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लोकतंत्र- संसद से सड़क तक: साह‍ित्य आजतक पर 3 द‍िग्गज पत्रकार और लेखकों ने रखा नजर‍िया

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00:00जो सत्र है इसका नाम है लोग तंत्र संसत से सडक तक कितनी स्वस्थ है हमारी डिमोक्रिसी इस पर चर्चा करेंगे और आज लोग तंत्र संसत से सडक तक सत्र में जो तीन खास मेमान हमारे साथ है वो जनता को भी देख रहे हैं वो संसत देख रहे हैं तो सडक को भी देख र
00:30पार ब्रैंड संपादक पत्रकार और किताब आई विटनिस इंडिया फ्रॉम नेहरू टू नरेंद्र मोदी के लेखक
00:36मंच पर प्लीज आप आएं सर
00:38सादे साथ तालिया थमती नहीं रहने चे तालियों के बीच में मैं अमंत्रित करना चाहूँगा हमारी दूसरी महमान
00:45जोग दिगज राजनितिक पत्रकार पूर्व राजनितिक संपादक और किताब हाव प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड की लेखी का नीरजा चौधिरी
00:53और इनी तालियों के बीच में आपके चहीते जिन्हें आप बहुत पसंद करते हैं बहुत सुनते हैं भारत के सबसे चर्चित पत्रकारों में शुमार राजदीब सर्देशाई
01:23दोस्तों और इस सेशन को आगे बढ़ाएंगे हमारे साथ ही मारिया शकील
01:45नमश्कार आदाब सबका इंट्रोडक्शन हो चुका है तो इसलिए हम लोग ये ओपन हाउस रखेंगे
01:52जो भी आप लोग के सवाल है आप राजदीब सर शाहिद सिदीकी और निर्जा माम से पूछ सकते हैं
01:58तो जब संपादक लेखक बन जाता है तो क्या कोई नोस्टाल्जिया में रहता है राजदीब सर आप सही शुरुवात करते हैं
02:07सवाल दोराई है आप कह रहे हैं जब संपादक लेखक बन जाता है तो क्या कोई नोस्टाल्जिया में रहता है
02:17क्योंकि लेखक जो होते हैं उनको उनकी किताब की एहमियत उसी वक्त होती है कि जो जो उन्होंने देखा वो लिख करके दिखा दे तो वही सवाल है आप से
02:28बड़ा अच्छा सवाल है मरिया पहले तो नमस्कार आदाब संडे का दिन है तो आप सब आए इसके लिए बहुत शुक्र गुजार है हम सब देखे मैं ये कहूंगा कि हर व्यक्ति के पास कही न कही जीवन की कहानी होती है हर व्यक्ति यहां बैठा हुआ व्यक्ति आप फि
02:58आइना मिलता है वो अपने डेली लाइप में ऐसी चीजे देखता है जो शायद शायद सामानिय व्यक्ति जो पॉलिटिक से कही नाता नहीं रखता उसे वो देखने नहीं मिलती है और इतने हमारे देश में ऐसे पुलिटिकल कलाकार हुए है और उनकी क्या-क्या कहानिया है
03:28ये breaking news के जमाने में आज की कहानी कल का इतिहास बन जाती है
03:33जब तक आप उसे किताब में नहीं लिखोगे तो नई PD या पुरानी PD भी कैसे जाने की क्या हुआ
03:4020 साल बाद मैं चाहता हूँ कि जनता जाने की इस मोधी युक में हुआ क्या
03:46मैं उस जमाने से आता हूँ जो मेरा पहला चुनाम मारिया था जो मैंने देखा
03:51या मुझे याद है 77 का चुनाओ
03:54मैं 12 साल का था लेकिन बहुत excited था
03:57अब कारण क्या है लेकिन हिंदिरा गांधी हार गई हिंदिरा गांधी हार गई
04:01मैं अकबार लेके मेरे स्कूल में सबको बता रहा था
04:04लेकिन कोई किताब नहीं लिखी गई उस 77 एक या दो किताबे लिखी गई
04:08अमरीका में हर राश्ट्रपती चुनाओ के बाद 200 किताबे लिखी जाती है
04:13ताकि जनता जाने क्या हुआ है तो मुझे लगता है यह नौस्टाइजिया नहीं है
04:18यह हमारा एक तरह से दायत्व है मारिया कि जो हम समाज में देख रहे हैं
04:23जो राजनीती में हो रहा है वो जनता के सामने रखे ताकि 10 साल बाद 15 साल बाद
04:30इसी साल लोग जाने की वाकई क्या बिहाइंड दे सीन पर्दे के पीछे क्या हो रहा है ये जो आपके बड़े-बड़े नेता है ये पर्दे के पीछे क्या करते है अमिच शाह अपना पहला चुनाव कैसे जीते ये अपने आप में एक बड़ी कहानी है
04:46तो हां कॉलेज मैंने मेरे किताब में लिखा है किस तरह से कॉलेज का चुनाव जीते आपने वो कहानी सुननी चाहिए फिर आप जानेंगे ये अमिच शाह कैसे बन गए अमिच शाह क्योंकि नहीं तो क्या है हम बस टीवी पर तो वावाई करते हैं नेतायों की ये वावाई क
05:16जब पत्रकारिता कि शुरॉट की थे देख तो हमारे देश में कहानियों, भर्मार कहानिया है और उसी वक्त हम लोगों को एक मंत्र बताया था कि सीड सेड जो आप देख रहे हैं वही बोलिये ये पत्रकारिता है अगे बढ़ते हैं शाहिए साहिए मैं आप से सवाल पू�
05:46संपादक जब पॉलिटेशन बन जाता है तो क्या एक्स क्योंकि जो कहानिया है वो एक्सेस पर भी देखी जाती हैं कि जितना आपके पास एक्सेस है उतना डीप तौर से शायद नेताओं को समझ सकते हैं जब उनके साथ आप घंटों बिताएंगे तभी आप समझेंगे उ
06:16बदल जाती है ऐसा है कि अ ओजितना जिए संपादक के तौर पर नेता आप से अलग तरह से बात करते हैं और जब आप उनके साथ जुड़ जाते हैं राजनीती में तो फिर रिश्टा बदल जाता है अलग हो जाता है.
