Railway Station ka Rahasya – The Haunted Platform Mystery | छिपा हुआ भूत का राज़
Some platforms never close… Because the souls waiting there never left.
कहते हैं, कुछ स्टेशन बंद नहीं होते… क्योंकि जो वहाँ इंतज़ार कर रहे थे, वे कभी गए ही नहीं।
Years after a deadly train accident, a lonely station still echoes with whispers, footsteps, and ghostly whistles. Arjun, a young man seeking truth, discovers that not every journey ends — some repeat forever.
सालों पुराने हादसे के बाद भी उस स्टेशन पर कदमों की आवाज़, ट्रेन की सीटी और फुसफुसाहट अब भी गूँजती है। अर्जुन ने जाना… कुछ यात्राएँ खत्म नहीं होतीं — वे बार-बार दोहराई जाती हैं।
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00:00राद के बार बजे जब पूरे शहर में शान्ती छाई होती है
00:10वहीं एक सुनसान रेलवे स्टेशन है
00:13तूटी पट्रिया, जरजर प्लेट फार्म और हवा की ठंडी फुस फुसाहट
00:18सब कुछ ऐसा लगता है जैसे समय वही थम गया हो
00:22काव वाले कहते हैं, इस स्टेशन पर राद को कभी ट्रेन आती है
00:27लेकिन ट्रेन का कोई शरीर नहीं, सिर्फ आवाजें और रहस्य होते हैं
00:33कई साल पहले यही एक भयानक हादसा हुआ
00:36ट्रेन पट्री से उतर गई और कई लोग वही रह गए
00:40उनकी आत्माए अब भी प्लेटफार्म पर भटकती हैं
00:44और जो भी वहां रात में जाता है
00:46वो हमेशा अपने अनुभव को चुपी में ही रखता है
00:49स्थानिय लोग इस स्टेशन से दूर रहते हैं
00:53कहते हैं, रात को प्लेटफार्म पर कभी किसी की फुसफुसाहट सुनाई देती है
00:58कभी ट्रेन की सीटी सुनाई देती है
01:00पर ट्रेन दिखाई नहीं देती
01:02एक बुजूर्ग ने कहा, जब मैं जवान था
01:06मैंने देखा कि रात के समय प्लेटफार्म पर एक धुम्धली रोश्नी चमकती है
01:10वहाँ खड़ा कोई दिखा नहीं पर पैरों की आवाजे थी
01:15मैं भाग गया और तब से कभी पास नहीं गया
01:19कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने देखा कि प्लेटफार्म पर आत्माएं
01:36और अतीत की यादों का घर है एक सहासी युवक अर्जुन जो हमेशा भूत प्रेद की कहानियों में विश्वास करता था
01:43उस स्टेशन की सच्चाई जानने निकला रात का समय था ठंडी हवा चल रही थी और चारों और अंधेरा पसरा था
01:53तभी दूर से एक ट्रेन की सीटी गुंजी अर्जुन ने देखा कोई ट्रेन नहीं थी प्लेटफार्म पर हलकी रोश्नी जिल मिला रही थी जैसे किसी ने टॉर्च चलाई हो
02:05पर वहां कोई नहीं था अर्जुन ने जैसे ही कदम बढ़ाए पीछे से कदमों की आवाजे आने लगी उसका दिल धड़क रहा था वो मुड़ा पर खाली प्लेटफार्म तभी उसने महसूस किया कि कोई उसे लगातार देख रहा है
02:22डर और जिग्यासा के बीच अर्जुन आगे बढ़ता गया अर्जुन ने प्लेटफार्म पर पुराने दस्तावेजों के बीच एक डाइरी खोजी वो महिनों पुरानी थी धूल और मिट्टी से धकी होई जैसे ही उसने उसे खोला लिखा हुआ देखा
02:40पंद्रह साल पहले इसी स्टेशन पर एक ट्रेन हादसा हुआ
02:44यात्रियों में से कई फज गए और उनकी आत्माएं अब तक भटक रही हैं
02:50अर्जुन ने पढ़ा कि हादसे के समय स्टेशन पर कोई मदद नहीं आया था
02:54हादसे में मारे गए लोग बस वही फज गए और उनके दुख की आवाज अब भी प्लेटफार्म पर गुंचती हैं
03:02डायरी में आगे लिखा था जो भी यहां आता है उसे अपनी आखों से देखना पड़ता है
