बीच में गाप कहा है, वहाँ कोनी रखती है
18:34पिर भी आप नहीं सुधर रहे हैं
18:39सुरी बिटा, बच्चे के डाइपर के लिए सब चुट कुले सुनाने पड़ रहे हैं
18:43एक और सुना दू दू बढ़ यहाँ
18:46यहाँ
18:47यहाँ वह चीटिया वाला सुना आप लो कि जाने कब टाइम खताम जाएं तो उसको नहीं
18:50नहीं टाइम नहीं खताम हो रहे हैं, हम बढ़वा देंगे
18:52दिककत नहीं
18:54ठीक है
18:55पुरी मेडम, यहाँ लोकिंग गॉर्जियस
18:58सुनिये की
19:00यार हमारे वहाँ क्या है न, मेरे खाल से जो भी मिलेनियल्स हैं या जो भी यूपी बिहार और यूपी बोर्ड बिहार बोर्ड से वाकिफ हैं वो जानते होंगे
19:08हमारे वहाँ इश्क जो है वो दस्वी के बाद दम तोड़ देता है
19:11क्योंकि दिल साइन्स और आर्ट के बटवारे का शिकार हो जाता है
19:15साइन्स और होम साइन्स में हार सिर्फ इश्की हुई है
19:18उसी इश्क में हारे हुए हम लोग हैं जो पन्ने पे लिक लिक के जीच जाना चाहते हैं
19:24पहला प्यार किसको किसको याद है, सबको याद होगा
19:27एक बच्पन में कोल्डरिंग आती थी
19:30शीशे की बोतल में मीठी होती थी थोड़ी
19:32माजा
19:33यस, पुराने लोग हैं
19:36मेकप अच्छा हुआ है
19:37तो जब वो कोल्डरिंग खतम हो जाती थी मैम
19:42तो हम लोग उसमें पानी भर के पिया करते थे
19:44मीठी कोल्डरिंग खतम हो जाने के बाद
19:47शीशी की बोतल में पानी भर के पिया करते थे
19:49उस पानी का रंग लगभग वैसा था
19:52उस पानी में खुश्बू लगभग वैसी थी
19:54उस पानी में स्वाद लगभग वैसा था
19:57हम में से बहुत सारे लोग हैं
19:59जो प्यार के नाम पे लगभग बेजी रहे हैं
20:01क्योंकि पहला प्यार ओरिजिनल कोल ड्रिंग है
20:04और दूसरा तीसरा उस बोतल में भर के पिया गया पानी है
20:07वाह
20:11चुटकुले तो मैं टीवी के चक्कर में सुना रहा हूँ आदमी में गह रहा हूँ
20:16यह आप यहाँ कुछ भी सुना सकते हैं
20:18कोई काविता पाट कर से हैं
20:203636 मेरा ITM का कोड है
20:2236 क्या है
20:23कुछ भी सुना सकते हैं तो
20:26मंच खुला हुआ आपके लिए
20:27मंच खुला हुआ अटियम नहीं खुला है
20:29पैसे पूरे भी लेंगे
20:31आपके लेते हैं हम साहिद्य के नाम पर
20:33अभी हम बिकाओ कभी हो नहीं पाए हैं
20:37यह लेकिन पारितोष
20:39सीरियस इशूस पर आते हुए
20:41और आप कभी सीरियस रहते हैं
20:43मैं बार बार टाइम पर मज जाएगी
20:45घड़ी तोड़ी बाद बंद हो जाएगी
20:47तब ही आपस बात चीट कर सकते हैं
20:51लेकिन जो आप अभी तख काम करते आएं
20:53उसके बाद
20:55जब आपने
20:57अपने लेखे की को और जादा
20:59आपको लगा ऐसा कभी
21:01कि इस पॉइंट से
21:03मैं इश्क
21:05महबबत प्यार जिस पर
21:07मैं पेली भी चट्चा कर रही थी
21:09इसके लावा भी कुछ लिखे हैं
21:11शादी को अटा दीजिये अगर
21:13ठीक है तो मैं इसका है सीरियस जवाब दूँगा
21:15इसका है
21:17मैं टीवी शो करता था
21:19मामा जी का किरदार दिया गया
21:21और कहा गया कि आप शिल्पा जी के फैन हैं
21:23उनके साथ आश्की करिये
21:25मैंने का अच्छा
