00:00अगी पवाद ने जब ये खबर सुनी तो पहले बार खामूशी तूरी मा के सामने कड़ा हो गया
00:08और कहा कि अगर मैंने जिन्दगी के पेसले खुद नहीं लिये तो ये दवलत और कारूबार मेरे किस काम का
00:16इसी दिन पवाद की मा ने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन अगले वो खुद माहा के गर रिष्टा लेकर आये
00:23माहा जो हमेशा समझती थी कि सचा प्यार सिर्प किताबों और रामों में होता है
00:28अब हकीकत में अपनी आँखों के सामने देख रही थी
00:31कि जब जब जब खालिस हो तो जमाना भी जुग जाता है
00:34यू इन दोने की महबच जो मुखालिपत समाजी फरक और खामोशी के पर्दों में चुपी हुई थी
00:40आखिर कार चीद गी और महबच ने एक बार पिर थाबद किया
00:44कि वो हर रुकावट को पार कर सकती है
00:47ड्रामसियल के हुआले से अपने राए की इजहार लाजमी केमेंट करें
00:52साथ में हमारा यूटूब का चीनल सब्सक्राइब करा मत बोलिए
00:55तेंस पर वाचिंग अलाहाफिस
00:57हेलो व्यूवर्स माहा एक बावाकार खुबसूरत और तालिमी अपता लड़की थी
01:02जो कराचि के एक गरीब तबकी से तालुक रुकती थी
01:06इसका खौब था कि वो खुद मुखतार बने अपने बल होते होते पर जिन्दगी गुजारे
01:13मगरिस के गर वाले उसे शाहदी के बंदन में बांद कर जल जल जल रुकसत करना चाहते थे
01:19दुसी तरफ पवाद एक पुरकशर सुलजा हुआ और तालीमी अपता नवजवान था
01:25जो अमीर बिजनिसमेन का बेटा था मगरिस के लिए अपनी सोच अपनी खनदान से मुक्तलिब थी
01:32इन दुनों के पहली मुलाकात एक शादी की तकरीब में हुई जहाँ एक मामूली घलत पहमी दुनों के दर्मयान तलखी का सबब बनी मगर किसमत ने नुहे दुबारा इसी आपस में मिला दिया जहां माहा ने हाल ही में जाप शुरू की थी इफ्तिदा में के दर्मयान च�
02:02माहा की मजबूत शख्शियत और खलूस के सामने जुकने लगा मगर जिसे इन के रिष्टे में कुर्बत आने लगी ववाद का वाला को इसके तालुक का पता चल गया और वो शदीद मुखालिपत पर उतर आये उनके लिए माहा की हिस्तिदा
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