06:36लेकिन क्या होता है कि कितनी बार जब आप संपादक के रूप में जुड़ते हो जैसे मेरा अपना जो केस है कि एमरजनसी जब लगी तो मैं 24-25 साल का था और देश में एमरजनसी लगी हम मैं डिली यूनस्टी में लेक्शरर हुआ था अखबार निकालता था नहीं दुनिया
07:06उनके साथ मिले उनके साथ एक अलग विवार बना तो वहां से कहनी बदलती तो बड़ा मुश्किल है दिवारे खड़ी करना लेकिन जहां जरूरत हो वहां नहीं करनी चाहिए तो यह बदलते हुए रिष्टे हैं और अगर आप देखेंगे पूरे राश्यांदोलन को दे�
07:36वो पूरे होते थे एक दूसरे के राजनीती मदद करती थी अच्छे पत्रकारता के लिए और पत्रकारता मदद करती थी अच्छी राजनीती के लिए तो इस तरह का महल था लेकिन आज आज वो महल नहीं रहा है आज महल बदल गया क्यूंकि ह� Fin die बाना ना
08:03आदीप ने कहा कि हम बहुत कुछ देखते हैं और हमारे मन में उबलती रहती हैं वो, हम उसे कहना चाहते हैं, लिखना चाहते हैं, लेकिन हमारी पत्रकारिता इजाज़त नहीं देथी वो कहने की, जो परसनल लाइफ देखते हैं हम नेताओं के, क्योंकि कोई भी नेता वन ड
08:33कि अपने अंदर इंसान भी है शेतान भी है और नेताओं के अंदर भी यह होता है नेता कोई खुदा नहीं होते हैं तो हम उसके अंदर के शेतान और इंसान दोनों को देखने की कोशिश करते हैं और इसलिए किताबे लिखने की जरूरत पड़ती है उसके अंदर हम उसका जो
09:03उसको पढ़कर इतिहास को सही तरह समझ सकें, वरना इतिहास जो है वो बड़ा सिर्फ लकीरे रह जाता है, इतिहास के अंदर आत्मा तप पढ़ती है, जब उस इतिहास से छुपे लोगों के असलियत हम देख सकें.
09:15निर्जा जी, आपने जो किताब लिखी है, आपने साथ प्रधान मंत्रियों के बारे में लिखा है, कि उनकी जिंदगी कैसी रही, उनके डिसिजिजन कैसे होते थे, जो वो फैसले लेते थे, किस बेसिस पर लेते थे, तो उसमें आपने क्या बात नहीं लिखी है, लेकिन आ�
09:45मैंने नरेंद्र मोदी के बारे में नहीं लिखा, मैं लिखना चाहती थी, मैंने छे प्रधान मंत्रियों को लिया, उनके छे निर्णों को लिया, और मैं सात्वा भी नरेंद्र मोदी, क्योंकि तब तक वो नौ साल पावर में थे, एक पारडाइम शिफ्ट आ गया था, हिंद
10:15सबसे हलका चैप्टर होगा, क्योंकि तुम्हारे पास थोस, थोस information, inside information, उन लोगों द्वारा नहीं है, जो कि पावर के बहुत करीब हैं, जो असली चीज़ आपको बताएंगे, कि निर्ने कैसे हुए, और जिनोंने बात भी की थी मुझ से, वो अपना नाम लेके नहीं बत
10:45बाकि सब प्रधान मंत्रियों के बारे में, जो लिखा निर्नों के बारे में, उसमें उन्होंने अपने नाम से कहा, हमने ये देखा, हमें प्रधान मंत्री ने ये कहा, तो sources को attribute किया नहीं है मैंने, खास लोगों को attribute किया हुआ है, जो on record आए, लेकिन वो on record कब आए, जबक
11:15सब्स्टर है, तो ये project मुझे भविष्य के लिए छोड़ देना चाहिए, in order to be fair to Narendra Modi, in order to be fair to the context in which he is operating, तो ये मैं कहूंगी, था मेरा, पर एक चीज़ और मैं कहूंगी मार्या, निर्जा जी अगली किताब मोदी जी पर लिखेंगी, मैं किताब लिखने जारी हूं रा�
11:45लिखने के बारे में आपने nostalgia की बात की शुरू में, मुझे लगा किताब, मेरे husband academic है, इतनी किताबें लिख दी, किताब का मतलब होगा कि हजार, दो हजार articles की तरह है, बट किताब ऐसा नहीं है, और मैंने ये किताब इसले लिखी, कि हमारे पास इतना information है, politics के बारे में आ�
12:15अधान मंतरी at the top, किस तरह से निडने लेते हैं, क्या pulls and pressures होते हैं, क्या सोच के वो निडने लेते हैं, जिसका impact आपकी जिंदगी, मेरी जिंदगी और आने वाले generations पे पड़ेगा, और मुझे लगा, जब कि हजार articles की तरह होगा, ऐसा नहीं है, धाइस साल में, COVID के टाइम म
