वरिष्ठ कवि अशोक वाजपेयी ने नई दिल्ली में 'नेहरू केंद्र भारत' के उद्घाटन अवसर बोलते हुए गिनाया कि कैसे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू असल में विश्वगुरु थे और दुनिया उनसे बड़े मामलों में नेतृत्व की अपील करती थी। आलोचक और संस्कृति कर्मी वाजपेयी ने कहा कि नेहरू को चाय बेचते हुए देश नहीं मिला था, बल्कि उन्होंने भारत को खोजा था। इसके लिए डिस्कवरी ऑफ इंडिया की रचना की और भारत की सांस्कृतिक आत्मा को आवाज दी। डॉ. वाजपेयी ने कहा कि भारत की संस्कृति को जितना नेहरू ने अपनी कलम से समृद्ध किया, उतना किसी और ने नहीं किया। #ashokvajpayee #jawaharlalnehru
00:00अब मैं लुदानेश्पर्टा की बड़र अश्वा पाजबाई आए कुछ सब्सक्राइब
00:06अधरनी सोनिया जी पुर्षोतन जी संधीर क्यों मित्रों
00:20मैं उन भागिमान गुड़ों में से एक हूँ जिन्हों ने जवाहर लाम नेगदू
00:29को कई बार देखा और करी का देखा था जब मैं शायर 12 बरस का था और आखरी बार देखा
00:50जो अपने निधन के थोड़े दिल पहले तॉल्स्टॉइक की पचासवी कुनिती थी आयोजित थी
01:01आई फेक्ट नहीं सप्रूहाउस ने और नहरू जी उसके मुख्यर अती थी थे वो कोई दो तीन मिनिट लेट आए और आते ही उन्होंने बताया कि वो औरंगाबाद से आ रहे हैं तो हम लोगा ने सोचा कि अब बुढ़ों ये बताएंगे कि औरंगाबाद में क्या हुआ
01:31और नहरू जी ने हुआरा बाद कर खो दिरे करने के बाद की चाहा कि महांता दो तरह कि होती हैं एक महांता भो होती है जिसका जब आप सामना करें आपको अपनी आकिंचंत अकिंचंता अपनी लिबंद्डा अपने ब्यर्थ होने का अहसास होता है subtitle या इतना बड़ा है म
02:01जिसके सामने आने पर आपको लगता है कि आप थोड़ा उच्छा उच गए और इसके बाद उन्होंने कहा कि टॉल स्ट्राय की महांता दूसर एक्समी पूरा हॉल खड़ा हो गया अध्यक्ष्टा कर रहे थे ब्रिटिश कभी और अनकांटर के संपादक सिफेंग स्पेंड़
02:31भाशन स्वाब किया तो वो गए और उन्होंने कहा कि एंकांटर के संपादक के मैं मैं दुनिया भर के राश्टा धक्षों और राजनेताओं से
02:43संसार में इस समय ऐसा कोई राजनेता नहीं है जो टॉल स्काय को ऐसी शद्धान देंगे से
02:56नहिरू जी एक बाइलाजिकल प्राणी थे
03:06उन्होंने कद्मी गुरू होने का दावा देंगे देंगे गुरू होने के दो प्रमान में आपको दिताओं
03:19बारुस पास्तर नाथ मुसी बहान देखा अप्टर जिवागों उन्होंने पढ़ा होगा उन्स तुन उनको नुबल परुसकार देंगे
03:31सुबिट सम्मी से नाराज हुआ आज व्जू उसके वो यहीं है तो नाराज हुआ और उसने इजादत नहीं दी बारिस पास्तर नाथ को स्पाट्वों जाके नुबल पुरसकार प्राप्ट करने की और उनको देश निकाना रहने की कारवाई शुरू हो देखा नाथ की आ�
04:01इस पर लंडन में एक कमिटी बनी इन डिफेंस ऑब बोरिस पास्तरनाथ जो स्टिफन स्पेंडर और अल्डोस हकस्ले ने बनाई और नहरू जी से आपके किया कि वो उस समिटी के अध्यक्ष बने लाजी हुए उनसे कहा गया कि आपके संबंद चूंके रूप से अच्छे है
