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India Russia Relations Update: अमेरिका की तमाम कोशिशों के बाद भी भारत और रूस की दोस्ती नहीं टूटी। अब दोनों देशों ने US Tariffs के खिलाफ मिलकर लड़ने का फैसला किया है। अमेरिका (USA) लगातार भारत पर रूस से दूरी बनाने और तेल खरीद (Oil Import) रोकने का दबाव बना रहा है, लेकिन भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति का परिचय देते हुए साफ कर दिया है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। ताजा खबर के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के बीच संबंध और गहरे हो गए हैं।
About the Story:
In a major geopolitical development, India and Russia have strengthened their strategic partnership, defying US pressure. India has confirmed it will continue its oil trade with Russia. Furthermore, both nations have reportedly agreed to unite against US tariffs and economic policies. Watch this detailed report on how PM Modi and Vladimir Putin are countering American dominance.

#IndiaRussia #Putin #PMModi #OilDeal #OneindiaHindi

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~HT.178~

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00:00:00नमस्कार मैं हूँ सिधार्ट और आप देख रहे हैं One India की special coverage पुतिन इंडिया विजिट जिसमें आज हम बात करने वाले हैं बहुत सारे पहलों पर जैसा कि आपको पता है रूस के राश्रपती व्लादमेर पुतिन कल शाम को भारत पहुंच चुके हैं प्रधान मंतरी आवा
00:00:30इसी पर बातचीत करने के लिए हमारे साथ है करनल अनिल भर्ट सर बहुत-बहुत स्वागत है आपका
00:00:35सर एक आम सिंपल सी भाषा में मैं चाहूंगा कि आप दर्शकों को बताएं कि क्या-क्या डिफेंस डील आज हो सकती है रश्या और इंडिया के बीच में और ये किस तरीके से भारत के लिए एक मजबूत इस्तिती है
00:00:53मैं एक तो ये जो बहुत कुछ हम देख रहे थे इंडिया रश्या रिलेशन्शिप जबके ऑपरेशन सिंदूर के बाद जितनी लेट से ट्रम्प ट्रबल्स जी ट्रम्प ट्रबल्स में ट्रम्प ये ने बहुत-बहुत उनको तकलीफ हो रही थी
00:01:23कि हमारा लेन देन रश्या के साथ इतना है और तेल हम बहुत ले रहे हैं बहुत कुछ है लेकिन ये बहुत अच्छा है कि हम अपने जो हम समझते हैं हमारी दो अन्डिया और रश्या में जिस तरह की रिलेशन्शिप होनी चाहिए उसको हमने कायम रखा
00:01:49हम दबाओ के बावजूद भी हम जुके नहीं हैं हम डबाओ में नहीं आए है और कितनी ट्रॉम्प ने ट्रॉम्प फिर ट्रॉम्प ने टैरिफिकेशन शुनू कर दी है टैरिफ्स की वो भी सहल ही हमने
00:02:05और उसमें जब भी
00:02:10Mr. Narendra Modi और Vladimir Putin का जब भी कुछ इन्टराक्शन होता था
00:02:22उसमें कोई शक नहीं था कि यह relationship की nature क्या है
00:02:33जी और अब जो हम देख रहे हैं इसमें कोई हिरानी नहीं होनी चीए हाँ
00:02:39अगर हिरानी हो रही है तो मैं कहूंगा कि it's a very pleasant surprise
00:02:43because जो कुछ हमने weapon systems के बारे में सुन रहे हैं
00:02:48वो मेरे खल मेरी अपनी expectation से ज़्यादा है
00:02:53अभी तक जो हम सुन रहे हैं आमी से शुरू करें
00:03:03क्या है सर ये टी नाइटी टैंक क्या है और भारत के लिए क्यों जरूरी है
00:03:07बॉर्डर को ये कैसे सुरक्षित रखेगा आने वाले समय में
00:03:11टी नाइटी इनका देखिए हैं शुरू से हमारे इनके बस ये चौथा टैंक है
00:03:20सम्ट नाइटीं सेब्टी वन के पहले से इनके टी फिफिटी फव टी फायव टैंक ये वो हैं जो
00:03:29हमने नाइटीं सेब्टी वन में इस्तमाल किये जी और काफी कारगर असर था इनका पाकिस्तान के बहुत
00:03:42modern patent tanks के खिलाफ जी और तक्रीबन काफी देर के बाद T72 आया और ये लेटेस्ट है T90 ये इन टैंकों की खुबी क्या है कि ये ज्यादा इनकी उचाई ज्यादा नहीं है तो जमीन पे इनका जो
00:04:12चुपना चोटे चोटे जो जमीन में के फोल्ज होते हैं उनमें चुपना असान है और इनकी जो गन है और आमर प्रोटेक्शन है बहुत ही आले दर्जे की है जी सर इसकी अमन कोर का हूं और मैंने ये चारो टैंक ती चारों नहीं T54, T55 और T72 को चलाया है और उनकी फारिंग
00:04:42किस टैंक का रिप्लेस्मेंट हो सकता है भी भारत जो टैंक यूज कर रहा है वो कौन से हैं और किस तरहीं यह जो हमको कुछ और चाहिए थे T90 यह वो हैं जी तो सर लगबग इनकी संख्या कितनी हो सकती है कितने मिल सकते हैं भारत को हमारे बास देखिए साठ से उपर रे�
00:05:12अच्छा अभी नेवी के पास एक तो आक्टिक एक्सेस एक्सेस तो दी आक्टिक एंड सब्मरीन न्यूक्लिय पावर्ड सब्मरीन यह है कुछ और भी चाहिद होंगे आइटम्स इस कि लावा सर एस फोर हंड़ेड और सारी हम खरीदने वाले हैं एस पॉर हंड़ेड एं�
00:05:42दो हजार अठारा में भारत की पहली वार डील हुई थी एस फोर हंड़ेड को लेकर रश्या से तब वेस्टन प्रेशर इंडिया पर बहुत ज्यादा था बहुत दुख हो रहा था और बहुत प्रेशर डाला उन्होंने लेकिन हमें फिर से हम इतना कह सकते हैं
00:06:12यह वी वी डेल्ट विट विट जालेंज इंग कोई वेल अमने और उन दिनों में यू एस की जो हमारी कोड के साथ कोड का जो रिष्टा एक शुरू हुआ था उसमें उसमें इतना बहुत अब्यस हो गया के इंडियन नेवी बगारा की जो
00:06:40जो पोटेंशिल है वो कोड के लिए बहुत ही वैल्यूबल है जी तो इसमें यह इस रिलेशन्शिप को एक दो रेशिन परचिस के
00:06:56के वज़े से खराब करना ये यूएस ने उन दिनों में अकलमंदी समझी जी हमारे साथ एक और गैस्ट है डिफेंस एक्सपर्ट है करनल संजीत सिरोही सर बहुत स्वागत है आपका वन इंडिया में
00:07:11सर इतनी बड़ी डील होने वाली है ये मेगा डील होने वाली है ये पार्टनर्शिप भारत के लिए कैसे महतवपूर्ण है वर्तमान समय में जब हमने हाली में पाकिस्तान से की योद लड़ लिया है और चाइना के साथ हमारी टेंशन लगातार बढ़ती जा रही है
