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  • 2 weeks ago
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तैयार मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की फाइनल वोटर लिस्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट में फंस गया है। कोर्ट ने डिलीट किए वोटरों की जानकारी मांग ली है। जस्टिस जॉयमाला बागची ने कहा कि इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट लिस्ट प्रकाशित होने के बाद जो नाम जोड़े हैं, वो कौन लोग हैं। क्या ये लोग 65 लाख डिलीट किए गए नामों में शामिल थे, या यह नए लोग हैं। कोर्ट ने उन 3.66 लाख डिलीट किए गए वोटरों की जानकारी भी देने को कहा है, जिनको लेकर याचिकाकर्ता सवाल उठा रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग की दलील है कि किसी ने भी शिकायत नहीं की है और नामों का पता ड्राफ्ट और फाइनल वोटर लिस्ट के मिलान से चल जाएगा। मगर ऐसा लगता है कि कोर्ट चुनाव आयोग की दलीलों से संतुष्ट नहीं है। इसलिए अगली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी हैं। इसी मुद्दे पर नवजीवन की चर्चा -

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00:00दोस्तों नमस्कार मैं हूँ नंदलाव सर्मा और आप देख रहे हैं नेशनल हिराड नोजीवन और कौमी अवाज की साजा पेशकस
00:07बिहार में जो वोटर लिस्ट बनी है उसको लेकर के अब कई सारे सवाल सामने आ रहे हैं
00:15सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और वहां पर जो मिलाड लोग हैं वो जो टिकपड़ी कर रहे हैं वो ही सुनने लायक है और जो दलीलें पेश की जा रही हैं वो ही जानने लायक है
00:26लेकिन सवाल यह है कि SIR को सुप्रीम कोर्ट ने रद नहीं किया तो अब क्या आने वाले सुनवाईयों में वो कोई एक्षन ले सकता है क्योंकि प्रिसांत भूसर्ण से कहा गया कि कितने लोग
00:39हैं जो पेड़ित हैं और जिनका नाम नहीं है या फिर ऐसा केस है जिनका नाम डिलीट हो गया है तो प्रिसांत भूसर्ण ने कहा कि मैं सो से ज़्यादा लोगों को पेस कर सकता हूं और बहुत सारे लोग पहले भी पेस हुए
00:51सवाल यह कि सुप्रीम कोर्ट अब करेगा क्या क्योंकि ग्यानेश कुमार जी सुद्धी करण की बात कह रहे थे उस सुद्धी करण पर बहुत सारी मेडिया रिपोर्ट्स क्वेस्चन कर रहे हैं बिहार के पत्रकार भी सवाल उठा रहे हैं
01:06हमारे साथ परिष्ट संपादक उत्तम सेन गुपता जी हैं अब्दुलकादिर जी हैं हम उनसे समझेंगे कि आखिर जो सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है उसका कुछ असर बिहार की फाइनल वोटर लिष्ट पर पड़ेगा की नहीं या फिर चुनाओ इसी वोटर लिष्ट प
01:36हम समझने की कोशिस करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट की भूमिका कितना इंपॉर्टेंट हो गई है सर घंदेवाद नंदलाल जी तो जैसा आपने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में जो सुनवाई हो रही है यह साइयार पर वह बहुत ही एहम है कल एक सुनवाई वी और ग्रेश्�
02:06कि आने वाले दिन में यह सुप्रीम कोट क्या कर सकती है क्योंकि यह माना जा रहा है कि चुनाव की घोशना हो चुकी है और चुनाव की घोशना के बाद अमूमन कोट जो है वो इंटर्फियर नहीं करती है और यह दलील इलेक्शन कमिशन के तरफ से उनके जो दोनों वकील
02:36लेकिन उसके बावजूद अमन सुप्रिंग कोट ने कल मंगलवार को इलेक्शन कमिशन को निर्देश दिया कि साब आप यह क्लियर कीजिए आप यह कन्फूजन को खतम कीजिए कि यह जो तीन लाग छियासट हजार लोगों को आपने डिलीट और किया है वहां पे पहले ड
03:06तो लोगो गया है इतने लाक लोग जो हैं वहार छोडके चले गया है वग़रा वगरा तो उसके बाद आपने ब्यूरिफाई कर लिया रफ्ट लिस्ट Lake
03:07किया यह पूछ रहे थे कि वह आपने तो पैसेट लाग का जब डिलीट किया ड्राफ्ट लिस्ट में तो आपने ग्राउंड बताया कि इसमें से उस लोग मर गया हैं बाइस लोग बाइस लोग मर गया हैं इतने लाग लोग जो हैं वह बिहार छोड के चले गया हैं इतने ला�
03:37लोगों को आपने हटाया तो ये किस ग्राउंड पे आपने फटाया और उसको आपने रिलीज क्यों नहीं किया?