21:27और किसने बता इसके पैसे भी मिलेंगे
21:29मैंने का गुड
21:31अब उसमें क्या था कि
21:33जो सामने चल रहा होता है
21:35जो एंकर्स पढ़ते हैं
21:37जो रियलिटी शोज कर रहे होते हैं
21:39सब लिखा होता है
21:41मैं पढ़ नहीं पाता था
21:43मैं पढ़ता था मेरी आखें ऐसे शिफ्ट होती थी
21:45उस चक्कर में मैंने अपना
21:47खुद का लिखना शुरू किया
21:49कि मामा जी पोईटरी करेंगे शायरी करेंगे
21:51तो उस कड़ी में
21:53मतलब शायरी वैसी वाली
21:55कि शिल्पा जी की गली में जाके हमने
21:57कहा दिल से दिल मिला लो
21:59शिल्पा जी की गली में जाके हमने कहा दिल से दिल
22:01मिला लो उनके पती बाहर आए हमने का
22:03कुकर ठीकर रालो कूकर ठीकर नालो ऐसा वाला
22:07कई तू मेरी एंजलेना जोली मैं तेरा ब्राइट नागिज जोली में तेरा्ट पिट
22:12इसा लिखना होता था उस कड़ी में कुछ अच्छी कविताइं बन जाती थी
22:18तो वो क्रियेटिव किसम के लोग थे वो कटवा देते थे यारे यार यह तो बढ़िया है यह थोड़ी टीवी में चलेगा
22:24वही सारी कविता हैं बचते बचते एक दिन घर में डायरी और पन्ने खंगाल रहा था तो गीता कपुर जी मुझा राखी बांती है कोरिगराफर तो बोली भाई यह क्या है मने का बताइए तो बढ़िया है तो उन्होंने का फिर इसकी किताब आनी चाहिए और इस तरह से मैं
22:54और मन पतंग दिल दोर इसका अगर आप कोई हिसा सुनाना चाहिए चाहिसी मुखबत में दो कविताएं हैं जो बहुत जादा पसंद की गई एक तो जितनी लड़कियां वहां बोलेंगी हां यह मान लो कि आप जिनको चाहते हो वो कह रहे हैं हम नहीं तुम्हें पढ़ने क
23:24लिख लो तुम्हें देखने का शॉक है मेरे साथ जवानी से बढ़ापा देख लो और तुम्हें समझने का शॉक है उससे बहतर नहीं मिलेगा समझ लो और एक चींटियां वाली पोईट्री बहुत फेमस हुई थी वो सनायता हूं कि
23:38क्या था आपको याद होगा है ठीक है गुट मैं चेक कर रहा था क्योंकि मैं तो भूली रहा हूं इनको तयाद हो
23:50कि सीख तो लेने दो मनाने का हुनर इससे रोमेंटिक धर्ती पहे नहीं सची बतारो कसम से
23:58सीख तो लेने दो मनाने का हुनर
24:01इतनी जल्दी खफा हुआ ना करो
24:03Let me learn baby
24:05सीख तो लेने दो मनाने का हुनर
24:08इतनी जल्दी खफा हुआ ना करो
24:10जलती नहीं है सिग्रेट
24:12जलता है कलेजा
24:13सुर्खोटों को ऐसे धुआ ना करो
24:16जलती नहीं है सिग्रेट
24:18जलता है कलेजा, सुर्ख होटों को ऐसे धुआ ना करो, रोज उतारती है नजर मा मेरी, तुम मेरी सलामती की दुआ ना करो
24:26अब आर ये लाइन समालना भाई, रोज उतारती है नजर मा मेरी, तुम मेरी सलामती की दुआ ना करो
24:34और चीटियां लग गई हैं नमक के डिबे पे
24:37मने तुमसे कहा था कुछ भी छुआ ना करो
24:40चीटियां लग गई हैं नमक के डिबे में
24:45कहां से आते हैं ये थौट्स
24:47कौन है ये लो कहां से आते हैं
24:49कहां से आते हैं
24:50एक तरफ तो आपका इतना हलका-फुलका अंदाज है, आप कॉमेडी करते हैं, एक तरफ इतनी गहरी बाते हैं, अलग-अलग कैसे हो जाते हैं, पारितोष, क्या करते हैं?