12:45और दस फुट दूर dining table, यह तिकोन मेरी जिंदगी थी, और मैं इन शक्सित के साथ, यह सारा जो ड्रामा था, नो टंकियां की, डिसिजिन मेकिंग की, उसके साथ मैं जी, उस अरिया में, तो इस अवेरी इंटेंस एक्सपिरियंस राइट इपक, जी, राजदीब जी आपन
13:15चुनाओ भी आपने, उसके बारे में भी आपने किताब लिग दी है, जब आप ये बोलते हैं कि एक पीड़ी जो होती है, उसका नजरिया और आपके पीड़ी का नजरिया, क्या फर्क आप देखते हैं, इस पीड़ी क्योंकि आपने, as an editor, as a संपादक, आपने दो पीड़
13:45सार्देसाइ स्कूल अफ जर्निलिजम हम लोग बोलते हैं और उसी के लिए माना जाता है, रादीब टी यही सवाल होगा, आपकी पीड़ी और ये दूसरी पीड़ी में क्या फर्क आप देखते हैं, क्या हम लोग लेजी हैं, वोग कि आप घूमते हैं, लोगों से मिलते है
14:15आपकी पीड़ी उतनी मेहनती है जितनी पहली पीड़ी थी, मैंने ऐसे भी एडिटर देखे हैं, जो अपने आपको समझते थे, वो देश के नंबर टू व्यक्ति हैं, प्रधान मंत्री के बाद सबसे ताकतवर व्यक्ति, संपादक अपने आपको समझते थे, ऐसे भी कई �
14:45मैंने किताब मेरे दोस्तों के साथ, हम सब रिपोर्टर थे, 92-93 में मुंबई में दंगे हुएं और दंगे के बाद जब हम किताब ही लिख रहे थे, एक बंबलास्ट हुआ, 93 में, मैंने अपने 37 साल के जनलिजम में वो जो 6 महिने देखे हैं, मैंने लाइफ में ऐसे महिने न
15:15कॉम्बे बंट, किसी नहीं पढ़ी नहीं क्योंकि हम टीवी में आपकी तरह फेमस नहीं हुए थे, अब हम बिचारे स्टाफ रिपोर्टर थे, अपनी बाइलाइन टाइपराइटर पर लिखते थे, कोई टीवी भी नहीं था, किताबे भी नहीं पढ़ी, करीब हजार कॉ�
15:45मैं लिख रहा हूँ ताकि ये OTT सीरीज बन जाए, यानि आप लिख नहीं रहें, लिखने के लिए आप लिख रहें ताकि OTT सीरीज बन जाए, अब तो कुछ लोग, मैं एक प्लैटफॉर्म पे था, मेरे साथ एक लड़की थी, जो इंस्टाग्राइम हिरोईन है, वो लव
16:15या सोनिया गांदी और राउल गांदी की कहानी, तो उस तरह से वाचक जो है, या जो पढ़ने वाला है, उसकी जो इंटरेस है, वो बदल गए है, हमारे जमाने में, अगर मैं हमारे जमाने कहूँ, यह मैं 12 साल का लड़का था, मैं जनारधन ठाकूर की किताब पढ़ता थ
16:45को कहूँ, प्लीज रीड माई बुक, वो कहेंगे, सॉरी, पापा, हमारे पास समय नहीं यह सब पढ़ने के लिए, प्लीज गिब मी समरी ओन चैट जी पीटी, अब क्या करें, अगर पत्रकार का बेटा ही कहेगा, I will read your book on चैट जी पीटी, यह परिशानी है, पत्रकार जो ह
17:15I have given the forward, क्योंकि मुझे अच्छा लगा, हमारे हर राज्य में कितने fascinating लोग उभर कर आये हैं, उनकी कहानिया लोगों तक पहुच दी चाहिए, इतने इतने जैसे मैंने काई यह नेता नहीं कलाकार है, लालु यादव जैसा कलाकार मैंने नहीं देखा, या मायावती जी के ब
17:45आप लोग केवल नरेंद्र मोधी की कहानी सुनना चाहते हैं, और भी नेता इस देश में हुए हैं, और वो भी उन्होंने बहुत महनाद मशक्कत से की है, ममता बैनर जी ने पार्टी अपने दम पर खड़ी की, वहाँ DMK के लोगों ने या ड्रवीडा मुवमेंट कैसे बन
18:15आप मारिया जमाने के साथ साथ हवा के साथ साथ घटा के संग संग वो साथ ही चल, अब पीछे कौन पीछे रहना चाहता है, अब इफ I have to communicate to this young generation, आप क्या हुआ है मारिया प्रोब्लम क्या है, आप हमसे देड़ घंटे का पॉडकास्त नेता नगरी पर करवाती हैं, अगल
18:45प्रोग्राम लेकिन लोग देखते हैं और वाटसेप करते हैं तुरंट क्या क्या कह दिया आपने, आज अटेंशन स्पैन कम हो गया, यह बड़ी दिक्कत है, लेकिन इसके बावजूद लोग पढ़ते हैं, इतने बड़े देश में ऐसा नहीं है कि लोग पढ़ते नहीं है
19:15आपने भी नहीं लिखी है, जैसे आपने बताया राजदीब जी को, आप चर्चा कर रहे थे इस मंच पर आने से पहले, मायवती जी के बारे में, आपने बहुत यह करीबी से देखा हैं, लेकिन इस किताब में उतना नहीं लिखा, शायद एक किताब आएगी मायवती पर?
