हाल के सालों में शायद यह पहली बार है कि नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर इतना विवाद और विरोध हो रहा है। वजह यही है कि शांति पुरस्कार विजेता मारिया मचाडो न केवल ट्रंप की समर्थक हैं, बल्कि इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को भी अपने देश में सरकार बदलने में मदद का न्योता दे चुकी हैं। बेबाक भाषा पर देखिए पत्रकार मुकुल सरल की यह रिपोर्ट #nobelprize #nobelprize2025 #maríacorinamachado #venezuela #news #latestnews #newsanalysis #nobelpeaceprize
00:00यह विदंबना ही है कि शांती का नोबिल फासिस्ट यूथ अपरादियों के पैरुकार को दे दिया गया
00:24नितनाहू या ट्रंक को ना देकर उनके महरे को दे दिया गया
00:28तभी तो उन्होंने अपना पुरुसकार ट्रंक साहब को समर्पित कर दिया है
00:3210 अक्टूबर को जैसे ही नोबेल पीस प्राइज की घुशना हुई बहुत लोग जहांसे में आ गए
00:38कि वाकई मारिया कोरिना मचाडो लोगतंत्र की चेंपियन है
00:43वेनिजवेला की फ्रीडम फाइटर हैं
00:46भारत में भी बड़े बड़े लोगों ने प्रकतिशील लोगों ने भी उन्हें बधाई देनी शुरू कर दी
00:50लेकिन जल्द ही उनका पूरा कच्छा चिथा सब के सामने आ गया
00:55और पूरी दुनिया में उनका विरोध शुरू हो गया
00:58हाल के सालों में शायद ये पहला मौका है जब नोबल पीस प्रैस का इस तरह विरोध हुआ है
01:02हाला कि हमने उनके नाम की घुशना होते ही बेबाग भाशा पर अपने एक शुरुवाती छोटे वीडियो में
01:08साफ कर दिया था कि मारिया मचाडो वो नहीं है जो लोग समझ रहे हैं
01:13हमने उनकी दक्षनपन थी राजनिती की एक जलक आपके सामने रखी थी
01:17ट्रम्प साहब को मांगने के बाद भी शान्ती का नोबल प्रुसकार नहीं मिला है
01:22अच्छा है लेकिन जिने मिला उनके उपर भी कई सवाल है
01:26और उनके चैन ने भी नोबल प्रुसकार समिती की राजनिती को एक बार फिर उजागर कर दिया है
01:32अब पूरा ब्यारा सुनिए और समझिए कि मारिया मचाडो कौन है और उनकी राजनिती क्या है और कितनी खतरनाक है
01:39क्यों उन्हें गाजा में नरसंगार के दोशी टरंप से लेकर नितनहों तक बधाई दे रहे हैं
01:44और क्यों दुनिया भर में उन्हें नोबल पीस प्राइज देने का विरोध हो रहा है
01:48नमस्कार सलाम बेबाग भाशा में आपका स्वागत है मैं हूँ मुकुल सरल
01:532025 का नोबल शान्ती प्रुसकार वेनेजुएला की विपक्ष की निता मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया है
02:01स्विडिश नोबल समिती ने उन्हें अपने देश में लोगतंतर का चेंपियन बताया है
02:06आपको मालूम है कि वेनेजुएला में कमनिष्ट शाशन है
02:10और निकोलस मादूरो वहां लगतार तीसरी बार राष्ट पती चुने गए है
02:14लेकिन इसके बाद भी सामराज जवादी और पुन्जवादी देशों को वहां ताना शाही नजर आती है
02:21और वे लगतार अमरिका और टरम के निशाने पर है
02:24नोबल समिती ने कहा कि मारिया ने दिखाया है कि लोगतंतर के आवजार ही शान्ती के आवजार है
02:31उन्होंने वेनेजवेला की जनता को स्वतंतरता नियाए और प्रतिनदी शाशन की नई आशा दी है
02:37लेकिन ये लोकतंत्र की चेंपियन मारिया मचाडो की सोच या राजनिती क्या है इस छोटे से वीडियो से ही साफ हो जाता है जिसमें भे इस्राइल का समर्थन कर रही है उसकी तारीब कर रही है
