Trinetra – Shiva Ka Teesra Netra Kya Kehta Hai? | त्रिनेत्र – शिव का तीसरा नेत्र
Shiva’s third eye is not just a symbol of destruction — it is the eye of consciousness. When it opens, lies are burned, and only truth remains. It doesn’t see the outside world but illuminates the ignorance within. The third eye exists in everyone, but it opens only for those brave enough to look within.
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शिव का तीसरा नेत्र केवल विनाश का प्रतीक नहीं है — यह चेतना का नेत्र है। जब यह खुलता है, झूठ जलते हैं और केवल सत्य बचता है। यह नेत्र बाहरी दुनिया नहीं देखता, बल्कि भीतर की अज्ञानता को जलाता है। तीसरा नेत्र हर किसी में है, लेकिन खुलता उसी का है, जो अपने अंदर देखने का साहस रखता है।
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00:00शिव का तीसरा नेतर केवल विनाश का प्रतीकन है, वो चेतना का नेतर है, जब यह खुलता है तो जूट जलते हैं, और केवल सत्य बच्छता है, यह नेतर बाहर की दुनिया नहीं देखता, यह भीतर की अज्यानता को जलाता है, यही शिव का असली संदेश है, देखो उस �
00:30लेकिन खुलता उसी का है जो भीतर जाने का साहस रखता है
00:34अगर इसने आपके मन में शिव भक्ती जगाई हो तो इसे लाइक करें, साजा करें और कमेंट करें हर हर महा दे
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