25:00पंकस दिरपाठी जी के साथ बैठता हूँ, तो कैसे हो जाते हैं, मतलब से, सम्तुलन रखो, यह जो सही त्यास तक है न, भाई आगे बोलिए, यह रियक्शन है, इसमें कोई बाट डाल लेना, सही त्यास तक की एक बात बहुत अच्छी है, कौन सी, वो मुझे नहीं पता, �
25:30पंकस प्याना है, मुझे एक दिर मजाक में बोला था, कि संतुलन रखो, अब यह बात वो गाड़ी के रेफरेंस में बोल रहे थे, पर मैंने जिंदगी के तौर पे ले लिया, संतुलन रखो बिटा, थोड़ा सा रह गया था, नहीं, वही है चकर कि, जब मैं दिल्ली में �
26:00क्लास में देख रहा था, एक लड़का ने लड़की किस कर लिया, मुझे दो दिन बुखार रहा, कि मैं गलत कोर्स में आ गया क्या, तो उस पे कुछ चार लाईने लिखी हमने, पहला किस नाम से कविता लिखी, फिर आपको धिरे-धिरे पाया चलता है कि दिल्ली में तो ब
26:30तो फिर आपको ख्याल आता है कि आपको इस पे भी कुछ लिखना चाहिए, सुपर अंसर के दौरान, मामा जी की कॉमेडी तो फेमस हुई, मामा जी के चुटकुले फेमस हुए, पर मामा जी ने फादर पे जो कविता कही, वो जाधा फेमस हुई, किसको किसको याद है पा�
27:00कि गाउं से होना और गाउं में होना दोनों में बहुत फरक है तो आप गाउं से हैं तो कभी-कभी गाउं में भी हो ये एक गाउं और शहर पे कविता लिखी थे मैंने सुनिये
27:10इतना अधिकार से मेरे पिता ने कभी नहीं बोला था
27:17पाप, आप येहीं है
27:20पक्का सुनाओगा बhाई, पक्का सुनाओगा
27:23क्या नाव मैं आपका?
27:24रजद
27:25चमकते रो, मैं पक्का सुनाओगा
27:27सिल्वर सिल्वर
27:29सुनिए गाउं शहर
27:32शहर घुमता है काले चश्मे लगाके, गाउं अब भी नजर मिला लेता है
27:38मुझे लगता है यह बहुत सही मंच है जहां से ऐसी कवीता कहनी चाहिए
27:41शहर घुमता है काले चश्मे लगाके, गाउं अब भी नजर मिला लेता है
27:46शहर बिमार होता है दवाओं से
27:48गाउं बिमारी में भी खुद को जिला लेता है
27:51शहर के पक्के मकान भीतर भीतर जल जाते हैं
27:58गाउं में जोपडिया भी महफूज रहती है
28:01शहर के पक्के मकान भीतर भीतर जल जाते हैं
28:05गाउं में जो पडिया भी महफूज रहती हैं, शहर में है खारापन, खारा है पानी यहां का, गाउं में मीठे पानी की नदी बहती है,
28:13नकली चेहरे गाउं में भी थे
28:16मगर उनकी आझें सच्ची थी
28:18शहर के भीत्री शोर से
28:24आठा चक्की की पुक पुक पुक पुक पुक अच्ची थी
28:28गाउं में देखो मुस्कुराती है फूल गोबियां
28:31ये लाइन सुनना
28:32गाउं में देखो ऐसा लगता है कि स्माइली ही है
28:36गाउं में देखो मुस्कुराती है फूल गोबियां
28:39शहर ने पहले बाल रंगे फिर हरी सबजियां
28:41मैंने देखा है
28:51कोई कर रहा है
28:54मैंने देखा है गाउं की कमी
28:57मैंने देखा है शहर की कमी गिना रहा है गाओं में
29:01कोई कर रहा है चुपके से छेद नाओं में
29:04पहिया पलाइन का बांध लिया है पाओं में
29:07एसी कमी गिनाता है पीपल की छाओं में
29:10मैंने देखा है
29:12कोई कर रहा है चुपके से छेद नाओं में
29:15पहिया पलाइन का बांध लिया है पाओं में
