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Watch this emotional Hindi story about a rich sister-in-law and her poor bhabi.
A touching tale full of drama, family emotions, and life lessons. Perfect for story time and Hindi kahaniya lovers.

🎬 Topic: अमीर ननद की ग़रीब भाभी | The Rich Sister-in-Law and Poor Bhabi
💬 Category: Hindi Stories / Story Time / Family Drama
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Transcript
00:00अमेर ननद की गरीब भाभी
00:30आपको आपके पापा ने कितने अच्छे कपड़े गहने दिये हैं।
00:33मैं उनकी इकलोती बेटी जो हूँ।
00:38बेटी तुम मैं भी इकलोती हूँ।
00:40लेकिन क्या करे पापा है नहीं।
00:43पता नहीं कैसे होगी मेरी शादी।
00:46तभी वहाँ शिवानी के सास आ जाती है।
01:00जब रीना के शादी तय हो जाती है।
01:30अरे नहीं नहीं शिवानी, मैं ये गहने किसी हालत में भी नहीं ले सकता।
01:35ये तुम्हारे पिता ने तुम्हे दिया था।
01:37और तुम हो की।
01:38तभी वहाँ सास आ जाती है।
01:41अरे तो क्या हुआ, इसकी तो हो गई ना शादी।
01:45अज किसे दिखाने है इसने गहने।
01:47सास गहनों का डिब्बा शिवानी के हाथ से लेकर वहाँ से चली जाती है।
01:53रीना की शादी धूम धाम से होती है और अब वो बड़े घर की बहु बन जाती है।
01:58वहीं रीना की शादी के बाद शिवानी और अभिशेक उसकी शादी के करजों से डूब जाते हैं।
02:06मैं सोच रही हूँ, नौकरी करने शुरू कर दूँ, वैसे भी पड़े लिके हूँ, आपकी थोड़ी मदद भी हो जाएगी।
02:13वैसे शिवानी कुछ दिन कर लो तो अच्छा ही होगा, क्योंकि जरूरत भी है।
02:20अब शिवानी भी नौकरी करने लगती है, और घर खर्चे में अभिशेक का हाथ बटाती है।
02:25एक दिन, शिवानी, रीना का फोन आया था, कह रही थी कि आने वाले त्योहार में उसके ससुराल जाना है।
02:36ठीक है मा, आरे ठीक तो है, लेकिन एक काम कर लेना, उसके साथ ससुर से लेकर पूरे खांदान के कापड़े मिठाया सब ले आना।
02:47और हो सके तो रीना के लिए छोटे से कान में पहनने के बुंदे भी, और क्या है ना आशादी में उसे सारी बड़ी बड़ी कान की जुररी दी थी, घर में पहनने के लिए तो उसके पास कुछ भी नहीं है।
03:03शिवानी सोच में पढ़ जाती है कि वो क्या करे, क्यूंकि कर्जों और घर के खर्चों के बाद तो पैसे बचते ही नहीं थे। शिवानी फिर अपने पिता को फोन करती है और उनसे पैसे मांगती है।
03:14देखो शिवानी, मैंने तुम्हें शादी के वक्ती मना किया था कि ऐसे घर में शादी करनी ही नहीं चाहिए। अरे अभिशेक को शेर मानी चाहिए जो ससुराल से पैसे मंगवा रहा है।
03:39शिवानी सोचती है कि वो अभिशिक से बात करे लेकिन फिर उसे लगता है कि वो टेंशन ले लेगा। तब इस शिवानी की नजर हाद के कंगन पर पड़ती है, सीधे बाजार जाती है और उसे बेच कर ननत के घर ले जाने का सारा सामान लेकर आती है और सास के सामने रख �
04:09Rina ka phone aya tha
04:12Bahaat roh rahi thi
04:14Kiyo maa, kya hua
04:16Sab thik to hai na
04:17Uski sasuraal me
04:18Aray, tu nne to uski naak hi
04:21Kutwa di
04:22Ab, meh nne kya kar diya maa
04:25Keh rahi thi
04:26Ki bade ghar ki bahu hai bhabi
04:29Jo kapdhe diye
04:30Voh branded bhi nahi thi
04:32Tu to janti hai na
04:34Un logon ka pehnawa kitna
04:36Acha hai
04:37Tu to meeri beati ka bhala
04:40Kappi sotchi nahi
04:41Aya bhagwan
04:43Aray, bade ghar ki bahu hai
04:46Isi bade ki jalan hai na tujhe
04:48Lekin yad rakh
04:50Meeri beati ka sotchi nne ke liye
04:53Bhagwan hai
04:54Tum lho kappi uska
04:56Bura nahi karpa hoge
04:58Ab, shivani ke mann me
05:00Sawal tha
05:01Ki kya iswar
05:03Sirf Rina ke sath hai
05:05Uske sath nahi
05:06Lekin usse sukun tha
05:08Ki woh abhishik ke saath
05:10Uske zimbedariyon ko nibhane me
05:12Barabarik ki hakdaar hai
05:14Shivani voha se chali jati hai
05:16Voh saas se kuch nini kaiti
05:18Kyunki ameer ghar ki bahu ban kar
05:20Rina ko bhali hi sukun na ho
05:22Lekin garib ghar ki bahu ban kar
05:25Shivani khush hai
05:26Kyunki khushi
05:28Paiso se nnehi
05:29Paristitiyon pa nirbhar karthi hai

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