00:00दोका दिया यासर ने लाग कोशिश की कि अपनी सपाई दे सके मगर कोई सुनने को तयार नहुआ
00:05हेना को जो पता चला तो वो फॉरन सामने आई और कहा अबू यासर एजा नहीं कर सकता
00:10मैं उसे जानती हूँ यसी ये सुनकर रफीक साब चौंग गए तुम उसे इतना जानती हूँ
00:16हेना ने हिम्मत करके कहा जी अबू मैं यासर से शादी करना चाहती हूँ
00:21ये सुनकर गर में तुफाना किया रफीक साम ने यासिर को बुरा बला कहा और दिक के दे कर निकाल दिया
00:27महले में बदनामी अलग पेल गी यासिर के वाले दिन भी दुग में डूप गए यासिर ने हिम्मत नहारी
00:34उसने सचाई साबित करने के लिए खुद तहकीक शुरू की दिन रात मेहनत करके इसने सबूत एकटे के के असल में पिक्ट्री के मनेजर और एकाउन्स के लर्क ने मिली बुगत से राकम चुराई थी
00:46और जिब ये सबूत अदालत में के तो सच सामने आ गया
00:49रफीक साब के कदमों तले जमीन निकल गए उन्होंने यासर से मौपी मांगी
00:54मगर यासर ने सिर्फ इतना का कहा मैंने कभी इज़त या पिसा नहीं चाहा सिर्फ सच चाहा है
00:59हेना ने अपने वालिद को कहा भू यही वो इनसान है जो दौलत के बगर भी सबसे अमीर है
01:05रफीक सब खामोशे कुछ वक्त लगा मगर आखिरकर उन्होंने हेना और यासर की शादी के अज़ादत दे दी
01:12ड्रामसल के हवाले से अपने राय की जालाजमी कमेंट करें
01:15साथ में हमारे एटूप का चेनल सबस्क्राइब करना मत भूलिए
01:18तेंक्स पर वाचिंग अलाहाफिज
01:20वीवर्स पेसल अबाद के एक महले में यासर नाम का नवजवान रहता था
01:25यासर महनती इमानदार और सीधी बात करने वाला लड़का था
01:28वो एक चोटे कपले की पेक्ट्री में का एकांप्टेंट की नवकरी करता था
01:33घर में वाली दीन और एक बेहन थी जिनके जिम्दार यासर के खंदों पर थी
01:38वीवर्स पेक्ट्री का मालिक रफीक अहमत साम ने
01:42दुलत मन और बाद से इनसान थे इनके बीटी हिना इन्वस्टिय में पढ़ती थी
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