Skip to playerSkip to main content
#biggboss #bigg boss#arydigital​ #pakistanidrama​#RaazEDil#DramaReview#PakistaniDrama#RomanticMystey#IshqEMann#DramaReview#PakistaniDrama#RomanticDrama#PakistaniDrama #PakistaniNewDrama #LatestPakistaniDrama #FirstEpisode #Drama2025 #BiggBoss19 #BiggBossTamil #BB19 #BBTAMIL
#Hairstyle #HairGoals #GlamPony #HairstyleTutorial #BeautyTips #HouseDrama #RealityShow
#Highlights #BiggBossMoments #BBHighlights #VoteNow #InsideTheHouse
#BBFans #StyleInspo #TamilBeauty #TrendAlert #Makeover

Category

🗞
News
Transcript
00:00विल्का है ये बन्जारा
00:10अलीप मुझे तुम्हे कुछ बताने तुम्हें जल्दी भोलो नादिया
00:15असद भाई और जारा भावी के कले से तावीज मैंने उतारा था
00:18क्या क्यों
00:24आज़र ने मममा को पॉजेस कर दिया था
00:27उसने मुझे का कर मैंने यह नहीं किया तो मममा को जान से मार देगा अच्छा
00:32जादू घर से बाईरी रखे पिर जो भी लाएंगी चोरी करके लाएंगी ना तुम रोग से क्यों मज़ा है
00:38हाँ रोग से क्यों में यह लो नादू यह रॉसन काउन है वो इंसान सादा
00:46सरदार मेरी बेहन को बख्ष तो
00:4850 करोर्स असद किया और 50 करोर्स तुमार
00:52लेकिन मुझे तो वो कही नजर नहीं आई
00:53नजर तो मुझे भी नहीं आरी
00:56लेकि मुझे भी नहीं मौचूब थी
00:58मुझा अली की बात उससे अंदाजा हो गया
01:01उस बुढ़े ने कोई ऐसा अमल किया
01:03खुशी पर किस वक्त हमें नसर नहीं आ रही
01:05हाँ जर अब क्या होगा
01:06हम खुशी को कैसे वापस हासल करेंगे
01:09बस चम के
01:12मारे
01:13I really don't care मा मैं दो बस चातियो कह रही
01:16कि उनों पर बैठके माफियो मंगे हो
01:17हमें नीचे जाकर
01:18भाई और भावी पर उमीद होंगे कि
01:21हमने उनके रहाई के लिए कुछ किया होगा
01:24हमें ऐसे नाकाम देखकर वह बहुत मायूस हो जाएंगे
01:28अली एक बात तो साफ है
01:31आजर भाई ने हम पर मुस्तकिल नजर रखी हुई है
01:35कई ऐसा तो ने हमसे पहले आजर भाई ने इस पर हाथ साफ कर लिया
01:46खुशी
01:52अगर ऐसा है तो वह हमसे पहले हत्यार तक पहुँच जाएगा
01:56वह थोड़ी अपसेट होगे ना इस तेस तरह वरना वह कभी भी इतनी रूडली नहीं जाती
02:00जारा बिटा तुम जब भी कभी कोर्मा बनाओगी मैं तुमारी कोर्मे को बहुत मिस करूँगी
02:05मुझे जरूर याद करना जब भी कोर्मा बनाओगी
02:08पाने
02:30झाल बनाओगी
02:38मुझे जरूर झाल याद रूर यादगी
02:40श्राफे टूर बनाओगी
02:41मुझे जरूर यादागी
02:53मैंने कभी उसको इस नजर से देखा ही नहीं क्यों क्या बुराई है उस बिचारी में तुम बस यहीं खड़ी देखती रह जाओगी खुशी और तुम्हारा अली नादिया का उचाएगा
03:18क्या बुराई है उस बिचारी में शकल भी मुनासिब है और फिर इनसानजादी है और सबसे बढ़कर आपसे महबत भी करती है
03:32लेकिन मैं तो तुम्हारे होते वे किसी और के बारे में सोच भी नहीं सकता
03:37अच्छा अगर मैं आपके जिंदगी में ना होती फिर तब भी नहीं यार मतलब पागल है वो साइको है हाईपर है मेरे टाइप की नहीं है
03:50ऐसी लड़की को मैं बहन तो बना सकता हूँ लेकिन बीवी नहीं
03:55ऐसे नहीं कहते बुरी बात
04:00अच्छी बोलो मैं
04:07हलो फिवर सारा एक मारन मगर दिल से मश्री की सोच रिखने वाली लड़की थी जो कराची की एक पेशन डिजाइनर थी
04:23उसकी जिन्दगे के खुआप ता कियो दुन्या को अपनी पेचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर
04:29दुसी तरब जवार एक खामोश तबा मजहभी और रवायती लड़का ता जो लाहूर में एक इसलामी दारे में पढ़ाता था और खांदान के दबाओं में शादी के लिए तयार तो था मगर दिल से नहीं
04:41इन दुनों का तालुक एक आनलाइन रजा कराना पला ही प्राजिक के जिया हुआ सारा जदीद ख्यालात की थी जबके जवार अपनी हुदूद में रहना वाला एक इनसान
04:51मगर दोनों का मकसद एक ता जिस तरी के लिए कुछ करना एक अहेस्ता हेस्ता काम के दबरान गुत तको अखिलाफ बहस और आखिरकार एक अंदे के इहतिराम बदलने लगी
05:04सारा को जवार की साफ नहींगत ने मतासिर किया और सारा की बेलवज जजबे दिल में उतरने लगा
05:11एक दिन साफ़ार ने साथगी से सारा से कहा तुम जेसी लड़की आच के दोर में कम मिलती है अगर तुम इजाज़त दो तुमें तुमसे रिष्टा कायम करना चाहूंगा
05:21सारा चोंग गई क्योंके उसके जिन्दगी में शादी का तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था
05:27उसने इंकार किया लेकिन साफ़ार ने जबरदस्ती न की बस इतना कहा अगर कभी दिल बदल जाए तो मैं दूआ में रहूंगा
05:34वक्त गुजरता गया सारा काम्याब होती की वकर दिल में एक खलाती जो उसे जबर के याद दिलाता रहा
05:42आखिर कार एक दिन जब वो अपने औरोज पर पहुंची उसने खुद जवार को काल की और सिर्फ इतना कहा किया वो दूआ अभी भी बाकी है जवार खामोश रहा पिर मुस्कुरा कर बोला मैंने कभी वो दूआ रुकी है नहीं यू दूआ की इसर होने लगी यू दो अल�
06:12इनकी कहानी ने सिकाया कि सची मुहबच नजोर देती है ने मजबूर करती है बस इंतिजार करती है खामोशी से वो पादारी से ट्रामा सिर्फ के हवाले से अपने राय की ज़हार लाजमी कमेंड करें साथ में हमारे यूटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करन
06:42थी उसकी जिन्दगे के खुआप ता कि ओ दुन्या को अपनी पहचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर दूसी तरफ जवार एक खामोश तबाह मजभी और रवायती लड़का ता जो लाहूर में एक इसलामी दारे में पढ़ाता था और खानदान के दबाओं में शा�
07:12ठहिक ता जिस तरू के लिए कुछ करना एक जिसना काम के दबान गुप तको, इخ 문बा और खामोश तक हाफर एक अंधे के बदलने लगी
07:23सारा को जवार की साफ नहींगत ने मतासिर किया
07:26और सारा की बेलवज जजबे दिल में उतरने लगा
07:30एक दिन जवार ने सादगी से सारा से कहा
07:34तुम जेसी ललकी आज के दोर में कम मिलती है
07:36अगर तुम इजाज़त दो तो मैं तुम से रिश्टा कायम करना चाहूंगा
07:40सारा चोंग गई क्योंके उसके जिन्दगी में शादी का तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था
07:46उसने हिंकार किया लेकिन जवार ने जबरदस्ती न की
07:50बस इतना कहा अगर कभी दिल बदल जाए तो मैं दुआ में रहूंगा
07:53वक्त गुजरता गया सारा काम्याब होती गई
07:56वकर दिल में एक खलाती जो उसे जवार के याद दिलाता रहा
08:01आखिर कार एक दिन जब वो अपने औरोज पर पहुंची उसने खुद जवार को काल की
08:07और सिर्फ इतना कहा कि वो दुआ अभी भी बाकी है जवार खामोश रहा पिर मुस्कुरा कर बोला
08:13मैंने कभी वो दुआ रुकी ही नहीं यू दुआ की इसर होने लगी
08:20यू दो अलग दुआ के दो लोग जिनके खौब रास्ते और तज़ी जिन देगी अलग थी एक नियत एक जजबा एक मुहबद ने उन्हें मिला दिया
08:31इनकी कहानी ने सिकाया के सची मुहबद नजोर देती है ने मजबूर करती है बस इंतिजार करती है खामोशी से है वो पादारी से