29:17AC की कमी गिनाता है
29:18पीपल की छाओं में
29:20मेरी दुआ है
29:21खुब तरक्की करे ये जमाना
29:23मेरी दुआ है
29:24खुब तरक्की करे ये जमाना
29:26मगर गाओं की लाश पे शेहर मत उगाना
29:28बहुत खुब
29:30थेंक यू
29:31अब पारितोष आक्टिंग का आपका सफर शुरू हो चुका है
29:37उसमें कौन से किर्दार, कौन से शेड़ आप ले कर रहे हैं
29:41थोड़ा सा हमारे दरश्कों को बताई है
29:42क्योंकि वो तो पारितोष का एक साइड जानते हैं
29:45मतलब कुछ फिल्मे आई है जो एक जनितमे जारी फिल्म आई थी बहुत अच्छी थी वो नुश्रत बरुचा थी मेरे उपोजिट वो पोजिट से किसी और के साथ चली गई
29:54मुझे वो नहीं मिली पर दरश्कों का प्यार बहुत मिला एक लुड़ो फिल्म आई थी उसमें फातिमा थी वो भी हमें नहीं मिली
30:01हाला कि हम चाहते भी नहीं थी हमारा कहीं और चक्कर चल रहा था बाबू के डैडी
30:06और एक वनवास आई थी नाना पाटेकर जी की फिल्म में उनका बेटा बना था बोलते बोलते उनके इसी आवास हो गई ना कमाल है जिंदगी आप देखिए एक लड़का देवरिया में एक लड़का गुपाल गज में कभी अपने ननियाल कभी अपने दियाल जाता है और �
30:36अपने उसी की मिमिक्री कर रहे हूं मतलब वो सामने मैं कर देता हूं यह कहां जा रहे हो पिछे लो ने बीके सेन
30:45क्या भाई जाते हैं मिमिक्री बाहूं मिमिक्री इस दी वेस् फार्म उ ने पर्रेंटरी आ जो पड़त जायेगा मै जिंद बहु हम लो जो कभी हांग हो टे बहद है अब
31:15येका जुर्म कबूल कर लेगा, जो किया भी नहीं है
31:17आप तो आइंकर बने के ले तया आ रहे ना
31:19फिर का है हमारे प्रोफेशन को इतना हुआ
31:21दूसरों का भी घर चले
31:22तो अभी दो-तीन फिल्में रिलीज पे हैं
31:26अभी तो Super Dancer का पांच पा सीजन गया
31:27इसके बाद चटा सात्वा आएगा
31:29उसके बाद दो-तीन फिल्में रिलीज पे हैं
31:31एक हमने और केके मेन अजिने एक फिल्म किया
31:32हम दुनों भाई बने हैं
31:34और 1975 कब भिहार
31:36और होरर फिल्म है
31:38तो बहुत-बहुत अतरंगी फिल्म है
31:41एक हमारी और परशान अरण जी की फिल्म हारी है
31:43ये दो फिल्में रिलीज पे हैं
31:46और बताओ क्या लग्यों बुलाया हमें
31:49पपरे
31:51पारितोश
31:54बहुत-बार ऐसा होता होगा आपके साथ कि
31:57आपको फर्माईशी प्रोग्राम सुनने को मिलते होगा
31:59यहां पर भी कुछ फर्माईशे होंगी
32:01बताओ कौंसी सुनना चाहते होंगी
32:03प्लीज होकुम करें
32:04कि मैंने मायूश करना चाहती किसी को भी
32:06क्या सुना दूँओ आपने रेडियो पे बाभू शोना सुना है
32:09बाभू शोना
32:11कुछ वैसा कुछ
32:12यहां यहां बाभू शोना वाले काफी बाभू शोना जैसा
32:16पहली मुहबब थी हमारी भी तुम्हारी भी
32:20उससे पहले सुन लो एकी
32:22डीजे खुल गया है क्या
32:25नहीं वो किसी स्टेज की अवाज आरे तो
32:28सुनिये
32:28एक सुन लो एर ऐसा थोड़ा सा मौजवाला
32:32कि तु क्यों डरती है बदनामी से
32:34मैं तुझे बस दोस्त बताया करता हूँ
32:37हैश्टेग जस्फेंड्स
32:38तु क्यों डरती है बदनामी से
32:42इसको थोड़ा लेट चमका ना
