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  • 2 days ago

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00:00पोपटलाल पोरे दिल्ली शहर में बड़ी-बड़ी डिंगे माने के लिए प्रसिद्ध था.
00:12साथ ही वो अवल दर्जे का पेटू भी था.
00:16उसके इस आदत के चलते कोई भी आदमी उससे अपने घर भोज पर नहीं बुलाता था.
00:20फिर एक दिन पोपटलाल अपनी बेहन के घर जाता है, जो दूसरे शहर में रहती थी.
00:27अरे पोपटलाल, बड़े दिनों के बाद तुझे मेरी याद आई?
00:32माई डियर बहना, तु तो जानती है मैं अपने कारोबार में कितना व्यस्त रहता हूँ.
00:38हाँ, तेरी बात भी सही है, अब आया है तो कुछ दिन ठेहर की जाना.
00:46अरे दिदी, ये भी कोई कहने की बात है?
00:50श्यामा देवी पोपटलाल को रहने के लिए एक कमरा दे दीती है.
00:55अगली सुबह, पोपटलाल जोर-जोर से गरारे करना शुरू कर देता है.
00:59नकुल की पत्नी नीन से जाग जाती है और घबरा कर अपने पती नकुल को जगाती है.
01:07अरे उठी, लगता है हमारे घर में कोई जानवर को साया है.
01:12कैसी अचीब अचीब आवाज से निकाल रहा है, मुझे तो बड़ा डर लग रहा है.
01:16अरे कोई जानवर नहीं है भाग्यवान, पोपट लाल मामा जी है, अपना गला साफ कर रहे हैं.
01:26इतनी सुबह सुबह, अभीता सिर्फ चार बचे है.
01:31मामा जी इसी तरह से जल्दी उठ जाते हैं.
01:35अच्छ, चेक है.
01:38नकुल की पत्नी जैसे ही सोने लगती है.
01:40अरे मर गई रे, अब मेरा क्या होगा?
01:56फिर थोड़ी दिर के बाद, नकुल की पत्नी मामा जी के लिए चाय नाश्टा बनाने में जुट जाती है.
02:03अला बईवा, बड़ी अच्छे खुश्बू आ रही है.
02:06बहु, जो भी बना नहीं हो, फटा फट ले आओ, जोरो की भूख लेगी है.
02:14हाँ मामा जी, अभी लाती हूँ.
02:17देखते ही देखते पोपट लाल, सारा नाश्टा चट कर जाता है.
02:23बहु, कल से पराठे में देशी घी जाता डालना, आज कुछ मजा नहीं आया.
02:30इस तरह रोज पोपट लाल, सुबह सुबह घर की सभी लोगों को नींद से बेवक्त जगा दिता था.
02:49और हमेशा खानी की उल्टी सिधी फर्माईश करते रहता था.
02:55देखते ही देखते गुपता परिवार की दिन चर्या अस्तव्यस्त हो जाती है.
03:00अरे माँ, ये पोपट लाल ममा यहां और कितने दिन रुकेंगे?
03:10ये अकेले इतना खाना खा जाते हैं कि आज राशनवाला मुझसे पूछ रहा था.
03:16कि अरे भाई, क्या आप लोगों ने घर में हाथी पाल लिया है?
03:19अरे बेटा, अब घर के मेमान को कोई सीधे मुझ कैसे निकाल सकता है?
03:27माजी, अब बरदाश्ट की इंतिहा हो गई है.
03:31मैं अकेले इतना काम नहीं कर सकती.
03:33अखिर मैं भी इंसान हूँ.
03:35मैं कल ही अपने माई के चली जाओंगी.
03:37अरे भाग्यवान, हम सबको मुसीबत में अकेला छोड़ कर तुम कहां जा रही हो?
03:43जरा सबर करो, मैं कुछ सोचता हूँ.
03:47अगले दिन, एक डॉक्टर सहाब उस घर में आते हैं.
03:52अरे नकुल बटा, ये डॉक्टर यहां क्यों आया है?
03:55अरे मामा जी, मा की तब्यद बहुत खराब है.
04:00तब्यद तो खराब होगी ही, तुम लोग उल्टा सिधा खाना जो खाते रहते हो.
04:05देखो नकुल, मैं तुम्हारा फैमिली डॉक्टर हूँ.
04:09इसलिए आज से मैं जो कहूँगा, तुम सब को वही खाना रोज खाना पड़ेगा.
04:14आज कल कितनी बिमारिया फैल रही है, पता भी है तुम्हें?
04:18आज से तुम सब सिर्फ सलाद और करे लेका जूस पियोगे.
04:24समझे?
04:25डॉक्टर अंकल, आप ठीक कहते हैं.
04:29पूपट लाल घबरा की.
04:31अरे क्या खाक ठीक है?
04:33भान जी, ये डॉक्टर सीदे सीदे हमें गास फूस खाने के लिए कह रहा है.
04:38अरे मैं कहता हूँ, भगा इस डॉक्टर के बच्चे को यहां सो.
04:42अरे मामा जी, डॉक्टर साब ठीक ही तो कह रहा है.
04:45इसी बहाने आपका इतना बड़ा पेट जो बहान निकला हुआ है, वो अंदर हो जाएगा.
04:52इस तरह गुपता परिवार रोज खाने में सिर्फ सलात खाना शिडु कर दिता है.
04:58बेचारे पोपट लाल का बुरा हाल हो जाता है.
05:01ये लीजे मामा जी, ताजा ताजा करेली का जूस.
05:19पोपट लाल अगले दिनी घर छोड़ कर चला जाता है.
05:24क्यों बेटा नकुल, मेरी अदाकारी कैसी थी?
05:27मज़ा आ गया डॉक्टर, आपने तो बॉलिवोड के कला करों को भी मात कर दिया, आपको तो आसकार मिलना चाहिए.
05:37बेटा, ये थोड़ा ज्यादा हो गया.

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