03:42और आप रिविलीज करने से क्यों कतरे हा रहे चुनाव आयो की ये दलील थी कि वही हमusta ड्राफट
03:49लिस्त निकाल दिया है, फाइनल लिस्त निकाल दिया है, अब दोनों को आप compare कर लीजिए, तो दोनों में आपको खुद ही बता चल जागा कि कौन चुटा, क्यों चुटा, तो ये दलील जो है, न पेटिशनर्स को मानने था, और न सुप्रीम कोर्ट उसको मानी, और सुप्र
04:19है, लेकिन आज शाम तक या कंसर्वेरे तक शायद वो लोग upload करें, तो पहली बात तो ये, दूसरी बात जो
04:27प्रेटिशनर्स में सुप्रीम कोर्ट से कहा, वो कहा कि भई आपने जो एकीस, साड़े एकीस लाक लोगों को add करने की बात आप करना है, ये आपने
04:37ड्राफ्ट लिस्ट में जो है, साड़े एकीस लाक लोगों को आपने जोड़ा है, तो ये कौन लोग है, क्या ये वही लोग हैं, जिनको आपने पहले हटा दिया था ड्राफ्ट लिस्ट में, जो 65 लाक में से शामिल है, और उन्हों ने जो है
04:52अब्जेक्शन दिया, फॉर्म फाइल किया और कहा कि नीज आप ये गलत गलती भी है, और मेरे नाम आप फिर से आप डालिए, वो फॉर्म सिक्स हो सकता है, कि उन्होंने फॉर्म सिक्स का इस्तमाल किया हो, तो क्या उस तरह के लोग हैं, जो साड़े एकीस लाक में शामिल
05:22अब जो आपने जो जोड़ा कहां से आपने जोड़ा और ये सवाल सुप्रीम कोड ने चुनावायो को कहा कि वह इसको आप साफ कीजिए बिना इसके जो है, वो फॉर्म नहीं हो रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा जो एहम बात है कि जो तीन महीने से सुप्रीम कोड में सुन�
05:52तो वो सुनवाई इसलिए चल रही है कि Petitioners जो है, जो Association for Democratic Reforms, ADR, जो Main Petitioner है, और दूसरे जो Petitioners हैं, जिसमें योगिंदर यादर भी शामिल है, उन लोगों का ये कहना था कि ये exercise जो है, वो गलत, वो SIR जो है, वो प्रक्रिया के खिलाफ है, Election Commission के Rules के खिलाफ है, और संग
06:22श्र APIsा नहीं देता है, और उसका मतलब क्या है, उसका मतलब ये है कि वही आप voter पर जो है, जिम्मेदारी डाल रहे हैं, कि आप साबित कीजिए कि आप भारत के नागरी के
06:34आप दस्तावेज आप प्रोड्यूस कीजिए यह दिखाने के लिए कि आप नागरिक हैं और यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी नहीं है तो उससे हुआ क्या कि वही जो 97 परसेंट आडल्ट पॉपुलेशन बिहार में वोटर्स लिस्ट में थी जून महिने तक वो घटके �
07:04साथ परसेंट यह कहिए कि नौ परसेंट जो है लगब वोटर्स जो है जो एठारा साल से ज्यादा है और जिनको हक है वो वोट देने का वो यह वोट देने की अधिकार से वो बंचीत तो यह सवाल फिर से कल आने वाला है सुप्रिम कोर्ट में यह सवाल उठेगा कि क्या स�
07:34या इस साल जन्वरी में जो संक्षोधित लिस्ट आपने जारी किया था उसी के बेसिस पे आप यह चुनाव करवाईए असेंबली की चुनाव अब यह देखना दिल्चस्प रहेगा कि क्या सुप्रिम कोर्ट इस रुख यह रुख अपनाती है या वो यह कहती है कि नहीं स
08:04है कि वह साइर चुकि बिहार में शुरू हो गया था तो उसको हम लोगों ने मॉनिटर किया लेकिन बाकी स्टेट्स में क्या करेंगे यह आप चुनावाईब जो है स्वतंत्र है करने के लिए यह आपका अधिकाल चेत्र है आप कीजिए तो जाहिर है कि साइर पर जो है सु
08:34और जो सवाल है वह यह कि जो तीन लाग शाशट हजार नाम एक तरीके से काटे गए हैं उनको परस्नली या इंडिविजुल तोर पर इंफॉर्म किया गया है कि नहीं सुप्रीम कोर्ट में यह सवाल आया है तमाम मेडिया रिपोर्ट में भी यह सवाल है कि कोर्ट ने यह �
09:04तो फिर सवाल तो यह बनता है कि कौन लोग है जिन जो चाहते हैं कि उनका आप मोटर लिस्ट में नहीं हो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है उन्हें कोई सिखायत नहीं करनी है
09:16कादर सर आप जमीन पर क्या देख सुन रहे हैं
09:20कि आप अन्म्यूट है अब बोलिए
09:34अदर नहीं है कि एक सनुने से अइसा लगता है कि अनोका विश्वास जुमलबाजी की है
09:56इसलिए कि
09:58जिस तरह से जो बेसिक इशूस थे उसको वो टाल गए और वही नहीं अब तो ऐसा ब्रहता है कि वो बिल्कुल राजनीती की भाशा बोलने लगे अब मैं योगंदर जी का एक भाशन सुन रहे थे और वहनों उसमें कहा कि अब गवर्मेंट बीजेपी और एलेक्शन कमिशन म
10:28को जिस तरह से पाधान मंतरी जहां läuft हैं तो मघी भोलते हैं दूसे अलसड़्वा इता is मघी जानेश कॉमार nggak ठइये विद्कुल उसे अंदाज में
10:44है अपनी अपनły उस ब्रेस कॉंटर्स मघी से इस्टुपी और दो स्थेंतिन्स महितल कॉले तो मघी के हम ही बो extraction को math
10:54बोली मगी भी नहीं बोली मगी वालों मुछ से क्या उप शिकायत ही उसी बात अब यह सबसे बड़ी बात जो है कि एलेक्शन कमिशन ने
11:01अपनी credibility बिलकुर खतन कर दी है और सुपियमपोर्ट का भी जो रिसन पास्ट में जो एप्रोच रहा है कई केसे में यह सबसे परिशानी की बात यह है कि सुपियमपोर्ट से हम उमीद तो करते हैं लेकिन ज्यादा तरह ऐसा होता है कि सुपियमपोर्ट उस उमीद पर खराब
11:31से पहले और सुप्रिम कोर्ट ने एक लंबा समय दे दिया थे इस इंपॉर्टेंट केस में सुप्रिम को पता था कि बाइस नॉंबर से पहले सरकार बन जानी है उन्हें उन्हें च्छे-साथ हफते कैम्पेंग के बीचाहिए नॉमिनेशन के चाहिए और जो इसके बाद भी �
12:01सब्सक्राइब यह असा रखा कि सुप्रिम कोर्ट के हीरिंग से पहले पर और अभी तब का यह कंवेंशन रहा है कि एक बार एलेक्शन प्रॉसस जब स्फुरू हो जाता है तो फिर पोर्ट्स आम तोर से उसमें इंटरफेर नहीं कर सकते हैं करते हैं और इसका को सुप्रि