32:44लड़कियों की हरी पोर्टर
32:46जेब्रा क्रोसिंग
32:50क्या नाम है आपका
32:52पैरों को फासी क्यों दिया है
32:54दिखा ना
32:57आपके
32:58फुटवेर पर कमेंट कर रहे है
33:00पैरों पर फासी क्यों लगाई है
33:02इसी पर कविता सुनाँगा मैं थोड़ा रुख जाओ
33:03सुनिए
33:06क्या पैर भाग जाते हैं
33:09बांद के रखती हो
33:09हमारी सुमर में भाग जाते थे
33:13कि परिशाँ वो देख
33:15सुरी हाँ
33:16कि तू क्यों डरती है बदनामी से
33:19मैं तुझे बस दोस्त बताया करता हूँ
33:22तू क्यों डरती है बदनामी से
33:24मैं तुझे बस दोस्त बताया करता हूँ
33:26हो न जाय मुहबबत कहीं फिर
33:28मैं शाम घर में बिताया करता हूँ
33:30हो न जाये मुहबबत कहीं फिर
33:32मैं शाम घर में बिताया करता हूँ
33:34और जाती नहीं है लाली तेरे होटों की मेरे होटों से
33:38कितने बुज़र्ग हैं ताली बजाओ
33:40बजनी यहाँ है
33:44जाती नहीं है
33:46मैं शाम घर में बिताया करता हूँ
33:49जाती नहीं है लाली तेरे होटों की मेरे होटों से
33:52मैं मजबूरी में पान चबाया करता हूँ
33:54मिठता ही नहीं है तेरा नाम बदन से
34:03मैं टैटू को टैटू से चुपाया करता हूँ
34:06वो दिपिका दिदी ने आरके का फूल बना लिया था
34:09मैं टेटू को टेटू से चिपाया करता हूँ
34:12और सब खतम हो गया है बस पागलपन बचा है
34:15सब खतम हो गया है बस पागलपन बचा है
34:18मैं तुझे रोज याद करता हूँ, रोज भुलाया करता हूँ
34:21रोज याद करता हूँ, रोज भुलाया करता हूँ
34:24हैश्टेग जस्फ्रेंट्स
34:25हैश्टेग जस्फ्रेंट्स तो सुनिये की
34:27एक लाइन सुनिये एकदम से
34:29वो थोड़ा जिम्मेदार सा लगता है
34:31वो थोड़ा जिम्मेदार सा लगता है
34:33तो जमाने को गमार सा लगता है
34:35वो थोड़ा जिम्मेदार सा लगता है
34:38तो जमाने को गमार सा लगता है
34:40जब से हुई है माई रिटाइड मेरी
34:42हर दिन उसे इतवार सा लगता है
34:44हर गोतर का सुना रहा हूँ
34:47एक सुन लिजे कि
34:49यहां बिछड़ते हैं वहां मिलते
34:53सुनना बहुत दिल के करीब यह पोईटरी है
34:55मीना गई ना? सुनो
34:57चली गई है
34:58जब से वो गई है तब से आपका अंदाज और मूट दोनों चेंज हो गया
35:01अरे
35:02आदेख रही हूँ
35:04किसी ने बाल पंखे में चलाया है पांच पे
35:06बांध के
35:08बहुत सारी प्रेम कहानिया है जो कॉलेज कैंटीन के बाहर
35:14गेट के सामने
35:16नोट्स बुक को आपस में शेयर करने के दोरान ही खतम हो जाती है
35:21और बहुत सारी प्रेम कहानिया है जो वहीं छूड जाती है
35:24तो उसी को ट्रिव्यूट है ये यहां बिछर आरे यां बार बर देख रहे हैं नहीं आरे उनको नहीं देख रहा हो वो तो इधर गई
35:33इधर में दूसरा देख रहा हूं एक मेरा दोस्ति सुनाता है उसने साथ छोड़ा तो उसकी सहली पटा ली मैने फॉलो नहीं करना हां
35:54यहां बिचडते हैं वहां मिलते जैसे बिचडते हैं वैसे कहां मिलते इनतजार में बेचैनी थी शायद वरना हम कहां कहां मिलते
36:14और कैसी जिद है उफ कैसा है बच्पना
36:16कैसी जिद है उफ कैसा है बच्पना