02:48अब ये पतर देखिये जिसमें वे यूत अपरादी और गजामे नरसंगार के दोशी इसराइल के प्रदान मंतरी बेंजमीन नेतना हो को अपने देश में हमला करने का
03:18नियोता दे रही है और मादुरों की सरकार गिराने में मदद मांग रही है अब ऐसा व्यक्ति जो अपने देश पर हमले के लिए किसी और की नियोता दे रहा हो अपनी सरकार गिराने में मदद मांग रहा हो उसे लोगतंतर का चेंपियन या शांती का चेंपियन कैसे कहा जा
03:48चलकर हिटलर को भी मरोनो प्रांत नोबल पीस प्राइज दिया जा सकता है।
03:52बूच रहें कि एक ऐसी विडम बना है कि अमरीकी समरजवाद की सेवक को नोबल शांती पुरुसकार मिल गया।
03:59अब वे भी उसी कतार में जिसमें किसिंजर, उबामा, अभी एहमद और बाकी सब शामिल हैं।
04:05अगर इस फुरुसकार का भी कोई मतलब बचा होता तो इसे किसी ऐसे व्यक्ति को मिलना चाहिए था जो गाजा में जारी इसराइली नरसंगार के खिलाप लड़ता रहा है।
04:29अगली सबसे पसंदिदा उमिदवार चुनली है जो शायद आपको बहुत खुश करेगा।
04:36मारिया करोनो मचाड़ो आपकी ही समर्थक हैं और मादूरों को हटा कर सत्ता परिवर्तन के लिए तैयार उमिदवार भी।
04:43एक और मैसेज देखें साहित्य और शांती दोनों नोबल विजेता इस बार ऐसे लोगों में से हैं जिनोंने खुल कर इसराइल का समर्थन किया है।
04:51जी हाँ साहित्य का नोबल भी यही विवाद है उस पर।
04:54यह वाकई अकलपनी है कि ऐसे दोर में जब गजा में तबाही और जनसंगार हो रहा है उन्हें इताक्तों के समर्थकों को प्रुस्कृत किया जा रहा है।
05:02यह दिखाता है कि इन वैश्विक संस्थाओं के भीतर सडन कितनी गहरी हो चुकी है।
05:07एक्स प्लेट फार्म ऐसे तमाम मैसेश से भड़ा पड़ा है जिसने मचाडो की राजनीती को खोल कर रख दिया है।
05:12एक और व्यक्ति लिखते हैं मचाडो की सबसे बड़ी निती क्या है।
05:17वेनेश्विले के तेल भंडारों का निजी कराण जो दुनिया में सबसे बड़े हैं और जिनकी कीमत करीब 100 ट्रिलियन डालर आकी जाती है।
05:25अब सोचिए आखिर क्यों मिलाओने ये शांती का पुरुसकार।
05:29भारत के मशूर कार्टुनिष्ट सतीश आचार्य ने भी इस पर बहुत खूब कार्टुन बनाया है।
05:35यही नहीं अमरिका के सबसे बड़े मुसलिम नागरिक अधिकार संगठन C.A.I.R. नेशनल का बयान भी देख लीजिए।
05:43वो क्या कहते हैं।
05:44कहते हैं कि हम नोबल पुरुसकार समिति के इस निलने की कड़ी निंदा करते हैं कि उसने इस वर्ष का शांति पुरुसकार मारिया कोरिना मचाड्यु को दियेने का फैसला किया है।
06:14जिसमें 1500 कोई दशक में इस्पेन में मुस्लिमों और यहुदियों को जबरन निकाला गया था।
06:44के परती अपना समर्थन वापस लें। यदि वे ऐसा नहीं करती तो नोबल समिती को अपने फैसले पर पुनर विचार करना चाहिए क्योंकि इस चैने स्वेम समिती की विश्वशनेता पर प्रशन चिन लगा दिया है।
07:15दुनिया में समाजवाद के खिलाफ एक बार फिर महौल बनाने का और वेनेजवेला और उसके राजपटी मादरों के खिलाफ अमरिकी यूरोप की किसी भी कार्रवाई को मानेता देने का।
07:26इसलिए दोस्तों पुरुसकार हो या सजा तालीब जाने से पहले दो मिनट ठैर कर उसकी राजपटी समझना जरूरी है। शुक्रिया।
07:36झाले टाले टाले दो यूरोप की का ज्यानेजवेलाई हिलिलाप दूरूपी मादटी के राजपटी राज़ने पुरुक्रिया।
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