04:31आप ठुच्छों से बात करें कि एक तो वो पास्तरनाथ को स्टॉक फोम जाने लें और दूसरा उनके जो देश निकाले की करवाई शुरू हो गए उसको बंद करें जाहर है नहरू जी ने ये बात ठुच्छ्छों से की होगी ठुच्छ्छ्छ्छों पहनी बात तो नहीं
05:01करवाई बंद हो कि युगस्लावियाने एक नया है कि पोड़ा भैर मात्स्वावी किंतत हुआ मिलोन विवान गिलास मिलान गिलास कि टीटो जैसा कि अक्सर होता है जो ताना शाव होते हैं वो दूसरे की दूसरी राय पसंद नहीं करते हैं और दूसरे को जी रायक कर देत
05:31है फिर नहरू से कहा के और नहरू ने हस्तक्षेट किया और जिलास को जेल से बाहर तर दिया
05:40कोई दावा नहीं किया कि बिश्चु धुरू है ने कि बिश्चु धुरू के अब नहरू जी की जो पूरी मन सकता है
05:57उसमें तीन बातें एक साथ हैं राजिनी की है संस्क्रती है आधुनिक्ता है एक और नहरू जी लोगता नहरू जी यतायक प्रणठ नहीं हो गए थे
06:18किसी अवतार की पर है वो एक मनुष्य थे जिदमें मनुष्यता के मनुष्य होने की सारी कठमाईयां और संभावनाएं एक साथ थी जैसा भी और उनको कोई चाय बेशते भारत नहीं मिलने आथा
06:42जारत नहीं वैकार तारश्रिक रूप से खो जाता है इसलिए और यह वहाद नहीं जी एक उस्तक नहीं जी जी इसकवरी अफिंडिया और उस डिसकवरी अफिंडिया में उन्होंने जो बातें कहीं थी उच्छा
07:10संस्क्रिती जो पकड़ जवाहलान में थी वो उनके जमेंके बहुत कम राजने आउने और उन्होंने नहीं एक दिए यह कहा
07:28यह कहा किल्चर लाइक रिलीजिन और आइडियॉलजी इस नॉट अबाउट जस्ट वन थिंग
07:37भारतिय बहुल्टा का जितना वैचारिक एहतराम नहों जी ने लिखकर किया है इतना किसी और जारत नहीं किया था उसके पहरें
07:52उस समय जत नहों जुष्य पर थे पश्चिन में एक बहस हो रही थी the two cultures culture of science and culture of arts
08:07अब नहों जी ने साइंटिफिक टेंप और टेक्नॉलजी और साइंस और संस्क्रिपी इन तीनों के बीच कोई भेडभाव तरने से इलकार किया अब देखिए उनके जमाने में जो इंफ्रास्ट्रॉक्चर आजकर इंफ्रास्ट्रॉक्चर का बहा जो गान होता है ना तरह
08:37अब देखिए हुए हुए अड़े बन गए हैं जिसके बरसात में चुटी छब गिर जाती है अब अब अब बनाया है तो पहले बरसात में उसमें बीस्याइकी स्पाट्पोर्ड हो गए बुल ऐसे बनाते हैं कि हरा हरा सब्सक्राइए बिर जाता है
08:59ऐसे इंफ्रास्टप्चर के जमाने में याद करें जवाहदान ने आयाइड बनाया अटामिक एनरजी कमिशन बनाया स्पेस सर्च और्गनाइजेशन बनाया और साथ साथ तीन राश्टी अकार्मिया बनाया साही संगीत नादर्ट और देली तरा नेशनल बुक ट्रस्ट �
09:29नेशनल स्कूल अब ब्रामा बनाया है यह सारे एक साथ तने यानि विज्ञान संस्कृति इन दोनों में कोई थेखभाव नहीं किया किया और वो वो मैं आपको याद दिलाऊं कि
09:49अक्टोबियों पाद विश्वी शकार्थी के महान विश्वकवियों में कोने जाते हैं को नोबे तुरस्कार्थी जिए वो समय जन्दी हुँ यहां के तो राजदू मिक्स्थूद उन्होंने लिखा है
