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Why Is Shiv Called Mahakaal? | शिव को महाकाल क्यों कहा जाता है 🔱

🕉️ जय महाकाल 🔱
‘काल’ सबसे बड़ा होता है — समय सबको निगल जाता है…
परंतु एक हैं — जो काल के भी पार हैं,
जो जन्म और मृत्यु से मुक्त हैं… वही हैं महाकाल शिव।

जब सम्पूर्ण सृष्टि नष्ट हो जाती है,
तब भी जो शेष रहते हैं — वे हैं भगवान शिव,
जो सृष्टि, पालन और संहार – तीनों के साक्षी हैं।

महाकाल का स्वरूप शांत है, परंतु उनका रूप उग्र —
आँखों में तप, गले में सर्प, और माथे पर अग्नि की ज्वाला।
वे मृत्यु नहीं, मृत्यु के पार का सत्य हैं।
वे सब कुछ समाप्त करते हैं ताकि नया आरंभ हो सके।

✨ जब जीवन में अंधकार हो, महाकाल का ध्यान करो —
जो अंधकार को निगलते हैं और आत्मा को जाग्रत करते हैं।

🔱 जय महाकाल 🔱
Hare Krishna Bhakti Vibes – भक्ति का हर स्वर, आत्मा का हर स्पंदन।

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Transcript
00:00काल सबसे बड़ा होता है, समय हर चीज को निगल जाता है, लेकिन एक है, जो काल के भी पार है, वो है महाकाल, महाकाल का अर्थ है, जो समय से परे है, जो ना जन्म से बंधा है, ना मृत्यु से, जब महाप्रलय भी संपूर्ण ब्रमान को नश्ट कर देता है, तब भी जो शे
00:30उनका रूप उग्र, आखों में तप्ती हुई विरक्ति, गले में आग, माथे पर अगनी की ज्वाला, महाकाल से कोई नहीं बच सकता, ना राजा, ना फकीर, वे मृत्यु का अंत नहीं, मृत्यु के पार बची हुई चेतना का प्रतीक है, वे ही अंतिम सत्य है, महाकाल स�
01:00जो अंदकार को निगलते हैं और आत्मा को जागरत करते हैं, जै महाकाल
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