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00:00बुरी नहीं थी
00:00एक दिन हेना फिक्ट्रियाई और यासिर से पहली मुलाकात हुई यासिर की सचाई
00:05और शरापत ने हेना को मतासिर किया
00:08और इस्ता हिस्ता के दर्मयान इन दोने के दर्मयान बात चीत बढ़ने लेगी
00:13पीचे महीनों में हेना ने यासिर से अपने दिल की बात कह दी यासिर हिरान भी हुआ और परेशान भी यापके और मेरे दर्माइन जमीन और अस्मान का परक है आपके वालिद कभी ये रिश्ट कबूल नहीं करेंगे मगर हेना बज़ित थी कि वो अपने वालिद को मनाएगी
00:43तुमने दोखा दिया यासिर ने लाग कोशिश की कि अपनी सपाई दे सके मगर कोई सुनने को तयार नहुआ हेना को जो पता चला तो वो फॉरन सामने आई और कहा अबू यासिर इसाह नहीं कर सकता मैं उसे जानती हूँ यासिर ये सुनकर रफीक साब चौंग गए तुम �
01:13पेल गी यासिर के वाले दिन भी दुग में डूब गए यासिर ने हिम्मत नहारी उसे सचाई साबित करने के लिए खुद तहकीक शुरू की दिन रात मेहनत करके इसने सबूत एकटे के के असल में पिक्ट्री के मनेजर और एकांट्स के लर्क ने मिली बुगत से राकम च�
01:43हिना ने अपने वालिद को कहा भू यही वो इनसान है जो दौलत के बगएर भी सबसे अमीर है रफीक सब खामोशे कुछ वक्त लगा मगर आखिरकर उन्हों ने हिना और यासिर की शादी के इजाज़त दे दी
01:56ड्रामसल के हवाले से अपने राए की जालाज़मी कमेंट करें साथ में हमारे एडूप का चैनल सबस्क्राइब करना मत भूलिए तेंस पर वाचिंग अला हाफिज
02:04विवर्स पेसल अबाद के एक महले में यासिर नाम का नुजवान रहता था यासिर महनती इमानदार और सीधी बात करने वाला लड़का था
02:12वो एक चोटे कपले के पेक्ट्री में का एकांप्टेंट की नुखिरी करता था घर में वाली दीन और एक बेहन थी जिनके जिमेदार यासिर के खंदों पर थी
02:22वीवर्स पेक्ट्री का मालिक रफीक अहमत साब ने दुलतमन और बाद से इनसान थे इनके बीटी हेना यूनिवस्टी में पलती थी नाज़ और नखरे वाली मगर दिल के बुरी नहीं थी
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