00:00पर एक मुर्तिकार मुर्टिया बनाने के लिए पत्थर ढूनते ढूनते उसे जग़ के पास आ गया और गुफा के दर्वाजे पर लगा पत्थर देखकर खुश हो गया
00:12अरे वाँ ये पत्थर तो बहुत बड़ा और अच्छा है इस से जो मुर्टिया बनेंगी वो तो लाजवाब होगी
00:19वो पूरी ताकत लगाकर उस पत्थर को हटाने लगा
00:23सालों से अंदर बंद जुडैल को उमिद की किरन दिखाई दी उसने मुर्टिकार से कहा
00:29सुनो अगर तुम मेरी बात मानो तो मैं पत्थर हटाने में तुम्हारी मदद कर सकती हूँ
00:36पहले तुम मुर्टिकार डर गया फिर हिम्मत करके बुला
00:40का लो तुम कहा ओ दिखाई क्यों नहीं देती
00:44मैं एक राजकुमारी हूँ पर इस गुफा के अंदर हूँ
00:48कैसे दिखाई दूँगी
00:49तुम वहां कैसे पहुची
00:53पहले मुझे बाहार निकालो
00:55पर कैसे ये पत्थर तो बहुत भारी है
01:00सुनो एक राख्षस ने मुझे यहां बंद करके रखा है
01:05तुम उस भभूत की रेखा को मिटा दो
01:08तुम मैं बाहर आकर तुमारी मदद कर सकती हूँ
01:11ठीक है ये केकर मुर्तिकार ने भभूत की रेखा मिटा दी
01:15पर रेखा मिटते ही चुड़ेल पत्थर तो उतर बाहर आ जाती है
01:20अरे ये तुमने क्या क्या मुर्क लड़की अब मैं इसके मुर्ति कैसे बनाऊँगा
01:27चल बाग यहाँ से नहीं तो मैं तुझे भी तोड़ दूगी
01:31मुर्तिकार वहाँ से भाग गया
01:39रातों ने दो फिर देखती हूँ इन गाउवालों को
01:43जैसे ही शाम हुई चुड़ेल अपना शिकार डूणने के लिए निकल पड़ी और रामु के घर पहुँची
01:49उसने देखा वो अपने बच्चे को चुड़ेल की कहानी सुना रहा था
01:54फिर फिर क्या हुआ पापा और सुनाऊना
01:58बागी कल सुनाऊंगा अब सोजा नहीं तो तुझे भी चुड़ेल के पास भेज दूँगा
02:06चादर उढ़ाते हुए रामु बोला
02:09रामु की जाते ही चुड़ेल गुड़ो का रूप बना कर अंदर आई और बूली
02:14पापा मुझे नीन नहीं आ रही थोड़ी दर बार चलिए ना गुमने के लिए
02:21ब्राद बहुत हो गई है बाहार नहीं अच्छा चलो छट पर चलते हैं
02:29ठीक है पापा
02:30छट पर पहुँशते ही चुड़ेल अपने असली रूप में आ गई और रामु को लेकर उड़ गई
02:36बचाओ कोई बचाओ मुझे
02:39लोगों को रामु की आवाज सुनाई दी जब तक सब बहार आये चुड़ेल रामु को लेकर जा चुकी थी
02:48आरे रामु भाईया की आवाज तो सुनाई दी पर देख नहीं रहे हाँ आवाज तो मैंने भी सुनी ए भगवाद अब मैं क्या करू गुड़ो के पापा कहा होंगे किस हाल में होंगे
03:03अब चिंता मत करो भाबी हम पता लगा कर रहेंगे
03:07इस तरह एक दिन शेखर तालाप पन नहाने गया तो उसने देखा रामु वहाँ बैठा हुआ है वो खुश होते हुए बूला
03:15अरे रामु कहां चले गये थे सब गाउवाले कितने परेशान है तुमारे लिए
03:21मैं तो सोने की नगरी गया था वहाँ सब कुछ सोने का है इट पत्थर पेड सब सोने का
03:29अच्छा कहा है वो नगरी बस यहीं एक कोस दूर है तुम चलोगे हाँ हाँ जरूर घर पर बता कर आता हूँ
03:38अरे चलो भी शाम तक वापस घर में होंगे और चुडेल उसका हाथ पकड़ कर उड़ा ले जाती है बचाओ चुड़ाओ मुझे इस चुड़ाओ से बचाओ
