00:00Boothya Sight
00:01Vikram is now doing the engineering of the company in the business of the company.
00:07He has a job offer and has a call.
00:11Hello, am I talking to Vikram?
00:14Yes, sir.
00:16I'm talking to a construction company.
00:19Our profile is very nice.
00:21Will you like to work with us?
00:25Why not, sir?
00:26I was waiting for a while.
00:28Sure, sir.
00:30Vikram is during the business of the company.
00:31He leaves the company for the company.
00:32And he leaves the company for the company.
00:34Vikram is coming to the company.
00:37He leaves the company when he leaves the company.
00:38Excuse me, sir.
00:40Can I come in?
00:41Oh, yes, yes.
00:42Please have a seat.
00:43Vikram goes to the manager.
00:44Then the manager Vikram tells you.
00:46The thing is,
00:47our company has bought a company.
00:51And there is a factory set up.
00:53This is a job very challenging.
00:55And your profile is very challenging.
00:58Vikram says that you have a lot of challenges.
01:00You are right, sir.
01:04I want challenges.
01:06Vikram, side of the company.
01:07Vikram, side of the company.
01:07Vikram says that you will find out.
01:08Vikram says that you will find out.
01:09Vikram says that you will find out at night.
01:11Vikram says that you will find out.
01:21Vikram says that you will find out.
01:23पूरे कब्रस्तान में घूमता है शाम होते ही उसे कुछ अजीब अजीब सा मैसूस होने लगता है वहां उसके साथ प्रमोद और कुछ लेबर भी रहते हैं वो उनसे कहता है यहां बहुत नगेवटी लग रही है मुझे आरे ओ भाई यह कोई मामूली जगा थोड़ी है शम�
01:53नहीं है जिस पर उपर वाले का हाथ हो उसके साथ कुछ नहीं हो सकता है मालूम होता है कि मजबूत दिल वाले हो तुम है भाई मुझे तो इस जगह से ही डर लगता है पापी पेट के लिए यह सब करना पड़ता है और कुछ नहीं प्रमोद और विक्रम एक ही कमरे में सोते
02:23VIKRAM
02:53और म्याव, म्याव करने लगती है
02:58फिर VIKRAM को उसी पेड़ पर एक औरत दिखाई दीती है
03:01बिल्ली उस औरत की गोद में जाकर बैठ जाती है
03:03देखते ही देखते वो औरत गायब हो जाती है
03:06VIKRAM को कुछ समझ में नहीं आता
03:08दिन के चार बच जाते हैं और VIKRAM सू जाता है
03:11अगले दिन वो ये सारी बाते प्रमोट को बताता है
03:15अगले सुबह VIKRAM अपने काम में जोट जाता है
03:27फिर प्रमोट को पता चलता है कि निखिल जो की एक लेबर है उसकी मौत हो गई है
03:32वो VIKRAM को तुरंट ये खबर देता है
03:35अरे नहीं नहीं VIKRAM भीया पूराने लोग सही कहते हैं
03:39अरे ऐसी जगों से दूर ही रहना चाहिए
03:41निखिल की मौत हो गई ना
03:43किसी को भी नहीं पता चला वो कैसे मरा
03:45बाके मजदोरों का कहना है कि यहां रूहे गुमती रहती है
03:50लेबर लोग बोल रहे थे कि वो लोग यहां से चले जाएंगे
03:54जिसको जाना है वो जाए
03:56मैं इन सब में विश्वास नहीं करता हूँ
03:59मैं इस प्रोजेक्ट को पूरा करके ही यहां से जाऊँगा
04:01सबी लेबर प्रमोद और विक्रम के साथ
04:04निखिल की बोडी का दाह संसकार करते हैं
04:07अंतिम संसकार पूरा होती ही
04:09उसी शान सबी लेबर विक्रम के पास आकर कहते हैं
04:13अबै देखिए साहब