00:07:28देखें जो कॉल साब अभी बड़ साब ने बताया है उसको थोड़ा और आगे बढ़ाते हुए देखें इस टाइम अगर आप पूरी जियो पॉलिटिकल सिच्वेशन के समझ दे की कोशिश कीजिए कि पुतिन साब भारत में आये हैं रश्या के उपर सबसे ज़्यादे मै
00:07:58परिशान है तो ये लाजबन है कि दोनों देशों को इंकटा आना जरूरी है और आना भी चाहिए नमबर वन नमबर टू जैसे आप ये पुतिन साब आयस में दो में बुद्धे है एक टेड का मुद्धा और एक दूसरा डिफेंस का मुद्धा है जी टेड का मुद्धा य
00:08:28नमारा जो ट्रेड है ये रश्या के फेवर में है तकरीवन 93 परसेंट जो है रश्या के फेवर में है इसका मतलब यह है कि हम रश्या से जादे खरीकते और रश्या हमसे काम खरीकता है तो इसको बैलस आउट करने के जोगतर मुझे ये लगता है कि पुतिन साब और मोरी ज
00:08:58करने के लिए भारत को अपने एक्सपोर्ट जो है और देशों की तरफ देखना पड़ेगा भारत ने बड़ी कोशिश की है यॉर्ट में अपने एक्सपोर्ट बढ़ाने की अफरीका में अपने एक्सपोर्ट बढ़ाने की और इसी तरीके से रश्या में अपने एक्सपोर्�
00:09:28हमने ये देखा है कि भारत जो कामयाब हुआ, वो दो चीजों से कामयाब हुआ, एक प्रमोज मिजाई, जो कि रश्या ने हमको दी थी, टेक्नीक उनकी थी, लेकिन भारत में बनती है, और दूसरा S-400, ताकि भारत पाकिस्तान की तरफ से कोई भी, चाहे वो एरक्राफ्ट हो
00:09:58कि हम जो है, जो हमारे जो पुराने चीफ और डिफेंस स्टाफ थे, रावत साब, उन्होंने टू नहाफ फरंट की बात की थी, लेकिन अब टू नहाफ फरंट नहीं है, अब थ्री नहाफ फरंट हो गया है, और वो थ्री नहाफ फरंट क्या है, एक तरफ पाकिस्तान है, द
00:10:28हमारे लिए S-400 और यहां तक की S-500 जरूरी है तो यह दोना चीज़े मेरे को लगता है कि S-400 और लिये जाएंगे उनके बहतर लिए जाएंगे इंप्रूड वर्जन लिया जाएगा और S-500 की भी बात हो सकती है अब तीसरा जो सबसे जरूरी चीज़ है वो है जो S-57 जो है
00:10:49Stealth Aircraft जो 5th Generation Aircraft है क्योंकि चाइना ने पाकिस्तान को अपने J-35 देने का विचार किया है तकरीमें 40 जो है उनको विमान मिलेंगे तो अगर पाकिस्तान के पास
00:11:02क्योंकि J-35 एक Stealth Fighter है यानि 5th Generation Fighter है अगर पाकिस्तान के पास ये आ जाते हैं तो मुझे लगता है कि भारत के लिए बहुत अन्यवारिया हो जाता है कि भारत जो है रश्या से S-57 करी दे अभी लेकिन इसमें डॉनल्ड ट्रम्प साब जब आए थे प्रेजिडन वरे थे अम
00:11:32F-35 उससे जादे बेतर है लेकिन हम Americans के ओपर ट्रस्ट नहीं कर सकती S-57 जो है वो इतना बेतर नहीं है मुकामले में F-35 के लेकिन हम Russians के ओपर वरोसा कर सकते हैं क्योंकि America का कुछ पता नहीं है हमको F-35 दे रहे एक तो बहुत महेंगा है उसकी maintenance जादे है और कल हमको spare parts की ज
00:12:02technology भी शेर ना करें जिससे भारत आई वारत नहीं करेंगा दो चार हो बिल्कु नहीं करेंगा अमेरिका की यह policy है कि America कभी भी अपनी technology शेर नहीं करता उसका यह मानना है आपको खरीदना है आप खरीदिए जिए हम technology शेर नहीं करेंगे बनेस्पिट रश्या के रश्या हमको
00:12:32उसके लिए उसके लिए maintenance लिए बात चल रही है maintenance जिन देशों को दो और देश है जो जिनको यह अवाजाज दिया जा रहा है उनकी maintenance भी हम हमारे सी की जाई ही जी तो यह एक extra
00:12:49एक extra cross है जो जो सबसे पहला जो मेक इन इंडिया का था नमूना वो ब्रह्मोस था जी और ब्रह्मोस की जाई है maintenance और टेटनोलोजी शेर इतनी ज्यादा
00:13:05important क्यों होती है defense के field में देखें कोई भी हतियार लेगे कोई भी equipment लेगा उसका regular
00:13:13maintenance चलती है उसकी जो है weekly maintenance monthly maintenance ये भी maintenance चलती है और उस maintenance का शुरू शुरू में हमको क्या करना होता है हमको जहां से हम लेते हैं उनकी हमको
00:13:24मदद चाहिए होती है क्योंकि शुरू शुरू में हमारे जो जवान होते हैं या हमारे जो technicians होते हैं वो उस equipment के अंदर इत्रे
00:13:32advance नहीं होते हैं कि उसको दुरूस तरीके से maintain कर सके और maintenance अगर आप देखेंगे अगर आम maintenance खुद नहीं कर रहे हैं और आपको जो है उनी को
00:13:39maintenance उनी से maintenance करा लिए जिन से आपने करी रहे हैं तो आपको बहुत मैगा पढ़ेगा और गारंटी नहीं है वो एन वक्त में आपकी मदद करने के लिए maintenance करेंगे की नहीं करेंगे अब जैसे
00:13:49अपरकिस्टान को बोल रख है कि एफ 35 आप जो एफ 16 ने भारत के खिलाब यूज नहीं करेंगे वो करता है वह बात अलगे अब्टो एमैरिका स्क्पलेशन लगा लेता है कि आप इसको जो है इसके खिलाफ इस्ते बात नहीं करेंगे तो भारत नहीं सकता कि कोई भी हमारे
00:14:19आप देखे रैफल्स के केस में मुझे नहीं पता लेकिन अफ़पा ये उड़ी थी के रैफल्स का केस जा उपरेशन सी दूर हुआ था तो रिकोड जो था और फ्रांस ने कोड देने से मना कर दिया था अब बार में कोड दिया कि ने दिया उसके अभी पुश्टी नहीं है त
00:14:49साथ नहीं खड़ा रहेगा और जैसे डॉनलर्ड ट्रम्प साब का रवया है सुबह कुछ बोलते हैं सुबह कह देगे हां मैं दूंगा शाम को हो सकता मना करने जी करनल भट साफ से मेरे एक सवाल है सर मेंटिनेस इन टर्म्स ऑब बिजनेस भारत के लिए कितना फायदेमं�
00:15:19में तुम्हें जानी सकता लेकिन जिस देश का भी यह जितने हवाईजास उनके हम मेंटेन करेंगे उसी हिसाम से उसकी पेमेंट होगी जी और यह जब बड़ी बहुत ही अच्छी बात जो हम हमने यहां जिकर करनी चीए कि जब ब्रहमोस का डिसिशन हुआ
00:15:45जी दस साल के यूएससर के ब्रेक अप के दस साल के बाद वाजपई साहब और व्लादमेर पुटिन ने जब यह कठा होके यह डिसिशन पर पहुंचे तो इसका यह था कि अब इतली बी अब नोक्ट मेरी अ बायर टो सेल अब इतल बी जॉइंट वेंचर इन विट कठा बन
00:16:15मार्केटिंग भी उसकी हमारे जो वी कन लुक फॉर कस्टमर ने कन लुक फॉर कस्टमर जी और यह एक बहुत ही एक बड़ा बहुत ही बढ़िया नमूना था एक एक जैंपल था अब जॉइंट आ जॉइंट वेंचर का