36:20वो मिलते तो हैं पर तबियत से ना मिलते
36:23वो मिलते तो हैं पर तबियत से ना मिलते
36:26और सर्द मौसम में कहां नेकी रादे मिलते
36:29वही वाली बात है
36:32ये तब की पोईट्रिय जब ओयो नहीं थे
36:34थंड का मौसम बहुत सही होता है
36:39बहुत सारे ब्रेकप्स डिले हो जाते हैं
36:41कि दिसंबर तक रुख जाते हैं
36:43वरना हम कहां कहां मिलते
36:49अकेले मन बजाईए
36:50खैनी के शोकीन लगेंगे सब एक साथ बजाईए
36:52सर्द मोसम में कहां नेकी रादे मिलते
36:58हमने छोड़ दी उडानी महबबत की पतंग
37:01वरना च्षतों पे सबूत में धागे मिलते
37:03और थागे मिलते
37:17और हमने शराफ़ दिखलाई
37:20तो गुरूर आया उनमे
37:21वरना हमारी तरह हरकत करते
37:23उनके साहबजादे मिलते
37:25पारितोष
37:28दिव भिया
37:29दिव भिया के लिए जुरदार तालिया
37:3025-30 किताबे इन्होंने लिखी है
37:32सुरी लिखवाई है और 12 तेरह बैसलर लिखवाई है
37:35दिव परकाश दुबे जी यहाँ पे हैं
37:37जुरदार तालिया बजाओने के लिए
37:38हलो भिया
37:38यह ऐसे खुल के हर चीज नहीं कहते है
37:41आप बाद में भी कह सकते थे बाद
37:42कौन सी?
37:43यही जो लिखवाई है वाली
37:45मुझे लगा उसर्द मौसम पे हैं आप
37:46मैं किताब पे हैं
37:51अब आपकी किताब का विमोचन बचा है
37:53जी बचा है क्या मतलब?
37:56क्योंकि टाइम अप हो गया है
37:57और उसके बाद भी
37:59यह आपको वादा था मेरा
38:01एक्स्टेंशन अफ टाइम है यह उसी का हिस्सा है
38:03ठीक है
38:04पिता वाली कविता बिल्कुल सुना हूँ
38:06अभी सुना दूँ
38:07ठीक है
38:08सुन लीजिए
38:10दो कविताएं हैं पिता पे
38:15एक वो है जो
38:16ओम बियास जी की रचना थी
38:182016 एंड की बात है
38:20मेरी बहन डॉक्टर अचना तरिपाठी यहां बैठी है
38:23जीमसी में प्रोफेसर है
38:24और
38:26जैसे हर
38:28जैसे हर संतान अपने पिताएं क्लोज होती है
38:30हम दोनों है
38:31मेरी बहन बहुत ज़्यादा है क्योंकि हमारे पूरे खांदान में
38:35पिताजी अंग्रेजी के प्रोफेसर थे
38:36उनके बाद किसी ने अंग्रेजी पढ़ने की हिम्मत नहीं की
38:39इनों नहीं की
38:40ग्रेजुशन में इंग्लिश रखा एक पेपर
38:42उसके बाद उनने का पापा आपका हो गया आप मुझे जीने दो
38:45फिर अब ये जेनिव से एंफिल पीछडी करके
38:48ये जेमसी में प्रोफेसर है मेरी बहन
38:50पढ़े लिखे कर से हूं मैं जज मत करना मुझे
38:52मेरे पर मत जाना
38:54तो
38:55I was shooting for that episode
38:57Super Dancer का season 1 था और पापा मेरे बिमार थे
39:00बहुत ज़्यादा वो PGI लखनू में थे
39:02अब बोलते हैं न कि
39:04शो मस्ट गो आउन
39:05ये बोलने में जितना कूल लगता है उतनी ही
39:08पीड़ा दायक लाइन है
39:09अब हमारा काम था कि हम शिलपा जी पे चुटकुले सनाएं
39:12और आसपास हसी मजा करें
39:14जो करें अपना जो एंकर का काम होता है वो करें
39:16और जैसे बीच में कट होता था मैं जाके
39:18घर पे बात करता था कि
39:20क्या है कंडिशन ये वो
39:21उस दोरान फादर सन पेकेक्ट हुआ
