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The Cosmic Energy of Om – ब्रह्मांडीय ऊर्जा ओम

"Discover the cosmic energy of OM, the primordial sound of the universe. From its origin in the silence before creation to its connection with Lord Shiva and its profound spiritual and scientific significance, explore how chanting OM aligns your body, mind, and soul with the universe. Learn the correct way to meditate with OM and experience its transformative power."

"जानिए ओम की ब्रह्मांडीय ऊर्जा के बारे में, जो सृष्टि की मूल ध्वनि है। इसकी उत्पत्ति, भगवान शिव से संबंध, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व और ध्यान में ओम जाप का सही तरीका जानें। ओम के साथ अपने शरीर, मन और आत्मा को ब्रह्मांड के साथ सामंजस्य स्थापित करें और इसकी शक्ति का अनुभव करें।"

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Cosmic Energy
Spiritual Meditation
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Ancient Wisdom
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Chanting OM
Brahman
Mindfulness
Healing Vibration

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Transcript
00:00शुरुआत में कुछ भी नहीं था
00:12एक विशाल अनंत मौन
00:15इस मौन से एक ध्वनी उत्पन हुई
00:18ब्रह्मांट का पहला कमपन
00:20वह ध्वनी थी ओन
00:22एक साधारन अक्षर
00:24लेकिन इसके भीतर स्रिष्टी
00:26संरक्षन और विनाश के रहस्य चिपे है
00:28आज हम ओम की ब्रह्मांडिय उर्जा
00:31इसकी महिमा और इसके आध्यात्मिक महत्व को समझने का प्रयास करेंगे
00:35ओम को ब्रह्मांड की मौन ध्वनी माना जाता है
00:39हिंदू परंपरा में इसे ब्रह्मांड का सार कहा गया है
00:43वह कंपन जिससे सारी स्रिष्टी उत्पन्ध हुई
00:46मांडू के उपनिशद हमें बताता है कि ओम शाश्वत है
00:50यह भूतकाल, वर्तमान और भविश्य है
00:53वह सब कुछ जो कभी था, है और होगा
00:56यह समय को भी पार कर जाता है
00:59हिंदू ब्रह्माणड विज्यान में ओम को उस ध्वनी के रूप में जाना जाता है
01:04जो पूरे ब्रह्माणड में प्रतिध्वनित होती है
01:08आधुनिक विज्यान इसे Cosmic Microwave Background या ब्रह्माणड की प्रिष्ट भूमी में मौझूद ध्वनी के रूप में देखता है
01:14क्या यह संभव है कि प्राचीन रिशियों ने जिस ओम को अनुभव किया वह उसी ध्वनी से मेल खाता है जिसे आज के वैज्ञानिक प्रहमांडिये कंपन कहते हैं
01:24ओम का गहरा संभन्द भगवांग शिव से है जो आदियोगी और परिवर्तन के ब्रहमांडिय बल के रूप में जाने जाते हैं
01:32शिव को स्वयम ओम का प्रतीक माना जाता है
01:35कैलाश परवत पर उनकी अनंत साधना उस स्थिर्था का प्रतीक है जिससे ओम का कंपन उत्पन होता है
01:43शिव के डमरू की आवाज स्रिष्टी और विनाश के चक्र का प्रतीक है जो ओम की ध्वनी के साथ प्रतिध्वनित होता है
01:49शिव सूत्रों में कहा गया है शिव अव्यक्त वास्तविक्ता है और ओम उनकी व्यक्त ध्वनी है
01:56ओम का हर पहलु सृष्टी पालन और सहार को दर्शाता है रह्मा, विश्नु और महेश
02:02लेकिन शिव अनन्थ शुन्य है जहां से ओम उत्पन होता है और जिसमें ओम विलीन हो जाता है
02:09ओम का प्रतीक चिन अपने आप में गहरी आध्यात्मिक अर्थ रखता है
02:14यह तीन वक्र एक अर्ध वृत और एक बिंदु से बना होता है
