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  • 7 hours ago
क‍िससे डरते हैं जयदीप अहलावत? एक्टर ने द‍िए श्वेता स‍ि‍ंह के सवालों के जवाब

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00:00यह पीछे जो आपके क servicios के चहरे वन में लगा रखें यह आपके chef मताते हैं
00:04इस च Теперь मिइं हो टी एक कहानी होती है एक कहते हैं हर किरडार कि जी जी ये सबसे एंडियुर इंडियरिंग
00:11तो हाथिराम चौधरी रहे जो जी ऑ Lic
00:17दिखिते होंगे, तो आइचली यह जादा बड़ा युगदान उनका है जिए इनको लिखा यह सारे पीछे कहानी आपसे जानना चाहूं।
00:41जब आप जुड़ते हैं उसके साथ, आपकी जैसा अक्टर, जिसको परदे पर देखकर हम महसूस करते हैं वो चीज वो बिना महसूस किये, तो उसको निभाता नहीं, तो उसका थोड़ा-थोड़ा अंश व्यक्तित्व में जाते जाता है.
00:54बिल्कुल सही कह रहा है, आपकी कुछ ना कुछ है, जब आप कोई भी कहानी पढ़ते हो, स्क्रिप्ट पढ़ते हो, उसका इक हिस्सा जो है, वो आपको प्रभावित करता है, वही रीजन है कि आप उसको करने का मन करता है, आपको.
01:06हम उसको कितना महसूस करते हैं, यह मुझे लगता है बहुत subjective है, actor to actor, करते वक्त हम उसको कितना महसूस करना है, क्योंकि यह मानिए कि जिम्मेदारी यह है कि आप उस भाव को, जो कहानी में है, यह कुरदार में है, हमारी जिम्मेदारी उसको आप तक पहुंचाना है, जरूर
01:36तो मेरा जो first hand impression है, उस भाव से, उसकी intensity आप वो नहीं है, जो मैं करते वक्त कर रहा हूँ, क्योंकि तीन महीने हो गए है, मुझे पढ़ते हुए, फर ग्यांपल हाथिराम चौलवी, उसको जब तीन महीने से पढ़ा जा रहे हो आप, तो उसकी जितने भाव है, वो हमारे �
02:06आप अगर प्ले करेंगे, तो उसको जादा महसूस कर लेना भी तो मुश्किल है, ने, किसी को भी जादा महसूस कर लेना मुश्किल है, क्योंकि ये, मेरा ये, मेरा परसनल मानना है, जो कि वो फिर, I think वो आप थोड़ा गड़बर हो जाएगा, क्योंकि आप उसमें खुद
02:36आप अपना भाव मत डालिए, आपका, अपना, किर्दार का भाव ही पकड़ के रखिए, वो ही स्यादा बेहतर रहेगा, ज्यादा महसूस करने के बजाए, ये ज्यादा इंपोर्टेंट है कि आप करते वक्त, उसकी मनोदशा समझ पा रहे होगे नहीं, समझ पा रहे होगे
03:06हम मेरी कुलीग स्टेज पर थी, उन्होंने कहा कि आप से ये मैं जरूर पूछूँ कि आपके कई करेक्टर को देखकर लोग डर जाते हैं, आप किस से डरते हैं?
03:16करेक्टर से डर जाना तो आइधिंक मेरी वज़े से तो नहीं है, वो लिखा ही ऐसा गया है
03:20आपको किस से डर लगता है एक इंसान से लगता था जी वो चले गए, मैं डाइड अच्छा उनके लाब मुझे किसी डर नहीं है
03:38तो मतलब जैदी पहलावत का बचपन कैसे बीता है? क्यूंकि एक जाट लड़का है, तो बदमाशी करता होगा, छोटा था तो
03:45हाँ वो जितनी है, हमारे गाउं में अलावड होती हुतनी
03:48कितनी अलावड थी?
