- 5 hours ago
'भारत पार्टनर हो सकता है, दोस्त नहीं', एजेंडा आजतक में सलमान खुर्शीद-हर्षवर्धन श्रृंगला से विदेश नीति पर खास बातचीत
Category
🗞
NewsTranscript
00:00नमस्कार आदाब
00:30अच्छा की शुरुवात मैं करूँगी
00:31पिछले हफ्ते
00:33जो एक खास विजिटर थे
00:35हिंदुस्तान में उनसे
00:37प्रेजडेंट पूतिन
00:39हिंदुस्तान आए
00:40और एक क्लियर सिग्नल
00:43और मैसेज भारत ने
00:45डानल्ड ट्रॉम्प अड्मिनिस्ट्रेशन
00:48पूरे योरप को दिया है
00:51लेकिन साथ-साथ
00:53प्रदानमंत्री मोदी ने ये भी कहा है
00:55कि भारत का पक्ष
00:56शांती का है
00:59और नीट्रल स्टैंड नहीं है
01:01यूक्रेन रश्या वार में
01:03तो अभी
01:05जो फॉरन पॉलिसी का डिरेक्शन है
01:08शिंग्ला साब आप उसको कैसे देखते है
01:10बहुत बहुत धन्यवाद
01:15मरिया जी और
01:17सलमान साब जो हमारे
01:18विदेश मंत्री थे जब मैं
01:20विदेश मंत्राले में था
01:22ये जो सवाल आपने पूछा
01:26ये बहुत सही है
01:27दुनिया बहुत तेज रफसार से
01:29बदल रही है
01:30और भारत को अपने जो
01:32ऑप्शन्स हैं वो बहुत मत्ब
01:35ध्यान से देखना होगा
01:37और हमारी तरफ से
01:39जो हमारा नीती है
01:40विदेश नीती में हम चाहते हैं
01:43कि सभी
01:44हमारे मेत्वपूर्ण जो पार्टनर्स हैं
01:47उनके साथ अच्छे संबन्द रखें
01:48और हमारे पडोसी देशों के साथ भी अच्छे संबन्द रखें
01:52इस प्रयास में
01:55रूस हमारे एक इतिहासिक
01:57मित्र है
01:59इनके साथ
02:01एक बहुती पुराना संबन्द है
02:03और अभी भी
02:05रक्षा के
02:06तौर में
02:08और एनरजी मतलब तेल के खरीद़ारी में रश्या एक बहुत ही मैद्वपूर्ण पॉर्टनर है ये भी हमें ख्याल रखना चाहिए कि रश्या के जो एनरजी रिसोर्सेज हैं उनके जो रेरर्ट्स और मिनेरल्स हैं वो बहुत ही मतलब बड़ा कॉंटिटी में है और भवि�
02:38United States के बीच अगर कुछ समझोता हो तो हम सही जगह में होना चाहिए इसके लिए तो ये जो राश्यपती पूतीन का दौरा था भारत में हाल में ये इस दौरे को हमें इस परस्पेक्टिव से भी देखना चाहिए कि रूस एक इतिहासिक पार्टनर है पर भविश्यब में भ
03:08पहले सी इनके साथ संबंध है अभी भी यूएस के साथ हमारी इतनी बहुत सारे एरियाज में बहुत अच्छे मतब द्वीपक्षिय संबंध है तो ये सब ख्याल रखते हुए हमें मुल्टिपल पार्टनर्शिप्स बनाने चाहिए
03:23सल्मान साथ यही सवाल आपसे भी कि आप एक पूर्व विदेश मंत्री के तौर पर मोधी सरकार की विदेश पॉलिसी को कैसे देखते हैं आपको क्या लगता है क्योंकि जो चालेंजेज हैं अभी वो बहुत डिफरेंट हैं एक मर्क्यूरियल लीडर बोला जाता है डॉनल
03:53और पैनल्टी टाक्स भी इंडिया पर लगा हुआ है तो इस पूरे कॉंटेक्स्ट में अगर इंडिया व्लादमिर पूटिन को होस्ट करता है और उसके साथ-साथ यह उसी वक्त है जब क्वार्ट समिट न्यू डेली में होने वाला था डॉनल ट्रॉम्प ने ओविसली ड
04:23जो अभी परिपेक्ष है वो बड़ा स्पष्ट है हम लोग सब मानते हैं कि Mercurial है परिपेक्ष बहुत सारे परिवर्तन हो रहे हैं बहुत तेजी के साथ परिवर्तन हो रहे हैं और कितना भी आप दूरगामी सोच लेकर अपनी तयारी करें जो परिवर्तन हो रहे हैं वो अ
04:53हम सबसे संबंद बना के रखें, हर जगा ओपनिंग रखें, वो बहुत अच्छी बात है, एक जो दिल्चस बात है और जो इंट्रिस्टिंग बात है वो ये है कि रूस ने इस समय एक पहल की है, ऐसा हमारे तो पुराने संबंद है रूस के साथ, लेकिन ऐसा लगा कि कुछ थ