39:23उस दोरान की एक कविता है
39:25ओम जी की चार पंक्तियां
39:26उसके बाद एक मैंने भी कविता लिखी पापा पे
39:29वो भी मैं सुनाऊंगा
39:31पिता रोटी है कपड़ा है मकान है
39:35किसको किसको याद है
39:36तेंक यू
39:38पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है
39:41पिता नन्हे से परिंदे का बड़ा आस्मान है
39:44पिता है तो घर में प्रतिपल राग है
39:52पिता से मा की चूड़ी, बिंदी और सुहाग है
39:55पिता है तो बच्चों के सारे सपने हैं
39:59पिता है तो बाजार के सब खिलोने अपने हैं उसके बाद मैंने एक पिता पे कविता लिखी चार चे लाइन की है
40:05शुरू की चे लाइने जो है वो तब की है जब पापा थे और लास की चार लाइने तब की है जब पापा चले गए
40:12सबसे पहले पंकस द्रिपाठी जी ने पढ़ी थी ये कविता
40:14उनके पिता जी का दिहान थुआ था उसके बाद उनका इंटर्विव था
40:17सुनिए बाप को कैसे मैंने डॉन कराई है
40:19डॉन कराई है अधर्वाइल स्टॉप
40:20थैंक यू
40:22जो बिना आसू बिना आवाज के रोता है वो बाप होता है
40:28जो बिना आसू बिना आवाज के रोता है वो बाप होता है
40:32जो बच्चों के किस्मत के छेद अपनी बनियान में पहन लेता है वो बाप होता है
40:37मा रखती है कोख में नौ महीने हमें
40:40सच है मारक्ती है कोक में नौ महीने हमें
40:44पर नौ महीने जो दिमाग में ढोता है वो बाप होता है
40:47घर में जब सबके नए जूते आते हैं
40:50बाप के तलवे घिश जाते हैं
40:53जो अपनी आखों में दूसरों के सपने सजोता है
41:00वो बाप होता है
41:01बाप निवाला होता है, बाप रखवाला होता है, बाप अपनी उलाद से हार के मुस्कुराने वाला होता है
41:13बाप करता है, कहता नहीं
41:18बाप निवाला होता है, बाप रखवाला होता है, बाप अपनी उलाद से हार के मुस्कुराने वाला होता है
41:24बाप करता है, कहता नहीं
41:27जब बाप समझ में आए
41:29तब तक को पास रहता नहीं
41:31खोड़े भावक हो गए हैं आप यहाँ पर
41:35सब हो गए हैं, मुझे लगता है
41:37सब हो गए हैं और
41:39मैं माफी चाहूंगा भावकता के लिए
41:41गटिया जोक मारके मैं नॉर्मल कर सकता हूँ
41:43पर मुझे लगता है कि रो लेना चाहिए
41:45कुछ तकलीफ ऐसी होती है
41:48जो एक दिन रोने से खतम नहीं होती है
41:49इसलिए हम एक दिन रो के खतम भी नहीं करना चाहते है
41:52मेरे फादर अंगरिजी के परस्विसर थे
41:54सीवान में
41:55मेरी मा हिंदी की टीचर रही है
41:57मैं मा पे गया हूँ
41:59आप मेरी अंगरिजी सुनके देखिएगा
42:00तो सहित मेरे खाल से मेरे खून में है
42:04और
42:05एक लड़का जो एक क्लास फेल हुआ था
42:07छटी सातवी में
42:10वो ग्रेजुएशन में टॉपर होता है
42:11और वो तीन किताबे लिखता है
42:12तीसरी किताब आज यहाँ
42:15हम आपके सामने रिविल करने वाले हैं
42:17और आज तक के
42:17सहीत आज तक के मन से
42:19प्री बुकिंग शुरू हो जाएगा
42:21और आज एम सो ब्लेज्ड कि
42:22मैं जिनको एड्मायर करता हूँ अपने घर में
42:25और जिनको एड्मायर करता हूँ घर के बाहर