03:49काफी सारे
03:51हर्याना के गाउं में काफी सारे बदमाशी लाओड होती है, बड़ में थोड़ा सा थोड़ा सा बचा क्योंकि माँ आप देट नों टीचर रहे हैं
04:00तो घर का महाल स्कूल जैसा ही रहता था
04:04आप स्कूल में हो या नहीं हो, तो मेरे लिए जो बाकि जो बच्चे होते ते ते खाओं के वो स्कूल से घर जाते थे, मैं स्कूल से अलमनों स्कूल में हापस आता था, तो उस वज़ए से बहुत जी जादा नहीं पर हाँ, basic, basic.
04:16तो मतलब आप डिसिप्लिन थे इस वज़े से जी थोड़ा बहुता और क्या वज़े थी कि आप आर्मी जान आम ही आप जोइन करना चाहिए थे क्या वो हर्याना के रूट से आई तिंक क्या होता है जब आप बड़े हो रहे होते हो तो जो प्रफेशन्स आपके दिमाग में �
04:46जुरू हुआ लेकिन अभीने अस प्रोफेशन कभी नहीं सूचा गया था तो जब हम ग्यार्वी बार्वी क्लास में थे और मेरा जो पहला जो मेरी में मेरी मेरा एक बैजमिट था क्लासमिट था संदीपोहन और ही गॉट स्लेक्टेट इन एंडिये तो वहां से समझा के न
05:16चला गया, CDS में चला गया, OTA में चला गया, तो आइधिंक वो इंस्पायर कर रहे थे, पास-पास के लोग, तो वो उस बज़े से स्टार्ट हूआ और वो काफी अच्छा लगता है मुझे अच्छा लगता है जहां से कितने बड़े-बड़े हमारे सैने की योगदा सब न
05:46मुझे पता चलता है कि बहुत सारे इंडियन आर्मी ओफिसर्स के ग्रूप बने होते हैं, जनली होते हैं तो वहाँ वो केरदार, जो है, मेरा जिक्र हो रहा हूँ था, यही काफी है, मैं तेरी बज में नहीं हूँ, मेरा जिक्र काफी है
06:02वाह, क्या बात है
06:03तो यह जब आपने पहली बार घर पर बताया तो क्या शॉक लगा उनको कि आप अक्टर होना जाहते हैं
06:10नहीं शॉक तो नहीं लगा, मैरे पापा मुझे लगता हमेशा से थोड़ से इस मामले बहुत जादा अपनमाइड़ थे, कि ठीक है तुम तुम चूज कर अपना प्रफेशन तुमें क्या करना है, बट और दर रहता है कि यार लगे सैटल हो जाए, बच्चे सैटल हो जाए
06:40परने के लिए वो थोड़ी देर के लिए उनको समझ निया कि इसका मतलब क्या है, तो एक्टिंग पढ़ोगे तो मतलब कैसे पढ़ोगे, एक्टिंग उन्हों ने दस-फंदरे सेक्ड़ का एक अच्छा पॉस लिया रूट बहुत लंबे लगे थे, तो बस उन्हों ये प�
07:10अच्छा पॉस बढ़ोगे, तो बढ़ा एजी हो गया, तो बढ़ा एजी हो गया, तो अच्छा पॉसा था कि आपको भरोसा था कि आप इसको एक प्रूफेशन बना पाएंगे, नहीं मुझे, सच बताँ मुझे जब मैं फिल्म शूट जा रहा था, मैंने उस बक तक भी य
07:40पर कर रहे थे, और उसकी वज़ा से मुझे वह बहुत बहुत ज़्यादा सुकून देता था, तो मुझे यह था कि अगर देख लेते हैं, अगर लगा कि ठीक है, तो फिर बंबे भी चले जाएंगे, नहीं तो रंगमच तो कहीं भी करी लेंगे, तो ऐसा कूई स्ट्रॉं�
08:10होता है, वो एक बड़ा स्ट्रॉंग प्रोसेस है, इसका मतलब कि जैदी पहलावत बहुत अच्छी स्टूट्ट भी थे, जी, स्टूट्ट महीं रहा हूँ, सीखने का जो वो रहा है, वो मुझे लगता कि कभी से बैटर रहा है, और जितना मुझे अच्छा माहौल मिलता �
08:40आपको जो उपलबधियां हासिल कि है, आप बैस्ट एक्टर हो गए हो, आप यह हो गए हो, तो आपके दिमाग में है कि आप अपने स्टेट के या अपनी जगे के सबसे अच्छे आप इने अताओं में से हो, पर जब वहां बीस स्टूटेंट होते हैं, जो इस देश के हर क
09:10एक मेंस्ट्रीम परदे पर, नाज, नाज, नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, दांस तो हराणा मैंसे ही नाज लेते हैं इसादियों, यह सिर्फ गुरुषड़ी से आया है, दांस, दांस कभी से था, अभी नहीं बमाद में है, अच्छा, दांस शुरवाध से लिए-जी, बहु
09:40पापा रबाट डाटा पर पूच तो लो किसकी शादी है एने का ओके आदिन नो
09:46कुछी देख के बड़ा मतलब आप अच्छा नांस करते हैं सा निकि वो शादी ओर जनरेटर के दून पर नाचने बालए बाट अबने आप अच्छा थे क्या आप अब पराने दोस्त हैं दो तो यही बैठे होएं को अब इस को पता अशोग जी है विकास है तो इनोंने बहु
10:16अधिराम में कहा नाचुगा मैं पर वो फिर मिल गया एक मौका मिला तो वहा हो गया वो सड़ली मुझे भी ऐसास नहीं ता सही बताऊ तो कि ये बात इतनी बड़ी हो जाएगा लोगों को सड़ली ऐसा लगेगा अरे यार यार या तुम नाच भी सकता नाच तो सभी सकता है �
10:46आच भी सभी लेते हैं अंधि राम जी नाच लिये थे हो तो अधिरंगा ठैप सब्सक्राइब लोगों ने तो अपने स्टेप से जाद का अपना अपना सरीका होता है आई श्रीर का नहीं हो निय दिखे और मन से लाज़ते हुए तो धरंपाजी कों से कामाल के शानदार स
11:16एक फिल्म आरे दिसम्बर में 21 जो कि हमारे यंगस प्रमवीर चक्र जो विजयता थे अरून के उपर है और धरम जी के साथ काम करने का मौका मिला वाइब वस आमें अमेजिग कहानी भी अमेजिग है विल्कुल बहुत शांदार कानी एक एसा यंग्स्टर जो इस साल का लड�
11:46फेवरेट सोलजर की कहानी है लेकिन दूसरी जो आपकी जो ओटी आपका जो फैमिली मैं 3 वो आगए और मैंने कल रात को ही देखना शुरू किया इसले नहीं कि आज आपका इंटव्यू था इसले क्योंकि वो जब से कमिंग सून चल रहा था तब से इंतजार था और मुझ
12:16रहा एकिन अग दोटागाँ ब दूसरी था क्याल यहां हंट क्यों कि
12:20पर नहीं थे प्रेड प्रेड रोल कि अमने थोड़ा सा स्क्रीन शेर किया थे फिल्म चिटागॉंग
12:27जो अप्राइजिंग थी चटगॉंग में उसके दोरान वह बहुत बहुत ज़ादा पहुंची नहीं फिल्म ओडियन्स तक उसकी वज़े से मुझे वासे पूरूव लिया एक्चुली मनौज भाई नहीं रेक्मेंट किया और फिर बहुत टाइम बाद अब जाके उरके साथ स
12:57फिल्म शूट में थे या हम उस दूर में थे जब आम एक्टिंग पढ़ रहे हैं सीख नहीं कोशिश कर रहे हैं आम शुर यह उस वक्त भी मनौज भाई बहुत सारे एक्टर्स को इस्पार कर रहे थे आज भी कर रहे हैं तो बहुत अच्छा लगा उनके साथ कुछ होता है
13:27मैं पहले भी बात बोल चुका हूँ कि जनरली क्या होता है कि हम एक कहानी लिखते हैं प्रेमचन जी जब कफल लिखी होगी तो उनके धिमाग में दो किरदार हैं उनके कोई चेहरा नहीं होगा फिल्मों में जनरली क्या गलती कर देते हैं मुझे मेरा परसनल मानना है मैं ग
