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  • 6 days ago
राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस देश के गृहमंत्री को डर है कि कहीं इस देश में उनके खिलाफ कोई आंदोलन ना खड़ा हो जाए इसीलिए एक कार्यक्रम में वह कह चुके हैं कि सारे आंदोलनों की एसओपी बनाइए। उनका अध्ययन कीजिए। गोरख पांडेय को कोट करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि इन लोगों को इस बात का डर है कि लोग इनसे डरना छोड़ देंगे। इससे पहले सोनम वांगचुक के समर्थन में दिल्ली में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए योगेंद्र यादव ने लद्दाखी लोगों की मांग का समर्थन करते हुए मशहूर पर्यावरणविद् की रिहाई की मांग की।

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00:00ऐसा गोरक पांडे ने अपनी कविता में एक बार कहा दिए इन्हें इस बात का डर है कि लोग इनसे डरना बंद करें कि इस देश में ऐसा कोई जनांगदोनन ख़डाना हो जाये कि इसके बारे में आप पहले से SOP बनाई इस देश के ग्रहमंत्री कह चुके हैं कि उन्हें डर
00:30कि यहाँ डिली में बैठेवे लोग खास तोर्ð दिली में बड़ी कुर्सीयों में बैठेवे लोग ना तो कुछ जानते हैं ना पर्मा करते हैं
00:39और खास तुर्पे ये सरकार जो अपने आपको राष्ठवादी खोशिद करती है राष्ठवादी सरकार की पहले ज geschुने
01:00कि देश के बॉर्डर पे जितने इनाखें वो पहले से ज्यादा इंसीक्योर होते जाएं
01:07कैश्वीर का सवाथ उस पे लोगों ने काए तो पुराना मामला है
01:14मणी पर तो पुराना मामला नहीं मणी पर तो सारा आपका बनाया और वो मामला है
01:21लंगदक जिस इलाके को जिस इलाके में भारत की
01:22सेना वहां के स्थानीय लोगों के सहयोग पर निरभर हो और यह
01:29मैं नहीं कह था आदमी के जैbelा तक हम कारगे की लड़ाए बस गूश्क करक्र कि क्ये स्थानीय अर्व कई पठो ठीक रकिए
01:43मुझे सुनों पांकित बता रहे थे कि लोग अपने खर्चे पे बसे करकर के कादिर के जुद के अंदर गए सेना की मदद करने के लिए उतका सामार उठाने के लिए उतको जितनी डोकल एसिस्टेंस चाहिए वो देने के लिए
01:57जिस इलाके में भारत का मकाबला चीन से है और भारत की सेना स्थानिये लोगों की मदद पर निर्फर है और स्थानिये लोग आउट उफ दे जाके हर तरहें से मदद करते रहे हैं रिकॉर्ड है
02:13आर्मी में भरती होके जबान के पौर्फे लड़के भी पीछे लड़ते हुए उस इलाके में बैठे बैठा इस इतना बड़ा संकट क्रियेट कर देना ये इस सरकार के राश्ट्रवाद के उपर समालिया निशान उता है
02:35चिल्ता राश्ट की नहीं है चिल्ता केवल अपनी परस्नल पहने सी तीन और अपने एहम की और अपने एहम के लिए अगर राश्ट्रिये
02:47सुरक्षा पर मुकसान भी होता है तो इन्हें कोई फर्ट नहीं होता है अब हम उत्ता देखते हैं ये मांग किसी है
02:56ये मांग सोनम वांचुप नामक एक व्यक्ति की डिमाड नहीं है ये डिमाड लग्दाक के दो हिस्से हैं एक जो बुद्धिस्ट हिस्सा है लेवाला दूसरा जो लाज्दिक मुस्निल पॉपुलेश्ट का हिस्सा है का दिल्वाला दोनों के अलग अलग सब्धन है कभी क�
03:26सिर्फ सोनम बंग चुक की नहीं है सिर्फ लेट ही नहीं है ये काल पूरे लग्दाक के तमाम लोगों की मांग है और ये वो मांग है जिसे खुद बीजेटी लिपकर अपने मैनिफेस्टों में प्रॉमिस कर चुकी है
03:43पर्मान क्या है कि हमें जैसे इस देश का बादी सब हिस्से में लोग अपने आप पर राज करते हैं अपनी सरकार चुंतें अपने तरीके से राज करतें वह अधिकार हमें लग्दाक के लोग burning कुछ tule ह है जियीं
