अमरनाथ यात्रा के दौरान रोजीरोटी कमाने की आस लगाए पूरे जम्मू कश्मीर से लोग बालटाल और सोनमर्ग में दुकानें लगाने के लिए पहुंचे हैं. कई छोटे व्यापारियों और दुकानदारों का मानना है कि सालाना यात्रा से इलाके की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा जिसकी बहुत दरकार है. अमरनाथ यात्रा लंबे समय से आतिथ्य, परिवहन और छोटे स्तर पर कारोबार करने वाले लोगों के लिए आमदनी का अहम जरिया रहा है. इस यात्रा की न सिर्फ आध्यात्मिक अहमियत है बल्कि इसके जरिए इलाके के लोग रोजीरोटी कमाते हैं. हर साल हज़ारों तीर्थयात्री पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में भोजन, आवास, परिवहन और दूसरी ज़रूरी सेवाओं की मांग में तेज़ी आती है। कई लोगों के लिए ये वक्त रोजीरोटी कमाने के लिए सबसे बेहतर होता है. इस साल तीर्थयात्रियों की संख्या में संभावित कमी की चिंता के बावजूद लोगों को उम्मीद है कि उनकी कमाई अच्छी होगी जिससे वे इस मुश्किल वक्त में अपने परिवार की बेहतर तरीके से मदद कर सकेंगे. पिछले साल साढ़े आठ लाख से ज्यादा तीर्थयात्री अमरनाथ यात्रा के लिए पहुंचे थे। ये सालाना यात्रा उन हजारों परिवारों का पेट भरती रही है जो अपनी रोजीरोटी के लिए इस पर निर्भर हैं. इस साल ये यात्रा 38 दिनों की होगी। ये यात्रा तीन जुलाई को शुरू होगी और नौ अगस्त को खत्म होगी.
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