00:16:36करनल सुरोई साब S-400 का हमने जलवा देखा है मही में पाकिस्तान के अलग अलग अलग एयर बेस पर उन पर अभी तक मेंटिनेंस चल रहे हैं तकरीबन 6 महीने हो गए हैं भारत पाकिस्तान के उससे चोटे से युद को जो पहलगाम अटेक के बाद चला था अब हमारे पास
00:17:06प्रेसाइज है पावरफुल है और कितनी डैडली है देखिए जो भी कोई वेपन जब इंप्रोवाइज होता है तो वह पहले वाले से जादे अच्छा होता है रेंज इसकी जादे है एक्जेक्टली मेरे को इसके बारे में मालूम नहीं है कि इसकी
00:17:22इसकी बेटर है और इसकी जो एफेक्टिवनेस होगी वो भी बेटर होगी और यह हमारे लिए जानना जरूरी है क्योंकि यह पाकिस्तान का नहीं है हमको सिर्फ एक पाकिस्तान is not a threat हमको यह समाना चाहिए के पाकिस्तान
00:17:46तो हम S-400 से कल अगर खुदाना खास्ता पाकिस्तान और चाहिना दोनों मिलके अगर हमारे उपर हमला करते हैं तो उस समय हमको अपने लिए जो हत्यार पूरे के पूरे तैयार रखने हैं क्योंकि आप देखी कि कभी ना कभी चाहिना के साथ बारत का युद होगा ही होगा
00:18:16तो इसलिए हमको पूरा तयार रहना और उसके लिए मुझे लगता है कि हमको S-400 और S-500 दोनों भी जरूत है क्योंकि जैसे मैंने आपको बताया हमको पाकिस्तान के अगेश्ट भी रखना है चाहिना के अगेश्ट भी रखना है और बंगलादेश के अगेश्ट रखना है �
00:18:46भारत के लिए हमको तयार है ना उसके लिए हमको S-400 और S-500 दोनों की जरूत है करनल सुरोई साब आपसे एक और सवाल है मेरा इस डील में आपको क्या मिसिंग लग रहा है कि क्या और बहतर भारत के पास डिफेंस एक्विप्मेंट हो सकते थे
00:19:01देखिए जहां तक सवाल इस चीज़ का है डिफेंस एक्विप्मेंट हमारे जो है जो सबसे बड़ी हमारी जो कमजोरी जहां पे हमिर को लगता है वो हमारा Aire Force के जब तक हमारे जो ये जो आपना जहाद जब तक नहीं आ जाता है और जब तक हमारा जो तेजह जो हौई ज
00:19:31जो है जितना H.E.L. ने बोला था जितनी जल्दी से वो सप्लाई करेंगे वो सप्लाई नहीं करें नमबर वन नमबर टू जो अमेरिका से जो एंजिन आने थे उनके गैस उसके जहाजों के उसमें भी डिले हो जाती है तीसरा जो हवाई जाज अभी हेलिकॉप्टर आने थे �
00:20:01तो उस समय तुर्की ने मना कर दिया कि हम अपनी एर स्पेस नहीं देंगे इन हेलिकॉप्टर को ले जाने के लिए इसलिए वो यूके से वापिस अमेरिका चले गए तो इसलिए जो सबसे मेरे को लगता है जो जहाँ पर हमको और जादे इस चीज की तवज्ज़ देने की �
00:20:31निक 21 के जाने के बाद एक बहुत बड़ा गैप है और उस गैप को हमको जन्दी से जन्दी कवर करना चाहिए चाहे वो हम रैफेल्स करीदे एस 57 करीदे एस 35 करीदने का तो कोई मतलब नहीं राजी
00:20:44जी सरश इसमें एक चीज और मैं देखपा रहा हूँ के जो हमारा हाल ही मैं भारत और पाकिस्तान के बीच में ईक ज़ड़ा फूई थी एक छोटा साययोध हुआ था
00:20:54इसमें बड़ी तादाद में ड्रोन्स का इस्तमाल हुआ था
00:20:57पाकिस्तान ने मेड इन टर्की ड्रोन का इस्तमाल किया था
00:21:01जिनको हमने S-400 और दूसरे एर डिफेंस सिस्टम के जर्ये मार गिराया
00:21:07लेकिन क्या इस ड्रोन्स का ना होना एक बड़ा missing factor है
00:21:12देखिए ड्रोन्स का जहां तक सवाल है रश्या खुड ड्रोन्स जो है अइरान से लेता है
00:21:19तो रश्या के कोई ड्रोन्स लेने की इतनी हमें अर्शक्ता नहीं है
00:21:23इसराइल के साथ हो सकता हमारी डील चल रही हो
00:21:25और ड्रोन्स की टेक्नोलोजी इतनी advance टेकनोलोजी नहीं है जो वारत जो इसको पूरा ना कर सके
00:21:30तो मुझे लगता है कि ड्रोन्स की जो है और शक्क्ता है बहुत जरूरी है
00:21:35अपरेशन सिंदूर में हमने देखा अपरेशन सिंदूर की बात भी आप रश्या और युक्रेन की लड़ाई की देखिए वहाँ पे देखिए कितने टाद में जो डोल्स इस्तेमान हो रहे हैं आप जो है गाजा में और इसमें इसराइल की लड़ाई देखिए इरान की लड�
00:22:05भारत को अगर बनना है तो आतम बेठी बनने के लिए हमको अपनी तरफ से पूरी कोशिश करने ही चीए कि हमको बनाए और जो हम नहीं बना सकते उसकी टेक्नालोजी ले और बनाए लेकि भारत में ही ताकि हमारा जो है इंपोर्ट का बिलकम हो और हम खुद बना के फिर इस
00:22:35अर्मेनिया और ग्रीस व्यारे से बात चल्वें तो उसके लिए मुझे नहीं लगता कि ड्रोन की जो है इतनी बड़ी कमी हमारे पास है हम इसको खुद देख सकते हैं जी सर बहुत ड्रोन को लेकर आपने काफी डिटिल्म बताया इधर मैं करनल भर्ट सर से एक चीज़ और प
00:23:05इतना है उसके हमेशा से आपजेक्शन्स रहे हैं ऐसे मैं टेरे भी यूएस लगा चुका है पहले ही लेकिन इसके ठीक पहले जब उसको पता है कि भारत और रश्या के बीच में बड़ी डिफेंस डील हो सकती है बावजूद इसके ठीक दो हफते पहले ही अमेरिका भारत क
00:23:35से बहुत अच्छा स्ट्रॉंग पोजीशन वाला दोस्त रहा है जिसको जिसने हमेशा हर मोड पर हमारा साथ दिया है लेकिन साइमल्टेनियसली हम यूएस को भी साथने में काम्याब है देखिए यूएस के साथ हमने हम काफी एसर्टिव रहे हैं जब से ऑपरेशन सिंद�
00:24:05यह इंडाईजेशन हुई सारे सारे वर्ल्ड को बहुत एहरांगी हुई हमें हमें जबस खुद झो उप्र से घी स्ञावें बम सुने जिसरैया में बल दीया हुई बहुत ही अच्छी तरह पूरी हुई है
00:24:35और बहुत ही इसका क्या किते हैं बहुत पिट में धर्द हुई प्रतीक्रली व्यूस को ड्रमप को अलग हुई
00:24:47यूएस को अलग हुई लेकिन इनके साथ येज़्ें फ शमस्टेरिज यूअन भी कि य्यूच ने लियास किया टारफस व Bowl लगाने के
00:24:58ठोकने के बाद कि हम हम इस तरह का देश नहीं है कि जिन से नाता काटा जाना चाहिए जी और हम भी आफ्टरल कुछ भी कहो
00:25:10हम इतना नहीं भूलना चाहिए कि 1971 में इन्होंने सेवंट फ्लीट बेजी थी जी जो यूएस ने हमें मिसाल दे है
00:25:25जब उनको रियलाइज हुआ के रश्या उनकी बैकिंग है रश्या की बैकिंग है हमारे पास नेवल चीफ ने अपने ऑपसर्स कमांडिंग जो जितने जहाज थे उनकी कैप्टन को इंस्ट्रेक्शन थी के इफ थे कम तू क्लोस कॉल एट काप्टन ओवर एडिंग जी यह उन
00:25:55इनसे यू यू एस से इतना और हम जो कुछ ले रहे हैं इसे जादा हमें हमें लेने की जरूरत नहीं है और जैसे कलन सुनवी ने भी बताया कि जो जो हमारी अच्छी जरूरत एफ पॉर्स के लिए पूरी हो रही है इसे सुखोईस के साथ जिफ जेनरेशन सुखोईस के सा