03:08कुछ लोग भाग जाते हैं कुछ वही रह जाते हैं
03:12इस पल अरजुन को एहसास हुआ कि स्टेशन केवल लोहे और प्लेटफार्म का नहीं
03:17बलकि उन आत्माओं का घर है जो अपनी कहानी दुनिया को सुनाना चाहती है
03:22जैसे जैसे अरजुन स्टेशन के अंदर बढ़ा अजीब घटनाए होने लगी
03:27प्लेटफार्म पर अचानक ट्रेन की आवाज गुंजी पर ट्रेन नहीं थी
03:32दर्वाजे अपने आप खुले और बंध हुए
03:36हलकी रोशनी चमकी और बुझ गई
03:38अरजुन ने महसूस किया कि कोई उसके चारों और मंदर आ रहा है
03:43फुस फुसाहते सुनाई दी
03:45कभी हसी की आवाज आई
03:47लेकिन वो अकेला था
03:49तभी उसने देखा कि प्लेटफार्म पर धुंदली आकरती घूम रही थी
03:54ये आकरती ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों में से एक लग रही थी
03:59चहरा अजीब
04:01आखे खाली और धुंदली
04:03उसका दिल दहल गया
04:15मैं यहां आपकी कहानी सुनने आया हूँ
04:17मैं डर नहीं रहा
04:19अरजुन ने हिम्मत करके उस धुंदली आकरती के पास कदम बढ़ाए
04:24वो महसूस कर रहा था कि जो हो रहा है वो सिर्फ भूत प्रेत नहीं
04:30बलकि वे आत्माए हैं जो अपने अंतिम पलों को दोहरा रही है
04:34आकरती ने धीरे से कहा हमें शांती चाहिए
04:38हम सिर्फ याद रखना चाहते हैं
04:41अरजुन का दिल तेजी से धड़क रहा था
04:44उसने कहा मैं आपकी कहानी सब को सुनाऊंगा
04:48इस पल उसने समझा कि ये आत्माए सिर्फ डराने नहीं आई है
04:53बलकि याद दिलाने आई है
04:55आत्माए धीरे धीरे आसपास मंडराई
04:58फिर अचानक ट्रेन की ध्वनी गुंजी
05:01प्लेट फार्म पर जैसे पूरा अतीत जीवित हो गया
05:04अर्जुन ने देखा कि ये आत्माए अपने अंतिम पलों को दोहरा रही थी
05:09और हर क्षन बेहत भयानक लेकिन सच्चा था
05:14अर्जुन ने प्लेट फार्म पर देखा कि धुंद, ट्रेन की आवाज, चिलाट, सब दुबारा घट रहा था
05:22उसने महसूस किया कि ये केवल भूत नहीं, बलकि अतीत का जीवन्त अनुभव है
05:28धुंद के बीच, उसे लगा कि कई लोग प्लेट फार्म पर फसे हुए है
05:33उनकी आखे खाली, चहरों पर पीडा, और ट्रेन की आवाज लगातार गूंज रही थी
05:40अरजुन ने अपने डर को काबू में रखा, और धीरे धीरे पीछे हटता रहा
05:45इस पल उसे एहसास हुआ, कि स्टेशन की आत्माएं सिर्फ डर नहीं दिखा रही थी
05:52वे बस अपनी कहानी साज़ा करना चाहती थी, ताकि दुनिया उन्हें याद रखे
05:58अरजुन ने गाव लोटकर डाइरी और अपनी कहानी सब को सुनाए
06:02लेकिन कोई भी रात में स्टेशन के पास नहीं गया
06:06जो लोग गये, उन्होंने वही देखा जो अरजुन ने देखा
06:10धुन्धली आकरतिया, ट्रेन की आवाज और फुस-फुसाती आत्माएं
06:15स्टेशन आज भी वही है, रात के समय वहाँ जाने वाला
06:20हर व्यक्ति उन आत्माओं से अंजाने में मिल जाता है
06:23अतीत का दर्द और रहस्य अभी भी प्लेटफार्म पर जीवित है
06:27कहानी यही सिखाती है कि कुछ जगहों पर जाना केवल साहस की बात नहीं है
06:33वहाँ अतीत की यादें, दर्द और रहस्य छुपे होते हैं
06:38और अगर आप उन जगहों पर जाते हैं
06:41तो हो सकता है कि आप कुछ ऐसा देखें
06:43जो हमेशा आपके मन में गुंचता रहेगा
06:46तो ध्यान रखिए, रेल्वे स्टेशन का रहस्य आज भी जीवित है
06:51जो भी वहाँ जाता है, उसे अतीत की अत्रिश्य आँखों से सामना करना पड़ता है
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