19:45देखिए, ऐसा है, कि कुछ बाते ऐसी होती हैं, जो जाती नौयत की होती हैं, मैंने बहुत सी बाते जो मैं जानता हूँ, परसनल, मायवती जी की नहीं, लालू जी की भी, मोदी जी की भी, अटल जी की बातें, राजीब गान जी की बातें, जो जाती थी, जिसमें कहीं ऐस
20:15जिससे हमारी राजनीती पर प्रभाव पड़ता हो तो उसको लिखना चाहिए
20:19तो मायवती जी के बारे में मैंने बहुत कुछ लिखा है क्योंकि मैं उनका बड़ा सम्मान करता हूँ
20:23इसलिए सम्मान करता हूँ कि एक गाउं की महिला दलित महिला जिसके पास कोई अपर्चुनिटी नहीं थी
20:30किसी तरह का कोई भविश्य नहीं था वो वहां से निकल के आई और कोई पार्टी नहीं थी
20:35पार्टी काशी राम ने बना के नहीं दी, उन्होंने पार्टी खुद खड़ी की, वरकर खड़े की, और्गनाज़शन खड़ी की, और सत्ता में आके देश की सबसे शक्ती शाली महिला बनी वो अपने वक्त में, तो उस बात के लिए मैं मानता हूँ कि वो किसी इंद्रा गा
21:05जो मैंने लिखी भी हैं, बता भी सकता हूँ, बहुत सी चीजें, तो ये कमाल के लोग हैं, मोदी जी में कम कमाल नहीं है, उनका भी कमाल है, लेकिन इन सब का कमाल आप लोगों की जेनरेशन नहीं जानती, क्योंकि आपकी जेनरेशन जो है, उससे पहले की जज़े राजी�
21:35बारे में कोई नहीं जानता, मैंने जो
21:37Modi Ji का इंटर्वियू के, अच्छा मोदी जी जी जानते हैं
21:39अच्छा मोदी जी जी जी जानते हैं, लेकिन
21:41मेरे लिए Indra Gandhi का 1977
21:43का इंटर्वियू, क्योंकि एमर्जंसी की
21:45जेल भी काटी थी, और एमर्जंसी को
21:47के जानते हैं ते राफ के पाटजरे में को इंटर्यूखोबू DC
21:59आप ये जानते हैं जो यह दो एम गञरा नहीं के महां पर पुरे उच्छाथ मृजूद है
22:04अमाराультат कराओड यह सारे इंस्टरवान पर उंगे
22:06मेरे �rसबॡ़ूगब छमे casos
22:09टेकनोलोजी का चेंज है और टेकनोलोजी नहीं आविन्यू देती है मैं अभी जो मैंने अपनी किताब लिखी है आई विटनेस इंडिया फॉम नहरू तू नरेंद्रा उस किताब को शायद बहुत कम लोग पढ़ लेकिन मेरे जो इंटर्व्यू हुए हैं वो जो वाइरल हो
22:39उसकता है जानने की और पहचानने की नीजा जी क्या पत्रकार या संपादक भी कलाकार हैं क्योंकि एक परफॉर्मर होते हैं एक बोलने का तरीका जैसे आपके बोलने के तरीके को मास या क्लास दोनों से कनेक्ट करना होता है तभी होता है आप युनीक तभी बाने जाएं�
23:09सेंट ओफार टाइम जाता था पहली लाइन को सोचने में आप कैसे अटेंशन को पकड़ेंगे दूसरे की हाउ डू क्याच आई बॉल्स उस पर जाता है पहला पारग्राफ हो गया तो बाकी तो फ्लो करता थे कहानी सारी पर ये भी बात सही है कि किस्से कहानिया पॉलिटिक्
23:39हुता था इंदेटर्व के साथ मैंने का आइ दोंत वन्त वांत बीूटिफल प्रोज बिकॉस पॉलिटिक्सए अब रॉमा तो यंगर जैनेरेशन पडेगी हमारी यसे लोग पड़ेंगे तो इस वोकिंड न मेरी लेन लेन
24:09लेकिन अगर यंगर जनेरेशन पड़ेगा तो इस वरी एक्साइटिंग तो मुझे अगर यंगर लोग आके कहते हैं न एरपोर्ट पे कल स्टेशन पे मैंने आपकी किताब पड़ी मुझे बहुत कुछी होती है
24:20एक सताइसाल का लड़का जिसको मैंने ही चाहती थी
24:23He came and hugged me
24:24और कहा मैंने आपकी किताब पड़ी है मुझे यह अच्छा लगा और उसने डिसकास करना शुरू कर दिया
24:30तो यह आप जो कह रहे हैं न किस तरह से हम अपनी जो मैसेज है और इन्फोमेशन है उसको कन्वे करते हैं
24:43Am I able to capture your interest? You may be a very bored reader
24:48पर क्या मैं आपकी attention को hook कर रहे हूँ? अगर मैं कर रहे हूँ तो मैं सफल हूँ
24:53तो अब मैं सवालों के लिए आप लोगों के पास जाओंगी
24:59माइक अगर हाँ आप उनसे पूछें
25:01मेरा एक request रहेगा खास करके बच्चीयों से प्लीज सवाल पूछें
25:10मुझे अच्छा लगता है जब बच्चीयां सवाल पूछती है
25:17मेरे तरफ से आप लोगों थेंक्यू है कि हम आप तीनों का किताब पर रखे हैं
25:22और इस जनरेशन के तरफ से भी थेंक्यू है आपको किसी तरह से लिखते रहे हैं
25:26और हम लोगों के बारे में भी जानकारी लें
25:29थैंक्यू थैंक्यू आद आप और नमस्कार मिया नाम महमद वजी हुदीन है
25:37मैं टाइमस अफ इंडिया बॉंबे में जोनिस्त हूँ और फेमस इसलिए नहीं हूँ के टीवी बन रही हूं राजीब साम की रहे से
25:42राजीब के लिए एक खुशकवरी है कल रात जो है एक अवार्ड फंक्शन था वहां आप नहीं पहुच पाए तो उनों को मालू हुआ कि मैं दिल्ली आ रहा हूं तो उन्हें आपका एवार्ड मुझे दे दिया जो मैं आपके दे दिजीए राजीब साथ
25:56इनसे कि वहीं पहीं पहुच टू मैं आपसें ले लूँगा मैं meaningful कर रहा हूं समान हें सवाल है कि क्या हिंदुस्तान के किसी पतरकार में टेनी जु�נו्डट
26:14है कि जो सवाल ममदानी से किया गया कि दू हर्म इंस्टर अब बिस लıक कर दो काल ettि मिस्ट uh your
26:22ट्रम्प फासिस्त ये सवाल है ये हम्मत है यो कि हम डिमोकेसी की बात कर रहे हैं दूसा सवाल ये है कि आप तीनों सीनियर जरृनिस्ट हैं आपने क्या सोचा जब एक हिंदूस्तान का बड़ा मेनिस्टी मख़बार एक ऐसे प्राइमिस्टर को बुलाता है वो प्रत्कारता
26:52कि दया डिमॉर्केसी बाखेख जिन्दा है या डिमॉर्केसी मदबूत हो रही है तीनों से कोई भी जबाभ सर् yuan मैं पहले सवाल का
26:58जवाब दूँगा बाकी मेरे वरिश सही होगी दूसरे सवाब क्योंकि अगर मैं
27:02दूसरे सवाल का जवाब दू तो मैं एक बार फिर फस जाओंगा लाइफ में पर पहले सवाल का जवाब साफ है हमारे पत्रकारों में हिम्मत है ऐसा नहीं है हमारे नेताओं में हिम्मत है कि नहीं है आईए आप बताइए डॉनल्ड ट्रम को आप लाग कोश सकते हैं डॉनल्
27:32नरेंद्र मोधी जी ने 11 साल में कोई प्रेस कॉंफरेंस नहीं की है, नवीन पट्टा एक 25 साल से उडिसा के मुख्यमंत्री रहे, कहां उन्होंने सवाल लिये, तो ये सवाल बड़ा असान होता है पत्रकार से पूछना, ये नेताओं से जाकर पूछिए जिनको आप चुनते