00:26:25इपॉर्टेंट है भारत के लिए इस वक्त में ये देखिए भारत की मिसाइल टेक्नोलजी में भी हमने कोई कमी नहीं छोडी जी और हमने अपनी मिसाइल को डिवेलब किया था ऐसे टाइम पे जबकर हमारे कोई सैंक्शन की कोई कमी नहीं थी
00:26:48जी अगनी यह कितने और हैं जो हमने बहुत ही चैलेंजिंग टाइम में प्रोड्यूस किया और बहुत बहुत कारगर हैं यह
00:27:00कुछ जो हम ले रहे हैं उनसे जो जैवलिन एक ऐसी कैटिकरी में आता है जिसके रेंज के तरफ से जो हमारे पास
00:27:11जैवलिन जो मिसाइल है भारत के लिए अभी के टाइम में कितनी रेलेवेंट है कितनी जरूरी है
00:27:32देखें जी बारत के लिए क्या किसी के लिए भी जो है टैंक वारफेर के लिए जैवलिन जो मिसाइल बहुत जरूरी है क्यों जरूरी है क्यों यह हमारे लिए
00:27:43सही मौके पे आई है यह एक एंटी टैंक मिजाइल है जो की मैन पोटिबल है मतलब आदमी इसको कैरी कर सकता है कैरी करने के बाद इसकी रेज साड़े
00:27:53चार हजार साड़ेीюда 4000 किलोमेंटर की मतलब 4.5 किलोमेंटर तक यह करता है इन्सारेट से गयाडिट है तो जब
00:28:01लॉंचर से इसको फायर किया जाएगा और यह फायर एंड फर्गैट है इसका मतलब यह है कि
00:28:07आप तार्गेट को लॉक करें और उसके बाद आप उसको फायर करके आप कवर ले ले आप चले जाए यहां पे यह तार्गेट को ढूड़ती हुई वहाँ पहुंचेंगी और टार्गेट को हिट करेंगी तो बेरी चीज इसकी यह है कि यह मैंपोटिबल है नमबर दूसरी इ
00:28:37टॉप अटैक करती है क्योंकि जो टैंक की आर्मर है वो सबसे जादे होती फ्रंटल आर्क में सबसे जादे आगे जो उसकी जो है वो आर्मर सबसे जादे ठीक होती है आगे वाले इसे में उपर वाले इसे में सबसे कम होती है तो यह क्या करती है उपर से अटैक करती है जि
00:29:07बारत के लिए ये विजाई बहुत अच्छी है और आने वाले समय में पाकिस्तान के साथ अगर जब भी जंग होती है तो इसका इस्तमाल बड़ा होगा और ये बड़ा कारगर थाबिट होगी
00:29:18सर एक सवाल जो डिप्लोमेसी से जोड़ा हुआ है मैं चाहूंगा आप दोनों से मेके करके लूँ जिस तरीके से भारत ये डिवल डिप्लोमेसी इस्तमाल कर रहा है रशिया पहले से हमारे साथ है और अब एक हाथ से हम यूएस से भी डील करते जा रहे हैं और लगभग ट्र
00:29:48इनके खिलाफ जब भी कभी मोर्चा खुलेगा उसमें कितनी ज़रूरी जो डीले हैं अभी हो रही हैं और कैसे यह उस टाइम में हमारे लिए कारगर साबित होंगी
00:29:57पहले बड़ा बोले भी आप और हमने अभी तक जो बड़ी चैलेंजिंग टाइम में हमने एक एक बैलन्स कायम रखा है जो हमको हम जो हम मुझे उमीद है जो हम कायम रखेंगे इसको इसको बढ़ादे रहेंगे लेकिन हमें
00:30:27फिर भी बहुत आगा होना चाहिए कि यूएस की कोशिश रहेंगी जब तक कम से कम ट्रंप पावर में है इनकी कोशिश रहेंगी कि किसी ना किसी तरह ये आद्वांटेज लिए हमारा जी उससे हमें बच्के रहना चाहिए बाकि यह जहां तक बंगलादेश से डील करना है
00:30:57जी तो यहां जब तक हम वो कॉरिडोर जो सिकन को सिलीगुणी कॉरिडोर है उसको ठीक से हम देख रहे हैं तो यह हम संभाल लेंगे इनकी तरफ से जो भी
00:31:15करनल सिरोही साहब सेम क्वेश्चन टू यू कि भारत की जब आने वाले समय में मोर्चे खोलेंगे तब यह डिप्लोमेसी कितने काम में आने वाली है एक तरफ यूएस साइड में है साथ में है दूसरी तरफ पहले से रश्या हमारे साथ है
00:31:31पढ़ेगा जब हमारा रश्या के साथ यह हुआ था लेकिन आज रश्या जो सूपरपावर नहीं रहा है आप उसकी जो एकॉणुमी भी लेकिए जीडीपी भी के साथ है
00:32:00तो मेरा खर्ण 9th या 11th है वो जी 7 में में नहीं आता है वो जी 8 में का वो जी 8 की आज category में नहीं है
00:32:07क्योंकि वो उसकी economy आठ 9 में या 11 में नंबर पे है तो हमको यह समझना पड़ेगा कि वो सोबिटी उन्हें नहीं है
00:32:14जो 1971 में था आज वो रश्या है और रश्या आज ताकतवर उतना नहीं है जितना 71 में था उसी तरीके से भारत को आप देखें भारत उतना कमजोर नहीं है जो 71 में था तो जितना भारत को रश्या की जरूरत है उतनी ही रश्या को भारत की जरूरत है वो पूरा का पूरा equation अ�
00:32:44travelled है वह बहुत बड़ी मार्किट है तो भारत को हमेशा ये ध्यान
00:32:49में रखना है कि अमेरिका के साथ हमको आपने जो है आभनोकात हमेशा अच्छे
00:32:55रखने पड़ेंगे क्योंकि वहां की मार्केट बहुत बड़ी है वहां की जो है
00:33:00की जो यॉरप को मिला के उनकी डिप्लोमेटिक सपोर्ट बहुत जारूरी है तो भारत को बड़ा ही समल के चलना पड़ेगा रश्या जो है ट्रेस्ट वर्दी है अमेरिका ट्रेस्ट वर्दी नहीं है यह पकी बात है लेकिन अमेरिका को भी हम जो है साइड में नहीं कर सकते �
00:33:30होता है कि अगर दुनिया में सबसे बड़ा उसका थ्रेक है तो उसका चाइना है और कभी ना कभी ताइवान के ऊपर चाइना की और रश्या का यह अमेरिका का कभी ना कभी जो है जड़ाई होने के चांसिस पूरे हैं जिए उस समय जो है अमेरिका को भारत की भी जरूत हो
00:34:00वी हैव लेटनेन कमांडर अविनाश कुमार ऑन बोर्ड बहुत-बहुत स्वागत है अविनाश जी आपका वन इंडिया में
00:34:07थैंकियो सिधार जी
00:34:08नेवी से जोड़े कुछ सवाल है बड़ी दील हो रही है रशिया और इंडिया के बीच में
00:34:14खास कर कि न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन को लेकर सबसे ज़्यादा चर्चा है ये क्या है सबमरीन कैसे भारत की ताकत को बढ़ाएगी
00:34:22देखें काफे टाइम से ये न्यूक्लियर सबमरीन की डील चल रही थी कि हम लीज पे ले पाए लगपक दस साल हो गए
00:34:30ये एक बहुत ही अच्छा साइन है कि रशिन प्रेसिडेंट पोतेन यहां पे आए है और उसके साथ में ही ये डील भी क्रैक होई है तो काफी लंबे टाइम से इसके पीछे लोग महनत कर रहे थे और ये सांक्शन हो गया है
00:34:44सो अभी जब ये डील साइन हो चुकी है लगपक दो बिलियन डॉलर के लिए हम दस साल के लिए ये सम्मरीन अपने पास लेने वाले है एक ही जो बैक जो मुझे लगता है इसमें है कि हम इसको वाट टाइम में यूज नहीं कर सकते बड़ उसके अलावा इसके काफी सारे फ
