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राजा ने वज़ीर से कहा– आंदोलन से डर लगता है। वज़ीर ने कहा, डरिए मत साहिब–ऐसा इंतज़ाम करते हैं कि आंदोलन ही नहीं होगा। होगा तो गुनाह होगा। बेबाक भाषा के ख़ास कार्यक्रम पाइंट टू पाइंट में पत्रकार मुकुल सरल बता रहे हैं कि मोदी-शाह तंत्र आंदोलन की ज़रिये आज़ाद हुए भारत में किस तरह आंदोलन की ही नई परिभाषा लिखने जा रहा है। #news #latestnews #newsanalysis #amitshah #protesthistory

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00:00दोस्तों आपकी नजर में श्रीलंका, बांगलादेश और नैपाल का सबक क्या हो सकता है?
00:09यही कि सरकारों को अपनी जंता की आवाज को अंसुना नहीं करना चाहिए
00:15लेकिन हमारी सरकार ने इसका उल्टा सबक लिया है
00:19वह यह है कि आंदोलन को खड़ा ही नहीं होने दो
00:23जी हां, हमारे ग्रहमंत्री अमिश्या ने हाल ही में 1974 के बाद से हुए आंदोलन की व्यापक जाच कराने का आदेश दिया है
00:33केंद्र के आधीन एजनसी पुलिस रिसर्च एवन डेफलेप्मेंट बियरो को इसका जिम्मा दिया गया है
00:39जो यह पता लगाएगा कि इन आंदोलन के पीछे कौन था, क्यों था, पैटर्न क्या था, कितना पैसा लगा, किसका पैसा लगा और आंदोलन का नतीजा क्या हुआ
00:50नमस्कार, सलाम, बेबाग, भाशा में आपका स्वागत है, मैं हूँ मुकुल सरल
00:58इस खास प्रोग्राम में मैं आपको पाइंट टू पाइंट बताऊंगा, कि जिस भारत को आंदोलन के बल पर ही आजादी मिली, उसी भारत में आंदोलन से किसे और क्यों डर लगने लगा है
01:09जब हमारे समिधान नहीं है, हमें अपनी बात कहने, अपनी मांग रखने के लिए शांति पूर आंदोलन, धरना प्रजर्शन की इजाज़त दी है, तो फिर उसे कौन छीन लेना चाहता है
01:22क्यों दो हजार पच्चिस में पचास साल पुराने आंदोलनों को नए सिरे से खंगालने की जरूरत पड़ रही है
01:30दरसल मेरी समझ में इसकी कवायद सी ए विरोधी आंदोलन और किसान आंदोलन के बात से ही शुरू हो गई थी
01:38कि कैसे आंदोलनों पर नकेल कसी जाए क्योंकि उससे निप्टा नहीं जा सका था
01:42लेकिन बीजेपी के लिए आखरी खत्रे की घंटी बजाई दो हजार चौबिस के लोग सभाज चनाओने
01:48जब चार सो पार का नारा देकर भी बीजेपी बहुमत से दूर रह गई
01:53इसमें एक बड़ा रोल जनपक्षधर, स्वतंत्र पत्रकारो, यूटूबर और विपक्ष खास तोर पर राहुल गांदी
02:00के उस नारे का है समिधान बचाओ नारे का है जो एक आंदोलन बन गया जिससे एक नया महौल बना
02:07शायद इसके बाद ही बीजेपी ने किसी भी असंतोश या अंदोलन को दबाने के लिए नए सिरे से सोचना शुरू कर दिया
02:16शायद यही वज़े रही कि लोकतंत्र पर पूरे कबजे के लिए धड़ादार कानूनों में बदलाओ करने शुरू कर दिये गए
02:23डिजिटल प्लेटफार्म पर भी कंट्रोल के लिए ब्राटकास्टिंग बिल की रूप रेखा बनाई गई
02:28हाला कि विरोध के चलते वह इसे अब तक लागू या संसद में पेश नहीं कर पाई
02:33लेकिन अब उसने आखरी दाओं चल दिया है
02:37पहले बिहार में SIR की प्रिक्रिया शुरू कर दी गई है जो पूरे देश में लागू होगी