28:02दूसरा सवाल उनका था, कि आप इंडियन एक्सप्रेस से आती है, तो ये सवाल आपके लिए कि जब नेता मीडिया से मिलते नहीं है, तो फिर मीडिया और्गनाइजेशन उनको भाशन करवाने क्यों बलाती है, पत्रकारिता पर क्यों बुलाते हैं नेताओं को बात करने क
28:32मौका तो मिलेगा, उनको उनसे बातशीत करने का, उनसे सवाल पूछने का, कुछ तो वो कहेंगे जिससे आप उनको क्वेस्चन कर सकते हैं, नहीं तो बिल्कुल ही आप, डिस्टन है, बहुत दूरी है आपके और नेता के बीच में, जिसको कम करने की जरूरत है आज, ये �
29:02और वो डिमॉक्रासी के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है।
29:32इसे के ये हमेरे लुटूरत हैं, पूछ आपके बना वो कम का नहीं है?
30:02हमें लगता है कि हमारे फील्ड में उतनी आजादी नहीं या फिर शायद अभी हम
30:06explore कर रहे हैं तो प्लीज मुझे उस question का answer दीजे कि क्यों लोग
30:09हम पे इतना भरोसा ने करें सर थैंक यू सो मच ने ने शाहिद भाई देंगे
30:16जवाब यह यह मैं उसके बाद दूगा पहले शाहिद भाई जवाब देंगे ऐसा है कि सब
30:22पत्रकार तो नहीं बिके हुए हैं लेकिन आज जो संगठन हैं जो
30:28organizations हैं जो पत्रकारिता चलाती हैं वो जरूर कुछ ऐसे हातों में आ गई हैं
30:34कि जिनके वेवसाहिक business interest इतने ज्यादा जुड़ गए हैं इतने strong हो गए हैं कि वो अपने पत्रकार को आजादी नहीं दे सकते इमानदारी से बात कहने की सवाल पूछने की
30:45और नतीज़ा यह है कि पत्रकार कितनी मैं जानता हूँ कि स्टोरी जमीन से करके पत्रकार बेतिन स्टोरी भेजते हैं लेकिन ऊपर आके वो किल हो जाती है क्योंकि जो ऊपर बैठे हुए मालिकान हैं उनके interest में नहीं है वो सहमत नहीं है कि वो किसी ऐसे सवाल का जवाब �
31:15कम हैं देखती ज्यादा है और देखने के लिए आपको तमाशा चाहिए होता है देखने सीरियस बात में मज़ा नहीं आता जब तक entertainment ना हो तो आज news entertainment बन गई है उसकी वज़ाए से entertainment तो बिकता है entertainment जो है उस serious नहीं होता
31:31पर इसके साथ साथ मैं बात जोड़ दू कि हमारे समाज में बड़ा धूवी करण हुआ है और उस धूवी करण की वज़ा से क्या हुआ है अगर आपको मेरी बात अच्छी लगती है क्योंकि आप उस विचार के हैं तो आप क्या अच्छी पत्रकारता की अगर आपको मेरी �
32:01पुश्मन बन जाते हैं सववाद नहीं होता अब आपकी बात अगर अच्छी नहीं लगी तो आप कहते हैं आप देश द्रोई हैं पहली बार जब मैं सुन रहा हूँ आज कल ये शब्द एंटी नैशनल पत्रकार और कौन कहते हैं जिनके स्विस बैंक अकाउंट्स हैं उनको
32:31बिचारन और इंटॉलरेंस बन गई है समाज में ये भी लोगों को एक तरह से मैं पत्रकारों को डिफेंड नहीं कर रहा हूँ खास कर कि जो बिलियनेर मालिक है जिनके ओईल के धंदे हैं टेलीकॉम के धंदे हैं और बाकी चीज़े करते हैं जिनको सरकार से सहूल लेते च
33:01करते हैं डोंट शूट थे मेसेंजर आप उनको जो बड़े लोग हैं उनसे सवाल पूछने की हिम्मत रखिये उनको बुलाइए इस प्रैट्फॉर्म पे अगले साल और ये सवाल पूछे उनको कि आप क्यो बिग गए हैं जी गुड़ आप्टून आप्टून आम बिग फ
33:31मैं Radhika's and Rohit's wedding you were there so I saw your pictures and everything my question is to Rajdeep sir is recently the Prime Minister called you I mean you one of your interviews that regarding your health you spoke for 30 minutes with him my go after 10 years because you often said the Prime Minister does not reach out to you and you always said that he should to reach out to all journalists who ask questions so what do you feel what made him reach out to you after 10 years I mean what were the emotions and what were the discussion anything kind of
34:01see I must be very honest एक यूट्यूबर मुझे मिला था चंदिगर में he asked me why are you anti Modi I said I am not anti anybody in fact the Prime Minister rang me up when I had a surgery but let me be honest वो अपनी जगा है I am grateful to the Prime Minister for calling me up but I would prefer the Prime Minister gave me an interview
34:22अगर so I keep the personal away from at a personal level मैं बहुत शुक्र गुजार हूँ कि प्रदानमंत्री ने फोन किया अच्छी बात है मैं उनको 30 साल से जानता हूँ
34:34पहली बार 90 में उनके रत्यात्रा जब उन्होंने organize की थी राम रत्यात्रा तब मैं young journalist था अभी मैं young हूँ लेकिन तब और भी young था लेकिन अगर मैं वाकई उनसे कुछ चाता तो मैं कहता सर एक interview हो जाए एक घंटे का पूरी आप आप सवाल Modi is an excellent communicator वो मुझे खा जाएगा
35:04जी ने भी interview दिया मुझे अटल भी आरी वाचपई always ready to do interviews and आप उचको कभी उन्होंने यह नहीं का यह सवाल मत पूछिए वो सवाल मत पूछिए
35:15because जब आपका जो conscience clean होता है न आप तयार होते हैं कुछ भी सवाल पूछिए तयार होते हैं आज के ज्यादातर नेताओं की जो conscience है वो unclean है इसलिए वो सवाल नहीं पूछ राचाए और जनता भी अब क्या है नेताओं के वो भक्त बन गए है फैन बन गए है तो वो journalist को ठोक
35:45पूछते हैं so that is the problem we have become fanboys and fangirls but I am grateful that the prime minister called me up I should not have made it public possibly but I felt it at that moment that I was grateful for it and it's nice what is wrong if he has a personal side or purane dost ko yaad kia
