रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे ने देश की अंतरराष्ट्रीय स्थिति और रूस के साथ संबंधों पर बड़ा असर डाला है। इस दौरे में कई महत्वपूर्ण समझौते और चर्चा हुई, जो भारत के आर्थिक, रणनीतिक और रक्षा क्षेत्र में फायदे ला सकते हैं। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इन परिणामों से प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह संतुष्ट नहीं होंगे। इस वीडियो में जानिए पुतिन के दौरे से भारत को क्या हासिल हुआ, किन क्षेत्रों में फायदा हो सकता है और क्या मोदी इस दौरे के नतीजों से खुश होंगे।
00:00रूस के राश्टपती ब्लादीमीर पुतीन का बहु चर्चित भारतिय दौरा अब अपने समापन की ओर बढ़ रहा है अभी से कुछ दिर पहले प्रधान मंत्री मोदी के साथ उनकी जॉइंट प्रेस कॉन्फरेंस भी हुई और अब इस दौरे का साइन ओफ लिखा जा रहा
00:30है इस दौरे से क्या हासिल रूस को है क्या हासिल भारत को है और इसे जीयॉपोलिटिकल इंपेक्ट क्रियेट हो सकता है आशिप आप रूस गए
00:38पहले रूस की खुबसूरती के बारे हम बताइए कैसा खुबसूरत मुल्क है रूस बहुत खुबसूरत मुल्क है और आप जब जाएंगे तो सबसे अच्छी बात यह मिलती वहां पे कि इंडियन्स को बहुत प्यार करते हैं और आपका जो स्वागत होता है लोग आपको जि
01:08काफी पसंद करते हैं और यह जो मैत्री है इनकी जो मितरता है वह काफी गहरी है काफी आप अधिहासिक आएने में और भविशेकियोर अगर इस दोरे को रखते हैं रखकर देखते हैं रूस के रास्पती ब्लादीमिर पूतिन कल भारत आये कल आते ही प्रदान मंत्री मोध
01:38होती है पुटिन की और उसके बाद प्रदान मंत्री मोधि के साथ अनका साधा प्रादमंत्री मोधी ने भी कहा है कि रूस के लोगों के लिए 30 महीने का वीजा फ簡री इंटरी वो कर रहें हैं यह साथ जो अधेबिक एक्सेंज होते है उसकी भी बात कही जबिन ऑर्वरक के �
02:08पहले को हैं अभी लगबग एक जैसे ही हैं अभी पर पुराने समझोतों की तरह है लेकिन बड़ी बात यह है कि अभी जो मुलाकात हो रही है दो देशों की चाय और रशिया और भारत की यह किस कितनी अहमियत है जियो पालिटकल के लिए यह बड़ी बात है यह चीजें तो �
02:38की जरूरबत को बारत को अदनी जरूरत को रननीतिक पर पर है जिस हसाब से अभी अमेरिका से जो रिष्टे चल रहे हैं भारत की ओर चल रहे हैं य collaboration
02:50भारत को रणनी तिक जरूएत है लेकिन रूस को इस वक्त चाहिए आर्थिक जरूएत है आर्थिक तोर पर क्यूंकि उसका जो कच्छा तेल है वो भारत एक बहुत बड़ा बजार है जो सीधे खरीद सकता है चाइना ले रहा है लेकिन चाइना कभी-कभी ऐसा होता है कि चा�
03:20साथ एक रणनी तिक दोस्त भी मिला है जो थोड़ा सा दबाव दुनिया में कम कर देता है पुतन ये भी बता सकते हैं रश्चिका भारत मेरे साथ खड़ा है भारत से हम दोस्ती किये हुए भारत अभी भी हमारे साथ खड़ा है तो यहां पर अगर आका जा रहा है तो रू
03:50के यहां पर आएं सिर्फ और आशिप मैं खासकर बात कर रहा हूं कि जो नॉन कॉंबैक्ट नॉन कॉंबैक्ट यू नो टाइज हैं उसकी बात कर रहा हूं जो गैर सामरिक संबंध हैं यूद के दौरान दोनों एक दूसरे के साथ खड़े होते हैं अभी रेलास समझाथा पा
04:20पारिद कर दी के या भारत ने भी उसको रेसिक्रोकेट एक तरह से कर दिया है आने वाले समय में हम देखेंगे इसका क्या प्रफाव परता है जियो पॉलिटिकल लेवल पे देखिए मसला अलग है रेलास से बहुत अच्छी चीज़ है रेलास ऐसा नहीं कि रूस के साथ ही
04:50कोई विवाद होता है हमारा वहां तो रश्या चायना का भी मित्र है हम अब उसके लिए यह समस्या आजाएगी कि हम किसके सांथ आ जाएं क्या हम अपना जो है इस Hindi है किसके साथ आ जाएं तो
05:15के साथ क्या आपको लगता है आज नकल आने वाले वर्षशों में कोई सीमा विवाद हो सकते हैं दोनों पडोसी भी है चाइना और दिखिन चीन साघर में हाँ नुजह नहीं लगता कि चाइना और रूस का क्योंकि यह दोने एक दूसरे की ताकत है अर्थिक तौर से भी रन�
05:45अगर एक को अपना कद बढ़ाना है तो दूसरे को कम तो करना पड़ेगा और जैसी चीन की प्रविर्ती रही है वो तो शीमाओं का अद्रिक्रम नहीं करता है देखिए कभी-कभी ऐसा होता है कि जादा लालच भी है खत्रा पैला कर देता है यह दोनों एक दूसरे की पूरा
06:15कम करेंगे फूर पूतीन के इस दौरे के बाद का समभना है वो फिर सément उसीफ़र पर जारी रहेगा उससे भी बढ़ेगा
