बेबाक भाषा के ख़ास कार्यक्रम Decoding RSS में प्रसिद्ध लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता राम पुनियानी बता रहे हैं कि RSS ने शुरू से ही किस तरह नेहरू की विकासशील और वैज्ञानिक नीतियों के उलट नीतियां अपनाकर देश-समाज में विभाजन पैदा किया। #news #newsanalysis #latestnews #rampuniyani #rss #rssagenda #hindurashtra #mohanbhagwat #rsspeech #rss100years #vijayadashami #hatepolitics
00:07Decoding RSS की इस शंखला में पिछले एपिसोड में हमने RSS के उगम और विकास की बात की थी
00:20अब जैसे RSS 100 साल पूरे कर रहा है
00:24हमने सोचा कि हम RSS का पूरा एक विहंगा बना लोकन करें
00:29एक ओवर वियू करें ताकि हम यह समझ सकें कि आगे RSS की राज़ीती
00:35जो हिंदू राष्ट चाहती है जो समीधान को नहीं मानती
00:38जिसने तिरंगा जंडा अपने हेड आफिस पर बावन साल तक नहीं फिराया
00:43जिसने समाज में एक प्रकार की विभाजन कारी नीतियों को लेकर
00:49समाज में एक बहुत बड़ी दरार पैदा कर दी है
00:52इस RSS के एजिंडा से मुकाबला कैसे किया जाए
00:57पिछली बार मैंने बताया कि कैसे भारती आजादी के अनुरण के साथ-साथ
01:04उन मुल्जों का विरोध करने के लिए RSS बनी
01:09यह सवर्ण अब्रामन तवारा बनाई गई और इसने हिंदुत के रास्ते पर चल पर
01:15हिंदु राष्ट बनाने की योजना बनाई इसके आधार पर इसने अपने काडर्स को ट्रेन किया आज आज इनके शाखाएं
01:25ब्यास्ती हजार से ज्यादा हैं इनके जो प्रचारक हैं जो उनमें काफी पूरे फुल टाइम काम करते हैं
01:34पूर्ण समय पूर्ण कालिक कारे करता हैं वो उनकी संख्या हजारों में हैं और ये बहुत सारे संगठनों में बिखरे हुएं इनका मैंने नाम पिश्की बार बताया अखिल भारती विध्यारती परिश्यत वन्वासि कल्यान आश्रम और इस प्रकार के संगठन जो समाज म
02:04की सब हिस्सों में भी काम करना चालू किया। इनके काम करने का जो मुक्ता रास्ता था कि लोगों को लोगों के बीच में मुसल्मानों के पती और फिर कृष्टिन्स के पती नफ्रत के पैदा करना और इसी के साथ साथ जो उनका एजेंडा है उसको मजबूत करने के लिए प्
02:34आजादी के बाद जिस प्रकार की सरकार बनी और जो भरत के पहरे प्रधान मंत्री थे पंडी जवारलाल नेरू उनके नित्रत्व में जो नीतियां अपनाई गई वो नीतियां थी समाज में शिक्षा का विकास,
02:51रिसर्च, अनुसंधान का विकास, पॉब्लिक सेक्टर का विकास और इससे समाज में शिक्षा का स्थर बहुत उचा उठा, स्वास्त का स्थर उचा उठा और एक प्रकार से समाज का विकास होने चालू हो गया।
03:08जैसे पहले एवरेज लाइफ स्पैन जिसको कहते हैं, भारत में एवरेज लाइफ स्पान एक व्यक्ति एवरेज जूप से कितने साल जियेगा, वो था 30 साल के करीग, अब वो बढ़कर 60 साल से उपर हो गया है।
03:22भारत में जो उच्च शिक्षा के मांदंड खड़े कर दिये गए हैं, उसका दुनिया में कोई मुकाबला नहीं है।
03:30जो पुराने एडवांस कंट्रीज हैं, विक्सित देश हैं, उनमें शिक्षा के स्थर को ये उनके साथ एक कड़ा कॉंपिटिशन देते हैं और उनको बहुत, इसलिए भारत की जो मैन पावर है, उसको दुनिया भर में एक आदर की नजर से दिखा जाएगा, और दिखा ज
04:00इसी के साथ साथ एक जो दुनिया का ब्रेंड बन गया है, इंडियन इंस्टिटूट अफ टेक्नलोजी जो पांच परे टेक्नलोजी के इंस्टिटूट खड़े किये गए, जिन से निकले हुए ग्रैजुएट ने देश की टेक्नलोजी में, देश की विकास में पूरा प�
04:30जिसे स्टेल और एंटिबाटिक्स दवाओं की चीज़ें और इस प्रकार की चीज़ें जो अद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उद्योगों के विकास में रखते हैं, उनहर क्षित्रों में पब्लिक सेक्टर की स्थापना की गई, और इसके चलते जो हुआ भारत
