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  • 3 months ago
मुंबई: मुंबई के खेतवाड़ी इलाके में, भगवान गणेश की 32 फीट ऊंची प्रतिमा इस साल मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' से प्रेरित भगवान गणेश की इस मूर्ति को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, सुदर्शन चक्र और सिंदूर की कटोरी पकड़े हुए दिखाया गया है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का प्रतीक है. मूर्ति के चारों ओर रखी मिसाइलें और मिशन से जुड़े प्रमुख लोगों के बैनर भी पंडाल की इस थीम का हिस्सा हैं, जो देश की शक्ति और साहस को दिखाते हैं.मंडल सचिव, विनायक गोडसे ने कहा कि इस वर्ष हम 68वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इस मंदिर की स्थापना 1948 में हुई है. हर साल हम सामाजिक विषय लेकर चलते हैं क्योंकि गणेश उत्सव बना ही सामाजिक के लिए, तो अगर हम सामाजिक सब्जेक्ट नहीं रखेंगे तो इतना बड़ा झांकी है तो थोड़ा बहुत आचार-विचार का लेनदेन होगा और तिलक जी ने इसीलिए रखा था कि आजादी के उद्देश्य से ही हम चले थे तो ये तो बहुत बड़ी चीज है. इस पंडाल में रखी भगवान गणेश की मूर्ति के दर्शन के लिए लिए दूर दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. गणपति के आशीर्वाद के साथ ही ऑपरेशन सिंदूर पर गर्व कर रहे हैं.

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00:00मुंबई के खेतवारी इलाके में भगवान गडेश की 32 फीट उची प्रतिमा इस साल मोखी आकर्षण का केंदर बनी हुई है।
00:30पंडाल की इस थीम का हिस्सा है जो देश की शक्ती और साहस को दिखाते हैं।
01:00खेतवारी में पचले 6 दशकों से गडेश चतुर्थी का उतसफ बड़े ही दुहमधाम से मनाय जाता रहा है।
01:22और यहां पर हर बार की थीम ऐसी होती है जो किसी विशेश विशेपर समाज में जागरुकता फैलाए।
01:28और यह साल 68 वा साल सेलेबरेट कर रहा है और उसके बाद यह मन्दल की स्थापना 1948 की है।
01:37और हर साल हम सामाजी की विशेश लेकर चलते हैं क्योंकि गणिश उस तो बना ही सामाजी के लिए।
01:42इस पंडाल में रखी भगवान गडेश की मूर्थी की दर्शन के लिए दूर दूर से शधालू कोहँच नहीं हैं।
02:09और गड़पती के आशीरवाद के साथ ही ऑपरेशन संदूर पर गर्व कर रहे हैं।
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