04:03कि हर्याना मिलना मिलना हूँ कोई प्रिशेष्टी नहीं मांग रहे हैं डिमॉक्रिस्ट
04:09370 जब ठटा हम तमाम लोगों ने उसका घिरोध किया था लेकिन 16 मांग चुक ने सवर्थन किया था हमारे कई लोग उसके बारे में प्यूग्ली उठाते हैं मैं उसके मिरी समझ सिर्फ यह है जैसे बाबा साहर वंवेटकर ने फ्रीडम स्ट्रगल के समय सिर्फ और सिर्फ कह
04:39मैं लग्डाक की दिश्ट्री से पुरी सीज को देखूँगा और लग्डाक की दिश्ट्री से देखा हूंगो ने कहा कि यह 370 वापिस होने से अगर हमें यूटी का दर्जा मिलता है यह हमारी पुरानी माग रही है और उने बाकाइदा स्वाधित किया तो कोई opposition के agent हो हर ह
05:09में के जो राज्ज्य का दर्जा मीलेका और अगर राज्य का दर्जा न मिला तो आपको अपनी जोरी
05:30कोई विधान सभा की चर्चा नहीं, कोई वहां पे डिमोक्राटिक राइट्स नहीं, कोई एसेम्ली देने की मांग नहीं, दूसरी मांग तो या तो राजिया का दर्जा मिले, या आपको QT के अंदर ही रेजिस्लेशन मिले, तो भारत के सुलिधान के अंदर आने वाली चीज
06:00और उनको अपनी Autonomous Council बनाने का अजिकार होता है, ताकि काफे सारे स्थानिये फैसले, प्रॉपर्टी से रिलेटिड, लोकल कस्टम से रिलेटिड, वो तमाम फैसले वो खुद ले सकते हैं, सिक्स शेडियून देश के अनेक इलाकों में लागू, कोई जब्दार पहला इल
06:30वो इसकी मांग क्यों कर रहे हैं, क्योंकि सिक्स शेडियून होने से लगाक में सिरफ एक नहीं, छे या आच अलग-अलग आदिवासी इलाके हैं, हर आदिवासी सब्दाएं को अपने यहां पे, अपने लोकल कस्टम, अपने लोकल क्रॉपर्टी, अपने फॉरेस्ट, उस
07:00शुरू नहीं हुई है, यह मांग जो है, यह काफी समय से चलती आ रही है, खत्रा क्या था, सिक्स शेडियून की मांग क्यों उठा रहे हैं, इसके पीछे एक चिंता है, कि अब जब की 370 हट गया है, बाहर के लोग यहां पे आ सकेंगे, बाहर के लोग आके यहां प्रॉप
07:30आप सब जानते हैं, इसके पीछे किसका पैसा अटा नहीं है, यह सम्माफने शुरू हो गए है, तो वहां के लोगों को जिंता है, कि एक बार वो 370 की छटरी हटने के पाद, और अगर 370 हट गया, गवर्नेस बिली नहीं, तो इसका और आपको शिक्स शेडिम का प्रोटेक
08:00जाएगा, वहां में जमीन खरीदेगा, इंडस्ट्री लगाएगा, जो करना करेगा, लोकल अकस्टम्स, लोकल रिसोर्स, लोकल प्रॉपर्टी, सब कुछ खत्म होगी, उसको बचाने का संकर्श हो, जो देश के तमाब इलाकों में हुआ है, वो करने की बजाएगा, और ज
08:30की पैदल यापना करके बुलोग दिदिया है, छोटी बात नहीं, एक हदार क्लोमीटर में से चलते हुए, यहां बिल्ली तक आएगा, और सरकार में उनका स्वागत क्या दिया, एक सो जोरीस लगा दिया, कुछ लोगों को उठा के अंदर कर दिया, उनको एक तरह से बुझ
09:00तक ये आंदोलन इतने अहिंसक तरीके से कैसे चला है, सवाल ये होना चाहिए, कि छे साल तक जिन लोगों के साथ लगाता है, उन लोगों ने फिर भी इतना धीरत बना के कैसे रखा, और मैं समझता हूँ उसके लिए अगर कोई एक व्यक्ति जिम्म्यवार ने, तो सोनम ब
09:30और आज सिर्फ रदाक का नहीं, वो व्यक्ति पूरे देश का एक ही हुए, जो पुराने उनके काम है, शिक्षा के एक शेत्रमें टेक्नोलोजी के खेलिव में वो सब लोग जांते हैं, लेकिन आज जिस धिरत से परिशेती हैं आपनों ने, और जैसे ही आंदोलन में हिंसा
10:00ये हिमत बहुत कम नेता है, तमाम नेता उसके उपर पर्दा डालने की कोशिष करते हैं, उसका सरथन करते हैं, सोनम पांचुप ने वो हिमत दिखाई, जो इस देश के और दुनिया की इतिहास में बहुत कम लोग ने, उस व्यक्ति को और उस अंदोलन को इस तरहें से दा�
10:30सुबह अख्मार में चांदिया जाता है हिंसा को भढ़काया आज भी सुबह अगर आप देखने सरकार के दो तिन अख्मारों ने बड़े अच्छे से सरकार के बयान वो सूर्सिस कहते हैं कि चांपाये हिंसा भढ़काने की कोशिश एक आदमी कर रहा था चारों तरफ कैमरे �
11:00आपको बताया जाएगा इंटिलेक्ट्वल आर्किटेक्ट ऑफ दा कॉस्पिरेसी यह सब चीज़े आपको बताई जाएगे क्योंकि एविदेंस कुछ है नहीं और उसके बाद एनसे लगाना है जब किस मुदू के आप एनसे लगाना है मोटी बात यह है कि क्योंकि समालने
11:30देश के तमाम जन संगर्ठनों की तरफ से देश के तमाम ऐसे नागरिकों की तरफ से जो कि इस देश में बहतरी चाहते हैं जो इस देश के लिए बहतर सुरक्षा चाहते हैं जो चाहते हैं कि इस देश का हर इलाका हर नागरिक सुरक्षित हैं उन सब की तरफ से हम भारत सर
12:00वाले रास्ते परना जाएं, जो कुछ वहां हो चुका है, उसकी पुन्राद्रती हम यहां नहीं चाहते हैं, सौभाग्या यहां यह है कि आपस में बोई एक दुसरे से जग्रा नहीं है, कारगिन के लोग भी और ले के लोग भी एक साथ मिलके बैठें में, यह हमारा सौभा�
12:30देश के साथ लगाव महसूस करें, जितना लगाव लदाख ने दिखाया है, जिसने की देशवक्ति उन्होंने दिखाई थे, तो हम सब की यह मांग रहे हैं, कि सोनम वांग्चुक को तुरल्त रिहा किया जाए, नमबर दो, जो जूटे आरोप सिर्फ वांग्चुक पे ल
13:00उनकी संख्या कम है, लेकिन उनका दल्द कम नहीं, लग्दाखी लोग बार बार ये कह रहे हैं, कि आप हमें देश्वक्ति कह रहे हैं, हम लोगों, जिन्होंने चीन का सामना किया, हम लोगों को आप दिल्दी बादे पैठके देश्वक्ति बता रहे हैं, इस किसम के लां�
13:30तो उनकी जो मान कहते हैं
13:40कि इलेक्टेटी गवर्रीन्मेंट में
13:43को यूटी यूटी कादर जा टेएяжUM
13:49या बिना स्टेट का दर्जा दीए भी
13:52आप लेजिस्टी इलेकटिव लेजिस्लेचर माँचे
13:56चुने भी विनानसभा कि यूटी मिर के सल्सकार
13:59और 6th schedule का जब्चा है ताकि बहाँ के अलग-अलग इलागों में स्वाहित बता हो सकें।
14:08ये भी हम याद रखें कि जब-जब लगदाग की तरफ से बाता है।
14:14आज सुबह आत्मारों में लगदाग के अपने गवर्नर का इंट्रिवुच आपा है।
14:18उनसे कोई भी सवाल उनसे कहा गया इंसा क्यों हुई उनसे कहा गया गोली क्यों चरी उनसे कहा गया लोग परेशान क्यों है।
14:26उनका एक ही जवाब होता है। हमने कितने करोड रुपए दिये हैं।
14:30कि हमने इतने करोड की यूजना शुरू की है पहले इतने करोड आते थे इतने करोड दिये हैं लगदाथ के लोग इजब माग रहें हैं और सरकार उने पैसे बिंदे बार रहुए
14:43और दुर्भाग के से यह बिलकुल जो हमां पहुंचा है पहुंचा तो अलग बात रहे जो को लो भी जो जो विलकुल ऑपनिएशिप मान सिकता है अपने ही देश के पहुंक पॉंके इस को ठोड़ाए ऐसे हमारी होगी ऐसे हमारी आशा हुआ
15:12क्या ये सरकार इस बात से डरी हुई है कि उसके खिलाफ कहीं पूरे देश में जैसे हम देख रहे हैं
15:18लबदाख में हम देख रहे हैं मड़ीपूर में उत्राखंड में देख रहे हैं छात्र जो अंदोली थें
15:23क्या आपको लगता है कि सरकार इस बात से डड़ी हुई है कि उसके खिलाफ कहीं से कोई मास मॉमेंट ना खड़ा हो जाए एक समासास्त्री के तोर पे आप कैसे देखाए है ये तो कोई ट्रश्न ही नहीं है चुपि इस देश के ग्रह मंतरी ने बाकाइदा पुलिस के सम्मेल
15:53डर किस बात का है जैसा गोरक पांडे ने अपनी कविता में एक बात कहा था इन्हें इस बात का डर है कि लोग इनसे डरना बंद कर देए
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