12:31अपनी सब्सक्राइब बचा नहीं है और इसके लिए से के बचाने के लिए अकसर और आब्जर्वेशन्स जो सुनने मैं अच्छे लगते हूं और जिनकी कोई बहुत ही लिगल वैलिडिटी नहीं हो वो सुनने बाती कर भी यो पार्थ आ रही है कि उन्होंने ये जो कहा कि
13:01और उसके इलावा सुप्रीम पोर्ट का निभूती इंपोर्टेंट केसेज में जो एप्रोच रहा है और उसको और भी बहुत हद तक फोल दिया है चंदलू शाहर पे इस तरह जो लगतार इंटर्वू दिये हैं और जिस तरह की बाते की हैं या फिर सुप्रीम पोर्ट का अ�
13:31कर्णर सोफिया के मामले में हो वाफ बिल पर हो और ऐसे बहुत सारे केसे इंपोर्टेंट केसे लिए महारास्ट में जो कुछ हुआ जो पॉलिटिकल हो स्टेटिंग हुई उसमें भी इफेक्टिव इंटर्वेंशन नहीं है तो इसलिए सुप्रीम कोर्ट से मुझे तो बह
14:0124 की लिस्ट के अधार पर हूँ या इस जनवरी में जो समरी लिस्ट आई थी उसके अधार पर लेकिन ऐसा होगा इस पर मुझे शक है जहां तक नहीं बात प्यूरिफिकेशन की तो प्यूरिफिकेशन और वोटर कॉलिंग स्टेशन बिलकुल एक वोटर लिस्ट बिलकुल �
14:31मिल जाएंगे मैं व्यक्ति का ग्रूप से जानता हूं कि जिस व्यक्ति का 30 साल पहले
14:38कि डेथ हो चुका है और उस मामले को ड्राफ के लिस्ट पप्रिश होने के बाद उठाए गया था लेकिन आज भी 30 साल पहले हुआ का वो आदमी जिसका डेथ हो चुका है उसे हमने अपनी आखों से वोटर लिस्ट की दिखा रहे हैं मैं ऐसे लोगों को जानता हूं जिनको
15:08अपना नाम उनका एज उनका एड्रस सबकुछ भूई है एक तीसा जिसे जो हमारे नजर से गुज़ा वह यह एक लेडी है जो पहले गया में रहती थी अब मुमेल में रहती हैं मैं यह भी जानता हूं उन्होंने गया में अपना इनिवरेशन पॉम नहीं भरा
15:33और जब उन्होंने अपने एपिक नंबर से अपना स्टेटस चेक किया तो उनका नाम गया टाउन में भी है और नुवे की भी किसी केस्टिंट से में तो यह तो सिर्फ चंद जिसको जिसके बारे में मैं दावे के साथ कर सकता हूं जो मेरी नजों से गुंज रहा है
15:53आशन के मामले होंगे तो फिर एलेक्षन कमिशन का रहा था या ऐसा उसने क्या कर दिया रिस्ट के पब्रिकेशन के बाद इसकी परशंसा की तो यहीं नहीं लगद हो सारी गड़बड़ी यह जो जो द्राफ दिस में थी वो इस निस में है और उसके अलावा और परदर गड�
16:23और फिर 18,00,00 लोगों का शायद जुड़ा गया है, तो नहीं पता है कि किस आधार पर काटा कि उत्म जी जिशे कह रहे थे, नहीं पता है कि किस आधार पर जुड़ा है, और जहां तक यह बात कहने की है, कि उन लोगों को मौका मिलेगा, वो आप उसको चैलेज कर सकते हैं, �
16:53सकते हैं, अब यह सुचिए कि दस तारिख को पहले फेज का नामंकर होने वाला है, और वो छे तारिख को यह कह रहे हैं, कि दस दिन उनको समय मिल रहा है, और वो समय जो दस को समाथ हो रहा है, उसके बाद फिर डिव रसक्ट तुड़ा ओनरेबल कूर्ट, जिस तरह को अ�
17:23कि अपेच्छाएं पी जाए हैं, तो वही रोटी और केक को याद दिला रहता है, आप कहने ना वह आसान है, कि अगर आप कुछ कहना चारहे थे क्या, हाँ, मैं अगले सवाल की तरफ आपको चाह रहा था, यही, मैं इसलिए छोटी सी बात औरेट करना हूँ, यह कहना कि ज
17:53आसी किलोमेटर दूर रहता है, जिसकी हर दिन की मजदूरी चार सो रुपए है, जिसे डिस्टिक हैंपोर्टर पहुंचने में कम पांसी रुपए खर्च होगे, चारिस परसेट ऐसे लोग हैं, जो निरक्षर हैं, जो एप्लिकेशन भी खुद से नहीं दे सकते हैं, उनसे
18:23उत्रम सर मैं आपके पास आऊंगा, जस्टिस जो आएमाला बहुक्षी ने कहा था कि, जो आइडेंटिटी हैं लोगों की, क्या वे जो लोग जोड़े गए हैं, जो तीन लाग से ज्यादा नाम है, तीन लाग छाशाशाशाट हजार, वो क्या 55 लाग वाली लिस्ट जो ड्
18:53पहले जब ड्राफ क्लिस्ट आई थी जो साथ करोण 24 लाक नाम थे अब ये साथ करोण 24 लाक होगे तोड़ा साफ कर दूं मैं थोड़ा साफ कर दूं कि ये टोटल डिलीशन्स जो है ये लगबग 68 से 69 लाक डिलीशन हुआ हटाया गया है 65 लाक और तीन लाक 66,000 तो ये आपको
19:23साथ करोड़ 24 लाक जो था ड्राफ लिस्ट में उससे बढ़कर जो है साथ लाक साथ करोड़ 42 लाक हो गया है ठीक है तो ये ज्वाइमालियों बाक्षी का ये करना था कि ये कंफ्यूजिंग है ये आपका बहुत कंफ्यूजन है और ये लिस्ट आप जारी किजी और सुप्
19:53नाम भी उनको जारी करना पड़ा था वो तो अपने से ये नहीं थे लेकिन जब वो फेंसट लाग को जारी कर दिये थे तो तो अब तीन लाग 66 आपदा पा रहे है ये कि उसमें कुछ समझ मिना आता है दूसरी बात है कि ये पिटिशनर्स के तरफ से ये बार बार कहा जा �
20:23उसको आपको सुनवाई करवान करना पड़ेगा, उससे आप सुनवाई किजिएगा, बीएलो जो है, वो वेरिफाई करने के लिए जाएगा, और उसके बाद, उसकी बात सुनने के बाद, एक speaking order दिया जाएगा, कि इन कारणों से आपको हटाया जा रहा है, और ये जो है, आ�
20:53मेरा सवाल ये था, मेरा सवाल ये था, कि जो आप कह रहे हैं, 59 लाग के करीब लोगों पर नाम था, उसके बाद 21 लाग के करीब नाम जोड़े गए, तो मेरा बस ये कहना है कि राकेश दिवेधी कोर्ट में ये कह रहे हैं, कि who is deleted and who is not, तो आप सिर्फ draft order list और final electoral role का जो है,
21:23लेकिन सुप्रीम कोट ये जो जानकारी देने को कह रहा है, क्या ऐसा scope बनता है कि चुनाव आयोग की जो एक तरीके से आप कह सकते हैं कि मनमर जी है, या फिर वो जिस तरीके के कह सकते हैं कि वो थोड़ी सी अपनी तरफ से सरारत कर रहा है, वो एक्स्पोज हो सकता है?