00:35:14स्ट्राटेजिक फोर्स मर्टिप्लायर आई वुड़ से जैसे हम खुद भी हमारे पास दो नुकलियर सम्मरीन हैं आइनस अरिहंत आइनस अरिगाद आइनस अरी दमन भी हमारा भी कमिशन होने वाला है काफी जल्दी कल ही हमारे चीप अपनीवल स्टाप ने बात बदाई
00:35:44में तो हमारी ट्रेनिंग बढ़ेगी इसके अलावा जो हमारी डीजल इलेक्रिक सब्मरीन हैं जो हम यूज कर पाएंगे कोस्टल बीजिन में अपने जादा सेर्वेलेंस बढ़ेगा और जो नुकलियर पावर सम्मरीन हम रश्या से लेने वाले हैं इसकी रेंज काफी जा�
00:36:14गूड डील विच इस गूइं तो हापन वेरी पॉजिटिफ साइड जै अविनाश आप बंगलादेश भी विजिट कर शुके हैं इंडो पैसिफिक सी में भी आप डेपिटेटेड रहे हैं आप क्या जब हम इसको वार में इस्तमाल नहीं कर पाएंगे जैसा कि आपने बता
00:36:44इसमें नेवी का एंट्री होते होते रह गया साथ ही बंगलादेश में भी रेजीम चेंज हो चुकी है तो अब रिलेशन होतने अच्छे नहीं है लगबग लगबग हम कहें तो नेगेटिव ही ज्यादा है तो ऐसे में इस सब्मरीन का भारत इस्तमाल कैसे कर सकता है
00:36:59एक सब्मरीन बनाने में आठ से 10 साल का समय लगता है पर अभी हमें जो सब्मरीन आएगी है हमारे लिए इंस्टेंट केपेबिलिटी बूस्ट है और हमारे लिए सबसे जादा जरूरी है आप हथियार ले सकते हैं पर हथियार पर ट्रेनिंग बें उतनी जादा जरूरत होत
00:37:29अधियार देते हैं हमारे जबानों को इस्तमाल अच्छे से नहीं कर पाएंगे तो हम बहुत जादा ट्रेनिंग करते हैं और हमारे लिए बहुत अच्छी चीज़ है कि और लाइव ट्रेनिंग प्लैटफॉर्म हमें मिला है इसके अलावा सिंस यह हम लीज पे ले रहे हैं �
00:37:59तो इस अगोड टेक्नलोजी एब्सॉर्प्शन आयवड से विडाउट ऑफॉर्मल टेक्नलोजी ट्रांसफर जी दूसरी चीज़ है कि अब हमारे पास जब यह सब्मरीन रहेगी तो काफी लॉंग रेंज सक हमारा सर्वेलिस पढ़ा सकते हैं अभी हमारे पास दो नुक्ल
00:38:29सर्वेलिंस के पिडिटी और जादा पढ़ेगी और इस इस डेफिनिटली गुएं पुएं पुएं पुएं प्लाटफॉर्म और हमारे पास लीज प्याया है तो इंडिया और रश्या का जो त्यूनिंग है मैं काऊंगा वाट टाइम में अफिर मिलिटरी एक्साइज़ मे
00:38:59सब्रेश एक हर सवाल है मेरा आपसे कर यह सब्रीक एक और फाइदा है कि रश्या की बहुत सहेशन सहरगए श जो कर ये मिलिकल någonting की थो जो
00:39:27मोनिटरिंग जी जी अविनाश एकोष सवाल है मेरा कि डील जैसे आज हो रही है तो कितना वक्त लगता है
00:39:35एक सबमरीन को कमीशन होने में कितने टाइम में भारत इसका इसका इस्तेमाल करना शुरू कर पाएगा
00:39:40देखे हमारे पास इसको सब्मरीन हमारे पास आने के बाद इसको फुली ऑपरेशन होने में काफी सारे फेसे होते हैं काफी सारे प्रॉसेस होते हैं हमारा क्रू जाएगा रशिया उनकी बेसिक ट्रेनिंग होगी उसके बाद वहां से लेके आएंगे उसके अलावा बहुत सार
00:40:10जादा अच्छी इसकी टेक्नलोजी है तो थोड़ा आगे हो सकता है मुझे लगता है कि दो से धाई साल या तीन साल भी लक्स अक्तेस को ऑपरेशनल होने में तो इतना समय मिनिमम लगता है तो अविनाश ने हमें बहुत अच्छे इंसाइट्स दिये हैं सबमरीन के वारे में
00:40:40डिफेंस डील के साथ ही कि किस तरह से इंडिया रश्या के साथ और ज़्यादा मजबूत करता जा रहा है लेकिन जैसे हमारे फ्रांस से जो डील हुई थी क्या इन सबका उन पर असर पड़ेगा आने वाले वक्त में
00:40:51मेरे क्या लिए फ्रांस से जो रेफैल हम ले रहे हैं इंडियन एफोस की रिक्वार्मेंट बहुत ज्यादा है जी बहुत पीछे रह गया था यह और उनको इंडियन एफोस को क्रेडिट देना चाहिए कि इसके बावजूद जो कुछ करना है किया उन्हें लेकिन ऐसी हालत
00:41:21जो हमारे थ्रेट्स को मद्य नजर रखते जितनी हमारी एक्राइब स्रेंड होनी चाहिए उससे हम फॉलिंग मेरी शॉर्ट अपिट जी तो फ्रांस से जो आ रहा है वो ठीक है आने दो और रश्य से जो सुखोई मिल रहे हैं वो बहुत अच्छे हैं फिफ्ट जेनरेशन हैं
00:41:51इंडिया का भी मैकवा शुरू होगा जी करनल सिरोही साब आपसे भी यही सवाल है मेरा कि ट्रेड को लेकर जिस तरीके से अमेरिका दवाव बनाता जा रहा है और इधर हम रश्या के साथ कंटिनियसली अपना डिफेंस डील एक के बाद एक क्रेक करते जा रहे हैं क्या इन
00:42:21फ्रेंट खुला हुआ था पाकिस्तान चाइना और आदा फ्रेंट इंडिया के अंदर अब बंगला देश भी धिरे धिरे अनलॉक हो रहा है तो ऐसे में हमें और कितने डिफेंस पार्टनर चाहिए रहेंगे
00:42:33सबसे पहले तो हमको यह दीखना है कि भारत जो है किसी के साथ बिल्ट्री आलायंस में नहीं है कि हमको वही से खरीते है जहां पे भी डील अच्छी होगी
00:42:43फ्रांस अगर हमको अच्छी डील देगा तो हम फ्रांस से खरीब देगा अमेरिका देगा तो ये अप्शन हमारे पास है और ये हर कस्टमर के पास होता है जिसके पास पैसे होते हैं वो डिसाइड करता है कि उसको कहां से खरीबता है जो रिक्वार्मेंट हमारी जो अगर रा
00:43:13हिट में तो हमाज तो हमारा कोई ऐसा नहीं है कि हमको रश्या से ही लेना है या अमेरिका से लेना हम अमेरिका के साथ भी डिफेस डील करते हैं हम रश्या के साथ भी डिफेस डील करते हैं हम इसराइल के साथ भी करते हैं हम फ्रांस के साथ भी कर सकते हैं हम यूके के तो हमार
00:43:43time किरिये? तो यह चीज है, ऐसा कूछ fix नहीं है
00:43:47कि हमको, अगर हम यहाँ से लेंगे, तो वहां से लेंगे,
00:43:50जहां से हमको best deal मिलेगे, हम वहां से लेगे
00:43:53और लेना भी ऐसे ही चाहिए, कुंकि पैसा हमारे पास old
00:43:56purchasing power हमारे पास है, हम dictate करेंगे, तेने वाला
00:44:01डिक्टेट नहीं करेगा कि आप हमसे लो
00:44:02ऐसे तो डॉनल्ड ट्रॉम साब हमारे पीछे पड़े हो
00:44:05जैनुवरी से कि आप F-35
00:44:07ले लेकर हम नहीं लेंगे F-35
00:44:09क्योंकि हमको सूट नहीं करता है F-35
00:44:11F-35 के
00:44:13सूट ना करने के कारण क्या है
00:44:14टेक्नोलोजी नहीं शेयर करें
00:44:16इस वज़े से या फिर
00:44:18उसके इस्तेमाल पर पाबंदिया रहेंगी
00:44:20नमबर वन
00:44:22पहली चीज़ तो अगर आप देखे
00:44:24कॉस फेक्टर कॉस फेक्टर F-35
00:44:26का बहुत जाने नमबर वन
