बेबाक भाषा के लिए पत्रकार भाषा सिंह ने भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य से विशेष बातचीत की और पड़ोसी देश नेपाल में कम्युनिस्ट सरकार के तख्तापलट से लेकर बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों में INDIA ब्लॉक के भविष्य तक- तमाम मुद्दों पर चर्चा की। #news #latestnews #newsanalysis #cpiml #dipankarbhattacharya #biharelection #nepalcrisis #nepalgenzprotest
00:00नमश्कार दोस्तों बेबाग भाशा की खास पेशकश में आपका स्वागत है इसमें में मौझूद हूँ देश की राजधानी दिल्ली में भागपा माले के ऑफिस में और बात करने जा रहे हैं हम दिपांकर भटाचारे से भागपा माले दिपांकर भटाचार जब से बिहार
00:30देवाली पार्टी एक ऐसी पार्टी जिसने सोलह दिन की अभी जो बिहार में यात्रा चली उसमें एक अपनी मजबूत उपस्थिती जमीन पर दर्सकराई 11 विधायक हैं 2 सांसद हैं दिपांकर आपका बहुत-बहुत स्वागत बेबाग भाशा में और सबसे पहले बिहार
01:00अभी हमारे सामने और खासतोर से जस तरह से जो पूरा हिंसा का भी दोर रहा और उस हिंसा में हमने यह भी देखा कि जो
01:09जो बिल्डिंग्स रही हैं, जो लेफ्ट के भी लीडर्स रहे हैं या प्रतीक रहे हैं, उनको भी निशाने पे लिया गया, आप इस आंदोलन को कैसे देखते हैं, जो नेपाल का यह पूरा जिंजी यानि नौजवानों का जो आंदोलन जिसने तक्ता पलट किया, ओली को इस
01:39तो उन देशों में एक लंबा दौर चला आंदोलन का दिखा, नेपाल में भी जरूर ऐसा रहा होगा, लेकिन हम लोगों को बहुत बाहर से जानकारी नहीं मिल रही थी, एक जो बात तो बहुत साफ दिखती है, कि नौजवानों में बड़े पैमने पर एक नाराजगी, एक
02:09लेकिन शायद जो उमीद लोगों की थी, वो उमीद नहीं हुई, हम लोग बिहार में इतने पलायान की बात करते हैं, नेपाल में तो लगता कि पूरी आर्थेववश्था पलायान पर आधार है, वहां पे दावा है कि 5,000 नौजवान मजबूर होता है, बिलकुर, बिलकु
02:39जो अर्थेववश्था है, उनकी जो जिन्दगी है, मेरे खाल से उसमें सोशल मेडिया की बड़ी भूमिका है, उसी के माध्धम से लोग चीज़े चलाते हैं, तो अचानक मेरे खाल से एक ऐसा ट्रिगर था, कि बड़े पैमने पर बिसफोट हुआ, और फिर वो जो गोली
03:09है, जालियोंवालाबाद का मुल्क है यह, लेकिन नेपाल के लिए मेरे खाल से यह बहुत बड़ी बात थी और इसके बात तो जो हुआ वो विसपोर्ट था, जी तो आब बता रहे थे कि नेपाल में जो विसपोर्ट था और खास और से सोशल मीडिया बैंड लेकिन भरष्
03:39तो यह बड़ी बात है, तो मेरे खहल से अभी तक तो हम इतना ही कह सकते हैं कि जो निशाने पर उन्हें पार्लामेंट को जला दिया, सभी पार्टी के जितने नेता हैं, जिस हत्ता में आज हैं सिर्फ उनके बारे में नहीं, जो विपक्ष में हैं उनको भी, एक तरह से ब�
04:09कहना तो मुश्किल है थोड़ा, लेकिन उम्मीद ही हम कर सकते हैं कि जो संकरमन नेपाल में हुआ, राजशाही से लोकशाही की और, तो फिर से ये राजशाही नेपाल पे ना आ जाएं, और नेपाल छोटा सा देश दो बड़े परोसी के बीच में, चीन और, और अमरिका �
04:39अपना संप्रभूता, अपनी स्वाभिमान वो बरकरार है, तो आने बाले समय थोड़ा इंपॉर्टेंट है, कि ये संकरमन व्यवस्तित होता है, या कुछ अव्यवस्तित ढंग से ही, अराजग ढंग से चीज़े होता है, मैं यहाँ आपसे एक सीधा सवाल पूछना चाहत
05:09राजशाही को वापस लाना और पार्लेमेंट नहीं चाहिए, राजशाही चाहिए, तो इसकी ताक्ते भी हमें इस आंदोलन में कई स्थरों पर दिखाई देती है, तो क्या आपको ये आशंका कितनी रियल दिखाई देती है?