02:42लेकिन उसे वोट बंदी कहते हुए बिहार में विपक्ष यानी इंडिया ब्लॉक का बड़ा आंदोलन शुरू हो गया
02:48और अब इसी के साथ जुड़ गया है वोट चोरी का मुद्दा
02:51नेता प्रतिपक्ष राहूल गांदी जिस तरह रोज नए-नए खुलासे कर रहे हैं
02:56और सलक से संसत तक वोट चोर गद्दी छोड का नारा गुंजना शुरू हो गया है
03:00यही वह सब कारण है कि मोदी शाहतंत्र यह सोचे कि सत्ता पर कैसे अपना कब्जा अपना नियंतरा बरकरार रखा जाए
03:09और कोई चिनोती ना दे सके कोई नया आंदोलन ना खड़ा हो सके
03:13शायद इसके लिए आंदोलनों की जाच का सहरा लिया जा रहा है
03:17हलाकि सरकार का कहना है कि इससे एक Standard Operating Procedure
03:22SOP यानि मानक संचालन प्रकरिया तयार की जाएगी
03:26इसका उदेश्य है कि भविशे में उस खास हितों के लिए
03:30बड़े आंदोलन खड़े किये जाने की कोशिश हो तो उन्हें नियंतरत किया जा सके
03:35अब इसका क्या मतलब है
03:37अब इसके लिए राज्या पुलिस के साथ मिलकर
03:39पुलिस रिपोर्ट, केस फाइले, CID रिपोर्ट पूरे देश से जुटाई जाएंगी
03:44वित्य जांस एजन्सियां जैसे ED, Financial Intelligence Unit और CBD भी शामिल होंगी
03:51ताकि आंदोलन, संबंदित, funding और आर्थिक पहलियों की परताल हो सके
03:56इस सब कवायत क्यों, क्या इससे किसी भी लोकतंत्र, पसंद, व्यक्ति या संगठन को चिंता करनी चाहिए
04:04मेरी नजर में बिलकुल चिंता करनी चाहिए
04:07सभी जानकार ऐसा कह रहे हैं क्योंकि सरकार के मन्शा पर ही सवाल है
04:12उसका जो ट्रेक रिकॉर्ड है वो ही खराब है
04:15क्योंकि पिछले दिनों से सभी सरकार विरोधी छोटे बड़े आंदोलनों को
04:19उसने विदेशी फंडिंग देश के खिलाफ साज़िश कहकर ही बद नाम करने की कोशिश की है
04:26डर यही है कि वैस जाच की आड में हर आंदोलन के संभावना को ही दवा देना चाहती है
04:32कुचल देना चाहती है अभी व्यक्ति की आजादी और असमिति के अधिकार को ही खत्म कर देना चाहती है
04:39जनता के हर असंतोश को हर विरोध को शडियंतर करार दिया जा सकता है
04:45सवाल यही है कि जन आंदुलनों में जनसंग यानि पूर्व की बीजेपी और आज की बीजेपी या RSS और उससे जुड़े संगठन शामिल रहे हैं
04:55क्या सरकार उनकी भी जाच कराना चाहती है
04:57मैं शर्त लगा कर कह सकता हूँ नहीं
05:00और अगर जाच हुई भी तो उसके बहुत सा करात्मक परिणाम ही खोशित किये जाएंगे
05:06क्योंकि उन्होंने अपने हर आंदुलन को राष्टवाद का नाम जो दे रखा है
05:10आपको मालूम है कि सन 1974 से अब तक कितने बड़े आंदुलन हुए
05:15गिल लीजिए 1974 में सबसे बड़ा आंदुलन जेपी आंदुलन था
05:19जिसे बिहार के छात्रों न शुरू किया था
05:22फिर वो राष्ट वियापी आंदुलन बन गया
05:24फिर 1975-77 के बीच इंद्रा गांदी के अपातकाल के विरोध में आंदुलन हुए
05:29इन दोनों में आरसे सर उस समय का जनसंग भी शामिल था
05:33इसलिए इसकी जाच का क्या नतीज़े निकलेगा यही
05:35यह आंदुलन तो देश को बचाने के आंदुलन थे
05:38असी के दशक में खालिस्तान की मांग को लेकर आंदुलन उठा
05:42और फिर 1984 में आपरिशन ब्लू इस्टार और सिख विरोधी दंगे हुए