03:52तब तालाग के आसपास के लोगों ने उस चुड़ाओ को देखा फिर गाउव जाकर सब को बताया
03:58वो चुड़ाओ वापस आ गई है और इस बार आदमियों को पकड़ रही है अब हम सब को छुप कर रहना पड़ेगा
04:05उस दिन के बाद गाउव के सभी मड सारी पहन कर रहने लगे सब सतर्प थे इसलिए उसे कोई नहीं मिलता
04:14एक दिन वो चुड़ाओ खुप सुरत लड़के बनकर गाउव में आए और दर्वाजा खट खटा कर बोली
04:20सुनिये कोई है क्या मुझे ये पता पूछना था
04:26लाओ देखू तो सही
04:28हर्या के बाहर निकलते ही चुड़ाओ अपने असली रुप में आ जाती है और उसे लेकर हसे हुए उड़ जाती है
04:35अगले दिन रामु का बेटा अपनी मा से कहता है
04:42मा जब मैं बड़ा हो जाओंगा तो वो चुड़ाओ मुझे भी पकड़कर ले जाएगी
04:48नहीं मेरे लाज मैं तुझे कुछ नहीं होने दूगी
04:52रात को सोते समय वो सोचती है अगर काजयो औरत बन सकता है तो मैं मर्द क्यों नहीं
04:59वो उठी और अलमारी से अपने पती के कपड़े निकाल कर पहन लिए
05:04अब मैं काजल से मूझे भी बना लेती हूँ और इस शाकू को जूतों में छुपा लेती हूँ
05:09अब बाहर चलती हूँ
05:12थोड़ी देर चलने पर ही उसे चुड़ेल दिखाए दी
05:15अरे वाँ आज तो शिकार खुच चलकर मेरे पास आ रहा है
05:22नहीं चुड़ेल जी मैं इस गाउं का नहीं हूँ
05:25मुझे बत पकड़ो
05:27तो क्या हुआ मरत तो है न
05:29वो रागीनी को पकड़कर उसे गुफा में बंद कर देती है
05:37जहां बाकी गाउं वालों को छुपा कर रखा था
05:39आज का काम खतम अब आराम फरमाया जाए
05:45राट को रागीनी अपने पती से मिलती है
05:51हाप जिन्दा है
05:52तुम कौन हो भई
05:55मुझे नहीं पहचाना
05:57मैं हाप के रागीनी
05:58वो मूझे मिटा देती है
06:00अरे तुमने अपनी जान खत्रे में क्यों डाली
06:04किसी न किसी को तो ये कदम उठाना ही था
06:07ये देखिए मैं चाकों भी साथ लाई हूँ
06:10फिर उसने अपने पती की रस्टी काटी
06:13अब जल्दी भागो चुड़ैल किसी भी वक्त आती ही होगी
06:16सब एक साथ गाउं की तरफ भागे
06:19जब चुड़ैले देखा कि रस्या कटी पड़ी है
06:21तो वो गुसे से चिलाती हुई गाउं की तरफ पहुची
06:24किसे को नहीं जोड़ूगी
06:26सब को खा जाउंगी
06:28इतने हमद अब भगत ना पड़ेगा
06:31रास्ते में उन्हें एक मंदिर दिखाए दिया
06:37वो सब उसे में घुस गये
06:39उनकी पीछे चुड़ेल भी मंदिर में घुसी
06:41अब तुम्हें कोई नहीं बचा सकता
06:46अब तुम्हें कोई नहीं बचा सकता
06:49तभी चुड़ेल मंदिर के बाहर खड़ी होगे
06:52चुड़ेल जी अब जाओ
06:55अब दर गई क्या चुड़ेल जी
06:57तुमने क्या सोचा
06:59इस मंदिर में गुसने पर मैं तुम्हे छोड़ दूंगी, गलत वहमी है।
07:06ये कहते हुए चुड़ेल ने मंदिर में गुसने की कुशिश की।
07:09मंदिर की तेज रोश्णी उस चुड़ेल पर पड़ी और…
07:13अरे, ये क्या हो रहा है मेरे साथ।
07:16लेटा है मैं जलकर मर जाओंगी।
07:18हाँ, हाँ, हाँ, बजाओ।
07:21ये कहते हुए वो राक बन गई।