00:44:28नमबर टू जो है उसकी मेंटरेस
00:44:30बहुत जाने है नमबर थ्री
00:44:32जो है टेक्नोलोजी वो नहीं देगा हमको
00:44:34नमबर चौता है कल हमको
00:44:36स्पेर पार्ट्स की जरूत पड़ती है
00:44:38तो अमेरिका कह सकता है
00:44:40कि हम आपको स्पेर पार्ट्स नहीं देगे
00:44:42पाच्वाँ वो ये भी कह सकता है
00:44:44कि हम आपको F-35 देंगे लेकिन आप पाकिस्तान के खिलाब यूज नहीं करिए चाइना के खिलाब करिए तो जो अमेरिकन्स हैं वो कोई भी चीज करते हैं और ये कोई गारंटी नहीं आप डॉनलर्ड ट्रॉम्प साहब हमको F-35 दे रहे हैं और कल जो है कोई और साहब आ जा
00:45:14है ना आएगी और ना फ्रांस के साथ आएगी जी रश्या हमको टेक्नॉलिजी भी देगा मेंटरेंश भी देगा और उसके बाद हमको सक्ता भी पड़ेगा तो इसलिए चीजें हम कहीं भी इस्तेमाल कर सकतें तो उसको देखते हुए मेरा ये मानना है आप इसमें कोई दो
00:45:44जी सर एक और चीज है कि इन सारी डील्स पर वेस्टन की तरफ सभी प्रेशर रहता ही है वो हमेशा चाहता है कि भारत एक कमजोर पोजीशन में रहे भारत की रशिया के साथ डिफेंस डील ना हो जैसा कि एस फोर हंड़ेट के टाइम पर हुआ था
00:46:032018 में जब भारत को रशिया एस फोर हंड़ेट देने वाला था तब भी यूएस के पेट में दर्द हुआ था अभी इतनी बड़ी तादाद में डील हो रही है क्या अभी सेंक्शन लगाने की इस्तिती में नहीं होगा या अभी प्रेशर आइस करने की कोशिश नहीं करेगा
00:46:33पहले उसका बारत पर कोई फरक नहीं पड़ता है पर मैं आपको यह बताओं इंडियन न्यूस पेपर में ही वह आर्टिकल पब्लिश हुए हाँ टाइम्स अफ इंडिया में पब्लिश हुआ था हो जी तो 2018 में देखिए एस 400 तुर्की ने खरीदा रश्या से चाइना ने �
00:47:03इंडिया के उपर सेंशन नहीं लगाए तो यह भी हमको देखना पड़ेगा यह तो डॉनल्ड ट्रम्प साब जो है एक तरह के जो है वो बुली हैं तो इसलिए उनकी घंट अधर्वाइस यूएस अडिस्टेशन जो बाइडन ताइम तक हमारे साथ बिलकुल अच्छे ता
00:47:33बारत को का भी बना गया सोरी तो मेरा यह मानना है कि यह जो अमेरिका कोशिश करेगा लेकिन उसमें अमेरिका जितना भारत को बारत पिछले छे मेने में अमेरिका ने देख लिया कि बारत उच्छों पे टिकने वाला नहीं है जाकि देश जितने वो डॉनलर्ट ट्रम्प क
00:48:03साथ पचार दफ़े ही कहे चुके हैं कि ऑपरेशन से दूर में भारत और पाकिस्तान के बीच में मैंने लडाई बंद कराई और भारत ने पचार दफ़े ही इस बात का खंड़न किया और यही वज़े है कि डॉलर्ट ट्रम साथ इस बात से नराज है और वो भारत को पनिश कर
00:48:33इगो का मामला है अब दीरे दीरे डॉलर्ट रम साथ को इस संग में आ रहा है कि देश चलाने के लिए परसनल इगो अगर आप लोगे तो आप अमेरिका को उतना ही आइसोडेट करोगे जिनों जिस तरीके से जी ट्वंटी में अमेरिका से सब्सक्राइब हुआ और ब्रिक
00:49:03जी चाइना के साथ उन्होंने एक्सपेरिमेंट किया था लेकिन चाइना ने उनको उल्टा बुली किया रिवर्स उनों हो गया इस मामले में ट्रंप के साथ खेर दो आप दोनों वरेष्ट महरुआओं का बहुत-बहुत शुक्रिया करणल सिरोही और करणल भट साहब बह�
00:49:33हमारे बंगलादेश के साथ जिस तरीके की तल्खियां बढ़ रही हैं क्या जब तक रिजीम चेंज नहीं होगी इसका कोई सॉल्यूशन रहेगा
00:49:41देखे जो मिलिटरी टाइज की बात है जहां तक मैं बात करूँगा इंडिन एदी के साथ तो काफी टाइम से जॉइंट एकसराइज हुई है हमारी और चलती नहीं है अभी थोड़ा उस पे पॉस लगा है और मिलिटरी एकसराइज इस रीजन थे कि मैं वहाँ पे गया मु
00:50:11रोल रहने वाला है तो अभी इसके लिए मैं ज्यादा कुछ बता नहीं पाऊंगा जी अविनाश एक चीज और है सब्मरीन को लेकर भी बहुत सारी छोटी छोटी डिटेल्स हैं लेकिन इसमें से ऐसी क्या है जो इंटरस्टिंग जानकारी हो सकती हमारी दर्शोकों के लि�
00:50:41तो ऐसे समझ सकते हैं कि अभी तक आप दो डिरेक्शन में देख रहे थे दूर तक अभी आप तीन डिरेक्शन में आप देख सकते हैं थोड़ा सा आपको आपको इंटरप्ट करना चाहूंगा अर्विन सिंग तेजावत जी हमारे साथ जोड़ गए हैं एक्सपर्ट है सर �
00:51:11पटिव लादमिर पुतिन भारत में है और बड़ी डिफेंस जील होने वाली है मीडिया चैनल भी अपना भारत में लौंच करे हैं आटी टाइंत्स रशियन टाइमस और बहुत सारे पेकेजिज भारत के लिए लेकर आए हैं बहुत सारे ओफर हैं भारत भी रिटन में बह�
00:51:41ये सामने दरसल रहा थोड़ी सी कठिन है आगे की जितना आसान है वैसा है नहीं क्योंकि भारत को सलवार की थाग पर चलना और ये तो मानना पड़ेगा यही जो यूनाइटिट स्टेट है वो आज भी एक बहुत बड़ी ताकत है अगर चाइनीज या रश्यन एकोनोमी का सा
00:52:11कहते हैं और मैं आपको याद दिलागता हूँ कि जब मोरी सहाब सबस्क्रान के मीटिंग में गहे थे बैस से और लॉटने के बाद में जब प्रिक्स की मीटिंग होई थी तो एसे दिए में जो हमने जुकाव दिखाया था चीं की तरफ और रूस की तरफ तो बिक्स मीटिं
00:52:41पर यहां एक और चीज हमें ध्यान देनी है, ऐज जो मिडिया हऊसेज हैं या जो खास कर जो मिडिया वो यось चीज बता रही है, कि भारत और उसकी जो रक्षा जो जरुरत हैं वो से इनर्जे केलिए कापी मैदपूरी है,
00:52:55या कि हम खासकर पेट्रूलियम या हमारी जो एनरजी सेक्यूटी हैं, हम उस पे बात करते हैं, पर इसतेकास की ज्यादा ज़रुरी है, जिसका जिक्र अभी आपने किया था, कि दर rebound हमें हमारी इकोनोमी को या हमारे जो development के जो रास्ते को तेज करने के लिए हमें रूस की ज�
00:53:25से 10 लाख, इसकी लार अंसकिल, लेबराइस, वो रूस में जाने की इस्तती में है, रूस उसको खपा सकता है, इससे जो रुशन एक बूस्क मिलेगा, और भारत में जो एक जो जो गृशाल जनसंख्या की जो बिरोजगाई की जो असामत्या है, उससे एक हद तक हमें निजात
00:53:55और वापस आपके पास आउंगा लेकिन पहले हमें अविनाज जी को थेंक्यू कहना पड़ेगा उनके वंडर्फॉल इंसाइट्स के लिए
00:54:09न्यूक्लियर पावर्ट सब्मरीन के बारे में जो भी जानकारी उन्होंने दी बहुत ही वैल्यूएबल थी हमारे लिए हमारे दर्शकों के लिए बहुत बहुत शुक्रिया अविनाज जी आपका वन इंडिया के साथ जुणने के लिए