06:35में नहीं नहींत। चाहते हिए हैं कि हमसे चाहते हैं कि हमसे या दुद सकते हैं पूहरत को सबिवा प्रिचिक्स खेल रहे हैं।
07:00तो वो तेल का मसला है भारत अगर कम नहीं करेगा रूस से लेकिन हाँ हो सकता है कि अभी किया भी है कुछ खच्चा तेल अमेरिका से भी उसने भी शुरू किया है यह अमेरिका की एक सोची समझी साजिश होती है जहां भी उन्हें तेल का भंडार दिखता है उहां पर वह आ�
07:30कि और उसका हसाब से काम करेंगे और पिर इनको कैसे सद्दाम हुस्यण को कि भाई इनके पाधियार है उस अप से उनको मारा गया एक एक बात और और इस दोरे को हम अमेरिका के सामने भी रख के देखके हैं भारत और रूस के बीच जो प्रगार्टा बर रही है और रूस क
08:00पिछले काफी दिनों से अमेरिका भारत पर डवाव बना रहा था रक्षा सौदे के लिए वह जो उनकी इस्टिल फाइटर जेश है एफ 16 और भारत में उसमें कोई दिल्चस्पी नहीं दिखाए भारत के पास भी इस्टिल फाइटर जेट अभी नहीं है बात हो रही थी रू
08:30रहा थेका कुछ है अभी तक अभी तक तो कुछ ऐसा नहीं सामने आया है और यह बहुत महतपूर आ हमारे लिए वही चीज़ सबस्यादा महतपूर नहीं करते हैं अभी आप ने देखा और जिससाब से हम राफیल की बात कर लें तो टेक्न नाचाते हैं वह आपको हतियार �
09:00हतियार के साथ साथ technology भी देता है सर्विस भी देता है और समय समय पर उसको अपडेट भी करता है हमारे जो जितने चाहिए
09:0521 से लेकर आप अभी तक आ जाएं पूरा नीचे तक आ जाएं तो आप देखिए पूरी की पूरी टेक्नलोजी के साथ उसने technology भी दी और
09:13हतियार भी दी है सारी चीजży दी तो इस वजह से रूस भारत भारत da भी रूस की तरफ जुकना जायस होता है कि भई ये जो उस तरह से दुनिया में हम अभी जिस तहसी MARK में हुआ पैस्ताण और चाहिना अलग अमेर्का भी दबाओ बना रहा तो हमें अभी एपनी हतियारों �
09:43लेकिन हम रश्या के बगल में किससे लगने जा रहे हैं लेकिन योरोप तक आपका एकसेस ओपन कर रहा है लेकिन हमारा उससे कुछ बनता नहीं है कि हम योरोप में नहीं जा रहा है हमारे दुश्मन आस पास है हमारे दुश्मन अगल बगल है तो हमारे दुश्मन चीन बैठ
10:13आए दिका वो अगर होता है तो खुशी होने वाली बात है और ज्यादा S-400 आएंगे अगर भारत में आता है तो भारत की सेना की ताकत बहुत बढ़ जाती है और S-57 खासकर एक अवेद्ध किला है हवा में और राशिया हमेशा ही जो अपने अनत किस्म के जो जेट रहे हैं भ
10:43अगर S-57 को अभी तक मार्केट से वैसे रुजहान भी नहीं मिले जब भारत कोई ऐसा रक्षा सोधा करता है तो उस प्रोड़क्ट के लिए एक तरह सा रिकमेंडेशन हो जाता है हम देखते हैं राफेल के केस में राफेल जब भारत ने खरीदा तो राफेल की मांग दुन
11:13के लिए इंट्रेस्ट दिखाता है तो दुनिया भर में इसकी मांग बर सकती है और F-16 जो अमेरिका जिसकी बहुत बड़े पैमाने पर मार्केटिंग कर रहा है अलग लग देशों को बेच रहा है और F-16 के लिए लोग कतार में भी लगे हुए है ये पुतिन जो आए हैं �
11:43ये वो भारत पर भारत में जो आए इस तरह का अब देखने वाली बात यह है कि अभी तक इस तरह का समझाओता कुछ जैसे आपने बताया F-16
11:52F-16 नहीं सॉरी जो आपने रूस का विमान बताया
11:55S-U-57 के बारे मताया S-U-57 के भी कोई चर्चा नहीं इसका मतलब यह है कि ऐसा नहीं को उन्होंने प्रस्ताव नहीं रखा होगा हरा हर देश चाहता है कि अपना आतियार बेचें उन्होंने ज़रूर प्रस्ताव रखा होगा लेकिन भारत की तरफ से शायद उसको मुहर नह
12:25की बात ही है जो बात हुई है वह उर्वरक को भी साधा है हतियार नेकर बात ही पता चलेका कि हतियारोंपर समझावता हुआ है कि नहीं हुआ है
12:54लेकिन अभी फिलाल जो है बहुत सहीम दिखाया भारत ने इस चीज में
12:57राश्टपती ब्लादी मिर पूतीन का दौरा भारत में अब समापन की और बर चुका है
13:04अब से कुछ दिर बाद वो मास्कों के लिए उरान भरेंगे
13:06यहां से प्रधान मंत्री मोदी उन्हें क्या तोफ़े देकर भेज रहे हैं
13:10और ब्लादी मिर पूतीन रूस से भारत के लिए क्या तोफ़ा लेकर आये थे
13:14क्या एस्टेट्जिक गुडीज लेकर के आये थे
13:17इसकी परत कुछ दिनों बाद खुलेगी
13:20क्या उम्मीदे लेकर आये और क्या भरोसा लेकर जा रहे हैं
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