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  • 5 days ago
स्वच्छ इंडिया के संस्थापक विमलेंदु झा ने कहा कि सरकार पोल्यूशन के बजाय परसेप्शन मैनेज कर रही है। इस देश की हालत ऐसी हो गई है कि यहां खराब हवा में सांस लेना ठीक है, लेकिन आवाज उठाना गलत है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार जिस तरह डाटा के साथ खिलवाड़ कर रही है, वह आपराधिक लापरवाही है। विमलेंदु ने इस बात पर भी निराशा जताई कि प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट का रवैया भी निराश करने वाला रहा है, देखिए ये बातचीत

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00:00हम देख रहे हैं कि दिल्ली में पॉल्यूशन इतना जादा है कि सब की जिन्दगी पर असर परता है बट गवर्मेंट या फिर दिल्ली सरकार जो अखरटीज हैं वो इसको बहुत ही ले रहे हैं यह कितना बड़ा खत्रा है और लोग इसे क्यों नहीं समझ देखिए हमें समझ
00:30तो भारत वर्ष में लगब 15 लाक लोग हर वर्ष वायू प्रदूशन से मरते हैं अगर आप बाकी डॉक्टर्स की रिपोर्ट देखे तो हर कीसरे बच्चे को दिल्ली एंसियार में आस्तमा है हमारा 10 से 12 साल जो है लगब उंग्र जो है दिल्ली एंसियार के लोगों का वा
01:00और वो इस एक तरीके से एक वाई या फिर जो फी पैरामेटर्स उनको डाउन करने के लिए एक तरीके से क्रिमिनल जो मैं इसको मैं आपके डेटा जो है बहुत ही एक इंपॉर्टेंड एस्पेक होता है किसी भी गवर्ण सिस्टम का कि वह आपके डेसिजन मेंकिंग प्रो
01:30बहुत सारे एरपॉल की मॉनिटर जो होट स्पोर्स में है चाहे वह जाहांगीत्पुरी का एरपॉल की मॉनिटर हो या अनन्द विहर का एरपॉल की मॉनिटर हो आपनी का छटका कुई आप तो ओवर आल आप परसेप्शिन मैनेज कर रहे है रावाव दिन प्लूशन और �
02:00हमने पिछली सरकार में देखा था जब यहां पर दूजरी पाटी की सरकार थी लोग और लागू करते थे उस तरीके की चीजे भी यहां पर नहीं हो पा रही है और जो हमारा पर्यावरण मंत्री है वह बंगाल के चुनाव में बैस्ट है कोई उन्हें कर रहा है और मैं दे�
02:30पर्यावन मंत्री का अभी तक कोई भी थोस बयान नहीं आया है 11 नवंबर को उनने एक मिटिंग की है बाखी राज जी के पर्यावन मंत्रियों के साथ लेकिन हम बहुत पार कहते हैं कि यह बैंडेज स्लूशन जो है वह वह भी इस साल जो है जो चाहे वो और इवन हो या फ
03:00बनस्पत जो लोग कर रहे हैं उनको एरिस्ट किया जा रहा है चोटे चोटे बच्चों को इरिस्ट किया जा यह कहिए कि आप जो है गलप हवा लेना ठीक है लेकि उसके बारे में आवाज उठाना जो है वो तरक संगत नहीं है सरकार की नशर्ट कोई भी इसी उतर तो लो�
03:30क्या है उसके बारे में अंको प्रसम कवर्ण की करना चाहता हूं लेकिन अगर हमारी जो नियाए व्यवस्ता है अगर भी हाथ खड़ी
03:53क्योंकि वही एक भरोसा इतने वर्षों से रहा है क्योंकि गवर्णस के नाम पर एल्पॉलिटी एल्प कंट्रोल में कुछ भी नहीं हुआ है और हम देख रहे हैं कि स्मर्ष सुप्रीम्पोर भी तकपड़ता से प्रियॉरिटी से एगरनेस से काम नहीं करें एक बहुत बड�
04:23करता है इसका मत्तब है कि 70% करता है डिली में जो भी इस दिवाली में था उसने समय देखा है कि आसर में इसे को नहीं पता था कि ग्रीन फायर क्राइकर बज़ रहे हैं एकडम निरंतर जो है पठाक के बजाए गए गए साथी साथ जो समय रखा गया था पठाकों का उसकी �
04:53कि जनता को समझा पाएं कि यह कितना बड़ा मुद्दा है और कितना बड़ा मैंने कहा कि 15 लाग लोग घरवर्श वाई पूदूशन से मरते हैं हर तीसरे बच्चे को यहां जो है एस्थमा है जहां जो बच्चे पैदा होते हैं दिली शहर के में दिली एंस्यार में उनके �
05:23और साधान जनता की उपर उसका क्या असल होता है उसके बारे में तो हम सोच भी नीरम से अपने बच्चों के हवाले अगर बात करें तो बहुत ही एक डेंजरस सा एक्विजिन्ट है हम एक पूरी की पूरी एक एक एक हैंडिकाप जेनरेशन जो है दिली के अंदर लादे है
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