02:19यह तत्व चेतना की तीन अवस्थाओं और उनसे परे चौथी अवस्था को दर्शाते हैं
02:25निचला वक्र जागरत अवस्था का प्रतीक है जहां हम अपनी इंद्रियों के माध्यम से बाहरी दुनिया का अनुभव करते हैं
02:32मद्यवक्र स्वप्न अवस्था को दर्शाता है जहां अवचेतन मन अपनी वास्तविक्ता बनाता है।
02:39उपरी वक्र गहरी निद्रा की अवस्था को दर्शाता है जहां मन और इंद्रियां शांत होती है।
02:45उपर की बिंदी जिसे तुरिय कहा जाता है शुद्ध चेतना की अवस्था है जो अंतिम वास्तविक्ता है
02:52अर्दवरित यह दिखाता है कि तुरिय अवस्था साधारन मन की पकड़ से परे है
02:58ओम केवल एक आध्यात्मिक अवधारना नहीं है इसके पीछे वैज्ञानिक आधार भी है
03:04ओम का उच्चारन शरीर में कंपन उत्पन करता है जो पूरे शरीर में और्जा प्रवाहित करता है
03:10वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि ओम की ध्वनी वागस नर्व को उत्ते जित करती है जिससे तनाव कम होता है और मन शांत होता है
03:18ओम के उच्चारण में तीन भाग होते हैं अ, अ, उ, उ, और मा
03:24हर ध्वनी अलग-अलग आवरित्यों पर कमपन करती है जो शरीर के विभिन हिस्सों से जुड़ी होती है
03:31अध्वनी पेट के निचले भाग में कमपन करता है और मुलाधार चक्र को सक्रिय करता है
03:37उध्वनी छाती में ध्वनित होता है और अनाहत चक्र को जागरत करता है
03:43मध्वनी सिर में गूंजता है और सहसरार चक्र को प्रेरित करता है
03:48ओम ब्रहमांड की सभी वस्तों के आपसी संबंध का प्रतीक है
03:52यह वह कमपन है जो हमारे शरीर के सुक्ष्म जगत को ब्रहमांट के विशाल जगत से जोड़ता है
03:58ओम का जाब करने से हम इस ब्रहमांडिय उर्जा के साथ सामंजस से स्थापित करते हैं
04:05ओम की ध्वनी 432 हर्ज की आवरित्ती से मेल खाती है, जिसे प्रकृती की आवरित्ती माना जाता है।
04:12यही कारण है कि प्राचीन मंदिरों को 432 हर्ज में ट्यून किया गया था, ताकि वहां मंत्रों और प्रार्तनाओं का प्रभाफ बढ़ सके।
04:20ओम का जाब ध्यान के अभ्यास में एक शक्तिशाली साधन है, यह हमें ईश्वर से जोड़ता है और हमारी आत्मा को जागरित करता है।
04:50अंत में मम्म का जाब करें। इसे अपने सिर में गुझने दें। इन ध्वनियों के साथ आप ओम की पूर्णता को अनुभव करेंगे।
05:02ओम का जाब नकेवल मन को शांत करता है, बलकि आत्मा को जागरित करता है। यह संतुलन स्पश्टता और ब्रहमान के साथ गहरा संबंध लाता है।
05:12यही कारण है कि ओम ध्यान योग और आध्यात्मिक प्रथाओं का केंद्र है। ओम हमें याद दिलाता है कि हम ब्रहमान से अलग नहीं हैं, हम स्वयम ब्रहमान हैं।
05:23यह सीमित और अनन्त भौतिक और आध्यात्मिक के बीच पुलका कारे करता है
05:28और इसके माध्यम से हम समय और स्थान की सीमाओं को पार कर सकते हैं
05:34ओम की ध्वनी शाश्वत है जो ब्रहमांट के हर पर्माणों में गुंजती है
05:38यह हमें याद दिलाती है कि हम केवल शरीर नहीं है बलकि अनन्त उर्जा है
05:44अगली बार जब आप ओम का जाब करें तो जान ले कि आप केवल एक ध्वनी नहीं बना रहे हैं
05:50आप ब्रहमांट के मूल स्वर के साथ स्वयम को जोड रहे हैं
05:55ओम शांती, शांती, शांती
05:57आपका धन्यवाद
05:59यदि इस वीडियो ने आपको प्रेरित किया है तो इसे लाइक, शेर और सब्सक्राइब करें
06:05ओम का जाब करने का आपका अनुभव नीचे कमेंट में बताएं
06:10अगली बार तक ओम नमः शिवाए
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