08:41ट्रामसिल के हवाले से अपने राएक इज़ार लाजमी कमेंड करें साथ में हमारे योटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करना मत बूलिए तैंक्स पर वाचिंग अला हाफ़ेज
08:52हेलो वीवर सारा एक मारण मगर दिल से मश्री की सोच रिखने वाली लड़की ती जो कराची की एक पेशन डिजाइनर थी उसकी जिन्दगे के खुआप ता कि हुँ दुन्या को अपनी पहचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर दूसी तरब जबार एक खामोश तबा
09:22पराना पलाही प्राजिक के जिये हुआ सारा जदीद ख्यालात की थी जबके जबके जबार अपनी हुदूद में रहना वाला एक इंसान मगर दोनों का मकसद एक ता जसरी के लिए कुछ करना एक अहेस्ता काम के दबरान गुट तको इखिलाफ बहस और आगिरकार एक अं�
09:52इसे सारा से कहा तुम जेसी ललकी आच के दोर में कम मिलती है अगर तुम इजाज़त दो तुमें तुमसे रिष्टा कायम करना चाहूंगा सारा चोंग गई क्योंके उसके जिन्दगी में शादी का तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था उसने इंकार किया लेकि
10:22दिन जब वो अपने औरोच पर पहुँची उसने खुद जवार को काल की और सिर्फ इतना कहा किया वो दुआ अभी भी बाकी है जवार खामोश रहा पिर मुस्कुरा कर बोला मैंने कभी वो दुआ रुकी है नहीं यू दुआ की इसर होने लगी यू दो अलग दुन्या के
10:52सिकाया कि सची मुहबच नजोर देती है नमजबूर करती है बस इंतिजार करती है खामोशी से वो पादारी से ट्रामसिल के हवाले से अपने राय की जहार लाजमी कमेंड करें साथ में हमारे यूटूब का चैनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करना मत बूलिए तेंक्स प
11:22क्वाब ता कि ओ दुन्या को अपने पहचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर दूसी तरब जवार एक खामोश तबा मजभी और रवायती लड़का ता जो लाहूर में एक इसलामी दारे में पढ़ाता था और खानदान के दबाओं में शादी के लिए तयार तो था म�
11:52किले कुछ करना एक हिसता हिसता काम के दबाहं गुपत गो अखिलाब बहस और आखिरकार एक अंदे के इहतिराम बदलने लगी सारा को जवार की साफ नहीं हैतने मुतासिर किया और सारा की बिल्वज जजब दिल में उतरने लगा एक दिन सादगी से सारा से कहा तुम जैसी
12:22के तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल ना था उसने हिकार किया लेकिन जबार ने जबरदस्ती न की बस इतना कहा अगर कभी दिल बदल जाए तो मैं दूआ में रहूंगा वक्त गुजरता गया सारा काम्याब होती गई वकर दिल में एक खलाती जो उसे जबार के याद
12:52मैंने कभी वो दूआ रूकी ही नहीं यू दवा की असर होने लगी यू दो अलग दुनिया के दो लोग जिनके खौब रास्ते और तज़ी जिन्देगी अलग थी एक नियत एक जजबा एक महबद ने उन्हें मिला दिया ने की कहानी ने सिखाया के सची महबद नजोर देत
13:22एक इज़ार लाजमी कमेंट करें साथ में हमारा यूटूब का चेनल इखलास टीवी को सब्सक्राब करना मत बूलिए तेंक्स पर वाचिंग अला हाफ़ेज
13:30हेलो वीवर सारा एक माडरन मगर दिल से मश्री की सोच रिखने वाली लड़की थी जो कराची की एक पेशन डिजाइनर थी उसकी जिन्दगे के खुआप ता के उद दुन्या को अपनी पहचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर दूसी तरब जबार एक खामोश तबा
14:00पराना पलाही प्राजिक के जिये हुआ सारा जदीद ख्यालात की थी जबके जबके जबार अपनी हुदूद में रहना वाला एक इंसान मगर दोनों का मकसद एक ता जसरी के लिए कुछ करना एक अहेस्त अहेस्ता काम के दबरान गुट तको इختलाफ बहस और आगिरकार ए