13:57हमेशा फॉर्फरंट पर रखी गई उसको ज्यादा एमेद दी गई उसके अकोडिंग लिए आपने एक नायक चुना है यह नहीं कि आपने नायक पहले चुन लिए और फिर उसके इर्थ-इर्थ-इर्थ कहानी बुन लिए पर प्रोसेस उल्टा हो जाता है अगर सही तरीक
14:27उन्होंने वो कहानी किसी को दिमाग में रखके नहीं लिए फिर उनको लगा कि कौन एक्टर है जो इसको उनको ऐसा लगता है कि इसको निभापायगा तो उस प्रकरिया में मैं सबसे अदा लगी साबित हुआ अशा नहीं कि वह कोई भी कर सकता था और किसी के पिक हिस्से म
14:57उसके प्रणाम शायद सेम नहीं होते हैं, शायद कहानी भी थोड़ी सी, अलग होती अलग लगती भी देखने हैं, बिल्कुल से, पर महराज के लिए, जब आपने, क्या, 140 किलो के हो गए थे आप, नहीं 140 नहीं, मैं महराज, महराज actually हमारे लोकडाउन के बाद की पहली फिल्
15:27तो घर पे पड़े थे, पूरे 7-8 महीने, कहीं बाहर जा नहीं सकते थे, और भगवार की दया से, ठैंक गॉड, घर में खाना ठीक ठाकता, अचा, यह दूर चल रहा था, तो वो वेट बढ़ गया, पड़े-पड़े, पर मैं 110 किलो का था, 109, 107, आज भी याद है मुझे,
15:57उस स्क्रीन के किर्दार में, नहीं, वेट खतम हुआ, बिल्कुल है, उससे उस किर्दार का जो डेक्टर के दिमाग में जो सोच थी, वो सफल हो रही थी, जो वो इंसान, का जैसा भी मांसिख, वो है, वो दिखने में उससे विपरीत है, दिमाग विवत्स होजकता है, दि�
16:27और उच्छे महीने मेरे लिए बहुत भारी पड़ गए उचकर में वापस लूज करना ना हाँ मतलब बड़ा मुश्किल हो जी अठाइस तीस किलो वेट अल्मस्ट करना बहुत ज्यादा शोकिन है तो उस तेम क्या बिल्कुल छोड़ दिया थे मैंने एक भी तिन शायद ऐसा
16:57दो से तीन ट्रेनिंग होती है एक साल के पाप का प्राइश्चित था जी उच्छे महीने लगे बहुत बहुत भारी थे में पीच-बीच में अच्छी मन किया कि छोड़ो इसी वेट में कर लेंगे अक्टिंगी दो करनी है वेट का देखा जाएगा बट थैंक गड़ आइस
17:27लेकिन उर्मबेवाल से अलग यह हर क्यारेक्टर का एक बारीक सा शेड का फर्खी रहता है लेकिन जैदी पहलावत हर क्यारेक्टर में पता नहीं आप इतना effort डालते है या वो effortless आता है पर वो महसूस होता है बस इतना ही काम है महसूस हो रहा है ना बिल्कुल आपक्रिया
17:57पहले यह नहीं समझ में आता कि क्या मेरे लिए आने वाला है, what is to come, पर अभी what is to come, जैदीप और क्या क्या कर रहे हैं, अभी तो ऑफकोस जैसे आपने बुला है फैमली में चल रहा है, और 21 आरे हैं दिसम्मर में, तो हाँ, अभी रिसेंटी साल में तो यही, बाकी अगली सा
18:27चीज़ें चल रही हैं, वो खतम होजें, मतलब एक पेपर दे दें, फिर दूसरे पेपर की शुरुआत करें, पर आप लोगों की जिन्दगी ऐसी नहीं होती है, नहीं है, कोशिश की जाती है, कि एक काम जब तक खतम ना हो, दूसरा ना लिया जाए, और जनली ऐसा ही होता