42:27वो दोनों महिलाएं मेरे सामने दिख रही है
42:29शुवत्या जी प्लीज मंच पहाएं
42:30डॉक्टर रचना दिरपाटी दीदी आप मंच में आएं
42:32दिवेपरकाश भाईया आप करिपा करके मंच में आएं
42:35मिथलेश जी जा हमारे प्लीज मंच पहाएं
42:37शैलेश जी हमारे पब्लीशर
42:40आप सौभागे शाली हैं सभी परिवारवालों का साथ आपको मिल रहा है
42:44और जोटार तालिया हो जाएं
42:46पारितोर्ष के लिए
42:48क्योंकि एक मेंतपूर लंभा है
42:51तो इनकी नई किताब वो यहां लाई जाए और उसका अवलोकन किया जाएगा
43:08मैं बहुत समयना लेते हुए देखिए मुझे उम्मीद नहीं थी जब तुमारी पहली किताब आई थी परितोष कि तुम तीन लिख दोगे
43:16आप भी कुछ ऐसा कह सकते हैं जैसे इन्होंने आप पर करी था
43:21नहीं नहीं पंदरभीस लिखवाई से इनका यह मतलब नहीं था कि मैंने गोस्ट राइटिंग कराई इनका मतलब था मैंने पंदरभीस लोग को बरबाद किया है
43:28यह सपना बेच के किताब लिखी जा सकती है और किताब लिख के यहां पर ऐसे पहुचा जा सकता है
43:33हम सारे लोगों के अंदर एकात किताब होती है और मैं उमीद करता हूँ कि परितोष की किताब से आप में से सब लोग बहुत सारे लोग इंस्पायर होंगे
43:43और अपनी कहानी जरूर लिखेंगे, तो अपनी कहानी इसलिए भी लिखनी चाहिए, क्योंकि आपकी कहानी कोई और लिखने तो आएगा नहीं, तो बहुत बहुत बहुत शुपकामना है परिटोश, अब इससे जादा लिखूंगा तो मुझे उतनी आता नहीं है, कि मैं एमो
44:13उसे मैंने आज देखा है, मैं इसको पढ़ना चाहूंगी
44:16परिटोश, आप खुद इस किताब के बारे में थोड़ा सा बताईए और इसके साथ हम, हाँ, इसको पहले करिए इसका अब लोकन, मुझ दिखाई
44:26और ये जैसे इसका दिदार आप कर लेंगे, इसी वक्त इसकी प्रीबुकिंग शुरू हो जाएगी
44:36आज तक के मन से, साहित आज तक के मन से, परिजोश्टर पार्टी की तीसरी किताब आ रही है
44:42मन पतंग दिलडोर और चायसी महबबत के बाद, ये है तीसरी किताब जिसका नाम है घंगोर इश्क
45:12थैंक यू सो मज, थैंक यू, बहुत प्यार दिया
45:26समय समाप्त हो चुका है, एंकर के गले तक इंट्रो आ चुका है
45:31फटाक से दो, चार लाइन है इस कविता की आपके लिए सुनाओं
45:36वेरी गुड, देख लो भाई, अब यह लोग कह रहें, नहीं रुक जाई, इसको साथ ही उतरेंगे
45:42बिछड़न नाम है, यहां बिछड़ते हैं, वहां मिलते
45:47और यह तो सुना चुका, स्वारी
45:50हम बिछड़े तुमसे, तुम बिछड़े हमसे
45:53हम बिछड़े तुमसे, तुम बिछड़े हमसे, हमें गम बिछड़ने का तुम बिछड़े गमसे
46:05प्यार का पहला डर है बिछड़ना, प्यार का अंतिम सच है बिछड़ना
46:08हम प्यार से बिछड़े या प्यार बिछड़ा हमसे, याद नहीं
46:17बस इतना याद है, मिली तो पलट की रौई, बिछडी तो लिपट की रौई
46:22ऑक्या नरव настолько
46:27जोर दालिया होने हैं
46:29एक पड currently स्की सभर की तो पिसे अ हर yön तो मेरा स्वागत करना राजीव काया हो ना सब बहुत सब्लब बहुचा लो का व्यायार सकते हैं
46:42तो एक बार जोडहर घृएं सब्लब बहुक्त करना
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