00:00वाहिन के दिल की तनहाई महसूस होती है लिकिन वाहिन कभी भी अहमद को अपनी बेहन फाइजा के बारे में नहीं बताती नहीं इस रात की सच्छाई जिसने इनके खनदान तोड़के रखा है
00:11एक दिन अहमद के पास एक केस आता है जिसमे पुरानी जिसमेदार के बेटे पर लल्क्यो केस मगलिंग के इल्जाम होता है
00:18केस बहुत पुराना है मगर अहमद सच सामने लाने के इरादा कर लेता है
00:22तहकीक करते हुए वो नायला बेगम तक पहुंचता है जो इसे लाइके के बायसर जिम्यदारानी है
00:28और अहमद को वाजी इशारे देती है कि वो ये केस ना ले वरना नुकसान उटाएगा
00:33अहमद केस लेता है और तब शीश में वो ऐसे राज़ तक पहुंचता है जो इसे माहीन के माजी से जोड़ देते हैं
00:42इससे मालूम होता है कि पाइसनना का नाम भी इसी केस के रिकार में मुझूद है और ये वही पाइजा है जिसके जिकर माहीन ने कभी नहीं किया
00:51अब अहमद एक कटन पेसले में पस चुका है क्या वो सच्चाई सामने लाए या माहीन के जजबाद के लाज रखे अहमद माहीन से सवाल करता है और माहीन पहली बार खामोश शी तोड़ती है वो बताती है कि इसके बेहन पाइजा को इस रहत नायला बेगम के बेटे ने अ
01:21ना हुई सच बोलने की पाइजा का कोई सुराह आज तक ना मिला लेकिन माहीन जानती थी कि वो जिन्दान नहीं अहमद सब कुछ जानने के बाद भी केस लने का पिसला करता है अदालत में नायला बेगम की ताकत के आगे सचाई कमजूर नजर आती है मगर जब बाबा जान
01:51एक खामोश समझूता होता है वो महबत जो सचाई के रास्ते में डगमगाई थी अब और मदबूत हो चुकी है माहीन आखिर कार अपनी बेहन के रूख को इनसाब दिला कर अज़ाद हो जा दिये अहमद इसके हमसपर बनता है और जो एक नई जिन्दगे के शुरुआत करत
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