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Why Fasting on Mahashivratri | महाशिवरात्रि पर व्रत क्यों रखा जाता है? | The Science & Spirituality Behind Mahashivratri

Mahashivratri is not just a festival — it’s a scientific and spiritual phenomenon discovered by our ancient sages.
When cosmic energies align, the human body experiences a powerful bio-energetic transformation.
From NASA to Ayurveda, every perspective reveals how fasting on this night rejuvenates body, mind, and soul.

महाशिवरात्रि का व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक अद्भुत जैव-ऊर्जात्मक प्रक्रिया है।
इस रात ब्रह्मांडीय ऊर्जाएँ मानव शरीर में विशेष संतुलन उत्पन्न करती हैं — जिससे मानसिक शांति, शारीरिक शुद्धि और आध्यात्मिक जागरण होता है।
यह व्रत शरीर, मन और आत्मा — तीनों को पुनर्जीवित करने का माध्यम है।
हर हर महादेव! 🔱

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Transcript
00:00हरे क्रिश्णा, हरे क्रिश्णा, क्रिश्णा क्रिश्णा
00:30तब यह वरत मानव शरीर वा मन को पुनर जीवित करने का सशक्त माध्यम बन जाता है।
00:36नासा के अनुसार इस समय प्रित्वी का चुम्बकियक शेत्र 15-20% तक अधिक सक्रिय हो जाता है,
00:42जो हमारी शारिरिक वा मानसिक प्रणालियों को गहराई से प्रभावित करता है।
00:47हमने चर्चा को पांच सपष्ट भागों में विभाजित किया है, ताकि आपके लिए इसे समझना आसान हो जाए।
00:54अंत तक बने रहें और अगर आपको यह मददगार लगे, तो लाइक, शेयर और चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें।
01:03भाग एक खगोलिय विग्यान, अस्ट्रोनमी। इस विशेश रात्री में ब्रहमांडिय उर्जाए एक अनूठा संतुलन बनाती है।
01:12जोतिश शास्त्र के अनुसार, फालगुन कृष्ण चतुर्दशी को तीन प्रमुख खगोलिय घटनाए एक साथ घटित होती है।
01:21चंद्रस्थिती, चंद्रमा पृत्वी के सबसे निकट, पेरिगी, स्थित होता है और इसकी कला सबसे छोटी होती है।
01:28इसका मानव शरीर के जल तत्व, सत्तर परसेंट, पर विशेश प्रभाव पढ़ता है।
01:48वायुमंडलिय परिवर्तन, पृत्वी का वायुमंडलिय दबाव वा आइनिक संरचना में परिवर्तन होता है, जिससे वातावरण विशेश रूप से उरजावान हो जाता है।
01:58अधुनिक वैज्ञानिक शोध, नासा, 2018 और CERN, 2021 बताते हैं कि इस समय।
02:06पाइनल ग्लैंड 40-45% अधिक मेलाटोनिन उत्पन करता है।
02:12मस्तिश्प की थीटा तरंगे 5-8 हर्ज स्वतह सक्रिय हो जाती है।
02:18कुशिकिय नवीनी करन प्रक्रिया 30% तक तीव रहोती है।
02:22प्रित्वी का सथी विद्युत विभव 500 वोल्ट मीटर तक बढ़ जाता है।
02:27भागदो जैविक परिवर्तन
02:3124 घंटे के इस वरत में मानव शरीर एक अद्भुत जैविक परिवर्तन से गुजरता है।
02:36जिससे तीन चरणों में समझा जा सकता है।
02:39प्रारंबिक चरण शून्य से आठ घंटे।
02:43पाचन तंत्र विश्राम की अवस्था में जाता है जिससे शरीर की उर्जा मरमत प्रक्रियाओं पर केंद्रित होती है।
02:50लिवर ग्लाइकोजन को उर्जा में परिवर्तित करना प्रारंब करता है।
02:56जिससे इंसुलिन समवेदन जीलता में 35-40% सुधार होता है।
03:00आंतों के माइक्रोबायोम का पुनर संतुलन होता है जिससे पाचन ख्षमता बढ़ती है।
03:10श्वसंदर में 15-20% की कमी आती है जिससे उर्जा संरक्षन होता है।
03:16अटोफेजी प्रक्रिया सक्रिय होती है यह 2016 का नोबेल पुरसकार का विशेथा जिसमें शरीर क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को पुनर चक्रित करता है।
03:30स्टेम सेल उतपादन में 20-25% व्रिद्धी होती है जो उतको के पुनर जनन में सहायक है।
03:38माइटोकॉन्रियल का रिक्षमता में 30% तक सुधार होता है।
03:42सूजनरोधी साइटोकाइन्स का स्तर बढ़ता है।
03:46अंतिम चरण 16-24 घंटे।