14:30इसे सारा से कहा तुम जेसी ललकी आच के दोर में कम मिलती है अगर तुम इजाज़त दो तुमें तुमसे रिष्टा कायम करना चाहूंगा सारा चोंग गई क्योंके उसके जिन्दगी में शादी का तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था उसने इंकार किया लेकि
15:00एक दिन जब वो अपने औरोज पर पहुंची उसने खुद जवार को काल की और सिर्फ इतना कहा किया वो दुआ अभी भी बाकी है जवार खामोश रहा पिर मुस्कुरा कर बोला मैंने कभी वो दुआ रुकी है नहीं यू दुआ की असर होने लगी यू दो अलग दुनिया
15:30सिकाया कि सची महबच नजोर देती है नमजबूर करती है बस इंतिजार करती है खामोशी से वो पादारी से ट्रामसिल के हवाले से अपने राय की ज़हार लाजमी कमेंड करें साथ में हमारे यूटूब का चैनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करना मत बूलिए तैंक्स प
16:00क्वाब ता कि ओ दुन्या को अपनी पहचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर दूसी तरफ जवार एक खामोश तबा मजभी और रवायती लड़का ता जो लाहूर में एक इस्लामी दारे में पढ़ाता था और खानदान के दबाओं में शादी के लिए तैयार तो था
16:30के लिए कुछ करना एक हैस्ता हैस्ता काम के दवरान गुत गो इखिलाफ बहस और आखिरकार एक अंदे के एक थिराम बदलने लगी साहरा को जवार की साफ नहीं हैतने मतासिर किया और साहरा की बिल्फ सब्स जब दिल में उतरने लगा
16:47एक दिन जवार ने सादगी से सारा से कहा
16:51तुम जेसी ललकी आज के दोर में कम मिलती है
16:53अगर तुम इजाज़त दो तुमें तुमसे रिश्टा कायम करना चाहूंगा
16:57सारा चोंग गई क्योंके उसके जिन्दगी में
17:00शादी का तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था
17:03उसने हिकार किया लेकिन जवार ने जबरदस्ती न की
17:07बस इतना कहा अगर कभी दिल बदल जाए तो में दुमें दूआ में रहूंगा
17:10वक्त गुजरता गया सारा काम्याब होती गई
17:13वक्त दिल में एक खलाती जो उसे जवार के याद दिलाता रहा
17:18आखिर कार एक दिन जब वो अपने औरोच पर पहुँची उसने खुद जवार को काल की
17:24और सिर्फ इतना कहा कि वो दूआ अभी भी बाकी है जवार खामोश रहा पिर मुस्कुरा कर बोला
17:30मैंने कभी वो दूआ रूकी है नहीं यू दवा की असर होने लगी यू दो अलग दुनिया के दो लोग जिनके खौब रास्ते और तज़ जिन देगी अलग थी
17:45एक नियत एक ज़बा एक महबद ने उन्हें मिला दिया
17:48ने की कहानी ने सिकाया के सची महबद नजोर देती है ने मजबूर करती है बस इंतिजार करती है खामोशी से है वो पादारी से
17:58ड्रामसिल के हवाले से अपने राएक इज़ार लाजमी कमेंड करें साथ में हमारे योटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करना मत बूलिए तैंक्स पर वाचिंग अला हाफ़ेज
18:09हेलो वीवर सारा एक माडरन मगर दिल से मश्री की सोच रिखने वाली लड़की ती जो कराची की एक पेशन डिजाइनर थी उसकी जिन्दगे के खुआप ता के उद दुन्या को अपनी पहचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर दूसी तरब जबार एक खामोश तबा
18:39पराना पलाही प्राजिक के जिए हुआ सारा जदीद ख्यालात की थी जबके जबके जबार अपनी हुदूद में रहना वाला एक इनसान मगर दोनों का मकसद एक ता जसरी के लिए कुछ करना एक अहेस्ता काम के दबरान गुट तको इखिलाफ बहस और आगिरकार एक अं�
19:09इसे सारा से कहा तुम जेसी ललकी आच के दोर में कम मिलती है अगर तुम इजाज़त दो तुमें तुमसे रिश्टा कायम करना चाहूंगा सारा चोंग गई क्योंके उसके जिन्दगी में शादी का तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था उसने हिकार किया लेकिन