36:03अच्छी बात है दोस्त रहना चाहिए दुश्मन तो रहे नहीं
36:07माइक दीजे
36:10मेरा question नीजा मैम से है
36:16मेरा question नीजा मैम से है
36:17सबसे पहले तो मैं खुद को बहुत ही grateful मानती हूँ
36:20that I got this opportunity to ask question to नीजा मैम
36:23Hello
36:23Go ahead
36:24Yes
36:25सबसे पहले तो मैं खुद को बहुत ही grateful मानती हूँ
36:28कि I got this opportunity to ask question to नीजा मैम
36:32मैंने आपको पहली बार देखा था NDTV पे
36:34and I got admired a lot
36:36तो I have this question
36:38जो आपकी बुक है
36:39How Prime Minister
36:40ये जो आपकी बुक है
36:41तो इसमे आपने जो एबुक लिखा
36:45वाइटिं इस बुक, विच प्राम प्राम मिनिस्टर
36:47Am I audible?
36:48Yes, please go ahead
36:50Loud and clear
36:50तो आपकी जो एबुक है
36:53वाइटिं इस बुक, विच प्राम मिनिस्टर's personality
36:56like fascinated you a lot
36:58or inspired you a lot
37:00and what was the reason behind this
37:01because आपने भी बात की
37:03की प्राम मिनिस्टर नरेंट मोदी को लेके
37:06Indira Gandhi को लेके
37:07तो आपने जब ये बुक लिखी
37:09तो क्या चीज वो थी जो आपको इंस्पाइड की
37:11जब आपने इन प्राम मिनिस्टर's के बाडे में लिखा और जाना तो
37:14किनकी परस्नालिटी
37:18विच प्राम मिनिस्टर इंप्रेश्ट यू
37:20परस्नालिटी वे प्राम था डिकिलर भोड़ा करो
37:39फिल यह दोनों चीजह है
37:41विज्डम भी है और फूलिशनस भी है
37:44लेकिन अगर मुझसे पूचा जाता है
37:46who's the best prime minister I cannot answer but who's the most fascinating
37:51prime minister I can answer I find Indira Gandhi the most fascinating prime
37:56minister or is that current maybe I'm biased because she was a woman
38:01a Mela joki's sure what may go on gay guriyamani Jati Tee Ramanohar Lohia
38:09ne parliament men kebari me kata muradji design a kata yet chokri and Nixon US
38:18president a kata this old witch or kahaan se shuru at karke unho ne apne party my
38:26opponents ko kinare kia bangla desh ka gathan kia or puri geopolitics ko badal
38:34dia or nineteen seventy one day on ke opponents B atal Bihari Vajpayee
38:40nae bhi unko durga kata rar dia so strong prime minister work as a bunny up
38:48makeo identify kartiti hindustan kisa india is in indira indira is India
38:54kassi bunny or kassi unholy module ko a katan kia joki ma mantejo jisco or on a
39:03follow kia and that is not necessary good module that is power for the sake of
39:09power immorality in politics is one thing naked a moral johana na saiyan akalat
39:16hai kuch bhi chalega samdam dandbeg power ke liye us politics ko art and science
39:22banaya unho ne to woh bhi pehlu hai unka dousra bhi pehlu hai unka lekin ek mehla ka un ucchaayon
39:31tak jana aur mai toh maanthi huu i must say that because a lot of young women are sitting here
39:37today meh toh maanthi huu i kismi sadhi indian women ko belong karne wali hai because you have
39:47such aspirations you have such aspirations you have such aspirations you have such aspirations
39:54and i think agar hamis ko thik se handle karte hai na hum hum ari sarkar hai hum ari politics
39:59hum ari parties toh ye hindustani mehla aur khas kar yang mehla hum ari desh ko sarhoop
40:06badalne wali hai nirja ma'am bhoot bhoot shukriya aur sawaal aa rhe hai please mike
40:12hallo merah naam pankaj gautam hai ek sawaal toh kyunki joo nirja ma'am ne java
40:22diya ma'am osi se lena chahta hoon ma'am when you say ki indera gandhi joe hai unko
40:28hum idealize karre hai because she was a strong prime minister hum log abhi ek strong
40:33prime minister ke dor mein hain aur hum kahte hai ki kuch democratic principles ko
40:37undermine karre hai hai toh kya strong prime ministers ko idealize karna kyunki is
40:42satr ka topic hi tha log tantra sansat se sadak tak toh isley main sawaal puch raha
40:47hoon kya strong prime minister ka hona democratic principles ko undermine nahi karta hai
40:51aur duster sawaal mera shahid sir aap se hai aur thoda sa serious sawaal hai agar
40:56ap nahi dhena chahayenge toh bhi sahih hai ek lalki le ke dhamaake ke baad ek patr
41:03saamne aya tha aur usmei kuchh paach eminent citizens ne sign kiye thai usko condemn
41:10karte huye aur usmei ye statement thi ki as a muslims we condemn this act aur usmei
41:16eek signature mr. Shahid Siddiqi ka bhi tha toh usmei dr. Sy Qureshi dr. Najeeb
41:24janke bhi sign hai. Mera sawaal sir bhout chhota sa hai ki ki kiyong aapko woh statement
41:29jari karnai padi. Kyonki maine kabhi nahi dekha ki asifah aur akhlaak kamar ne
41:34par kisi eminent journalist or person from other community ne eesa koi signature ya letter
41:41ya letter dya ho. Toh mai kiong hi merah eek sawaal hai. Thank you so much.