05:23स्वभागिशाली थी, हमने भी उसका रिस्पॉंस दिया, उसमें दो राए नहीं है और वो एक अच्छी पहल थी और उसको आगे, हमने सबने माना कि उसको हम आगे बढ़ा रहे हैं, मैं सिर्थ एक बात कहूंगा कि विदेश नीती में हम लोग सब एक ही साथ रहे हैं, एक
05:53दोशों में हमने एक कंसेंसस, एक राष्ट्रे कंसेंसस को प्रोजेक्ट भी किया है, मुझे थोड़ा सा दुख इस बात का है कि वो आज हम उसको स्पष्ट नहीं कर पाए, रूस से पूटिन साहब यहां आए, उनका उनके बहुत अच्छे यहां पर सब लोगों से विचा
06:23और इसको आप सिर्फ स्वभावे की मत मानिये कि यह एक व्यक्तिगत खेद है, यह एक वैचारिक समस्या है, कि हम किस तरह से समन में बनाएं और किस तरह से एक कंसेंसस बनाएं, वो अगर दिखेगा नहीं, वो कंसेंसस पष्ट नहीं होगा, तो क्या संदेश रूस लेके �
06:53पूतिन साब के हिंदुस्तान के दोरे से पहले, इंडिया टुडे आज तक ने उनका एक इंटर्व्यू किया था मोस्को में जाकर, अंजना और गीता ने बहुत सारे सवाल पूछे थे, एक सवाल था डॉनल्ड ट्रॉम पर और ये भी था, क्या वक्त आ गया है कि वेस्ट
07:23डिबेट चल रहा है, उसको किस तरह से आगे भारत देखेगा।
07:53मैं कभी अपने सहीयोगियों का चरित रिचत प्रण नहीं करता, उनका भी नहीं जिन्होंने मेरे साथ काम किया, और खास तोर पर राष्टा ध्यक्शों का तो बिलकुल नहीं, मेरे विचार में ये आकलन उस देश के नागरिकों को करना चाहिए, जिन्होंने उन्हें वो�
08:23मैं साथ कर दूं की, अमेरिका अब भी अपने नूकलियर पावर प्लांट्स के लिए हमसे परमान उर्जा की खरीद करता है, इनमें अमेरिका में चल रहे नूकलियर पावर प्लांट्स के लिए यूरेनियम भी शामिल है, तो अगर अमेरिका खुद अपनी उर्जा जरूर
08:53अगर देखा जाए, तो ये पहले ऐसे बड़े रेर प्रेजिदेंट होंगे, जोने इस तरीके से रूस को एंगेज किया, लेकिन भारत के साथ ब्लोगोल रिचता रहा है, पट्चिस पसें टारिफ दाल देह हम पर, इस प्रेशर को आपको क्या लगता है, किस तरफ और कहा ज
09:23ये उनकी अपनी नीती है, मुझे लगता है उनके सलाकार ऐसा समझते हैं कि इस तरह से टारिफ लगाने से अमेरिकी अर्थ वस्था को पाईदा हू, हाल barking हमारे अर्थिक मामलों के विशशल के मानते हैं कि इस तरह की नीती फितरनाक है, पर आफिर में इस तरह की नीतीयो
09:53होता है। हला कि हमने ऐसा कभी नहीं किया नहीं हम ऐसा करना चाहते हैं हम एक खुली अर्थ विवस्था में विश्वास करते हैं हम बस यहीं उमीद करते हैं कि वर्ल्ड ट्रेड और्गनाइज़ेशन के जिन नियमों के उलंगन की बात ची जाती है उनमें संशोधन किया जा�
10:23आज तक और India Today को invite किया गया था इस interview के लिए, तो ये बहुत ही बड़ा interview पूरे India Today Group को मिला है, श्रिंगला साब सवाल ये है कि क्या सस्ता रशन तेल, वो भारत की strategic autonomy का decision है, और वही emphasis शायद उसी पर जोर दिया है, President Putin ने भी, कि जब अमेरिका खरीच सकता है, तो वो कौन होत
10:53लोग किन से खरीच करें और किन से अपना business deals करें? बिल्कुल, देखिए, जिस तरह से दुनिया बदल रही है, आप सोच भी ने सकते, पांच साल पहले कि COVID जैसे मारा मारी इस दुनिया में होगी, उसके बाद योरोप जैसे छेत्र में एक बड़ा सा युद और तेल का दाम