19:39एक दिन जब वो अपने औरोच पर पहुँची उसने खुद जवार को काल की और सिर्फ इतना कहा किया वो दुआ अभी भी बाकी है जवार खामोश रहा पिर मुस्कुरा कर बोला मैंने कभी वो दुआ रुकी ही नहीं यू दुआ की इसर होने लगी यू दो अलग दुनिय
20:09सिकाया कि सची महबच नजोर देती है नमजबूर करती है बस इंतिजार करती है खामोशी से वो पादारी से ट्रामसिल के हवाले से अपने राय की ज़हार लाजमी कमेंड करें साथ में हमारे यूटूब का चैनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करना मत बूलिए तेंक्स प
20:39क्वाब ता कि ओ दुन्या को अपनी पेचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर दूसी तरफ जवार एक खामोश तबा मजभी और रुआती लड़का ता जो लाहूर में एक इसलामी दारे में पढ़ाता था और खानदान के दबाओं में शादी के लिए तार तो ता मग
21:09के लिए कुछ करना एक अहेस्ता हेस्ता काम के दबरान गुपतगो अखिलाफ बहस और आखिरकार एक अंदे के इहतिराम बदलने लगी साहरा को जवार की साफ नहीं अतने मतासिर किया और जवार को साहरा की बिल्वज जजबे दिल में उतरने लगा एक दिन जवार ने सा�
21:39के तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था उसने हिकार किया लेकिन जवार ने जबरदस्ती न की बस इतना कहा अगर कभी दिल बदल जाए तो मैं दूआ में रहूंगा वक्त गुजरता गया सारा काम्याब होती गई वकर दिल में एक खलाती जो उसे जवार के या�
22:09मैंने कभी वो दूआ रूकी है नहीं यू दवा की असर होने लगी यू दो अलग दुनिया के दो लोग जिनके खौब रास्ते और तज़ी जिन्देगी अलग थी एक नियत एक जजबा एक महबद ने उन्हें मिला दिया
22:27इनकी कहानी ने सिकाया के सची महबद नजोर देती है ने मजबूर करती है बस इंतिजार करती है खामोशी से वो पादारी से ट्रामसिल के हवाले से अपने राय की ज़ार लाजमी कमेंड करें साथ में हमारे येटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करना मत बूल
22:57थी उसकी जिन्दगे के खुआप ता कियो दुन्या को अपनी पहचान से जाने किसी मर्द के साए के बगएर दुसी तरब जवार एक खामोश तबा मजभी और रवायती लड़का ता जो लाहूर में एक इसलामी दारे में पढ़ाता था और खांदान के दबाओं में शाद
23:27एक ता जिस तरु के लिए कुछ करना एक आहिस्ता हिस्ता काम के दबरान गुपतगो इखिलाफ बहस और आखिरकार एक अंदे के इहतिराम बदलने लगी सारा को जवार की साफ नहीत ने मतासिर किया और जवार को सारा की बेल्वज जजबे दिल में उतरने लगा एक दिन �
23:57के जिन्दगी में शादी का तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था उसने इकार किया लेकिन जवार ने जबरदस्ती न की बस इतना कहा अगर कभी दिल बदल जाए तो मैं दूआ में रहूंगा वक्त गुजरता गया सारा काम्याब होती गई वगर दिल में एक खल
24:27मस्कुरा कर बोला मैंने कभी वो दूआ रूकी ही नहीं यू दवा की असर होने लगी यू दो अलग दुनिया के दो लोग जिनके खौब रास्ते और तज्जी जिन्दगी अलग थी एक नियत एक जजबा एक महबद ने मिला दिया इनकी कहानी ने सिकाया के सची महबद न�
24:57की हवाले से अपने राय की ज़ार लाजमी कमेंट करें साथ में हमारे यूटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करना मत बूलिए तेंक्स पर वाचिंग अला हाफ़ेज
25:06हेलो फीवर सारा एक माडरन मगर दिल से मश्री की सोच रखने वाली लड़की थी जो कराची की एक पेशन डिजाइनर थी उसकी जिन्दगे के खुआप ता कि हो दुन्या को अपने पहचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर दूसी तरब जबार एक खामोश तबा, म�
25:36पराना पला ही, प्राजिक के जिये हुआ सारा जदीद ख्यालात की थी जबके जबके जबार अपनी हुदूद में रहना वाला एक इंसान, मगर दोनों का मकसद एक ता दुस्तरी के लिए कुछ करना, एक अहिस्त अहिस्ता, काम के दबरान गुप तको, इختलाफ, बहस और �
26:06इसे सारा से कहा, तुम जिसी ललकी आज के दोर में कम मिलती है, अगर तुम इजाज़त दो तो मैं तुम से रिश्टा कायम करना चाहूंगा, सारा चोंग गई क्योंके उसके जिन्दगी में शादी का तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था, उसने हिंकार किया, �
26:36एक दिन जब वो अपने औरोज पर पहुंची, उसने खुद जवार को काल की, और सिर्फ इतना कहा, कि वो दुआ अभी भी बाकी है, जवार खामोश रहा, पिर मुस्कुरा कर बोला, मैंने कभी वो दुआ रुकी है नहीं, यू दवा की असर होने लगी, यू दो अलग द�
27:06सिकाया के सची महबच नजोर देती है, ने मजबूर करती है, बस इंतिजार करती है, खामोशी से, वो पादारी से, ट्रामा सिर्फ के हवाले से, अपने राय की ज़ार लाजमी कमेंड करें, साथ में हमारे यूटूब का चेनल इखलास टीवी को सब्सक्राब करना मत बूलि
27:36खौाब ता, के उद दुनिया को अपनी पहचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर दूसी तरब, जवार एक खामोश तबा, मजभी और रवायती लड़का ता, जो लाहूर में एक इसलामी दारे में पढ़ाता था, और खांदान के दबाओं में शादी के लिए तयार �
28:06के लिए कुछ करना, एक अहेस्ता हेस्ता काम के दबरान गुपतगो, अखिलाफ, बहस और आखिरकार एक अंदे के इहतिराम बदलने लगी, साहरा को जवार की साफ नहीतने मतासिर किया, जवार को साहरा की बेलवज जजबे दिल में उतरने लगा, एक दिन जवार ने साद
28:36के तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था, उसने हिकार किया, लेकिन जवार ने जबरदस्ती न की, बस इतना कहा, अगर कभी दिल बदल जाए तो मैं दूआ में रहूंगा, वक्त गुजरता गया, सारा काम्याब होती गई, वकर दिल में एक खलाती जो उसे जवा
29:06मैंने कभी वो दूआ रूकी ही नहीं, यू दवा की असर होने लगी, यू दो अलग दुनिया के दो लोग जिनके खौब रास्ते और तज़ी जिन्देगी अलग थी, एक नियत, एक जिजबा, एक महबद ने उन्हें मिला दिया, इनकी कहानी ने सिकाया के सची महबद नज
29:36एक इज़ार लाजमी कमेंड करें, साथ में हमारे यटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करना मत बूलिए, तेंक्स पर वाचिंग, लाहाफ़ेज
29:45हेलो वीवर, सारा एक मारण, मगर दिल से मश्री की सोच रिखने वाली लड़की थी, जो कराची की, एक पेशन्ट डिजाइनर थी, उसकी जिन्दगे के खुआप ता, कि हो दुन्या को अपनी पहचान से जाने, किसी मर्द के साहे के बगएर, दुसी तरब, जबार, एक ख
30:15पराना पलाही, प्राजिक के जिये हुआ, सारा जदीद ख्यालात की थी, जबके जवार अपनी हुदूद में रहना वाला एक इंसान, मगर दोनों का मक्सद एक ता, दुस्तरी के लिए कुछ करना, एक अहिस्त अहिस्ता, काम के दबरान गुप तको, इختलाफ, बहस और आ�
30:45इसे सारा से कहा, तुम जिसे ललकी आच के दोर में कम मिलती है, अगर तुम इजाज़त दो तो मैं तुम से रिश्टा कायम करना चाहूंगा, सारा चोंग गई, क्योंके उसके जिन्दगी में शादी का तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था, उसने इंकार किया,
31:15एक दिन जब वो अपने औरोज पर पहुंची, उसने खुद जवार को काल की, और सिर्फ इतना कहा, कि वो दुआ अभी भी बाकी है, जवार खामोश रहा, पिर मुस्कुरा कर बोला, मैंने कभी वो दुआ रुकी है नहीं, यू दवा की असर होने लगी, यू दो अलग द�
31:45सिकाया के सची महबच नजोर देती है, ने मजबूर करती है, बस इंतिजार करती है, खामोशी से, वो पादारी से, ट्रामसिल के हवाले से, अपने राए की ज़ार लाजमी कमेंड करें, साथ में हमारे यूटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करना मत बूलिए,
32:15क्वाब ता, के ओ, दुन्या को अपनी पेचान से जाने किसी मर्द के साए के बगएर, दुसी तरब, जवार एक खामोश तबा, मजभ़ी और रुवायती लड़का ता, जो लाहूर में एक इसलामी दारे में पढ़ाता था, और खानदान के दबाओं में शादी के लिए त
32:45के लिए कुछ करना, एक अहेस्ता हेस्ता काम के दबरान गुपतगो, अखिलाफ, बहस और आखिरकार एक अंदे के इहतिराम बदलने लगी, सारा को जवार की साफ नहीत ने मतासिर किया, जवार को सारा की बेलवज जजबे दिल में उतरने लगा, एक दिन जवार ने साद�
33:15के तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था, उसने इंकार किया, लेकिन जवार ने जबरदस्ती न की, बस इतना कहा, अगर कभी दिल बदल जाए तो मैं दूआ में रहूंगा, वक्त गुजरता गया, सारा काम्याब होती गई, वकर दिल में एक खलाती जो उसे जव
33:45मैंने कभी वो दूआ रूकी ही नहीं, यू दवा की असर होने लगी, यू दो अलग दुनिया के दो लोग जिनके खौब रास्ते और तज्जी जिन्देगी अलग थी, एक नियत, एक चिजबा, एक महबद ने उन्हें मिला दिया, इनकी कहानी ने सिकाया के सची महबद न�
34:15एक इज़ार, लाजमी कमेंड करें, साथ में हमारे यूटूब का चेनल इखलास टीवी को सबस्क्राब करना मत बूलिए, टेंक्स पर वाचिंग, अला हाफ़ेज
34:23हेलो वीवर, सारा, एक मारन, मगर दिल से मश्री की सोच रिखने वाली लड़की थी, जो कराची की, एक पेशन डिजाइनर थी, उसकी जिन्दगे के खुआप ता, कि ओ दुन्या को अपनी पहचान से जाने, किसी मर्द के साहे के बगएर, दुसी तरब, जवार, एक खामो
34:53पराना पलाही, प्राजिक के जिरिये हुआ सारा जदीद ख्यालात की थी, जबके जवार अपनी हुदूद में रहना वाला एक इंसान, मगर दोनों का मक्सद एक ता, जस्तुरी के लिए कुछ करना, एक अहेस्त अहेस्ता, काम के दबरान गुप तको, इختलाफ, बहस्त, औ
35:23इसे सारा से कहा, तुम जिसे ललकी आच के दोर में कम मिलती है, अगर तुम इजाज़त दो, तुमें तुम से रिश्टा कायम करना चाहूंगा, सारा चोंग गई, क्योंके उसके जिन्दगी में शादी का तसवर कभी भी उसके खौबों में शामिल न था, उसने हिकार किया
35:53एक दिन, जब वो अपने औरोज पर पहुंची, उसने खुद जवार को काल की, और सिर्फ इतना कहा, कि वो दुआ अभी भी बाकी है, जवार खामोश रहा, पिर मुस्कुरा कर बोला, मैंने कभी वो दुआ रुकी ही नहीं, यू दुआ की असर होने लगी, यू दो अलग �
36:23सिकाया के सची महबच नजोर देती है, ने मजबूर करती है, बस इंतिजार करती है, खामोशी से, वो पादारी से, ट्रामा सिर्फ के हवाले से, अपने राय की ज़ार लाजमी कमेंड करें, साथ में हमारे यूटूब का चेनल इखलास टीवी को सब्सक्राब करना मत बूलि
36:53खौाब ता, कि ओ दुन्या को अपनी पहचान से जाने किसी मर्द के साहे के बगएर, दुसी तरफ जवार एक खामोश तबा, मजभी और रवायती लड़का ता, जो लाहूर में एक इसलामी दारे में पढ़ाता था, और खानदान के दबाओं में शादी के लिए तयार तो
37:23के लिए कुछ करना, एक अहिस्ता हिस्ता काम के दबरान गुपतगो, अखिलाफ बहस और आखिरकार एक अंदे के इहतिराम बदलने लगी, साहरा को जवार की साफ नहीत ने मतासिर किया, जवार को साहरा की बेलवज जजबे दिल में उतरने लगा,
Be the first to comment
Add your comment

Recommended