00:00मेरी एक कविताओं की किताब आई है जिसका नाम है चांद पे चाए याद रखिएगा और उसके तीन एडिशन आ चुके हैं मतलब आप लोग खरीद रहे हैं उसका अर्थ ये है लेकिन उसकी शुरुआत साहित आज तक के मंच पर हुई थी
00:14मैं आज से 5 साल पहले करीब 2019 की बात होगी मेरे शाल से या 20 की बात होगी 20 की बात होगी ये ललन टॉप अड़ा पे भाई सौरभ दुएदी ने मुझे बुलाया था एक अभीनेता के तौर पे लेकिन उन्हों वो जानते थे कि मैं कुछ कविताय करता हूं ऐसे ही तो उन्हों
00:44तो उस तरह से फिर सौरभ भाई और वानी अदिती जी ने के जरिये मेरी पहली किताब आई और वो उसका सारा श्रेय साय त्याज तक को जाता है क्या बात है
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