21:43देखिए, पिछले एक साल में या पिछले कई सालों में चुनाव आयोग की मदाता सुची के बारे में संसनी केज डीटेल्स जो हैं, वो सामने आई ही, कल इंडियन एक्सप्रिस अकबार में योगेंदर यादर जी का एक लेक चपा है, यह फाइनल लिस्ट के बारे में, उ
22:13घर, चौबीस लाख घर ऐसे हैं, उस लिस्ट में, जिसमें दस से ज्यादा मदाता हैं, ठीक है, और जो चुनाव आयोग की जो नियम है, उसमें वो लोग यह कहते हैं, कि अगर दस से ज्यादा कोई मदाता किसी घर में होगा, तो यह शक पैदा करता है, और इसकी जाश होन
22:43अब तीन करोड़ दो लाख लोग ऐसे हैं, जो संदिक्त पतों पर हैं, और एक ही कमरे में, एक ही मकान में जो है, वो दस से ज्यादा लोग हैं, तो इससे आप समझ सकते हैं, कि वो कितना शुद्ध होगा, और आज जो रिपोर्टर्स कलेक्टिव में रिपोर्ट अपना न
23:13तो नन एग्जिस्टेंट अड्रेस पे हैं, एक करोड़ बतीस लाख, यह रिपोर्टर्स कलेक्टिव का दावा है, और योगेंदर जादव जी कह रहे हैं, कि आपका अपना लिस्ट जो है फाइनल लिस्ट, वहां पे तीन करोड़ दो लाख लोग जो हैं, चौबीस लाख
23:43लिखते रहे हैं और बोलते रहे हैं, वह अभी हाल में एक इंट्रिव्यू में वह बता रहे थे, कि दो हजार उन्नीस में कन्या कुमारी कंस्टिट्वेंसी में यह बाक्या आया था, कि तीस हजार लोगों को कोस्टल एरिया से वोटर्स लिस्ट से नाम ड्रॉप कर दिया �
24:13विया गया, राजनीतिक दलों को और कैंडिडेट्स को जो लिस्ट दिया गया, उसमें वो नाम शमिल थे, लेकिन जो प्रिसाइडिंग ऑफिसेर और पूलिंग पार्टी के पास यह था
24:22भूमच में जो लिस्त ता उसमें हो नाम नदरत है
24:26और इसको लेके जब हन्दामा हुआ तो कहा गया कि भाई आप रेप्रेजेंटेशन दीजी और रेप्रेजेशन रेप्रेजेशन देने के बाद हम लोग करवा ही करेंगे हम लोग इंपार ही करेंगे लेकिन हुआ यह कि काउंटिंग में जो ऑपोजिशन की कैंडिडेट थे �
24:56कि वो मद्दाता सुची जो है, वो कितने तरह का है और वो कौन सा वो इस्तिमाल कर रहे हैं, कौन सा पुलिंग बूथ में है, और कौन सा राजनितिक दलों के पास है, यह भी एक शक जो है, वो है, तो इसलिए यह तमाम चीजें हैं, जिस पर सुप्रीम पोर्ट को गौर कर
25:26को विशय भी नहीं रहे गया और यह जो है बहुत कंभीर विशय बन चुका आप है और यह गंभीर विशय को जिस
25:34हलके अंदाज में चुनाओ आयोग जो है वो कुछ समझ में नहीं आता
25:41क्योंकि चुनाओ � strengthening ने सफ़ साफ कहा कि हमने सुनवाई की हमने नोटिस
25:46हमने speaking order दिया और सारे लोगों को order थमा दिया गया यह क्लेम उन्हों
25:52सुप्रीम पोर्ट में किया अब वो क्या इसको साबित कर पाएंगे क्या वो साबित कर पाएंगे कि वह जिनका नाम डिलिट किया उनको हमने सुनवाई किया और
26:02और ऐसा हुआ कादिव साब शायद बहतर बता पाएंगे मुझे नहीं लगता है कि यह वह साबित कर सकते हैं यहीं पर थमेगा नहीं इसको और भी आगे बढ़ेगी है
26:13कादिव सार मैं यही जानना चाह रहा हूं कि जब चुनाओ का एलान हो गया है तो राजनीतिक पार्टियों के लिए अब कितना समय बचा है और वो कितना सीरियस हैं इस मामले को ले करके
