हमारा लोकतंत्र जिन संस्थाओं के बूते खड़ा हुआ है, उनमें पारदर्शिता व ईमानदारी लाने के लिए जो व्यक्ति और संस्थाएं निरंतर संघर्ष करते रहे हैं, उनमें सबसे आगे की कतार में रहे हैं ADR के संस्थापकों में से एक जगदीप छोकर (1944-2025). उनका जाना इस लड़ाई को बहुत बड़ा नुकसान है। देखिए उनसे बेबाक भाषा की पिछले ही दिनों हुई बातचीत के कुछ अंश... #news #latestnews #newsanalysis #adr #democraticreforms #jagdeepchhoker
00:00बेबाग भाशा की तरफ से हम ADR के फाउंडिंग मेंबर देश में चुनावी सुधार चुनावी पारदर्शिता के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले योधा जगदीश S. चोकर को भावभीनी श्रद्धांजली पेश करते हैं
00:191944 में जन्मे जगदीब जी ने आज यानि 12 सितंबर 2025 को अंतिम सांस ली हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ और उनकी इच्छा के अनुरूप उनकी बॉड़ी डोनेट की गई
00:36जगदीब जी का नाम लंबे समय तक हम जैसे तमाम लोगों के लिए तमाम भारतियों के लिए एक प्रेढ़ना का स्रोत बना रहेगा
00:45क्योंकि उन्होंने दिखाया कि चुनावी प्रक्रिया, चुनाव में सुधार, चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता कितनी जरूरी है, चाहे मामला Electoral Bonds का हो, उतने बड़े भरष्टाचार का हो, या फिर इस समय जो सुलगता हुआ सवाल है, Special Intensive Revision जो चल रहा है,
01:04वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग जो एक प्रक्रिया चला रहा है, उसको चालेंज करने के लिए, वह Supreme Court पहुचे, ADR पहुचा, और जिस तरह से बेबाकी के साथ, उन्होंने पूरी हिम्मत के साथ, एक वोट, एक वैल्यू, वन परसन, वन वोट, इसके लिए संघर्�
01:34आज उन्हें याद करते हुए, उन्हें सलाम पेश करते हुए, 28 जुलाई 2025 को उनके साथ बेबाक भाशा के लिए, जो बाचीत हुई थी, वह दुबारा जारी कर रही हूँ, ताकि देखिए किस तरह से, किस बारीक नजर से उन्होंने बताया था, यह जो SIR है, यह लोगतं
02:04इसका एलान 28 जुलाई को बेबाक भाशा के प्लेटफॉर्म पर जगदीब जी ने किया था, आएए, सुनिये, किस तरह से, दो टूक लहजे में, वह सच को सच कहते हैं
02:18नहीं, SIR का सबसे बड़ा, इसमें संकट तो बहुत हैं, सबसे बड़ा संकट यह है कि बिहार में एक बड़ा तबका, वोटर्स का, जो लेजितिमेंट हैं, जो वोटर लिस्ट में थे, वो डिस एंफ्रेंचाइज हो जाएंगे
02:37तो सबसे बड़ा तो यह खत्रा है, बिहार में, उसके बाद अगर यह, मेरे खाल में यह बिहार में एक पाइलेट प्रॉजेट है, अगर यह बिहार में चलता रहा, तो फिर यह पूरे देश में होगा, तो अगर पूरे देश में एक सिगनिफिकंट स्केल पे डिस एंफ्
03:07ये लोग तंत्र के लिए खत्रा है और ये इतना बड़ा खत्रा है कि जिस वन वोट वन परसन वन वोट वन वैल्यू जे अगर ये प्रिंसिपल खत्ब होता है तो फिर हम लोग तंत्र नहीं रहेंगे पिर कुछ लोगों की वोट की कम वैल्यू होगी कुछ लोगों की वैल्य
03:37और इसको देख के मुझे इसको सुन के मुझे कहावत ये लॉर में है वो याद आ गई कि जस्टिस डिलेड इस जस्टिस डिनाइड और ये मामला ऐसा है कि हमने तो दस जुलाई को कहा था इसको रोकिये वो नहीं रुका ये हुआ कि उस वक्त इलेक्षिर कमिश्री के वकील �
04:07माना कि इसको हम ड्राफ्ट एलेक्टर रोलों से पहे लगाएंगे इसलिए अट्ठाइस को लगाएंगे था और आज जो को ये कारवाई हुई है
04:16उससे लगता है कि यह पहली अगस्ट के आगे जाएगा और आज जस्तिस सुल्यकाइद ने कहा भी कि यह तो ड्राफ्ट एलेक्टरल रोल है इसमें कोई कमी निकलेगी या कुछ गर्बर होगी तो हम इसको रोख भी सकते हैं तो यह आगे जाएगा और एक चीज़ होती है इं
04:46और फिर एलेक्शन कमिशन चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर देगा और एक दबाद नोटिफिकेशन जारी हुआ तो सारे कोट का का बंद हो जाएगा तो इसमें बहुत गंभीर रिस्क हैं जो मुझे लगता है कि ना एलेक्शन कमिशन या तो समझ नहीं रहा है या सम�
05:16नहीं चाहरे हैं, अब यह जो ड्राफ्ट एलेक्टरोल की बात है, ड्राफ्ट एलेक्टरोल छब गया, एक तारीक को, एक अगस्त को, और वो कह रहे हैं, जिस जिसके फॉर्म हाएं, वो सब के नाम हम डाल देंगे, चाहे कोई कागस हो के ना हो, अरे भाई, आप उनके नाम �
05:46यह पहले से नहीं चलना था, एक लाख, एक लाख के करीब लापता वोटर हैं, और लापता वोटर पिछले दो-तिन दिन में हैं, पहले नहीं थे लापता वोटर, तो नए-नए कैटेगरी आ रही है, नंबर बहता जा रहा है, और ड्राफ्ट एलेक्टरोल में कितने ही लो�
06:16वो objections और claims का एक महिने का period है, उसमें कितने लोग करेंगे, कितने नहीं करेंगे, मैं नहीं जानता, लेकिन वो 30 सेतंबर के बाद, तो कुछ भी नहीं हो सकता, वो तो final electoral roll हो जाएगा, वो तो बाद खता हो गई, तो इसकी urgency और importance, देखिए यह दो चीज़े होती हैं, कि कु�
Be the first to comment