41:44Thank you so much.
41:46Thank you so much.
41:49Thank you so much.
41:51asana and the
41:54ndshtriyaars kye kari ithahas me kabhi kabhi strong primisters ki
41:58ضel��는 ki zorlaret hooti hai. Lepin woh strong primisters agar institutions ko
42:02destroyer karna lag jayen. Toh unke chexilaaf khaare hoonen ki
42:04ba ضeliret hooti hai. Jiasa ki maine kia tha. Kye jab emergency
42:06lagyi. Emergency ke khalaf ہم khaare hooi. Nineteen
42:09se. Maine toh sabsa puranana phtrkar maine hun. 73
42:12mei nai nai nai nai nai nai nai nai nai nai nai nai nai nai nai nai
42:2075 में अमर्जंसी लग गई थी, हमने उसका विरोध किया, लेकिन इंदरा गांधी का मैंने इंटर्वियू भी किया, और उसके बाद जब इंदरा गांधी बहुत शक्टी शाली बनी, उससे भी लड़े, लेकिन इंदरा गांधी के हम जो, अब हम पीछे देखते हैं, उनकी ज
42:50क्या थी, अच्छाई हैं क्या थी, हर, मैं मानता हूँ कि इस देश में कोई परधान मंतरी ऐसा नहीं हुआ, जिसने योगदान जिसका नहीं है, जिसने इमानदारी के साथ देश को आगे ले जाने की कोशिश नहीं की, लेकिन हर परधान मंतरी की खलतियां भी हैं, कमजोरि
43:20उनको बयान देने की लाल किले के बंधमाके के बाद
43:23इसलिए जरूरत पड़ी कि आज जो नेरेटिव चल रहा है
43:27जो नेरेटिव चलाया जाता है
43:29कि अगर कोई भी कहीं भी दुनिया में यहां भूल जाएए
43:33अगर अमरीका में, इंगलेंड में, पैलस्टाइन में
43:36कहीं भी कोई मुसल्मान नाम का आदमी कुछ करता है
43:40तो पूरी कम्यूनिटी को धरे में खड़ा कर देता है
43:43आपके चैनल, आपका मीडिया और बहुत सारे लोग
43:46और पूरी कम्यूनिटी को जवाब देना होता है
43:48पूरे धरम पे सवाल उठा दिया जाता है
43:50ये एक बनियादी बात है
43:52इसलिए बाकी अगर कोई जैन करता है
43:54तो वो जैन का गलती नहीं होती
43:56वो उस व्यक्ति की गलती होती है
43:58कोई जब हिंदू कोई गलत काम करता है
44:00तो उस व्यक्ति की गलती होती है
44:01पूरे धरम की गलती नहीं होती
44:03लेकिन अगर कोई मुसल्मान कोई छोटा सा भी काम कर दे तो पूरे धरम को और पूरी कम्मिनिटी को घरे में खड़ा कर दिया जाता है
44:10इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम लोग अपनी आवाज उठाएं क्योंके सवाल उठा जाता है
44:15कि आप खामोश क्यूं थे जब कभी कुछ होता है मान लिजए कोई बॉम बलास होता है लंडन में
44:21तो मेरे पास सोचल मीडिया पे इतने मैसे जाते हैं क्यों खामोश हो शाय सदीगी अप क्यों नहीं बोलते अब क्यों नहीं जवाब देते
44:29भाई मैंने ठेका ले रखा है क्या सारे दुनिया के मुसल्मानों का
44:33लेकिन हमें लगा कि खास तोर पे इस मौके पर जवाब देने की कहने की जरुवत है
44:38और इसलिए हमने बोला क्योंकि अगर मैसेजिंग गलत हो रही है
44:42तो उसको ठीक करने की भी हमारी अवशकता है
44:45इस देश के सेकुलर लोगों को तो बोलना ही चाहिए
44:47लेकिन एक सेकुलर मुसल्मान की भी जरुवत है
44:50क्योंकि मौल भी बोलता है तो उसका इंपेक्ट नहीं होता
44:53मेरे पास वक्त एक ही सवाल का और है
44:59आप दे दीजे माइक
45:00सर इवोग पहले से बड़े लबे समय से खड़े है
45:04सॉरी
45:06नहीं दोनों सवाल क्लब कर लेंगे
45:09आप दोनों कर लीजे
45:10मेरा नाम रागिब हुसेन है
45:15और मैं यहाँ पर अभी आज के हालात पर
45:19मैं एक शेर बोलूँगा और दूसरा एक सवाल है आप लोगों से
45:22सवाल एक ही है
45:23अब तो जालिम की भी पहचान है
45:26मुश्किल यारो
45:27अब तो जालिम की भी पहचान है
45:29मुश्किल यारो
45:30तमगे अमन लिये फिरता है कातिल यारो
45:33यह एक शेर है
45:35दूसरा
45:36question आप तीनों से है
45:39खुद
45:41journalist कितना
45:43निश्पक्ष है अपने
45:46profession आज के हालाग पर
45:49जी दूसरा सवाल भी
45:51पूछ लीजे उसका जवाब हो जाए
45:52जी पूछ लीजे
45:54नमस्कार
45:56मेरा नाम हरी सैनी है
45:58मेरा
46:00सवाल राजदीप सर से है