26:28कि वो वोटर लिश्ट के मुद्वे पर अपने संसाधन खपाएं या लड़ें क्योंकि उन्हें चुनाओ भी लड़ना है या आपको लगता है जी राजनीतिक पार्टियों इस मामले में गंभीर हैं अभी भी
26:41लेकि जो जमीनी हाल आप है मुझे ऐसा लगता है और शायद लोग इससे अगी करें कि अब चुनाओवी आपा धापी में इस वक्तिकल पार्टियों ज्यादा ध्यान देंगें के सेलेक्शन पर एलाइंस के फॉर्मेशन पर कैम्पेइनिंग पर और इसलिए अब शायद उ
27:11स्टेज में आगे बढा सकते हैं एक बात रुत्तम जी ने कहा कि एलेक्शन कमिशन ने बहुत सी आरे बातों को बहुत ही हलके मेरी आई हम थोड़ा सा इसमें एडिया करना चाहें कि सिर्फ एलेक्शन कमिशन ही नहीं नहीं विद्धियों रस्पक्ट टु पॉर्ट सुप्
27:41इंडिविजन केसे पर कितने लोग का नाम कट गया तो लोग सामने क्यों नहीं आए हैं तो पहां हैं अब यह आप साधारन मत आता बिहार का जब जिस स्टेट में पंचानवे चानवे लाट लोग उनकी इंकम 6,000 पैसे कम है सुप्रियम कोर्ट उनसे यह एक्सपक्ट करें
28:11है और इस केस में भी अभी तक बाई अलाज तारीखी मिली है तो यह हमारे पूरे सिस्टम के लिए बहुती गंभीर विशा है बहुती चुनौती का विशा है और इसके बहुती फार रीचिंग कंसिक्वेंसे हैं और इस स्टेज में सबसे बड़ी सुप्रिम कोर्ट की बन �
28:41वाकिया का दिक्र किया है वो पिप्रा छेत्र में विदान सबाद चेत्र में उन्होंने बीएलो से बात कर लिए और बूत लेवल आफिसर ने उन से कहा कि नो कमेंट्स इस पर महम कुछ नहीं कह सकते हैं तो यह नो कमेंट्स जो है जो राजनितिक पर दल के नियताब कहते �
29:11है तो इलेक्रवल ऑफिसर दे कहा कि हाँ साथ हम लोगों ने आपकी रिपॉर्ट देखी थी वह लोगों ने आपके रिपॉर्ट को जांचा परखा और हमें कोई बोवेस वोटर नहीं मिला बात कतम होगे हैं आपने कहा कि है यह जमीन पर हमने जाच कर लिया वहार संज्या
29:41वो बार बार कर रहे है कि मेरे माता-पिता के नाम के साथ-सातथ वो मर चुके हैं और इस तरह के
29:56कि दस लोग और हैं जो मर चुके हैं और फिर भी उनका नाम जो है वो इसको हटाई और उसके बावजूद के बावजूद जो है वो नाम नहीं अट रहे तो एक अजीब सा वाक्या है और यह तमाचा है इलेक्शन कमिशन पर कि वह आप क्लेम करते हैं कि वह इसी के लिए आप
30:26हैं आप बताइए तो सही और वह बुस्पैठिया जो है फिर से वह राजनितिक दल जो है वह हम जो जानते हैं कि कौन सा राजनितिक दल उसको मुद्दा तो बनाएगा चुनाव ब्रचार में बुस्पैठिये के बारे में जिक्र करना बंद हो जाएगा ऐसा तो लगता नह
30:56सब्सक्राइब करें तो फिर हम लोग इसको जो है नहीं तो इसके बात और है
31:08कि सब्सक्राइब बात यह है कि इतनी सारी कमिया पहले भी निकाली गई इसायार में बहुत सारी और इन सब के जो सुप्रीम पोर्ट के भी कॉक्रिजन्स में आई
31:20अब और कुछ लों आज एक भी बेलो के खिलाफ मेरे खाल में जो हमारे जानकारी है वो अब तक सिर्फ एक बेलो के खराफ एक्षन हुआ है वो भी वह इंट्री करने के लिए 30 रूपर ले रहा था जिसके खराफ एक्षन हुआ