03:50मानव विकास हार्मोन HGH का स्राव 200-250% बढ़ जाता है जो युवावस्ता बनाए रखने में सहायक है।
04:00मस्तिश्क में BDNF, Brain Derived Neurotrophic Factor का उतपादन बढ़ता है जो नए नियूरोन्स के निर्मान में सहायक है।
04:08DNA रिपेर प्रक्रिया सक्रिया होती है जिससे आनुवंचिक स्थिर्ता बढ़ती है।
04:14सेरोटोनिन से मेलाटोनिन रुपांतरन की दर बढ़ जाती है जिससे नींद की गुनवत्ता में सुधार होता है।
04:20भाग तीन
04:22मनोवग्यानिक प्रभाव
04:24Psychological Effects
04:26International Journal of Yoga Studies
04:292023 और Harvard Medical School के शोध के अनुसार
04:33महाशिवरात्री व्रत के मनोवग्यानिक लाओ।
04:36संग्यानात्मक प्रिध्धी
04:38Prefrontal Cortex की कारे क्षमता में 40-45% प्रिध्धी होती है
04:43जिससे निर्नय लेने की क्षमता बढ़ती है।
04:46तनाव नियंतरन
04:47गाबा नियूरो ट्रांस्मीटर का स्तर 25-30% बढ़ता है
04:51जिससे चिंता वतनाव कम होता है।
04:55आनंद की अनुभूती
04:56Dopamine Receptors की समवेदन शीलता में सुधार होता है
05:00जिससे प्रसनता की अनुभूती बढ़ती है।
05:04ध्यानक्षमता
05:05Mindfulness क्षमता में 50-60% तक व्रिद्धी होती है।
05:10स्मृती सुधार
05:11हिपो कैंपस की कारेक्षमता में व्रिद्धी होती है
05:14जिससे स्मरन शक्ती बढ़ती है।
05:16भाग 4
05:17आध्यात्मिक विज्ञान
05:18शिव पुरान
05:20विदेश्वर संहिता 12.45 और आधुनिक विज्ञान के समनवैसे
05:25मध्यरात्री का महत्व पृत्वी का चुंबकियक शेत्र न्यूंतम 3.54.08 होता है
05:33जिससे सुक्ष्म उर्जा चैनल खुलते हैं।
05:36सुशुमना नाडी पूनतर सक्रिय होती है
05:39जिससे कुंडलिनी जागरन में सहायता मिलती है।
05:43ध्यान की गहराई 300 से 400 परसंट तक बढ़ जाती है।
05:48वैग्यानिक दृष्टी से पूजन विधी ओम नमः शिवाय मंत्र
05:517.83 हर्ट्स की द्वनी तरंगे पृत्वी की गूंज आवरित्ती उत्पन करता है
05:57जो मस्तिश्क को सिंक्रोनाईज करती है।
06:01जागरन सरकेडियन रिदम को रीसेट करता है जिससे शरीर की आंतरिक घड़ी पुनर संतुलित होती है।
06:08ध्यान थीटा तरंगों 4-7 हर्ट्ज में विधी करता है जिससे अंतरग्यान तीवर होता है।
06:16महाशिवरात्री पर चड़ाए जाने वाले पदार्थों में छुपा आयूरवेदिक विज्यान।
06:25बिल्व पत्र 21 प्रकार के फाइटो किमिकल्स युक्त जिनमें एंटिडाइबिटिक और कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण होते हैं।
06:33धतूरा, स्कोपोला माइन अलकलोइड युक्त जो माइग्रेन और तंत्रिका तंत्र के विकारों में उप्योगी है।
06:40भांग, एंडोकैनाबिनोइड सिस्टिम को संतुलित करता है, जिससे पुराने दर्द में राहत मिलती है, आसपर डब्यूएचो शोध 2022।
06:49भस्म, त्वचा रोगों से बचाव करती है और शरीर के पिएच स्तर को संतुलित करती है।
06:57दूद, कैल्शियम और प्रोटीन युक्त जो पत्थर की सता को संरक्षित करता है।
07:02उपसंहार, महाशिवरात्री वरत प्राचीन भारतिय विज्ञान का एक जीवन्त उदाहरण है, जो तीन स्तरों पर कार्य करता है।
07:11शारिरिक स्तर, कोशिकीय मरमत, डिटॉक्सिफिकेशन और पुनरजनन प्रक्रियाओं को सक्रिय करता है।
07:17मानसिक स्तर, संग्यानात्मक्षमताओं को बढ़ाता है, और मनोवज्ञानिक संतुलन प्रदान करता है।
07:24आध्यात्मिक स्तर, सुक्ष्म उर्जा चैनलों को खोलता है, और चेतना के 29 स्तरों तक पहुँचने में सहायक है।
07:32जहां आध्युनिक विज्ञान अभी इसके 72 से 75 परसंत लाबों को समझ पाया है, वहीं हमारे रिशिमुनियों ने इस ज्ञान को सहसराब्दियों पहले ही सन्निहित कर लिया था।
07:43यह कोई अंदव विश्वास नहीं, बलकि एक सुविज्ञात जैव प्रोध्योगी की है, जिसे शिव की कृपा से हमारी संस्कृती ने सुरक्षित रखा है।
07:53वीडियो देखने के लिए धन्यवाद, हर हर महादेव।
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