11:23हम देखते हैं कि दुनिया में बहुत सारे देशों को असर पड़ा है और हमारे ही छेत्र में श्रीलंका का आप उदारण देखे, मंगलादेश का देखे, नेपाल का देखे, इसका इतना भारी असर पड़ा है इन देशों पर, हमारे जो विदेश नीती है, ये हम सोचते है
11:53जबकि दुनिया में economies कोलाप्स कर रहे थे, हमारे economy में कोई असर नहीं पड़ा क्यूंकि हम तेल खरीज सकते थे रूस से, discounted rates के, और ये जैसे आपने का strategic autonomy का एक बहुत ही बड़ा हिस्सा है, कि हम flexible हो, आज अगर रूस का तेल का दाम और अंतराश्य लेविल का तेल का दा
12:23ऐसा स्थिती आए, तो हम खरीज सकते हैं, और राश्यपती पूतीन ने ठीके का, कि एक थोड़ा सा double speak है इसमें, कि आप हमें कहते हैं कि रूस से मत खरीदे, पर आप ही, मतलब अपने nuclear energy के लिए उरजा, रूस से ले रहे हैं, यॉरप भी अपने gas रूस से ले रहे थी, औ
12:53हम जो हमारे जनता के हित में, हमारे देश के हित में जो करना है हम करेंगे, और इसमें कोई compromise नहीं हो सकता, तो सल्मान मैं यही बात होगी कि जब आप office में थे, उस वक्त के challenges और आज की challenges को आप कैसे देखते हैं, क्या फर्क दिख रहा है, क्योंकि एक बहुत ही aggressive foreign policy दिख र
13:23तैक करते हैं कि US किस direction में जाएगा और किस country के साथ क्या equation होगा, यह एक विदमना का विशे है, मैं समझता हूँ कि विदेश नीती से जोड़ा हुआ कोई व्यक्ति भी हो, उनकी जो भी एक सोच हो, सामरिक सोच हो, एक जेनरल उनको foreign policy का जो भी approach हो,
13:53हर व्यक्ति को अगर ये प्रशन पूछा जाए कि President Trump के बारे में आपको क्या कहना है, तो कोई question नहीं कह पाएगा, बता नहीं पाएगा, कभी हम लोग ये सोचते हैं कि ये चार वर्ष की बात है, ये personality driven है, personality से के साथ ही चली जाएगी, लेकिन बहुत लारे लोग ये भी कह
14:23एक स्थाइक रूप से एक ऐसा change आएगा कि उसको आपको deal करना पड़ेगा, तो एक तो ये विशे है, दूसरा विशे ये है कि जिस पश्चता से President Trump या President Putin अपनी बात कह देते हैं, जिस पश्चता से, क्या हम उस पश्चता से अपनी बात कह पा रहे हैं कि नहीं कह पा रहे
14:53पड़े, कि ऐसा हुआ कि नहीं हुआ, चाहे वो operation संदूर का संदर्व हो, चाहे वो रूस के साथ हमारे जो संबंद, हमारे commercial संबंद हैं, उसके बारे में हो, oil के बारे में हो, और चीज़ों के बारे में हो, तो क्या ये एक बहुत बड़ी चुनौती नहीं है हमारे लिए,
15:23ऐसा कोई रास्ता बंद ना करें, कोई दर्वादा बंद ना करें, जो आगे कोई बड़ी समस्या आ जाए, लेकिन चैलेंज है, मैं ये मानूंगा कि बहुत चैलेंज कि स्तिती है, ये हमारे लिए एक चुनौती है, इस चुनौती का सामना हम लोग कैसे करते हैं, ये सारे �
15:53और वहाँ पर ये तस्वीर शायद ट्रॉम्प अड्मिनिस्ट्रेशन और बहुत सारे अड्मिनिस्ट्रेशन जो कहा जाता है, कैपिटल्स ऑफ दे वर्ल्ड को बहुत परिशान करेंगी, ये रही तस्वीर ये, बहुती खास तस्वीर है क्योंकि चाइना के 2017 के बाद की र
16:23ये तस्वीर रश्या के साथ तो क्योंकि एक फ्रेंडली और विंटेज रिलेशनशिप है, क्लासिक बोलते हैं हम उनको, और और वेदर फ्रेंड ये बोल सकते हैं, लेकिन चाइना, उनके बारे में क्या?