31:34लेकिन जिन्दा को मुद्धा किया में घुकम्ति कि सिर्फ ये 80 कि स 200 को क्षिकायट थी कि आपे और पास जब एंगे में लेकर के उस्के टो कौहा
31:42कोई कारवाई मेरे खाल में उनसे कोई explanation तक नहीं पुछा डिया मैंने खुद चुनाओ आयो को शिकायट थी कि आपके कहा था कि आपके पास जब इन्युब्रेटर जाएगा प्यालो जाएगा इनुब्रेटर फर्म ले करके उसकी दो कॉपी होतेगा मैंने उन्हें लिखित �
32:12और कोई receiving नहीं लेकिन इसके बावजूर वहां से एक हमारा जवाब दिया वो उन्होंने कहा कि आपके complaint को district election officer के पास बेच दिया लेकिन उसके बार पहे उस पर क्या action हुआ मैंने reminder कोई कोई तो ऐसी सिती में अब एक बात और बहुत इंटरस्टिंग हुए है कि इन्होंने
32:42इसके लिए जिसके लिए कुछ लोगों को तो इसमें सोनाते रहे हैं अगर लोग मुझ खोल देंगे
32:56अब अपस बात भी करते हैं तो चुनाओयों की ब्धृट्चा छीव मैं लेकिन इस देश में इसे भी लोग हैं जो कपड़े से भृषपठियों करेंगे एक इस लिए उसकी चिन्ता नहीं करनें
33:20जी बिल्कुल मुझे आप लोग बेलोग की बात कर रहे थे तो मुझे वही बात जैर आरही थी बार बार जो हुआ कि पहली बार
33:31training दे गई दिल्लीं में training दे गई आने वाले समय में training देंगे, यही training दिया
33:36रहा है कि कोई सवाल करें तो नो कमेंट कह देना है और मुझे याद है कि जब घुश-पैठिया वाले पर सवाल किया गया था तो ग्यानेश कुमार ने
33:44कहा था कि यह पॉलेटिकल रेटरीक है और इस पर हम कुछ कर नहीं सकते यानि कि वो कह रहे हैं कि आप बोलते
33:50एक समुदाई को टार only जाता है जो बंगाली लोग है उनको डिली में
34:00टार्चेट किया ग्या है एलेक्स्वाल कंशन को सुनिश्चित करना चाहिए कि बिहार में जो
34:06भी जो भी और लिति उसे कोई टार्गेट ना कर सकें गुस्पई आ के
34:14लेकिन उनका यह कहना है कि यह तो राजनेतिक बयान है और हम इसमें कुछ कर नहीं सकते तो मैं आप लोगों से बस एक एक मिनट क्या मैं चाहूंगा कि आप लोग उससे भी कम में कि सुप्रीम कोड की अगली सुनवाई में हम क्या एक्सपेक्ट करें क्या हो सकता है क्योंकि �
34:44उम्मीद यह होगी कि वहीं सुप्रीम कोड जो है ऑडर दे कि वहीं जैनुरी वाले लिस्ट पर जो है उचनाव करवाया जा कादिर सराब और मैं सिर्फ जी मैं सिर्फ उत्तम जी की बात पर एक्ट हूँगा कि वह बहुत ही अप्टिमिस्ट लगते हैं और हमारा जो एक्स
35:14कि यह तो देखना होगा कि सुप्रीम कोड क्या करता है क्योंकि इस देश में क्रांती तो चुनाओं के माध्यम से ही होती है जनता अपना फैसला सुनाती है और सत्ता हमेसा बदलती रही 2014 से पहले तो बहुत ही आसान तरीके से बदलती थी और अब तो इतने आरोप लगने �
35:44करते हैं कि जनता की सबसे बड़ी आदालत जो इस देश की है उससे न्याय मिलेगा और सिर्फ न्याय मिलेगा नहीं बलकि न्याय होते हुए दिखेगा कि उत्तम सर और अब्दुलकादिर सर आप दोनों का बहुत सुक्रिया अपने दर्सकों से हमारी रिक्वेस्ट है कि इ
36:14झाल
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