Karma Yoga: The Path of Action | भगवद गीता अध्याय 3 | Hare Krishna Bhakti Vibes
Hare Krishna 🙏 भगवद गीता अध्याय 3 – कर्म योग हमें सिखाता है कि कर्म से कोई भी बच नहीं सकता। हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए — परंतु निस्वार्थ भाव से, बिना फल की आसक्ति के।
श्रीकृष्ण अर्जुन को समझाते हैं कि — “जो कर्म को ईश्वर को अर्पित करता है, वह कर्म के बंधन से मुक्त हो जाता है।”
🌿 कर्म योग केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। अपना हर कार्य यज्ञ समझकर करें — लोक कल्याण के लिए, ईश्वर के लिए।
📿 रोज़ गीता के ज्ञान से जुड़िए — Mission Bhagavad Gita | Hare Krishna Bhakti Vibes जय श्रीकृष्ण 🙏
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00:00भगवद गीता का तीसरा अध्याय कर्म योग अर्जुन श्री कृष्ण से पूचते हैं कि क्या उन्हें युद करना चाहिए कृष्ण उत्तर देते हैं
00:10कर्म से कोई बच नहीं सकता हर कारे जीवन को बनाय रखता है लेकिन मुक्ति तभी मिलती है
00:16जब कर्म निस्वार्थ भाव से बिना फल की आसकती के किये जाए कृष्ण यग्य की अबधारना बताते हैं
00:24हर कर्म को एक बलिदान के रूप में देखें जिसे ब्रह्मान का संतुलन बना रहे हैं
00:29यहां तक की भगवान भी लोग कल्यान के लिए कर्म करते हैं
00:32अपने करत्वियों का पालन करें अपने कर्म का फल इश्वर को अर्पित करें और स्वयं को उनका साधन माने
00:39पूरा वीडियो देखने के लिए कृपया नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
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