18:57कोई कि अगर इन एन आवरिज एक पचास साथ दिन में एक फिल्म खतम हो जाती है, शूट देज, तो उसके तीन गुना टाइम लगता है, एक लंबी सीरीज को खतम करने में, दो से तीन गुना टाइम लगता है, तो डेफिनिटली उस वक्त आप उस करदार के साथ, उस कहा
19:27साथ कर रहा था, और मैं चार दिन, मैंने 24 गंटे शूट किया है, 12 गंटे एक, घर पहुंचो, नाओ दो, दूसरी बचले जाओ, वो पॉसिबल ही नहीं था कि हम उसका कुछ और तरीका निकाल पाए, तो मैं जनरली जो ट्रैफिक होता था था उसमें, या फिर जो बीच मे
19:57पर ये जो सारे क्यारेक्टर्स रहे हैं, उस सब के बीच मैं आपकी शुरुआत की तरफ इसलिए आपसे पूछना चाती हूं कि आप जनरली अगर अगर अक्टिंग पसंद है तो आपको फिल्मे पसंद होती है, आप वो देखना पसंद करते हैं, किसी को तो देखकर बड�
20:27अपने जीवन में एक मनोरंजन की तरह देखता है, खुश होता है फिल्मे देखके, मैं भी वैसा ही था, तो हमारे दोर में वही सब जितने भी दोर भी बदल रहा था, बच्चन साब के दोर से लेके, ये जब राजबल क्याना है, अपने मनोज भाई जो आ रहे थे, ये ल
20:57तो वो इंस्पिरेशन नहीं थे, वो तब शुरू हुए जब आप एस अन अक्टर आपका दिमाग उस तरह से काम करने लगा, तो डिफिनिटल उसमें बहुत सारे लोग है, मतलब आप नसीर भाई से लेके, सजीर गुमार्जी से लेके, फिर इरफान साहब तक, तब वो मै
21:27काम देख नसर्फ हिंदी और इंग्लीश भाषा के कोरियन सिनेमा है, जो मिडिल हिस्टन सिनेमा है, पैनिश है, वो जैपनीज सिनेमा है, तो वो सिनेमा देख के आपका थोड़ा सा विशन बैटर होना शुरू होता है, कि कहानी बहुत सारे तरीकों से कही जा सकती है, तो �
21:57होता है, ना सिर्फ के लिए, पैस्ट बाट है कि वो जो डेरेक्टर है, इक तो जो लिखा लिखा जारा है, और उसको किस विजन के साथ आप आगे फैकते हो, वो बहुत बाट है, काई वार अक्टर्स कन्विक्शन में नहीं होता है, का यह फणी नहीं होगा, बट कुछ ड
22:27यह ही मानते हैं कि वह बहुत ही ऐसे फिल्मकार है जो जो कॉमेडी फिल्म में बनाते हैं बट उन्हों रहे बहुत अच्छा सिनिमा बनाया हर तरीके का उनके अंदर वो सेंस है कि उनको पता है कि क्या फानी होने वाला है वो कहानी के महौल को ऐसा क्रियेट करते हैं कुछ लो
22:57क्रिक्शन डालके उसको आपके लिए कर्वेंसिंग बनाते हैं बहुत मुश्किल हर्याना के लोगों का सेंस ओफ यूमर बड़ा अच्छा बोला जाता है जी मानते हैं खड़ी खड़ा सेंस ओफ यूमर वाला होता है हमारे कुलीग जो हमारे साथ नहीं है सुरोहित सरदान
23:27वो एक हार्ड कोर कॉमेडी अगर किसी चीज को कहा जाए मैं बिल्कुल ट्राइ करना चाहूंगा जाहे वो फिर स्लेप्स्टिक हो चाहे वो सिच्वेशनल हो मैं हंडर पसंट ट्राइ करना चाहूं क्योंकि जैसे कभी किसी ने डांस नहीं था तो मुझे भी नहीं पता था
