00:00बंदे मात्रम की इस यात्रा की शुरुवात बंकिम चंदर जी ने 1875 में की थी और गीत ऐसे समय लिखा गया था
00:21जब 1857 के स्वाकंत संगराम के बाद अंग्रेज सल्करत बॉखलाई हुई थी भारत पर भाती-भाती के दबाव डाल रही थी
00:39भाती-भाती के जुन्म कर रही थी और भारत के लोगों को मजबूर किया जा रहा था अंग्रेजों के द्वारा और उस समय उनका जो राष्टिय गीत था
00:58गौड सेव दक्वीन इसको भारत में घर घर पहुंचाने का एक शडियंत्र चल रहा था ऐसे समय बंकिम्दा ने चनोती दी और इच का जबाप पथर से दिया और उसमें से बन्ने मात्रम का जन्म हुआ
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