05:468090 के दशक में कश्मीर में भी कई तरह के आंदुलन उठे आवाजे उठी
05:50बीजे पी इस सब के लिए भी कंग्रिस को जिम्मेदार मानती है
05:53हाँ इसमें किस तरह है लेखिकार, उंदुतियराय या महा के और कश्मीर के निताओं को ब्लेम किया जा सके
06:00इसकी लगातार कोशिशे हैं कोशिशे रहेंगी
06:031990 की दशक के शुरुआत में मंडलायों की सिपारिशों के खिलाब आरक्षन विरोधी आंदुलन हुआ
06:10और इसे हवा किस ने दी? इसे भी बीजेपी ने हवा दी
06:13और लेकिन इसी मंडल के विरोध को क्योंकि वो पूरी तरह विरोध नहीं कर सकती थी
06:17तो उसने पीछे से शेय देते हुए बीजेपी ने कमंडल भी उठा लिया
06:21और 90-92 तक राम जन भूमी आंदुलन शुरू कर दिया तेज कर दिया और फिर 1992 में आयुध्या की बापरी मस्जिद गिरा दी गई
06:31क्या आप सोचते हैं इन सब आंदुलनों की जाच होगी कि ये किस तरह की साजिष्टी, किस की साजिष्टी, किस का पैसा लगा, कैसे लोगों को भढ़काया गया नहीं
06:42क्योंकि ये पूरा आंदोलन RSS BJP का आंदोलन था और एक राष्ट्रवादी आंदोलन उसने इसे कहा
06:47इसके बाद भी 20 सदी के अंत और बाद में कई तरह के बड़े आंदोलन हुए
06:52नावुदार वादी नीतियों के खिलाब बाम पंतियों ने मोर्चा खोला
06:55इसके बाद नाई सदी का सबसे बड़ा कलंग था
06:582002 का गुजराद दंगा या नरसंधार
07:00उसकी जाच किसी को करनी नहीं है
07:03हाँ उसके खिलाब जो आंदोलन खड़े हुए
07:06उसकी तहमेज जरूर जाने की मोदी सरकार को शायद जरूरत होगी
07:10इंडरेश्ट होगा दिल्चस्पी होगी
07:12वै आज तक इस सलसले में पत्रकार और समाधी कारे करता
07:15तीस तासी तलवार के पीछे पड़ी है
07:17जो गुजराद दंगों के कई मामलों में पीडितों के साथ खड़ी होई
07:21इसी तरह सरदार सरोवर बांध के विस्थापन के मुद्दे पर 2006 में शुरू हुआ
07:26नर्मदा बचाओ आंदोलन की जाच में भी बीजे पी को जरूर दिल्चस्पी होगी
07:30क्योंकि इसकी नेता में धापाट कर बीजे पी के लिए हमेशा मुश्किल खड़ी करती रही है
07:35फिर आया 2012, 2011, 2012 ब्रश्चाचार के खिलाफ और जनलोकपाल के नाम पर अन्ना हजारे का अंदोलन हुआ
07:42उसी के साथ रामदेव अंदोलन पर जुड़ गए
07:45लेकिन क्या इस सब की जाच होगी
07:47और इसके नतीजों का बीजे पी को क्या इंतिजार है नहीं
07:50क्योंकि उसके पीछे बीजे पी और आरेसेस पूरी तरह खड़े थे
07:53और अब तो वह दिल्ली भी जीच चुके हैं
07:56हाँ आम आदमी पार्टी को अभी निशानेपन लेने के लिए
07:59कुछ मसाला मिल जाए तो उसके लिए अच्छा है
08:012012 में एक और बड़ा अंदोलन हुआ निर्भ्या अंदोलन
08:05दिल्ली सा मोहिख बलतकार कांट के खिलाफ देश व्यापी धरने प्रदृशन
08:09जिसने राश्पति भावन की दिवारे तक खिला दी
08:11लेकिन इसकी जांस से भी बीजेपी को कुछ हांसिल नहीं
08:15क्योंकि यह भी उस समय की यूपीए की मनमहन सरकार के खिलाफ आंदोलन था
08:192014-15 में तमाम तरे के आरक्षन को लेकर आंदोलन हुए
08:24पटेल, जार्ट, मराठा, गुर्जर, आदी आरक्षन की मांग को लेकर आंदोलित हुए
08:282016 में जियनियू का आंदोलन हुआ
08:31छात्रों ने देश-द्रों के आरोपों पर अपना तीखा विरोधर्ज किया