46:02actually हम
46:05वो मानने वाले लोग है कि
46:06इस देश में सभी परधानमंत्री
46:09ने कुछ न कुछ योगदान दिया है
46:10तभी आज देश इस
46:12जगें पे खड़ा हुआ है
46:14तो मेरा राजदीप सर से
46:16एक ही सवाल है कि दू हजार चोदा
46:18के बाद कुछ तो अच्छा हुआ होगा जो आप हमें कुछ बताना चाहें वो दो चार वर्ड अगर आप बताना चाहें तो बहुत बहुत बहुत धन्यादीप जी आप दोनों सवाल का जवाब देदीए कितने निश्पक्च है आजकल के पत्रकार और यह सवाल बहुत कु�
46:48लेकिन मैं PR में नहीं हूँ कई लोग इस देश में PR में जनलिस्ट का पहला दाइत्व होता है सवाल पूछता और सरकार में जो आप यह जानिये और यह बहुत कम
47:012014 के पहले मनमोहन सिंग को कितने सालों तक कटगरे में हमने रखा था हमने वो स्टोरी की थी जब मैं CNN IBN में था कि उतावियो क्वात्रों की के
47:12बैंक अकाउंट्स कैसे डीफ्रीज हुए थे आज स्टोरी करिए हिम्मत दिखाईए क्या आपको लगता है कोई ब्रश्टाजार नहीं हो रहा है सरकार में और अगर मैं ब्रश्टाजार की स्टोरी बाहर करूँ क्या आप उसी तरह से सड़क पर आओगे जिस तरह से आप �
47:42चीजे हुई है मैं कई चीजे दस चीजे आपको गिनाकर कर सकता हूं जो मोदी जी ने की है दस अच्छी चीजे भी है कुछ बुरी है किताब में वो भी सब लिखा है आप अगर पढ़ेंगे तो आप देखेंगे आप 15 सेकंड्स के क्लिप मत देखिए और दूसरा सवाल आ
48:12चीज़ कहें जो आपको पसंद नहीं आती तो वो आप कहते हैं कि भेदभाव कर रहा है मेरा साफ है हर पत्रकार की अपनी एक सोच होती है क्यों नहीं होनी चाहिए
48:24के ख़बर के मामले में आप निश्पक्स होने चाहिए अपने ओपिनियन के बालर मामले में you must have an opinion
48:31इन फैक्ट आज तो मुझे कहा जाता है वीडियो जो आप बनाते हैं
48:36प्लीज डोंट बी बैलेंस्ट, बैलेंस्ट मत रहिए
48:38आप अपनी स्टैंड रखिए तो ही वीडियो वाइरल होगा
48:42जब मैंने पत्रकारिता शुरू की थी मुझे कहा
48:45आपकी जितनी भी विचार है वो एडिट पेज पे लिखिए
48:48आपकी जो न्यूस है वो फ्रंट पेज पे जाएगी
48:51आज तो मामला उलट गया है आज आप एंकर आएंगे और कहेंगे ऐसे आकर
48:56आपको आज हम बताएंगे कि देश ने क्या करना चाहिए
49:00हम बताएंगे नेशन विल टेल यू टोड़े और आप खुश होते हैं तालिया लगाते हैं और देखते हैं
49:07हम बताएंगे आप हेडलाइन देखिए ना चैलन में जो आज शाहिद भाई ने कहा बिलकुत सही है
49:13किसी मुसलमान ने कुछ कहा आप सब इतने पत्रकार कुछ बैठे हुए है उसको कटगरे में रखेंगे पूरे समुदाए को
49:20और जब किसी और ने किया इसोलेटिड केस वो इंडिविजुल बन जाता है तो कहा है यह निश्पक्ष्टा आपके हेडलाइन में इनकी सोच नजर आती है यह हिंदू मुसलिम किस ने क्या है सबसे बड़ी प्रॉब्लम वो है मोदी सोनिया यह सब छोड़िये यह तो होते
49:50आप आप हम गुनेगार हैं पत्रकार गुने एक दिन यह संप्रताइक दंगे स्टूडियो में जो होता है उसकी वज़ा से होगा
50:00इस तरह की पत्रकारिता होती है रोज किसी एक मौलवी को बिठा दो एक पंडित को बिठा दो दोनों में भिडंत कर दो जो एक्स्ट्रीम वोईसे होते हैं
50:11मॉडरेट वोईसे के लिए जगा नहीं है टीवी पर
50:14स्टूर्वी पर्टीर के समय न आप थे न हम थे तो यह किड़ा सर यह कीड़ा रिमूब करना है यह कीड़ा इस कीड़े को बढ़ावा नहीं देना है
50:36चलिए हमारे साथ जुणने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
50:39राजदीब सर से आप सवाल बाहर में भी पूछ सकते हैं
50:41राजदीब जी, निर्जा जी और शाहिद जी
50:43थैंक यू हमारे साथ जुणने के लिए
50:46और अगर सब लोगों
50:48ये सुनिए राजदीब सर
50:49एक सवाल ये भी है
50:51कि किसने वो बड़ वाइजर वो जो लड़की है
50:54जो मेकप एड टुडे
50:56आपने देखा होगा वो क्लिप जो अब बाइरल है
50:58आटो वाला
51:00सब लोग अब उसकी चर्चा कर रहे हैं
51:02चलिए, आज आईए सरा, बात करें
51:03सरा, आज आईए
51:04जी
51:07आईए
51:09आईए
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