क्या थी वो चुनौती जिस पर तेनालीराम भी सोचने पर मजबूर हो गया । क्या तेनालीराम के लिए भी बन गई थी चुनौती
"तेनालीराम और तीन सोने की गुड़ियों की अनोखी कहानी! विजयनगर के राजदरबार में राजा कृष्णदेव राय ने तेनालीराम को तीन सोने की गुड़िया दी और उनकी विशेषता पहचानने का चैलेंज दिया। तेनालीराम की बुद्धिमत्ता और हाजिरजवाबी ने सभी को चौंका दिया! जानिए इस दिलचस्प कथा में कौन-सी गुड़िया सबसे मूल्यवान थी और इससे हमें क्या सीखने को मिलता है!" ___
00:00विजे नेगर के दरबार में एक तिन राजा किरसन देव राए बहुत अनोगी चनोती लेकर आए
00:05उन्होंने सबा में मुझूद सभी दरबारियों की ओर देखा और कहा
00:10यह तीन गुडिया एक जैसे दिखती हैं लेकिन इन में से सबसे मुलेवान कौन सी है
00:15यह पताने का काम तेनाली राम को दिया जाता है
00:18सबी दरबारियों हरान थे तीनों गुडिया सोने की बही थी
00:22देखने में एक जैसी लेकिन राजा का कहना था कि उनमें कुछ फिंता है
00:27पर तेनाली हमेशा की तरह सांथ और आत्मिस्वास से बरा था
00:31उसने राजा से कुछ समय मांगा
00:33और ध्यान से गुडियों का निरिक्षन करने लगा
00:36तेनाली ने मुसकराते हुए एक पतली तर मंगवाई
00:39और पहली गुडिया की कान में डाली
00:41तर सीधा दूसरे कान से बाहर निकल आया
00:45फिर तेनाली ने दूसरी कुडिया में तार डाला, तो वै कान से होकर मुझ से बार आ गया, अब तीसरी कुडिया के बारी आई, जब उन्होंने तार डाला, तो वै अंदर ही कहीं अटक गया, और बाहर नहीं निकला, राजा और सभी दर पर उच्छुकता से तेनाली की ओर द
01:15इसरी गुडिया सबसे मुल्यवान है क्योंकि यह सुनी हुई बातों को अपने पास रखती है यही व्यक्ति सबसे पुद्धिमान और विश्वास पात्र होता है राचा तिनाली की इस अनोगी बुत्यमता से परसंद हुई और दर्बार में उनकी खूब परसंद सहुई समझ
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