08:36इसकी जांच के प्रिणाम ना इसरे से आपके सामने जरूर आ सकते हैं
08:40क्योंकि बीजेपी पहले से ही जेनियू के खिलाफ एक लगतार अभियान चलाए हुए है
08:452017 में भीमा कोरेगाउं आंदोलन हुआ
08:48दलित मरहटा संगर्श और बाद में राष्ट व्यापी बहस चड़ गई
08:51उसके आरोपी आज तक जेल में हैं कुछ को मुश्किल से जमानत मिली है
08:55इसकी जांच के एक खास आदेश होंगे जोर होगा
08:59इसी तरह फिर 2019 आता है और उतनागरिक्ता शंशोदन कानून
09:03CA और इसमें जुड़ता है NRCS के विरोध में एक बड़ा आंदोलन होता है
09:08शाहिन बाग से वो आंदोलन शुरू होता है और पूरे देश में फैल जाता है
09:12जैसे मैंने पहले कहा कि इस आंदोलन ने मोधी सरकार की नीन दुड़ादी मुश्किल में डाल दिया
09:17और उस समय तमाम कोशिशों के बाद वह दिल्ली का चुनाव नहीं जीत पाई
09:21तो फिर एक आंदोलन को दंगों में बदल दिया गया और कितने ही चातर एक्टिविस्ट को जेलों में डाल दिया गया
09:28जिनें आज तक जमानत नहीं मिली है
09:30फिर आया 2020-21 कोविट के बीच किसान अंदोलन ने भी सरकार की चूले हिला दी
09:38सरकार उसे निपट ना पाई और उसे अंतताय अपने तीन क्रशी कानून वापस लेने पड़े करी
09:43तेरा महीने का या अंदोलन चला और इसके बाद फिर दुहजार तईस इसमें महिला पहलवानों
09:48ने सरकार को बड़े घेरे में ले लिया बीजी पिसान सदर कुष्टी संके तत काली न ध्यक्ष ब्रजबुशन शरन सिंग के खिलाफ यान उत्पिरन के
09:56इसमाम लों को लेकर या अंदोलन हुआ इसमें सरकार की काफी किरकिरी हुई यही सब वो आंदोलन हैं जिसकी वेसे सरकार लगातार घिरती रही अभी तक वे अपनी पार्टी के आईटी सैल और गोदी मीडिया की बदालत इन आंदोलन को बदनाम करते रही मुकदमे एक ग
10:26जनता खासकर युवा सड़कों पर उतराए और तकता पलट होने लगे पहले शरिलंका हुआ फिर बांगला देश और अब नैपाल तो सरकार ने सबक लिया कि कुछ ऐसा किया जाए कि कोई आंदोलन खड़ा ही ना हो सके इसलिए एक ऐसा आदेश जारी किया गया ताकि आप
10:56जल रहा है जुलाई में भी आपको याद होगा कि करीब 10 केंद्रिया ट्रेड यूनिनों और किसानों ग्रामिन मजदूर संग्ठनों की सभ्त खरताल हुई देश व्यापी जिसमें करोडों कामगारों ने हिस्सा लिया उस से भी सरकार के कान खड़े हो गए हैं उस से पहले
11:26लोकतंत्र पर अंकुष्ट की तैयारी है अभी जब राहुल गानी ने अपने वोर्ट चुड़ी के नए खुलासे के बाद देश के युवाओ खासकर जैंजी से आवहन किया तो बीजेपी के नेतामंत्री भड़क गए और इसे नैपाल की तरह जैंजी को भड़काने वाल
11:56तरह की गाइडलाइन बनाई जाएगी उन पर नकेल कसी जाएगी तो अभी तो आप समझ रहे हैं कि एक ही नाम एजी लेने पर पाबंदे लगाने की कोशिश की गई है वीडियो डिलेट करने के आदेश दिये गए हैं लेकिन अगर ये सब कुछ ऐसे ही चला तो आगे आप
12:26तो ही आपको इस तक्ता प्लेट करने की साजिश करने वाला ठहरा दिया जाए कोई खास हित्में लोगों को भड़काने का ये शर्यंतर बना दिया जाए तो बहुत से खत्रे हैं खत्रे की घंटी बज़ रही है इन बातों पर सोचिएगा जरूर शुक्रिया
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