00:54:20अर्विन जी एक चीज़ और है आपने काया है कि रहा बहुत मुश्किल होने वाली है भारत के लिए तो किस तरह से यह मुश्किल आ सकती है आने वाले समय में
00:54:34मुश्किल होने वाली है इसका मतलब यह नहीं है कि भारत चैलेंज या चुनोतिया स्विकार करने के लिए तयार नहीं है भारत इसके लिए तयार है और जो चुनोतिया है वही तो मज़िदार होती है और वही चुनोतिया भारत को एक बड़ा और महांदेश साबित करेगी �
00:55:04के साथ होता है और European Union के साथ होता है
00:55:06Almost हमारे अगर
00:55:08European Union को हम सम्मिल
00:55:10रूप से शामेरी कर ले
00:55:11तो एक चौस्टाई व्यापार हम
00:55:13पूरा या उससे कहीं अधिक
00:55:16हम अमेरिका और European Union से
00:55:18करते हैं दोनों ही जो
00:55:20Western powers है उनको
00:55:21एक साथ लाने इसलिए ज़रूरी है
00:55:23कि जो European Union की जो विदेशनिती है
00:55:26वो अमेरिका से
00:55:27गाइडेड होती है वो भारत की तरह
00:55:30जो एक हम जो कहते हैं जो
00:55:31strategic जो autonomy जो भारत के पास है
00:55:34जो गूट निशिक श्टोसंत्रता
00:55:36जो भारत के पास है वह
00:55:37European Union के पास नहीं है अगर
00:55:40जो हम जैसा पुतिन के लिए
00:55:42पलग पावडे बिछा रहे हैं या हम
00:55:43हमारे इंट्रेस्ट को सर्व कर रहे हैं
00:55:45अगर वही European Union में किया होता
00:55:47तो अमेरिका को
00:55:49वहाँ पे अमेरिका के यहां जाने लाइट नहीं रहते
00:55:51पर यह भारत की
00:55:53जो विदेशनिती है उसकी सफ़रता है
00:55:55कि इतना करने के बावड़ोद
00:55:57अमेरिका हमें स्पेंट करेगा
00:55:59और उसे करना पड़ेगा
00:56:00तो यह है और हमारे लिए
00:56:03चुनाती इसलिए भी है कि हम
00:56:05वेस्टन जो फोर्सेस हैं वेस्टन जो
00:56:07ताकते हैं उनको हम एक तरफ करके
00:56:10रूस के साथ नहीं बढ़ सकते हैं
00:56:12पर एक जो हमें काफी
00:56:14पॉजिटीर चीज है जो देखने को मिली है
00:56:15खासकर जो हमारा व्यापार हमने
00:56:17आपस में तेह किया है कि रुबल और रुपे में होगा
00:56:19वो भी आगे आने वाले
00:56:22दिनों में बहुत सारे समीकरन बदलने
00:56:23वाला होगा और वो बाकी
00:56:25कंट्रीज के लिए जो खासकर ब्रिक्स कंट्रीज
00:56:27है जो G20 कंट्रीज है
00:56:29वो एक तरीके से उन्टे लिए
00:56:31इंस्पिरेशन होगी और हमने अमरिका को
00:56:33बता दिया है कि अगर भारत को
00:56:35सबॉडिनेट रखना चाहता है
00:56:37अपनी दोस्ती में तो भारत को
00:56:39यह मंजूर नहीं है बराबरी के
00:56:41आधार पर बराबरी के जितों के आधार
00:56:43पर आप अगर हमें स्विकार करेंगे
00:56:45तो हम साथ चलने के लिए तयार है
00:56:47अरवें जी एक चीज़ और है
00:56:52कि रशिया से 2010 से
00:56:532013 तक हमने 72%
00:56:56तक डिफेंस डिल्स की थी
00:56:57और अब यह 36% पर आ गया है
00:57:00दूसरे पार्टनर्स हमें मिले हैं
00:57:02लेकिन जिस तरीके से
00:57:03रशिया हमारे साथ टेक्नलोजी से लेकर
00:57:06बिना किसी पाबंदी के सारी चीज़ां
00:57:08हमको दे देता है
00:57:08क्या हमारे बाकी के जो डिफेंस पार्टनर्स है
00:57:12चाहे वो फ्रांस हो इसरेल हो
00:57:13या फिर अमेरिका हो
00:57:15क्या ये उतनी आजादी भारत को देंगे
00:57:18कि आप हमसे कोई भी सामान ले
00:57:20तो उसके हम आपको टेक्नलोजी भी देंगे
00:57:22उसका हम आपको कोई पाबंदी नहीं लाएंगे
00:57:25कि आप किसी के खिलाफ भी इसको इसको इस्तिमाल कर सकते है
00:57:28क्या ऐसा संभव है आने वाले वक्त में
00:57:30ऐसा संभव हो सकता है
00:57:34अगर हम अरेकूट नित्य के बहुत ज़्यादा मैनत करें
00:57:37पर यह उतना हसान नहीं है जितना की रूस के साथ है
00:57:41क्योंकि अगर जहां तक टेक्नलोजी के हसान दरण की बात जाजा तो
00:57:45हम जानते हैं कि तेजस के जो सारे इंजिन है वो हमें
00:57:48अमरिका से ही मिल रहे हैं
00:57:49जो रड़ा सिस्टम है उसमें इस्राइल का काफी बड़ा सपोर्ट मिलता है
00:57:53अर्जुन टेंग का जो है इंजिन है वो हमें जरनी से मिल रहा है
00:57:57तो वहां से ऐसा नहीं है कि केवल और केवल हमें रूस से ही सब कुछ मिल रहा है
00:58:01और जो पश्चिमी ताक्तों ने हमें मदद नहीं की गए पर जो तक्निकी का जिस तही दिल से जो रूस करता है वैसा कोई और देश नहीं कर सकता और इसके पीछे अगर हम छुपे जबाने बोले तो हम कहेंगे कि इसके पीछे रूस की कहीं न कहीं मजबूरी भी है एक आप �
00:58:31बड़ी मात्रा में हत्यार अगर्वेस से खरीद रहा होता तो रूस को काफी आर्थिक नुकसान हुआ होता तो इस चीज को समझना होगा और भारत इसका फाइदा भी उठाना जानता है और वही कर रहा है पर हमें ऐसी डील चाहिए जैसे की ब्रमोस मिसाल के मामले में होई
00:59:01सब्सक्राइध तो अब और लोग तो पूरी तरीके से हमारी हमारे लिए घ्ले जो सागे कर लेकर जोसे लिए
00:59:26पर हमारी जो स्कूरीटी और उसके जो स्कूरीटी को लेकर जो हमारी इंडिपेंडेंस है उसने काफी इजाफ आओगा रूस और यूपर न फीलॉज फिलर की सरकार्य है और वह आम तोर पर बाहर की लोगों को इस बहुतनी तर्वी द्विलकम है
00:59:56कि इस से उनकी और को झाल कखतम करना है और उस को खतम करना ही तो की विजए
01:00:04होगी हमारे यहांके डिप्रोमेंट को करना होगा सब्सक्राइब सर एक सवाल और है कि जब रूस युक्राइन यूद्स शुरू हुआ
01:00:18उसके बाद से लेकर अभी तक भारत ने कैसे अपने इतने बड़े मार्केट को एक तरह से एक टूल के तोर पर इस्तमाल कर अपनी पॉजिशन को और ज्यादा मजबूत किया है
01:00:28इन टरम्स ऑफ ग्लोबल पॉलिटेक्स इन टरम्स ऑफ डिफेंस काफी मजबूत किया है साथ ही ये चीज़ मैं समझने की कोशिश कर रहा हूं कि ये पॉजिशन इतनी मजबूत कैसे हो चली कि उसका नतीजा आज की डेट में ये है कि हम अमेरिका से भी डिफेंस में अच्छ
01:00:58क्रेट जा सकता है कि भारत ने जिस विदेश निती के लिए इतना सैक्रिफाइस किया भारत दोनों ही जो नौन हेलाव एलाइनमेंट वाली जो डिफेंसी जो नहरू या नीरा से जो शुरू हुई थे तो हमें बहुत नुकसान भी हुए हैं इसका नुकसान ही हुआ कि हमार