23:57क्योंकि सबको एक सिंक में आना पड़ेगा आप अपनी अपनी रो में बहकी कहीं और नहीं जा सकते हैं तो स्क्रीन पर दांस करना बहुत मुश्किल होता है तो लाइफ में मैं हो सकता थोड़ा बहुत कॉमिक हूं मैं अपने जीवन में जो सकता मेरे आसपास दोस्तनों ल
24:27नहीं यह सही मंच नहीं है उसके लिए कोई बात नहीं फिर कभी नहीं नहीं वह आप स्क्रीन पर देखो कि ज्यादा चले गया पता चला यहां बेताला नाच दिया फिर आपको लगा अरे यह तो बड़ा बुड़ा नाच है तो अरे अभी आप कह रहे थे दूसरों की बार
24:57कि नाच चाहते हैं नहीं फिर कभी फिर खिंशा ओ मुझे पता अप्हजले डेर से उकसा ही जा रहे हों
25:03हो ना ना अभी मैं पिछले दिनुप इसम में गया था वह मुझे एक दियलोग भुले का भॉका मेला बचन सबकार उन्होंने बॉला कि बच्छन साब कि अड़ चाले अडिलों फाई को पले तो पाइन पांड लूखिन बोले तो बोची नो बोड़ा शारी बाइन नहीं भॉ
25:33मुआ कितनी किल्कियों किमारलू चाय। कितनी inhale किल्कियों किमारलू।
25:38ना हुडा हुल अच्छे ना है!?
25:50नहीं, नहीं, नाल.
25:52सोरी, सोरी द giàश्केव्थत्र शोरी, सोरी…
25:55नाचो
25:56जब जब चैन से राता को सोता है
26:14नहीं नि वो होता है एक सिगनिचर स्टेप, सिगनिचर स्टेप एक जैदीप अपना करते हुए यहां से आज जाएंगे
26:21अभी 6 मिनिट, 16 सेकंड बाकी है
26:23बातचीत के, उसके बाद एक सिगनिचर स्टेप बता के जाएंगे बस अपना
26:27डांस मत करियेगा, सिगनिचर स्टेप तो अलग चीज होती है
26:30अभी तक मुझे लग रहा था यहां बिहार के लोग बैटे हुए यहां लगता है हर्याना की भी मौझूदगी है
26:38इतने सारे हाथ
26:41तक मौझ भी तक मौझ भी तक मौझे लगता है यह नाचने से मतलब भी मौझे अगली अगला स्टेट बन जाएंगे
26:52देश तो एक ही है अमारा देश विलकुल एक ही है अमारा आपने डायलोग की बड़ी अची चेडी
26:58चलिए आप जब सोच रहे थे तो यह कोई नहीं था कि आगे बढ़ कर क्या करना है प्रोफेशन के तौर पर आप नहीं देख रहे थे पर यह वो दौर था आपके बड़े होने का जब अच्छली बड़े डायलोग बहुत फेमस होते थे आज कल तो एक एक लाइन वाले होत
27:28कौनसा जब सस्पेंड़ हो गया तो जुरूरी उने जाना बला या पगड़ अपनी पिस्टल और आज बाच्छा मेरे चोरकाने देख लिया ने तरह मुदा बारुगा
27:50थे वूप पर आज शस्पेंड़ बोली बूज थे तरह वोगरा हुआ है तरह एल भेज भी बेजुगा थे यह एंडलेस होना यह अप अब आप स्कूल कोलेज उसके आगे यह द्यमांड्स होते थे जह दी पहला वजसे की अरे यह बोलकर सुना या नहीं
28:20हाँ पर सच बताओ ये बुझे थुड़ा जी भी लगती है ये चीज है क्योंकि जब आप कर रहे होते हो ना आप बहुत अलग मूड में होते हो वह बहुत कुछ हो रहा होता है आपके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा होता है आप उस किरदार में वहां वह बहुत अलग माह
28:50आप फुसके र्धार की जो जरूरत है उसको पहुचाने की जरूरत है वो सोच हρεे हो यह मैं तो नहीं
28:57कोई डायलोग थोड़ी जर्शाinky कितने आदमी जरीँ A attach Does a यह तो बेसिकल mo reconciliation