05:24मैं अभी भी लगता है कि ये धारा है, नेपाल में कोशिश है राजशाही को आपस लाने की, जब से राजशाही हटी तब से कोशिश निरंतर जारी थी, अभी शायद उसको कुछ मौका भी मिल गया है, क्योंकि लोग धिरे-धिरे कुछ कारणा से नाराज हो रहा है, लेकि
05:54में अर्थिक मौडिल थोड़ा बदले लोगों के रोजगार का सवाल, करॉप्शन बहुत ज्यादा करॉप्शन लोग कहते थे वहां, तो कह रहे थे कि अभी अभी अभी अभी युबराज घिमेरे का इंटर्व्यू सुन रहा था एक जगह बना कि नेपाल में अगर सबसे
06:24आजाया तो अच्छा रहेगा देखना एक चीज नेपाल के बारे में आख़ी और मैं आपसे जाना चाहूंगे कि यह ऐसा क्या हुआ कि लेफ्ट ने एक बहुत एतिहासिक मूव्मेंट चलाया, धाईसो साल पुरानी राजशाही को खाड़ भेका, लेकिन लेफ्ट की जो �
06:54अच्छा पर भी उठता है, बिल्कुल, यह बना हमें लगते हैं कि लेफ्ट से जो उमीद थी शाशन के मामले में, डिमोक्रासी के मामले में, डिवलोप्मेंट के मामले में, कहीं न कहीं वो उमीद मेरे ख्याल से पूरी तो नहीं हो रही थी, और इसके लिए लेफ्ट के �
07:24इतने सारे सोशल मीडिया प्लैटफरम को बेहन करना, यह तो बिल्कुल यह गलत मिरना था, फिर उसके बाद जब आंदोलन शुरू हुआ, उस आंदोलन को दमन करने की कोशिश करना, यह दो, अगर मैं मान भी लोगों कि भरष्टचार या कुछ थोड़ा बहुत संस्ठा�
07:54तो यह तो मिनिमाम होना चाहिए किसी भी लेफ्ट के लिए, तो यह चिंता की बात है, लेकिन मुझे लगता है कि नेपाल में लेफ्ट नहीं इतना अचीवमेंट लेफ्ट का है, तो यह जो प्लब्धी है, उसको लोग ऐसी जहान नहीं देंगे, उसको निश्ठीता पर सम
08:24देश चोड़, देश चोड़, यह कैसे आप देखते हैं, क्या यह नारा बहाँ पहुचा और इसमें क्या क्लेक्शन आदेगे, यह तो पॉपुलर नारा है, यह तो उस 1942 के मुव्मेंट के दौर से, यह से वोट चोड़ के लिए नहीं, जब-जब कोई नाराज लोग होते
08:54यह तो यह तो इसमें कोई आपको अशर पड़ेगा आपको क्या लगता है और खास वर से भारत में जो लेफ्ट मुव्मेंट है क्योंकि इस समय उतर भारत में लेफ्ट मने एक काफी क्रेडिबिलिटी गेन की है, मुवमेंट में भागपामाले ने गीन की है, यह जो सेट �
09:24क्या असर आप भारत में लेखते हैं?