01:01:28पश्मीर का एक बड़ा हस्ता हमारे आज से चला दे रहा पर क्योंकि हम किसी के भी हिस्से में नहीं थे किसी की भी साथ हम एलाइन नहीं थे इसलिए हमारी किसी ने मदद नहीं की पर उसके बावजूत इस विदेश निती ने काफी सपलता है अर्जेश की और मुझे लगत
01:01:58हमेदार ठहरा रहे थे और कह रहे थे कि यह जो युक्रीन के जो कंट्री हैट है जैलेंस की साहब उन्होंने का कि ऐसा नहीं है यूरोप को अपने खुद के गिरेबान में चांटना होगा और यह देखना होगा कि भारत के अपने लिस्ते हैं रूस के साथ मैं और अगर कु
01:02:28अगर को कोई यूद्दार नहीं है और यह सब चीज़े के बाव् gelmiş है और यह सब सब्सक्राशन है पर दिककत खाली डोनार Trumv साहग्य को है जो बाइडन साहब तब को भी कोई दिककत नहीं थे तो भारत को अपने हम को साविझ करना होगा और हमें यह बताना होगा कि हमें स
01:02:58अर्विन जी एक चीज है कि जब रशिया यूकरेन यूद शुरू हुआ तब भारत बहुत बड़ी तादाद में रूसे तेल ले रहा था
01:03:06बहुत बड़ी तादाद में था और जिसका यूएस ने बहुत जादा मुद्दा बनाया औब्जेक्शन भी क्रियेट किया
01:03:14और नतीजा ये हुआ कि उस तेल खरीदी में बहुत बड़ी तादाद में अब इस महीने तक कमी आ चुकी है अच्छी खासी
01:03:21क्या ये भारत की मजबूरी कही जाएगी या फिर डिप्लोम ऐसी है कि भारत एक तरीके से यूएस को साधने के लिए तेल खरीदी कम कर रहा है पर डिफेंस डील भी कर रहा है
01:03:35और क्या पुतिन इस बात को समझते हैं कि भारत जो तेल खरीदी भले ही कम कर रहा हो लेकिन कहीं न कहीं हमारे साथ कंटिनियसली बना हुआ है
01:03:44सिदार ची आफ चो कह रहे हैं मुले तहर वैसे मीडिया में भी ऐसी ही आवाजिया और सोच जा रही है
01:03:50पर ऐसा नहीं है तो उस समय हम यह देखते हैं कि भारत यह खाफ स्ट्रेट्जी के तहित कर रहा है
01:04:05देखिए तेल जो है वह हम बहुत लंगे समय तक डिपेंडेंट नहीं रहा पाएंगे रूस पे
01:04:11क्योंकि जैसे ही यह बहुत हतम होगा तो तेल की किमते बढ़नी शुरू हो जाएगी और रूस हमें जितना सब्सक्राइब अब दे रहा है मजबूरी में वैसा आगे आने वाले समय में ले रहा है
01:04:20इसलिए हमें तमाव चीजह देखने होगी सब्दों भारत में क्या कि ठेल को खरीदना इतना अचाना से कम कर दिया ताकि रूस को यह समया सके कि खाली रूस जो है भारत से पैसा कमाने का खाली तरीका नहीं है आप हमें अच्छी इफेंस डील दीजिए हम आप हमें तक्व
01:04:50जादा बैतर रहेगा क्योंकि तो कोई बहुत लंबे समय तक जलने वाला मामला नहीं है तो इसके पीछे हमारी जो खासका जो लोग है वो काफी संजीत की से और काफी बुद्धी मतापून सोच रहे हैं वेस्टम मेडिया का काम है हमें ब्लेम करना और हम उसको उसकी ओपि
01:05:20लेना शुरू करना या उधर से खरीदना बंद करना इधर से लेना शुरू करना क्या इन सब का असर हमारे विदेश नीती या फिर रिष्टों पर नहीं पड़ेगा जो एक लंबे अर्से से भारत और रूस के बीच चले आ रहे हैं पढ़ना ही नहीं चाहिए क्यों पढ़
01:05:50पताहिए कि उनके उतियों को क्या चाहिए भारत संदार को नहीं बताना चाहिए
01:05:59सतरकार जो है उनकी मदद के लिए हर जगधे तयारे को युद्या इस देश को दोखाना देने क Hz कि कउ sto के बीचे है
01:06:09तो अमेरिका सस्ता तेल देते हैं, हम अमेरिका से खरीद लेगे, मार्केट है ना, तो आप सस्ता दीजिए, आप ये चाहते हैं, भारत की जो गरीब जनता है, वो भुखी मरती रहें, और महंगे दामों पे आप से तेल खरीदें, और रूस से तेल खरीदना बंद करते हैं, �
01:06:39अफिर में दुनिया और भारत मुर्ख तो नहीं है ना, भारत को पता है उसका कहा है, जी, 2001 में तातकालिन प्रधान मंत्री अटल विहारी बाजपाई, रूस की आतरा पर गए थे, उनके साथ मैं गुजरात की तातकालिन सीम नरेंदर मोदी भी थे, जब उनकी पहली बार �
01:07:09ट्रेड डील हो रही है, या फिर कहूँगा डिफेंस डील हो रही है, जिस तरीके से हम एक गुट निरपेक्ष तो मैं नहीं कहूँगा इसे, लेकिन एक तरीके से हम बहुत सारे अपना दाइरा बढ़ा रहे हैं, तो क्या रूस में उसको उतनी ही तवज्ज़ आने वाले �
01:07:39देखिए, रूस की ताकत कम हुई है, पर हम समयलित रूप से इस दुनिया को बेटर बना सकते हैं, और चीन को काउंटर करने के लिए हमेशा हमें रूस की चोड़त होगी, और मुलत हचीन के प्रभुत्त को कम करने के लिए ही इस विजिट का भी कामी मैस्ट है, क्योंकि आ
01:08:09जो जितने भी संगठन है, उसमें उसका छोटा भाई रहके रूस काम नहीं करना चाता, और यह जो है भारत जो मित्र देश है, वही रूस की ताकत को बढ़ा सकता है, तो एक तरीके से जो अंतरास्टी संतुलन है, खास कर उस खेमे में भी और इस खेमे में भी उसको संतु
01:08:39खास कर जो गाइडन साहब के टाइम तक तो ठीक था, हमें भारत को स्विकारियता मिल रही थी और रूस और भारत के रिस्दे को भी स्विकारियता मिल रही थी, अमेरिका में भी और पश्चिमी दुनिया में भी, पर बार में ट्रम साहब ने और उनके सलाकारों में तो अल
01:09:09में जिसमें हम वहाँ पर पमनेंट मेंबर्शिप के लिए लंबे अर्से से हाथ आजमा रहे हैं जिसमें चाइना अक्सर वीटो पावर के जरियरोडा अड़ा देता है क्या रूस वो चाबी है जिससे वो रास्ता खुल पाएगा
01:09:22अगर देखिए प्रणाव मुकर्जी साब जब भारत के विदेश मंत्री थे या खासकर मंदोन सिंग साब का रिजिल था तक भारत कहता रहा है कि हमें सभ्राद संग में सदस्ता देत हो देत हो अब भारत तो बात नहीं कह रहा है अब जैशंकर साब के टाइम अलग मामला है �
01:09:52देशो को भी आप दीजिए उसमें तो भारत का अब जो पहले जो एक तरीके से जिसको बोलना चाहिए विद्वा विलाब जो था खतब हो चुका है और भारत ने अपना पूरा इकदम साफ साफ रखा है और भारत को इसकी परवा करनी नहीं चाहिए मुलत इसका कारण यह ह
01:10:22आपके शांदार जानकारी के लिए तो यह डील नहीं है खाली यह एक रिश्टों का समवागम है भारत और रूस के बीच की गर्म जोशी है जो आज दिन भर आपको नई दिली में देखने को मिलेगी इसके बार में जो भी अपडेट होंगे जो भी डील्स होती है जो भी छ
01:10:52की पूरी कोशिश करेंगे इसे के साथ आप देखते रहे हैं वन इंडिया नौसकार
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