29:0310 रपी है यह कोई डायलोग थोड़ी है पर यह बन गया तो वो जब दोबारा अगर कोई किसी को बोलो कि अब बोल के बताओ कितने आदमी तर पचास साथ कितने अजीब लगेगा बोलते हुए यह सही तरीका नहीं है
29:16रिल्स के जमाने में वो भी चल जाते हैं वो गया पर देखिए जिनको सब को कहा जाता था उनके अपने डायलोग खामोश से लेकर में तेरा खून पी जाओंगा यहां पर और जो सुनने वाले हैं जो डिजिटली भी हमारे साथ जुड रहे हैं दर्शक उनमें बहुत सारे ब
29:46आगे कुछ करने का कई दफा आपको लगता है कि नहीं आपका अगर कोई आपके परेंस नहीं है उस इंडिस्ट्री में आपका कोई गॉड फादर नहीं होता है पर आप उन लोगों में से हैं जो एक नॉमल कोर्स में आप आगे बढ़े हैं ना आपके फादर उस इंडिस्
30:16दूआ हो गया कि लेना देना बंद कर देना следующ exist
30:20पर अगर जैनुवरे कुछ लोग जैनुवरे अगरहिस चीज को मानना चाहते हैं
30:23इसथा क्ये उनको भी आपने करना है और
30:25छोना बहुत सारी तरीके आप पर भू सकते हो
30:28मैं उन लोगों के लिए नहीं कह रहा हूं जिनको फेमस होना अक्टिंग से
30:30पर अगर आपको अभीने करना है तो आपको अपनी
30:34अपनी सोच में वो चीज पैदा करनी पड़ेगी जिससे आपको पता है कि आप अक्टिंग से प्यार करते हैं
30:41यह नहीं कि आप किसी से अचाहिए इसकी प्रसिद्धी से आप परभावित हो रहे हैं
30:48प्रसिद्धी से अगर परभावित होगे आपको जाना है बंबे नाम कमाना वेरी गुट जाहिए कीजिए
30:53पर वो ज़रूर ही नहीं है वो आएगी और चली जाएगी
30:58इस देश में बहुत सारे से लोग हुए हैं अगर मैं सिर्फ फिल्मी दुनिया की बात करूं जो बहुत फेमस हुए हैं और फिर गायब भी हो गए हैं फिर वापस भी आए तो उसकी बजाए आप अपने काम पर फोकस करें वो शहर थोड़ा सा है आपको दी मोटिवेट कर स
31:28इस प्रफेशन को लेना चाहता है सीरियस तरीके से तो उसका कोर यही होना चाहिए कि उसको अभेने करने में मज़ा आता है अधर्वाइज आप बहुत जल्दी डिफलेक्ट हो सकते हैं बहुत जल्दी आप बाकी चीज़ों परवावित होके फिर आप कुछ भी कर सकते हैं
31:58अधर बने का भी कभी नी सोचा था तो देखते हैं अगर बनती है तो ठीक है नहीं भी बनती है तो चले यह हमसे बहुत बहुत धरनवाद हमसे बात करने के लिए था था जैदी पहलावत जो बिना म्यूजिक के आपको एक सिगनिचर स्टेप सिखा कर जाएंगे नहीं यार
32:28देखिए आप कैसे लगेंगे ये दर्शुकों को तै करने दीजे और मेरा ये मानना है कि इनकी खास्याथ ही यही है कि ये दर्शुकों की बार टालते ही नहीं है
32:45आप यह बढ़का जा रहा है मुझे माँ बता रहा है आप इंके भड़का वाशन में आना मत आप भड़की है तो सही नहीं रहा है बस जैनूली आपको बता रहा हूं अगर कुछ ऐसा होता तो मैं मना नहीं करता पर उसका जाधा मजा तभी देखो गया जब वहां आप ज्
33:15करता आप जू कर्ना ब्लीज कुछ थेस कूं
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