09:54लेकिन इसका कोई वैसे नहां के लिए कोई बड़ा असर होगा, विजेपी वाले जरूर कहने की कोशिश करेंगे, कि यह नेपाल को हिंदु रास्ट बनाना चाहिए, यह बाते होंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि इससे बहारत पर कोई सीधा असर ऐसे पढ़ने बाल
10:24लोगतंत्र वुक से, तो अगर अभी भी वो एक तरह से फ्लेजिनिंग एक डिमोक्रेसी है, तो भारत में भी अगर 75 सल बाद, अगर कॉंस्टिटूशन और डिमोक्रेसी अगर खत्रे में हैं, तो वहां तो अभी कुछी दिन हुए हैं, इसलिए अभी भी उतना कहना मुश
10:54लेफ्ट या डिमोक्रेटिक लोग नहीं हैं, इंका जो प्रोफाइल दिखाई हैं, हमें एक उमीद यह है कि अगर जो के पी वोली को तो रिजाइन करना पड़ा, लेकिन जो भी वाकी पार्टी के लोग हैं, अगर पोलिटिकल पार्टी के सारे लोग अगर भाग खड़े �
11:24कि शायद मुव्मेंट के साथ कुछ बाक्चीत भी हो सकती है, नहीं तो नेपाल के लिए एक वैक्वाम जैसा बनेगा, तो ऐसा नहीं है कि नेपाल में एक कम्प्लीट कोई वैक्वाम बन गया है, तो मुझे लगता है कि ठीक है, यह नए नए जनरेशन है, और शायद वो �
11:54आप से जानना चाहेंगे विहार, विहार में जो अभी 16 दिन की यात्रा रही, इसने अपने आप में एक दूसरे ढंका आधार विक्सित भी किया, कम से कम जो दिखाई दे रहा था सड़कों पे, भागपा माले का प्रेजन्स काफी पावफुल रहा, और आप लगातार जो �
12:24इक्वेशन आपको लगता है कि ये जो एक्वेशन है, इंडिया गडबंधन की ये जमीन पर वोट बैंक की मिक्सिंग में होगी, सबसे पहली बात तो ही बताई है, मुझे तो लगता है कि बिलकुल देखिए, 2020 में जो सीट शेरिंग से जादा और कोई बात नहीं थी, लास
12:54इसके बाद लोग सबक चुना हुआ, इंडिया गडबंधन बना, इसने एक शेप लिया, वी आईपी एक पार्टी है, पिछले चुनाओ में एन वक्त पर वो उस तरह चले गया थे, लेकिन इस बार साथ रहे हैं, अर्में लगा कि उनके आधार में उसमें भी लोगों को य
13:24स्वारूप दिया है, एक गती इसके अंदर आई है, तो उमीद तो हम करते हैं कि इससे एक ज्यादा यूनिटी बनेगी बिलकुल, और इसमें, भागपा माले कितने सीटे मांग रहा है, हमने जो लिस्त दी है, वो तो 40 हमने का कि 40 पर हमारी तैयारी है, आप कितनी सीट की क्
13:54की बातें देखिए, पिछले 2-3 दिन से हमने लगता है कि काफी रियलिस्टिक ढग से बात कर रहा है, जो दो दिन पहले चायद आरजेडी से उनकी बात चीती उसके बाद उनका बयान मैंने पढ़ा कि सीट बहुत माहिने नहीं रखती, राजनीत है, विचार है, तो मेरे ख
14:24फिर 24 किचुनाओं के माले, बना कि माले को कुछ और ज्यादा सीट मिले, तो उससे पूरे इंडिया गडवंधन के परफॉर्मेंस में एक क्वालिटिटिव इंप्रूब्मेंट आ जाएगा इससे, और हमने भी इसी आधार पर हमने सोचा है कि फिर 12 जिलों से हम लोग लड
14:54या कैमूर हो शाहवाद में या उत्तर में मिथिला में दर्भंगा हो, मदबनी हो, इदा सीमांचल में पूर्निया हो, तो वैसे जिले हैं जहां हमारी बहुत पुरानी लंबे समय सुपस्तिती है, संगठन है, आधार है, आमदोलन के इतियास है, इससे फरक पड़ेगा, मै
15:24मैं लगते हैं यह जरूरत तो सबको महसुस होनी चाहिए, तो कुल मिला करके मेरे खाल से बात तो एक संबाद भी स्थापिट हुआ, और एक संकल्प भिहार का दिखा, दोनों इसमें, SIR को लेकर जो परिशानी है, आशंका है, क्योंकि बड़ी बात है, वो उसको आंक्रों
15:54अभी 22 तारिक को जा करके सुप्रीम कोट को साफ साफ कहना पड़ा, गोल गोल बातों से नहीं चला कि आधार को एकसेप्ट करो, अभी तक तो आधार को एकसेप्ट करने के लिए नहीं तयार था चुनावायो, इसलिए SIR के इड़गे बहुत सा आशंका है, तीन लाक लोग
16:24जिनको मुर्दा खुशित कर दिया गया, इसलिए चुनावायो को लेकर चुनावायो को लेकर चुनावायो को बिश्रशनेता भी समय बिल्कुल खतम है, और यह जो वोट बंदी तो पहले लोगों को लग रहा था, जो वोट चोरी की बाद महादेपूरा के खुलासे के बा