16:39दिखिए हमारा नीती यही होना चाहिए कि सबके साथ अच्छे रिष्टे होने चाहिए, किसी को हमारे हित को कंप्रमाइज नहीं करने देना चाहिए, पर इसके इलावा सबके साथ खास तोर से हमारे पड़ोसी देश्यों के साथ एक अच्छे संबंध रखने चाहिए, और
17:09उस वो एक अंतरराष्ट्रिय इवेंट के
17:14SEO Summit के वक्ष में था
17:18ये मतलब वीपक्षिय दोरा नहीं था
17:21और उसमें हमने देखा कि हम चीन के साथ
17:25जो हम कहते हैं नॉर्मरलाइजेशन के प्रोसेस शुरू कर दिया
17:27पर एक प्रोसेस मतलब हम शुरू में हैं
17:32इसमें टाइम लगेगा इसमें जो बॉर्डर के जो मुद्दे हैं
17:35इसको अच्छी तरह मतलब सम्मालना पड़ेगा
17:39उसके बाद हम देख सकते हैं कि क्या क्या मतलब इसमें प्रोग्रेस हो सकता है
17:42पर इस बीश में यह नहीं है कि हम इनके साथ मतलब
17:46एक क्या कहते हैं, conflict situation में हो,
17:50तो ये जो हम देख रहे हैं, हम देख रहे हैं कि हमारा जो हक है,
17:53कि सब के साथ सम्मंद रखना, सब के साथ अच्छे रिष्टे बनाना,
17:58US के साथ भी हमारे बहुत अच्छे रिष्टे हैं,
18:00हम कह सकते हैं कि US हमारे मत्तब primary partner है,
18:04क्योंकि हमारा सबसे बड़ा trading partner है,
18:07investments है, technology है, हमारे भारती है समुदा है,
18:10वहाँ पे है, तो ये देखते हुए US के साथ एक भौती मत्तब
18:14multi-faceted रिष्टा है, और चीन के साथ मत्तब कुछ एरियाज में रिष्टे हैं,
18:22क्योंकि हमारे चीन के साथ भी trade का है,
18:24एक सो बिलियन डॉलर के ज्यादा है trade,
18:27पर हमारे मुद्दे भी हैं चीन के साथ,
18:29और रूस के साथ आपने बताया कि ये तिहास एक संबंध है,
18:33तो ये हम तै करना चाते हैं कि भारत जैसा देश एक छोटा देश नहीं है,
18:38हम किसी के ally नहीं हैं,
18:39हम partner हो सकते हैं, आला हैं नहीं हो सकते हैं,
18:42तो हम, हमारा हक है कि हम United States से भी एक बहुती करीबी का संबंध रखें,
18:50रूस के साथ भी रखें और चीन के साथ एक normalization की तरफ हम बढ़ते जाएं.
18:57नेबर हुट में challenges, बांगलादेश में regime change,
19:01श्री लंका में, नेपाल में इतना जादा unrest है,
19:09Gen Z protesters की बात हो रही थी,
19:12उसी वक्त राउल गांदी ने भी Gen Z protesters के बारे में comment किया.
