अब ऐसे हॉकी के खिलाड़ी के मकान को धरोहर घोषित किया जाना चाहिए था, लेकिन हम अपने चैंपियनों का सम्मान करना नहीं जानते। शाहिद के परिवार के लोग इससे बहुत दुखी हैं। लेकिन वह जानते हैं कि इस सरकार में विरोध से कुछ हासिल नहीं होगा। #hatepolitics #bulldozerinjustice #MohammadShahid
00:00जब क्रिकिट के नाम पर करोडो और बो रुपए बरस रहे हैं वही हमारा राश्च्टे खेल हौकी उपेक्षित है और उपेक्षित हैं उसके खिलाड़ी।
00:10वे भले ही हौकी के जादूगर कहे जाते हों।
00:12जी हां मेजर ध्यान चन्द के बाद हमारे होकी के दूसरे जादुकर कहे जाने वाले पदम शिरी महम्मद शाहिद का बनारस इस्तित घर बुल्डुजर से ध्वस्त कर दिया गया है।
00:24जब दुनिया में अपने महानतम लेखकों, खेलाडियों, नेताओं वे अन्य लोगों के घर और अन्य यादे संरक्षित की जाती हैं वहीं विश्वगुरू भारत में उनके मकान गिरा दिये जाते हैं।
00:35होकी के चैंपियन महमाशाहित का जन्म 14 अप्रेल 1960 को बनारस यानि वारांसी में हुआ था।
00:4320 जुलाई 2016 को बीमारी की चलते उनका अन्य धन हो गया।
00:46वे 1980 में मासको उलम्पिक में भारत की उस हौकी टीम का हिस्सा थे जिसने गोल्ड मेडल यानि स्वान पदक जीता था।
00:55इसके अलावा वे अन्य उलम्पिक और इश्यन गीम में भी भारत की टीम में रहे और अपनी हौकी श्टिक का जादू भिखेरा।
01:01वे 1985-86 में भारत की टीम के कप्तान भी रहे। भारत सरकार ने 1980-80 में उन्हें अरजुनावार्ड और 1986 में उन्हें पदमशिरी से सम्मानित किया।
01:131920 में बना उनका पैत्रक मकान बनारस के कचैरी इलाके में गोलगर के पास है।
01:18यहीं वे पैदा हुए यहीं उनका बच्चपन भी था। इस मकान पर उनके छे भाई और तीन बहनों का नाम भी दर्ज है।
01:24बनारस प्रदानमंत्री नरिंद मुदी का संसद्य शेत्र है और यहां सुंद्री करण चल रहा है।
01:30और इसके नाम पर नजाने कब से मकान, दुकान और मंदिर तक ढहाई जा रहे हैं, गिरा दिये जा रहे हैं।
01:36अब बनारस में संदहा से कचेरी तक लगभग 26 मिटर चौड़ी सड़क बनाई जा रही है।
01:42इसमें कई मकानों को तोड़ा जा रहा है और इसी की जग में शाहिद का मकान भी आ गया।
01:4728 सितंबर को यहां बुल्डूजर चला दिया गया।
01:50मौमद शाहिद के बारे में कहा जाता है कि जब उनके पास गेंद होती थी तो विरोधी खिलाड़ी ठगे रह जाते थे।
01:57उनकी डिबलिंग और वन टू पासिंग इत्ती तेस थी कि दरशक देखते रह जाते थे।
02:03उन्हें तमाम नामों से पुकारा गया उन्होंने भारते रेल की टीम की तरफ से खेलना शुरू किया था।
02:08पूर भारते कप्तान जफर इकबाल के साथ उनकी जोड़ी मशूर थी।
02:13अब ऐसे हौकी के खिलाड़ी के मकान को धरोहर घुशित किया जाना चाहिए था।
02:33शाइद की याद में यहाँ कोई समारक या चौक या सलक बनाने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें उचित सम्मान मिल सके।
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