05:00समिधान ने हमको मूल ले दिये कि जो पूरे समाज में सुतंतरता संता बंदुता रहेगी और इसी आधार पे समाज में दलित तबके स्त्रियां आदिवासी इनका समाज के क्षित्रों में सामने आने की प्रक्रिया चलुए और जवारला नहरू ने अपनी नीतियों को सप�
05:30हैं यह जो शिक्षा के स्थान हैं जो रिसर्चर्स अनुसंदान है बी आर सी और इजरो जैसे यह आधवी भारत के पवित्र मंदिर हैं यानि उनका मतलब था कि अभी मंदिरों की परिपाशा हमारी शिक्षा से विकास से स्वास्ते से इन से जुड़ी हुई है अब खैर इ
06:00जो नत्रम गोर से ने की थी जो उनका एक ट्रेन प्रचारक था समाज में इनकी काफी बद्नामी हुई और उस बद्नामी के कारण ये अपना नाम अपना अपना जो संगठन का नाम है प्रश्ट रूप से नहीं बताते थे धीरे धीरे पर 1975 के बाद जब आंदोलन हुआ जै
06:30अपनी पकड़ को मश्बूत करने का काम किया इनके मुद्दे क्या थे जैसे एक तरफ मुद्दे थे कि समाज का विकास हो और अरक्षन ठीक से चले ताकि समाज के सबी तब कि सामने आ सके ये एक तरह पर आजेंड़ चर्णा चल रहा था पर आरस S का एजेंड़ा जो था �
07:00और उसी के साथ साथ जो मुसल्मान राजा इनके दानवी करन ये इसलामोफोबिया की एक बड़ी प्रक्रिया इन्हों ने भारत में शुरू कि तो ये जो इनका काम था पहले राम के नाम पर फिर इसके बाद इन्होंने जो चालू किया वो गाहे के नाम पर बहुत दिंचिं�
07:30वो शब्द था लव जिहाद, यह नहीं, अगर मुसल्मान लड़का किसी हिंदु लड़की से शादी करे, प्रेम में पड़े, तो इसको वो लव जिहाद कहते थे, और लव जिहाद के नाम पर आज भी कहते हैं, लव जिहाद के नाम पर भी बहुत सारे मुसल्मान यूग कों
08:00तो उसके परिनाम बहुत अलग-अलग पकार से आते हैं तो यह जिहाद की बात इन्हों ने अभी बढ़ाकर, जैसे करोना के समय मुक्य रूप से, उन्हों ने करोना जिहाद नाम से क्वान किया था, करोना जिहाद का क्या मतलब था, करोना जो फैलाय गया है, वो मूसलमान, �
08:30पुरूना बढ़ गया। आज इनकी नीतियों के कारण मुस्लिम समाज के कई बार कॉल दिया जाता है कि इनके ट्रेड को पूरा-पूरा बायकॉट किया जाए। इनको आज वो अपने एक सीमित बस्तियां जिसको अंग्रेजी में घिट्टो कहते हैं इन बस्तियों में रहते
09:00बड़ा चांस रहता है। अब ये सब के चलते हैं जब हम देखते हैं कि भारत में आज मुस्लिम एक दुयन दर्जे के नागरिक के रूप में रह रहे हैं। अब ये जो नफरत खेलाई गये मुसालवानों के खिलाब उसके कारण समाज में दंगे तेजी से होने लग गए �
09:30सलमान के बीच में और इस धुरूवी करण से उनकी राजनितिक सक्ता पहले से मजबूत होती चली गई और वो 1996 में पहली बार पावर में केंदर सरकार में आएं। और केंदर सरकार में आने के बाद भी इनकी नीतियों में अभी अभी 2014 के बाद तो इनकी नीतियां खुले �
10:00में परिवर्तन किया है, इतिहास से छेड़ खानी की है और जो हमारा वैग्यानिक सोचनी का तरीका है, उसको पीशे ढखेल कर जो शद्धा के आधार पर ग्यान होता है, उसको उन्होंने तेजी से बढ़ाया, तो भारती समिदान में जो कहा गया है कि साइंटिफिक टेमप
10:30की जाए, उसके विरोध में अलपसंक्यक, मुस्लिम, क्रिश्चिन और समाज के कमजोरतब के दलित, आदिवासी और महिलाएं इन पर एक्तिचार बढ़ा है, तो ये उनके एजिंडा का परिणाम है कि आज फ्रीडम अफ एक्स्प्रेशन, अभी व्यक्ति की सुतंजरता य
11:00आज जब नरिंदर मोधी गुजरात में मुक्यमंत्री थे, उन्हों ने यहां के जो पूरे कॉर्पोरेट सेक्टर को अपने साथ कर लिया और उन्हीं के साथ इन लोगों ने पूरा मीडिया खरीद दिया, तो आज मीडिया सरकार की आलोचनानी करता है, सरकार की कम्यों को �
11:30कि मीडिया जिसका काम होता है, सरकार को सही रास्ते पर लाना, एक चौथे स्थम्ब की रूप में काम करना, उसके उलट, वो मीडिया आज सरकार की बीन बजाता हुआ दिख रहा है, इसे के साथ साथ उनके जो शाखाएं हैं, स्कूल हैं, सरसती शिश्यमंदिर हैं, और अ�
12:00की घुटल महसूस होती है, तो दोस्तों ये सब चीजे जब हम देख रहे हैं, ये सब चीजे वो हैं, जो आजादी के अंदोलन के दौरान, जो महौल खड़ा किया गया था, उस महौल के खिलाफ, एक संकीर राष्टरवाद को सामने लाने की पूरी ये कवायद है, संकीर र
12:30कहीं कहीं गीता को स्कूल में पढ़ा रहे हैं, हनुमान चली सा सरकार की तरफ से बाटा जा रहा है, और ये जो बाबा, ढोंगी बाबा, जो यौन शोशन करते हैं, लोगों को शद्धा के रास्ते पर चलकर एक गलत दिलाते हैं, और खुद बहुत धन्वान बन जाते हैं,
13:00गुरुमीत रामरहीम और ऐसे बहुत सारे असंखे बाबा हैं, जो इनके साथ जुड़े हुए हैं, उनीके एजेंडा को लेकर चलते हैं, तो दोस्तों आज वो लोग जो भारती समिधान को मानते हैं, वो लोग जो एक लोक तंत्र और खुले समाज की बात करते हैं, उन लो
13:30कि समाज में जो नफरत है, नफरत का कारण गलत प्रकार का प्रोगेंडा जो शाखाओं से निकल कर सोशल मीडिया और बड़े चैनल्स के माद्यम से प्रसारित होता है, उसका विरोध करना जरूरी है, जैसे मंदिरों को तोड़े जाने में मुसल्मान राजाओं का, फिर सम
14:00विरोध करने के लिए, समाज के सामने सच्चाई लाने के लिए, हमारे मीडिया का, समाजिक कारे करताओं का बहुत बड़ा दाईत है, कि वो सच्चाई को लोगों के सामने लेकर आएं, और सभागेवश, आज बहुत सारे चैनल्स हैं, बहुत सारे ऐसे लेखक हैं, जो इस
14:30इस रास्ते को पकड़कर समाज के लोगों में एकतालाई थी, उसी रास्ते पर चलकर हमें समाज में फिर से एक मजबूतिक का काम करना चाहिए।
14:40जैसे भारत यात्राएं चल रही हैं, उसी प्रकार से कई संगठर उपर आ रहे हैं।
14:59उनको एक मंच पर लाकर उनको मर्ज करने की जरूत नहीं है पर जिन सबका एजेंडा लोकतंत्र है, समिधान है और लोगों के अधिकार है, लोगों की बराबरी है वो सब एक मंच पर आकर एक सच्चाई के लिए Constitution, समिधान और लोकतंत्र के लिए अपनी आवाज को मजबूत
15:29करने में मिश्वास रखते हैं, और वो अंदोलन किसानों का अंदोलन था, शाहिनबाग का अंदोलन था, जो मुसल्मान अपनी नागरिकता को बचाना चाहते हैं, अभी SIR जो बिहार में हुआ, उसके विरूद के लिए जो वोट चोरी का एक अंदोलन चल रहा है, कि ये सर
15:59के भी जरूरत है, जो अंदोलन, जो महत्मा गांदी के अंदोलनों की तर्ज पे देश के लोगों को जोड़ें, और ये देश के लोगों में जब जुडाओं होगा, तो दंगे नहीं हो पाएंगे, और ये लोग जो दंगे होने के कारण समाज में दुरूभी करण पैदा क
16:29सही सोच पैदा करके उस चीज़ को सामने लाना चाहिए, जिस आधार पे भारत कर निर्वान किया हुआ, जिसका सपना आजादी के अंदोलन के सभी निताउने दिखा, जिन्हें प्रमकुरूप से मैं तीन प्रवाहों की बात करता हूँ, एक शहीद आजम भगत सिंग की ब
16:59थे, उनको फिर से मजबूत करके एक नया समाज बनाने की जरूरत है, समाज तो है, पर समाज में ये जो कुरीतियां लाई गए हैं, ये जो नफरत का जहर गोला गया है, उसके विरोद में एक ऐसी बात की जरूरत है, जो लोगों को जोड़े, जैसे की आजादी के अंदोल
17:29समाज जो स्वतंतरता, समता, बंदुता से के सिध्धानतों पर चला हो, वैसे समाज को बनाने के लिए ये ही एक रास्ता है, मैं उमीद करता हूँ, हम इस रास्ते पर चलेंगे, सब दोस्त और हमारे जो चैनल को देखते हैं, बाकी लोगों तक भी ये बात पहुचाना जर
17:59हम कर सकते हैं, आपको बहुत धन्यवाद, थैंक यू वेरी मैच.
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