19:16देगे जो अपने परोज के जितने देश हैं,
19:22उसमें जो कुछ हो रहा है, उसको अच्छी तरह हम समझ पाएं,
19:26ये एक प्रात्मिक्ता हमारी होनी चाहिए,
19:30हम पुरी तरह से समझ पाएं हैं कि नहीं पाएं हैं,
19:33इस पर कुछ सवाल उठते हैं, लेकिन हम उनको तब समझ पाएंगे,
19:39जब वो अपने आपको समझ पाएंगे,
19:41देखें, जो हुआ है, जैसे बंगलादेश में हुआ है,
19:45तो कुछ लोग ये भी कहते हैं कि बंगलादेश की जो परमपरागत,
19:49वहाँ पे जो राजनेतिक स्तिथी थी,
19:54उसके लोग जो हैं, वो नई जेनरेशन के लोगों को,
19:57या नेपाल में जो हुआ, नई जेनरेशन के साथ,
20:01वो समवाद कर नहीं पाए, उनकी कनेक्टिविटी बन नहीं पाए,
20:05अगर उनकी नहीं बनी तो हमारी कहां से बन जाएगी,
20:08एक बहुत बहुत बड़ा सवाल है,
20:10लेकिन हम कितने फुर्तीले बन सकते हैं,
20:13कितनी जल्दी एज़स्ट अकॉमडेट कर सकते हैं,
20:15यह चुनौती है हमारे लिए,
20:17और मैं इसलिए बार-बार इस बात को कहता हूँ,
20:20कि हम अगर यह समझें कि एक वर्ग हमारे देश का,
20:24चाहे वो सता रून वर्ग क्यों नहों,
20:27वो इन सब चीजों को समहाल सकता है,
20:30और इन सब चीजों को सुधार सकता है,
20:33वो बहुत कटनाई की बात होगी,
20:36अगर हम लोग सब मिल कर करें,
20:37जो हम हमेशा परंपरागा जरूप से करते आये थे,
20:41अगर हम सब मिल कर करें,
20:42तो इसमें संभावनाएं बढ़ जाएंगे
20:44लेकिन हाँ एक बात है
20:46जिसे चीन के संदर्व में जरूर कहूँगा
20:49कि चीन से अच्छे संबंद रहें
20:51ये हम सब चाहते हैं
20:52हमने ये भी अपने समय में भी यही किया था
20:55कि चीन के साथ
20:57अगर कुछ समस्याई हैं
20:58तो उन समस्याईं को हम अलग से
21:00धीरे धीरे धीरे हल करें
21:02लेकिन हमारे उनकी जो संबंद हैं
21:05उनके जनिता के साथ
21:07जो संबंद हैं वो हम आगे बढ़ाते रहें
21:09और ऐसा ही हुआ
21:10बहुत वर्षों तक ऐसा ही हुआ
21:12लेकिन आज अगर हम बैटकर
21:15समिक्षा करें कि अब फिर हम अच्छे संबंद बनाने जा रहे हैं
21:19और बीच में हमारा कुछ छिन दिया गया तो वो उसका जबाब कौन देगा
21:23कि हम अच्छे संबंद बनाते रहे हमसे कुछ छिनता गया हम फिर
21:28अच्छे संबंद बना रहे हैं और हमसे जो छिनना था वो छिन गया तो कब तक ये होता रहेगा इसका कोई ना कोई समधान तो निकलना होगा कोई रास्ता तो निकलना होगा
21:38तो एक और रास्ते की बात कर लेते हैं और ये है जेनरल आसे मुनीर या फील्ड मार्शल आसे मुनीर जो अपने आपको extra constitutional power दे चुके हैं पाकिस्तान में. उनके elevation के बाद भारत में क्या-क्या चुनातिया हैं?
21:54देखिए उनके elevation के बाद आप मैं समझ रहा हूँ कि हश्वदन जी जादा अच्छा बता पाएंगे और कौन सा बड़ा असर होगा? हम तो ये समझते हैं कि हमारे पड़ोज के सारे ही देशों में लोगतंत्र जो है वो मजबूत रहे, बना रहे और पाकिस्तान में भी लोगत
22:24होने लगते हैं जब वहाँ पर सत्ता जो है वो फौज की होती है और जब भी पब्लिक जेनरल पब्लिक की सत्ता आती है तो वो बिगड़ जाते हैं लेकिन ऐसा ना हो तो भेतर है हमारे छेतर में अगर इमरान खान जो जेल में है उसके बार में क्या कहेंगे? फाइनल नी �
22:54जगा है लेकिन अब दूसरे देश में हस्तक शेप तो हम नहीं कर सकते हैं कितना बोल सकते हैं हम बोलें तो वो भी बोलेंगे तो इसलिए वो तो अनिवारिय है कि हम उसमें कुछ बोल नहीं सकते हैं हाँ जो अपनी गुड विशिस दे सकते हैं वो हम देते रहें जिस जिस
23:24पीछे हटाता है तो वो एक बड़ी समस्या होगी हश्वादन शिंगला जी इसी से ये पूरे