16:54चुनना और साब सुत्रा चुनाव कराना, वो जब एक तरीके से अपने जिम्मेदारियों से भागते हुए नजर आ जाए, तो लोग तो परिशान हैं इसको लेकर की चिंतिता, लेकर बताएगी सुप्रीम कोर्ट क्योंकि आप लोग सुप्रीम कोर्ट भी गए, तमाम प्र
17:24आप लोगोंने सुप्रीम कोर्ट का तब आपको अंदाजा हुआ था कि इस तरह से इतना लंबा समय लगेगा है, शायद को लगा होगा कि हमने अगर सुझाओ दे दिया, तो चुनावाइक के लिए सुझाओ काफी होगा, जैसे समझदारों के लिए इशारा काफी होता है,
17:54उटी मा भी मोटे तोर पर पूरी हुई, इसमें एपिक को भी रखना चाहिए था, राशन कार्ड को भी रखना चाहिए था, जबकि उसमें इनर्सी का कोई काम नहीं है, इनर्सी है नहीं बिहार में, तो खेर, लेकिन आधार के आने से, और मुझे लगता है कि इससे बिहार
18:24तो आधार को थोपा जा रहा था, और यहां तक की जो रेप्रेजेंटर्स अपीपूल एक्ट है, उसमें बाकाइदा संशुधन करके आधार के जगाए जगाए गया, इसमें इंक्लूट कराया है, बिल्कुल, बिल्कुल, बिल्कुल, फॉर्म सिक्स में आधार है, जो नही
18:54मैं समस्ता हो कि शायद आज जो दौर है उसमें यह आधार भी राहत भी कुछ माइने रखी है, वोट के लिए लड़ना तो बड़ा मुश्किल सा काम है, पॉलिटिकल पार्टी के लिए बिहार में और बिहार में जिस तरह की एक्वेशन है, उसमें, आपको क्या लगता है क
19:24सितंबर के बाद हम लोगों ने सुप्रीम कोट से कहा था कि इसमें 15 दिन का विस्तार हो सुप्रीम कोट ने जब कहा तो चुना ओयक ने कहा कि
19:32सितंबर के बाद से आपको कुछ जानकारी नहीं मिल रही है कोई कोई अपडेटी नहीं हो रहा है जारी हो रहा था वह मेडिकल बुलेटीन आना बंद हो गया इसलिए स्थीती क्या है इस समय तो बतना मुश्किल है और बड़े पैमाने पर हो सकता है कि नाम भी जोड़ दिये
20:02नाम काड़ भी दिये जाएंगे और उसमें गड़बरियां होंगी थो उसमें बहुत लोग करनी पाएंगे लेकिन एक बात मस्के लक्त है कि जरूर बनी है वोटर लिस्त तो निश्टितर पर बहुत गलत किस्म कि वोटर लिस्ती बनेगी काप ह� northern एक लोग शफल हुए जो
20:3220% लोग बिहार से बाहर रहते हैं
20:34और उनका एक इरादा दिखा कि
20:36बाहर के लोग बाहर ही रहें
20:37मद्दता सुची से भी बाहर रहें
20:39तो 8 करोर में 2% का मतलब
20:4220% का देर करोर
20:441.6
20:45और बाकी 22 लाख लोगों को उमार दिया गया
20:48तो कुल मिला के
20:492 करोर तो निश्चित तर पर खत्रा था
20:51उसको फिलाल
20:5365 लाख में आकर के
20:55चुनावाय करूपना पड़ा
20:57ये अपने आप में मैं समझता हूँ कि
20:58एक लेबल तक बिहार के लोगों की जीत है
21:01सेकेंड याधार को जो मानना पड़ा
21:03ये भी एक जीत है
21:04तो कुछ डैमेज कंट्रोल
21:06थोड़ा बहुत होगा
21:07और इस पूरे डैमेज को लेकर
21:10बिहार लडने वाला पतेश है
21:11लोगों को लडना आता है बात जब समझ में आई
21:14कि एक एक वोट इंपॉर्टन है
21:16एक एक वोट के लिए लडना पड़ेगा
21:18तो लोग चुनाओ में भी लड़ लेंगे
21:20और चुनाओ में भी जब लोग लड़ लेंगे
21:22तो भले ही हम तो कहते हैं कि
21:24जब चुनाओ में वोटों की गिंती होगी
21:26तो शायद हमारी गिंती
21:28इंडिया गड़बंदन की
21:29माइनस पंद्रह हजार से शुरू होगी
21:31लेकिन हमारे 15,000 के वोट को चुराने या बिगाड़ने के चक्कर में हमें लगता है कि उनके भी जो मद्दाता है वो मद्दाताओं में भी बड़े पैमने पर लोग उनके खिलाप खड़े होंगे और बिहार एक बदलाओ के पक्ष में जना दिसके तो बदलाओ अपने आप म
22:01सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्री जनतादल है राष्ट्री जनतादल के नेता है पिछले बाद दो बार उक मुखहमती रहे हैं इसलिए बहुत इसमें नई बात तो है नहीं कुछी बहुत बहुत बहुत शुक्रिया बात करने के लिए
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