10:09तो नहरू ने वो संस्कृति का नक्षा लेखा है
10:39यह तैयार किया उसमें कलाओं की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का सम्मान भी शामित वह साहित आदमी के अधिर्ष को उसमें कम्निस्तों की धर पकड़ हो रहे थी
11:01क्योंकि कम्निस्तों अधूरी आदादी कह रहे थे और बगर बगर तो कम्निस्त योग सब्ता से समरस नहीं थे
11:10महापड़ित राहुप सांकृता है जो कम्निस्त पार्टी के काड होल्डर थे उनकी बुस्तक साहित आदमी के पुरसकार के लिए चुनी है
11:23लेकिन जो के वो पुरसकार न दिया जाए इसका निरने अध्यक्ष पर छोड़ जाए
11:33यानि जवाहला ने होगा तो जवाहला नहीं रूप के पास जब वो फाइल देगी उस पर उन्होंने लिखा कि अगर जूरी ने गुनवत्ता के आधार पर इस कुस्तक को चुना है तो इस बात को कोई इस बात की कोई बाधा नहीं आ सकती कि वो विचारे ग्रूप से कहां �
12:03अजू इता है एक हो नेशनल फोक आर्ट्स दान्स फेस्टिवल यह थी नहरुगी ने शूंकिया यह जो रिपबनिक ने परेयड होकी थी उसके साथ साह एक नेशनल फोक डान्स फेस्टिवल होता है उसनल श्टेटियम में होता है और मुझे तो इसका अंदाजा नहीं था
12:33तो एक समीती बनी जिसमें मैं भी था कि धाई तीन करोड़ रुपया उसने इनल फंड में जमा हो गया है और वो पीमो में है और पीमो में किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि इस पैसे कर क्या है तो एक समीती बनी थी
12:50देखें जो लोग जगत है और जो आदिवासी और इस तरह के कलाकार हैं उनको भी लोग तंद्र में शामिल करना चाहिए
13:11कि उनको एक अलग से राष्टी मंच देना चाहिए तुम्हें तो जबाहर्दा नहिरू ने लुग किया वो
13:25कि एक आफरी बात एक फिरे क्यूंके किस्सा कहनी लोगों को जड़ा अच्छा लोगता है
13:39विचार से वैसे भी आजकार अरूची होगे है उनको कोई विचार करता है ना विचार सुनता है तो आखनी मैं आपके प्रसंग फित समाता हूं यह प्रसंग है
13:52है मैंस सुबलक्ष्मी की संगीट सभाग उन दिनों राश्टीर सुरक्षा खोष्ट की धूम की चीन ने हम पर आप्रमण कर दिया था और नहिरूजी के लिए आखरी दिन थे एक तरह से तो एक दो बरस बात दिन का यहासान हो गया तो सुबलक्ष्मी का यह आई फैक्स को
14:22सब्सक्राइब करें नहिरूजी आए चुक्चाप सामें एक सीफ़ता है जब गायन समाथ हुआ तो भायोज को निगोशित किया कि नहिरूजी सुबलक्ष्मी को फूल देकर दिनका संबान करी है जब तक नहिरूजी उठकर वहां पहुंशे तब तक शुबलक्ष्मी ने �
14:52उतार रही थे और अंजली में ऐसे उनको भेंग रही है नहिरूजी ने कहा I am only a prime minister. You are the queen of music.
15:06तो नहिरूजी के रूप में एक ऐसा हमारे पास है इसको हम नहिरूजी की आवमाना, गांधी की आवमाना और संविधान की आवमाना के साथ-साथ है.
15:32अगर आप एक ऐसा हमाना करेंगे, तो नहीं हमाना किरेंगे अगर्णी की आवमाना करेंगे।
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