23:31discussion को खतम करेंगे पाकिस्तान में जो developments हो रहे हैं आप उसको
23:36कैसे देखते हैं देखे पाकिस्तान का बुरा हलत है क्योंकि वहां का
23:42economy का ये मतब सिती है कि अगर अंतराश्रियत तोर से इनको सयोग
23:49नहीं मिले तो ये economy मतब एक बिल्कुल failed economy है इनका बलूचस्तान में
23:54problem है इनके मतब सिंद में problem है इनके खाइबर पक्तूनफ़ा में problem है
23:59पाकिस्तान occupied में करश्मीर में समस्याएं हैं और लोक तंतरा जो हम समझते हैं उस देश में है ही नहीं मतलब जो आसिम बनेर के बात कर रहे थे ये तो मतलब
24:12dictator बन गया है और इनों ने जिसको रखा है वो प्रदान मंतरी है आज और इमरान खान के आखिरतार में इनको nominated
24:20prime minister कहते थे military नहीं बनाया इनको prime minister आज इनका बनता नहीं है तो ये popular हो गए है मतलब
24:27Pakistan के जनता को लोग तंतर चाहिए पर इनके जनरेल्स को नीच चाहिए जो पाकिस्तान के फौज है ये इस सिती में बहुत बहुत खुश है कि ये
24:38complete economy के control में है जो भी कर सकते हैं जहां भी पैसा फैलाना है वो कर सकते हैं कोई पैसे की कमी नहीं है पर लोगों को लोगों का जिन्दगी का हालत क्या सिती में हो हम जानते हैं तो ये जरूर है कि
24:53पाकिस्तान के साथ जब तक ये मतब ये चलती रहेगी उनके समस्यां चलती रहेगी वो diversion ढूंटे रहेंगे और जैसे वहां से आतंगवादी कुछ प्रयास होंगे तो हमारे responses होंगे जो हमने आप सिंदूर में देखा था आप सिंदूर में ये भी देखा था कि हमारा बह�
25:23और उसमें आपने देखा है कि कुटनीटिक विशय पर भी हमारे ओल पार्टी डेलिगेशन बहुत देशों में गए थे जिसमें सलमान साब भी एक बहुत ही मतब मेतवपूर्ण सदस्य थे और ये प्रयास हम देख रहे हैं कि एक consensus जो विदेश नीती में हम बनाना चाते है
25:53विदेश नीती में उसमें भी होगा ही तो इस से मैं पतन करना चाहिए अपोजिशन को इंविटेशन भी मिलेगा स्टेट डिनर का जो इशू सलमान बाई ने रेस किया हमें किसी ने पूछा था टीवी पे तो मैंने का दिखे जिसे मिजे पता है प्रोटोकॉल में ये कोई
26:23ने लगाया जाएं क्योंकि प्रोटोकॉल में ये नहीं होता है, प्रोटोकॉल में सिर्फ उनके कांटरपार्ट से होता है, जैसे प्रदान मंत्री, राश्रपती वगेरा, बागी सब आप सरकार से पूछे, विदेश मंत्राले से पूछे.
26:35All right, thank you so much, Salman Khushid and Harshvardhan Shigla for this conversation, thank you so much.
26:51Sir, इससे पहले कि आप लोग नीचे उत्रे, मैं चाहूंगी कि आप लोग अपना एजेंडा, यानि अगले साल का आपका क्या एजेंडा रहेगा वहाँ पर आपको वो लिखना होगा आप दोनों को.
26:58जी, thank you.
27:05जी, thank you.
27:35To be truly united for peace and prosperity in the neighborhood and the world.
27:56Thank you, sir.
27:56जी, thank you.
28:26जी, thank you.
28:56हमारे बहुती सुन्दर देश में मेरा बहुती एक इच्छा है कि हर एक देश का हर एक कोना में मैं एक दौरा लगाओ, विजिट करें.
29:05और जहां भी हो, पब्लिक के हिट में काम करें, छोटी सी काम, बड़ी सी काम पर प्रयास ही होगी कि…
29:14सबसे नंबर वन लिस्ट में किया है, सबसे पहले कहां जाना चाहते हैं.
29:16मैं कन्या कुमारी, पहला लिस्ट में है, और है भी मारे प्रोग्राम में, 24 जैनुवरी को मैं जा रहा हूँ हूँ.
29:23क्या बाद है सर, थैंक यू सो मेच, थैंक यू सो मेच, दोनों ही महमानों के लिए जुर्दार तालियां हो जाएं आपर.
Be the first to comment