04:15ऐसी जोखी में हम यहाँ पर नहीं रह सकते हैं
04:18कल का सुरद निकलते ही
04:19हम सब अपने अपने गाउं चले जाएंगे हां
04:21रात को निखिल की मौद से विक्रम को बेचेनी हो जाती है
04:25उसे लगता है मानो कोई उसे आवाज दे रहा हो
04:28वो कमरे से बाहर निकलता है
04:30फिर उसे मैसूस होता है कि कोई उसका पीछा कर रहा है
04:33थोड़ी दिर चलते हुए उसे ये एसास हो जाता है
04:36कि कोई आत्मा उसके पीछे है
04:38फिर वो उसी जगब पहुँच जाता है
04:40जहां उसने निकल की लाश को आख लगाई थी
04:43थोड़ी ही देर में बहुत सारी आत्माएं उसे घेर का खड़ी हो जाती है
04:47विक्रम अपनी जान बचाने के लिए कमरे के और भागता है और पसीने से भर जाता है
04:52फिर बेहोश हो जाता है आगली सुबा प्रमोद उसे जालत में देख कर पूछता है
04:57अरे ओ भाई अरे तुम फर्षपर क्या कर रहे हो वहाँ पर
05:01यार यार मुझे माफ कर दे तुम लोग सची कह रहे हो आत्माएं होती हैं
05:08हमें कुछ करना होगा किसी भी तरह हम दोनों को यहां से निकलना होगा
05:13परना सभी लेबर आज चले जाएंगे
05:15और हम दोनों यहाँ पर अकली रह जाएंगे
05:17इस सर पर यह लेबर नहीं जा रहे हैं
05:21उन्होंने अपना फैसला बदल दिया है
05:23जब मैं नहीं डर रहा
05:25तब आप कैसे डर सकते हैं
05:27अरे ऐसी बात नहीं है प्रमोद भाई
05:29तुम मेरी बात समझी नहीं रहे हो
05:31कल रात जो हुआ
05:33तुम सोच नहीं सकते हो
05:35मैंने किस तरह से खुद को बचाया है
05:37विक्रम सारी बाते प्रमोद को बता देता है
05:41प्रमोद की रोह काँ पूठती है
05:43अरे सर मैं तो कहता हूँ कि
05:45जिसको यहाँ पर रहना है रहने दो,
05:47हम चलते हैं यहाँ से,
05:48चलो अभी निकल चलते हैं.
05:50विक्रम और प्रमोद अपना सामान बांद कर निकलने लगते हैं,
05:53लेकिन लेबर उन्हें घेर लेते हैं और जाने नहीं देते.
05:58साहब, आप लोग नहीं जा सकते हैं.
06:01अरे भीया, हम तो जा रहे हैं,
06:04जिने मरना है, वो मरें यहाँ पर.
06:06हम तो कबके मर चुके हैं, साहब?
06:09अब क्या मरेंगे?
06:10मरने की बारी, अब तुम लोगों की है.
06:17इतना कहते ही, सारे लेबर भूत प्रेत में बतल जाते हैं.
06:21अरे, मेरे लेबर कहां गए?
06:24इन लोगों को हमने कल ही मार दिया था.
06:28ये जगह हमारी है, तुम इस जगह को हमसे चीन नहीं सकते हो.
06:33भूत प्रेत विक्रम और प्रमोत को घेर,
06:36कुत्ते की तरह उनकी बोट या नूशने के लिए उताव ले रहते हैं.
06:39सब मिलकर प्रमोत के उपर चड़ जाते हैं.
06:41प्रमोत चीखता, चिलाता है, लेकिन विक्रम कुछ नहीं कर पाता.
06:45अरे, मुझे छोड़ तो भाई!
06:46अरे, मेरे छोटी-छोटे बच्चे हैं!
06:47अरे, उनका क्या होगा?
06:49अरे, छोड़ तो भाई मुझे!
06:50भूत मिलकर उसे मार देते हैं, और विक्रम ये देखकर मन में सोचता है.
06:55मरना तो है ही!
06:57क्योंने डरने की बजाये, खुद को बचाने की कोशिश कर लूँ?
07:03विक्रम एक सांस में भागता हुआ, अपने कमरे में जाता है,
07:06और शिवलिंग को अपने हाथ में लेकर बाहर आता है,
07:09शिवलिंग को देखकर पीछे हट जाते हैं,
07:12जै महाकाल! अब तुम लोग मेरा कुछ नहीं बिगार सकते हो!
07:16भूत प्रेद के राजा मेरे साथ है!
07:19जै महाकाल!
07:20विक्रम स्मशान से बहा निकल कर भाग जाता है,
07:24और सीधा मैनेजर के पास जाकर उसे सब कुछ बता देता है!
07:27सारी बाते सुनकर कम्पनी वाले उस चका को छोड़ देते हैं,
07:31जो वापस एक्ष्मशान की तरह काम आने रगती है!